विकिपुस्तक hiwikibooks https://hi.wikibooks.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%96%E0%A4%AA%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A0 MediaWiki 1.39.0-wmf.25 first-letter मीडिया विशेष वार्ता सदस्य सदस्य वार्ता विकिपुस्तक विकिपुस्तक वार्ता चित्र चित्र वार्ता मीडियाविकि मीडियाविकि वार्ता साँचा साँचा वार्ता सहायता सहायता वार्ता श्रेणी श्रेणी वार्ता रसोई रसोई वार्ता विषय विषय चर्चा TimedText TimedText talk Module Module talk गैजेट गैजेट वार्ता गैजेट परिभाषा गैजेट परिभाषा वार्ता साँचा:विकिपीडिया 10 4073 78706 7971 2022-08-18T15:11:32Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{mbox-side|type=notice|image=Wikipedia-logo-v2.svg|text= [[w:hi:|विकिपीडिया]] के {{sec link auto| wikipedia | {{{1| Special:Search/{{PAGENAME}} }}} | '''''{{{1|{{PAGENAME}}}}}''''' }}{{#if:{{{2|}}}|{{#if:{{{3|}}}|,|&nbsp; और}} {{sec link auto| wikipedia | Special:Search/{{{2}}} | '''''{{{2}}}''''' }}}}{{#if:{{{3|}}}|{{#if:{{{4|}}}|,|&nbsp; और}} {{sec link auto| wikipedia | Special:Search/{{{3}}} | '''''{{{3}}}''''' }}}}{{#if:{{{4|}}}|{{#if:{{{5|}}}|,|&nbsp;और}} {{sec link auto| wikipedia | Special:Search/{{{4}}} | '''''{{{4}}}''''' }}}}{{#if:{{{5|}}}|&nbsp;और {{sec link auto| wikipedia | Special:Search/{{{5}}} | '''''{{{5}}}''''' }}}} पर अधिक जानकारी है। }}<noinclude><div style="width:250px; float:right; clear:right; margin:0px; margin-top:10px !important;"></div> {{documentation}} </noinclude> 83mwqo7nvwk35a5j7wwdq1gf6nzubm1 78779 78706 2022-08-19T08:38:15Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {| border="0" align=right width=250px cellpadding="4" cellspacing=0 class="noprint" style="clear: right; border: solid #aaa 1px; margin: 0 0 1em 1em; font-size: 90%; background: #f9f9f9" |- |[[चित्र:Wikipedia-logo-v2-hi.svg|50px|none|Wikipedia]] |'''[[w:hi:विकिपीडिया|विकिपीडिया]]''' पर '''[[w:{{{1|{{PAGENAME}}}}}|{{{2|{{{1|{{PAGENAME}}}}}}}}]]''' का बारे में एक लेख है। |} <noinclude> {{Documentation}} </noinclude> 9m8ihzux252pmghu0bmbob76h18lxls 78780 78779 2022-08-19T08:39:02Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {| border="0" align=right width=250px cellpadding="4" cellspacing=0 class="noprint" style="clear: right; border: solid #aaa 1px; margin: 0 0 1em 1em; font-size: 90%; background: #f9f9f9" |- |[[चित्र:Wikipedia-logo-v2-hi.svg|50px|none|Wikipedia]] |'''[[w:hi:विकिपीडिया|विकिपीडिया]]''' पर '''[[w:{{{1|{{PAGENAME}}}}}|{{{2|{{{1|{{PAGENAME}}}}}}}}]]''' के बारे में एक लेख है। |} <noinclude> {{Documentation}} </noinclude> penkswcx1twyfean4r9sorqcxl02x37 अक्षय ऊर्जा 0 4175 78759 72558 2022-08-19T03:33:20Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki यह पुस्तक '''अक्षय ऊर्जा''' के कार्य और उसकी जानकारी पेश करने का एक प्रयास है। == विषय-सूची == * [[/प्रस्तावना/]] * [[/जैव ऊर्जा/]] * [[/सौर ऊर्जा/]] * [[/वायु ऊर्जा/]] * [[/हाइड्रो ऊर्जा/]] * [[/ज्वारीय ऊर्जा/]] * [[/तरंग ऊर्जा/]] * [[/ऊर्जा संग्रहण/]] {{Shelves}} 824drf4197an02rivq6lqqfh8jbyg60 अक्षय ऊर्जा/प्रस्तावना 0 4177 78760 73373 2022-08-19T03:37:27Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{संचरण|अगला=जैव ऊर्जा}} अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार '''अक्षय ऊर्जा''' उस ऊर्जा को कहते हैं, जिसका एक बार उपयोग करने के बाद भी हम उसे दोबारा भी उपयोग कर सकते हैं। इसका एक उदाहरण है '''पवन ऊर्जा'''। यह ऊर्जा अपने आप ही पवन के चलने पर हमें मिलती है, जिसे हम पवन चक्की की सहायता से कभी-भी प्रयोग में ला सकते हैं। यह पवन ऊर्जा धरती के अलग-अलग स्थानों में हुए दाब के परिवर्तन के कारण बनते हैं। यह कभी क्षय नहीं हो सकते हैं, जिस वजह से इस प्रकार के ऊर्जा को '''अक्षय ऊर्जा''' कहते हैं। == अक्षय ऊर्जा का महत्व == जैसे जीवाश्म ईंधन के भंडार विलुप्त होते जा रहे हैं और पर्यावरण से जुड़ी समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं, अभियांत्रिकी विभाग में अक्षय ऊर्जा काफ़ी महत्वपूर्ण होती जा रही है। यह निश्चित है कि भविष्य में जनसंख्या की बढ़ोतरी के साथ, मानवता अपने ऊर्जा की आवश्यकताओं का एक बड़ा हिस्सा केवल अक्षय ऊर्जा से ही प्राप्त करेगा। 1com8viyi346uuzhm8u9664j7qxfngf अक्षय ऊर्जा/जैव ऊर्जा 0 4178 78761 73370 2022-08-19T03:45:05Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{संचरण|पिछला=प्रस्तावना|अगला=सौर ऊर्जा}} [[चित्र:Biogas (14270861292).jpg|thumb|right|जैव ऊर्जा का उत्पादन।]] '''जैव ऊर्जा''' ऐसी ऊर्जा है जो मरे हुए जीव-जंतु, पेड़-पौधे, आदि के सड़ने पर उनके जीवाश्म से प्राप्त होती है। सूक्ष्म जीवों द्वारा किए गए कार्यों के कारण एक प्रकार के गैस का निर्माण हो जाता है; इस गैस को ही एकत्रित कर इसका उपयोग खाना बनाने विद्युत उत्पन्न करने आदि में करते हैं। भारत में गोबर से बनने वाले इस गैस को 'गोबर गैस' कहा जाता है। == उपयोग == इसका उपयोग रसोई गैस के रूप में या विद्युत उत्पन्न करने आदि के लिए किया जा सकता है। == निर्माण == किसी पेड़ पौधे या जीव के मरने के बाद पानी और हवा के कारण ज़मीन में वह सड़ने लगता है। इससे उसके अंदर से गैस निकलने लगता है। यही गैस जलने लायक होता है। इसे हम अपने से भी किसी गट्ठे में बहुत सारे पत्ते आदि डालकर उसमें निश्चित मात्रा में पानी मिला कर उसे बंद कर के उससे किसी टंकी को जोड़ कर उसमें से निकलने वाले गैस को उसमें रख सकते हैं। इसके बाद कुछ महीनों में उसमें से गैस निकलने लगता है और उस टंकी में जमा होने लगता है। इसके बाद जब गैस निकलना बंद हो जाए तो उसमें बचे हुए पदार्थ का उपयोग खाद के रूप में करते हैं और टंकी को रसोई गैस के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं या उसका उपयोग विद्युत निर्माण में भी कर सकते हैं। == लाभ == यह केवल कचरा या ऐसे चीजों से निर्मित होता है, जिसका उपयोग हम नहीं करते हैं। अर्थात कोई खर्च नहीं लगता है। इसके अलावा हमें उच्च गुणवत्ता का खाद भी मिल जाता है। इसके उपयोग से वातावरण भी अच्छा रहता है। odc9pf3h11fqzefpo4w38klmryx6ojy अक्षय ऊर्जा/सौर ऊर्जा 0 4179 78762 73375 2022-08-19T03:47:24Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{संचरण|पिछला=जैव ऊर्जा|अगला=वायु ऊर्जा}} '''सौर ऊर्जा''' का मुख्य स्रोत बेशक सूर्य है। इसके अलावा पृथ्वी पर कोई दूसरे तारों की रोशनी इतनी ऊर्जा के साथ नहीं आती है, क्योंकि दूसरे तारे बहुत दूरी पर हैं। सूर्य की रोशनी स्वतः ही पृथ्वी पर आती रहती है, जिसे अगर हम सौर ऊर्जा में परिवर्तित न भी करें तो भी यह पृथ्वी में आते ही रहेगी। क्योंकि इस ऊर्जा के उपयोग से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है, इसे भी अक्षय ऊर्जा ही माना जाता है। == उपयोग == === पानी उबालने में === सौर ऊर्जा का उपयोग पानी उबालने में किया जाता है। साधारणतः पानी को गर्म होने में काफी समय लग जाता है। इसके अलावा ईंधन भी काफी नष्ट हो जाता है। जबकि सौर ऊर्जा निःशुल्क मिलने के कारण दिन में कोई भी आसानी से पानी गर्म कर सकता है। === भोजन पकाने में === इसके द्वारा भोजन भी पकाया जा सकता है। इसके लिए एक अलग तरह का कुकर भी आता है, जिसे सौर कुकर कहते हैं। इसके चारों ओर काँच लगा होता है और दिन में सूर्य के प्रकाश से यह आसानी से गर्म हो कर खाना पकाने लगता है। इसके अतिरिक्त यदि रात में भोजन पकाना हो तो बैटरी का उपयोग कर सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर के उसमें संचित करने से रात में भी भोजन बनाना आदि कार्य हो जाता है। === विद्युत निर्माण में === हम सौर ऊर्जा को आसानी से विद्युत ऊर्जा में बदल सकते हैं। इसे बदल कर बैटरी में संचित रख सकते है, जिससे इसका उपयोग बाद में भी किया जा सके। इसका उपयोग भी दो अलग अलग ढंग से किया जाता है। पहले विधि में हम सीधे सूर्य से प्रकाश के रूप में ऊर्जा लेते हैं और दूसरे में ताप के द्वारा ऊर्जा लेते हैं। == हानि == इससे किसी प्रकार की कोई हानि नहीं होती है, लेकिन अगर बादल वाला मौसम हो और सूर्य का प्रकाश न मिले तो ऊर्जा प्राप्त नहीं होगी और यह काम नहीं कर पाएगा। == इसे भी देखें == * [[w:hi:सौर ऊर्जा|सौर ऊर्जा]] - विकिपीडिया में kg6aaw0zkxd8wnxkurem32yqu6x2n4g अक्षय ऊर्जा/वायु ऊर्जा 0 4180 78763 73374 2022-08-19T03:48:12Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{संचरण|पिछला=सौर ऊर्जा|अगला=हाइड्रो ऊर्जा}} '''वायु ऊर्जा''' वायु द्वारा प्राप्त होने वाली ऊर्जा है। इसका उपयोग हम पवन चक्की के द्वारा कर सकते हैं। जब वायु पवन चक्की से टकराती है, तो उस ऊर्जा के कारण चक्की घूमने लगता है और जितनी अधिक गति से पवन चलेगी उतनी अधिक गति से वह पवन चक्की भी चलने लगेगी। इस ऊर्जा का उपयोग हम कुएँ से पानी निकालने या विद्युत ऊर्जा का निर्माण करने के लिए करते हैं। 2w7omv9azieebz4ndps0hu6uc632ts6 अक्षय ऊर्जा/हाइड्रो ऊर्जा 0 4181 78764 73376 2022-08-19T03:49:12Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{संचरण|पिछला=वायु ऊर्जा|अगला=ज्वारीय ऊर्जा}} इसका उपयोग करने के लिए यंत्र का निर्माण ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक A.G.M. मिचेल ने 1903 में किया था। 1912 से 1919 में हंगरी और आस पास के जगहों में इसका उपयोग होने लगा। इसके संचालन हेतु सिद्धांत भी विकसित किया गया। इसके सरल रूप और आकार के कारण इसे विकासशील देशों ने भी मुख्य रूप से उपयोग करना शुरू किया। dgks1lcotas78g6bdjegoj07cq9d9u9 अक्षय ऊर्जा/ज्वारीय ऊर्जा 0 4182 78765 73371 2022-08-19T03:50:03Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{संचरण|पिछला=हाइड्रो ऊर्जा|अगला=तरंग ऊर्जा}} '''ज्वारीय ऊर्जा''' समुद्र में उत्पन्न होता है। इस क्रिया के दौरान ही समुद्र में बह रहे कचरे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आ जाते हैं। कई बार टूटे जहाज़ के मलबे भी कई किलोमीटर की दूरी तय कर के किसी दूर स्थल तक आ जाते हैं। इस ऊर्जा को जल में चक्की के जैसा यंत्र बना कर रखा जाता है। जब यह ऊर्जा सक्रिय रहती है तो वह चक्की के द्वारा ऊर्जा हमें विद्युत ऊर्जा के रूप में प्राप्त हो जाती है। oajf2pcxgvm9m0stqmniz0gdajtqsjg अक्षय ऊर्जा/तरंग ऊर्जा 0 4183 78766 73372 2022-08-19T03:51:14Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{संचरण|पिछला=ज्वारीय ऊर्जा|अगला=ऊर्जा संग्रहण}} यह सभी को पता है कि पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग जल से ढका हुआ है। इस क्षेत्र में लहर भी होती है। इसे तरंग ऊर्जा भी कहते हैं। यह ऊर्जा प्रकृति में अपने आप ही बनती है और यह एक प्रकार कि अक्षय ऊर्जा है। इसका उपयोग करने के लिए कई तरह के उपकरण का उपयोग किया जा सकता है, जिससे इस ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा के रूप में उपयोग कर लिया जाता है। इसमें से एक उपकरण में मोटर और पंखा होता है। नीचे और ऊपर वायु के आने जाने के लिए मार्ग भी होता है। जब लहर में हलचल होता है तो वह पंखा वायु के ऊपर नीचे होने के कारण घूमने लगता है और मोटर के विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होने लगती है। tp5qcmbuhtgja5lfcaw506idh95hrk0 अक्षय ऊर्जा/ऊर्जा संग्रहण 0 4184 78767 73377 2022-08-19T03:53:13Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{संचरण|पिछला=तरंग ऊर्जा}} [[चित्र:Fernwärmespeicher Theiss.jpg|thumb|right|ऑस्ट्रिया में बना, सौर ऊर्जा के संग्रहण के लिए एक टंकी।]] किसी भी ऊर्जा का संग्रहण करना बाद में उसके उपयोग करने के लिए आवश्यक है। उदाहरण के लिए, सौर ऊर्जा का उपयोग हम केवल दिन में आसमान साफ रहते समय ही कर सकते हैं और पवन चक्की का उपयोग भी केवल हवा के चलते समय ही कर सकते हैं। दूसरे कई प्रकार के ऊर्जा स्रोत में भी इस तरह के बाधा होते हैं। इस सभी बाधा से निजात पाने के लिए हम बैटरी का उपयोग करते हैं। इससे एक बार ऊर्जा को संग्रहण करने के बाद हम कभी भी उसका उपयोग कर सकते हैं। बैटरी में यह रासायनिक रूप में भी हो सकता है। इसके अलावा कुछ क्षय ऊर्जा का भी हम संग्रहण कर सकते हैं। जैसे मिट्टी तेल आदि। लेकिन यह सभी एक बार उपयोग के बाद पूरी तरह से नष्ट हो जाते है और कभी उसका उपयोग नहीं कर सकते हैं। इस तरह के ऊर्जा का निर्माण भी नहीं हो किया जाता है, क्योंकि इसके लिए बहुत अधिक तापमान और दाब कि आवश्यकता पड़ती है, जो वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। यदि इस ऊर्जा का निर्माण भी करना चाहें तो भी इसके लिए अनेक पेड़-पौधे जीव-जंतुओं की आवश्यकता होगी। यदि यह संख्या कम होती है तो इसका कोई लाभ ही नहीं होगा और अधिक भी होने से इस पूरे क्रिया में उससे अधिक पैसे लग जाएँगे। इससे अच्छा और सस्ता मार्ग अक्षय ऊर्जा पर निर्भर होना है और उसके लगातार उपयोग करने के लिए हमें ऊर्जा संग्रहण करना चाहिए, जिससे इस तरह के ऊर्जा का बाद में भी उपयोग कर सकें और क्षय ऊर्जा पर हमारी निर्भरता हट सके। 2l516ulqp8mrnd5xaes3zh9h99fpiou गुजराती भाषा 0 4452 78732 78670 2022-08-18T16:12:59Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{विकिपीडिया|गुजराती वस भाषा}} '''गुजराती भाषा''' हिन्द-आर्य भाषा है। यह भारत के 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यह भारत में सबसे अधिक गुजरात में बोला जाता है। इसके लिखने की लिपि देवनागरी लिपि के समान है। ==सामग्री== * [[/वर्णमाला/]] * [[/शब्द/]] * [[/वाक्य/]] {{Alphabetical|ग}} {{Status|25}} {{Shelves|एशिया की भाषाएँ}} 6s9wqzzea285yp2f2l73w9btbhaumof विकिपुस्तक:परिचय 4 4634 78747 11230 2022-08-19T03:04:08Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki [[चित्र:Wikibooks-logo-hi.svg|180px|right|link=]] '''विकिपुस्तक''' एक [[foundationsite:our-work/wikimedia-projects|विकिमीडिया परियोजना]] है जिसमें सदस्य मुक्त रूप से उपलब्ध किताबें लिखते हैं, जिन्हें कोई भी पढ़ सकता है &mdash; आप भी! योगदानकर्ताओं के पास अपने योगदानों का पूर्ण अधिकार होता है, जिसके साथ-साथ क्रिएटिव कॉमन्स एट्रीब्यूशन-ShareAlike 3.0 लाइसेंस और GNU मुफ़्त प्रलेख लाइसेंस यह निश्चित करते हैं कि कार्य का प्रस्तुत किया गया संस्करण और इसके बदले गए संस्करण हमेशा नवीकरणीय और वितरणीय होंगे। विकिपुस्तक परियोजना को पहली बार 10 जुलाई 2003 को चालू किया गया था। आस-पास घूमें और तेज़ी से बढ़ और सुधर रहे इस किताबों के भंडार के मज़े लें। इस समय अधिकतम पुस्तकों के लिए हिन्दी अनुवाद उपलब्ध नहीं है, तो अगर आप चाहें तो इस परियोजना में हमारी मदद कर सकते हैं! == श्रेय == कोई भी यहाँ पर एक छोटा-सा भी बदलाव करता है या पुस्तकों को सुधारता है तो उसका श्रेय हमेशा जुड़ जाता है। इसमें पुस्तक बनाने या सुधारने के लिए आपको खाते की ज़रूरत नहीं है, लेकिन बिना खाते के आपका IP पता सभी दिखाई देने लगता है। जबकि अगर आप [[विशेष:खाता बनाएँ|खाता खोल]]कर अपना योगदान देंगे तो पुस्तक बनाने और सुधारने के इतिहास में '''आपका नाम''' दिखेगा कि आपने उस पुस्तक को बनाया है या सुधारकर अच्छा करने में मदद किया है। == लिखना == : ''विस्तृत गाइड के लिए translatewiki.net पर [https://translatewiki.net/wiki/Localisation_guidelines/hi#हिन्दी_कीबोर्ड हिन्दी कीबोर्ड पर लेखन] देखें।'' लिखने के लिए कई सारे आसान तरीके पहले से बने हुए हैं, जिससे बिना किसी मेहनत के भी आप आसानी से लिखना सीख सकते हैं। कोई समस्या हो या आपके पसंद का उपकरण न मिल रहा हो तो आप [[wikibooks:चौपाल|चौपाल]] में अपनी समस्या बता सकते हैं। वहाँ कोई न कोई आपकी मदद ज़रूर कर देगा। परियोजना में रूचि रखने के लिए धन्यवाद! == विकिमीडिया द्वारा दूसरी परियोजनाएँ == *[[commons:|कॉमन्स]], एक मुफ़्त मीडिया रिपॉज़िटरी। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिमीडिया कॉमन्स|विकिमीडिया कॉमन्स]]' देखें।) *[[n:hi:|विकिसमाचार]], समाचार का एक मुक्त स्रोत। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिसमाचार|विकिमीडियासमाचार]]' देखें।) *[[w:hi:|विकिपीडिया]], एक ज्ञानकोश। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिपीडिया|विकिपीडिया]]' देखें।) *[[wikt:hi:|विकिकोश]], एक शब्दकोश और थिसौरस। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिकोश|विकिकोश]]' देखें।) *[[q:hi:|विकिसूक्ति]], सूक्तियों का एक संकलन। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिसूक्ति|विकिसूक्ति]]' देखें।) *[[s:hi:|विकिस्रोत]], मुफ़्त स्रोत दस्तावेज़ों का एक संकलन। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिस्रोत|विकिस्रोत]]' देखें।) *[[v:hi:|विकिविश्वविद्यालय]], मुफ़्त शिक्षण उपकरणों का एक संकलन। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिप्रजाति|विकिप्रजाति]]' देखें।) *[[species:|विकिप्रजाति]], जीवन के सभी रूपों के लिए एक मुफ़्त और मुक्त डिरेक्ट्री। *[[voy:hi:|विकियात्रा]], यात्रा गाइड्स का एक विशाल सेट (हिन्दी में अर्ध-उपलब्ध)। == ये भी देखें == * [https://www.wikibooks.org विकिपुस्तक प्रवेशद्वार], दूसरी भाषाओं में उपलब्ध विकिपुस्तकों की सूची। __NOEDITSECTION__ [[श्रेणी:विकिपुस्तक|{{PAGENAME}}]] 95trtm2bhjy04ei0fbv20uz2twgf45v 78748 78747 2022-08-19T03:05:03Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki [[चित्र:Wikibooks-logo-hi.svg|180px|right|link=]] '''विकिपुस्तक''' एक [[foundationsite:our-work/wikimedia-projects|विकिमीडिया परियोजना]] है जिसमें सदस्य मुक्त रूप से उपलब्ध किताबें लिखते हैं, जिन्हें कोई भी पढ़ सकता है &mdash; आप भी! योगदानकर्ताओं के पास अपने योगदानों का पूर्ण अधिकार होता है, जिसके साथ-साथ क्रिएटिव कॉमन्स एट्रीब्यूशन-ShareAlike 3.0 लाइसेंस और GNU मुफ़्त प्रलेख लाइसेंस यह निश्चित करते हैं कि कार्य का प्रस्तुत किया गया संस्करण और इसके बदले गए संस्करण हमेशा नवीकरणीय और वितरणीय होंगे। विकिपुस्तक परियोजना को पहली बार 10 जुलाई 2003 को चालू किया गया था। आस-पास घूमें और तेज़ी से बढ़ और सुधर रहे इस किताबों के भंडार के मज़े लें। इस समय अधिकतम पुस्तकों के लिए हिन्दी अनुवाद उपलब्ध नहीं है, तो अगर आप चाहें तो इस परियोजना में हमारी मदद कर सकते हैं! == श्रेय == कोई भी यहाँ पर एक छोटा-सा भी बदलाव करता है या पुस्तकों को सुधारता है तो उसका श्रेय हमेशा जुड़ जाता है। इसमें पुस्तक बनाने या सुधारने के लिए आपको खाते की ज़रूरत नहीं है, लेकिन बिना खाते के आपका IP पता सभी दिखाई देने लगता है। जबकि अगर आप [[विशेष:खाता बनाएँ|खाता खोल]]कर अपना योगदान देंगे तो पुस्तक बनाने और सुधारने के इतिहास में '''आपका नाम''' दिखेगा कि आपने उस पुस्तक को बनाया है या सुधारकर अच्छा करने में मदद किया है। == लिखना == : ''विस्तृत गाइड के लिए translatewiki.net पर [https://translatewiki.net/wiki/Localisation_guidelines/hi#हिन्दी_कीबोर्ड हिन्दी कीबोर्ड पर लेखन] देखें।'' लिखने के लिए कई सारे आसान तरीके पहले से बने हुए हैं, जिससे बिना किसी मेहनत के भी आप आसानी से लिखना सीख सकते हैं। कोई समस्या हो या आपके पसंद का उपकरण न मिल रहा हो तो आप [[wikibooks:चौपाल|चौपाल]] में अपनी समस्या बता सकते हैं। वहाँ कोई न कोई आपकी मदद ज़रूर कर देगा। परियोजना में रूचि रखने के लिए धन्यवाद! == विकिमीडिया द्वारा दूसरी परियोजनाएँ == *[[commons:|कॉमन्स]], एक मुफ़्त मीडिया रिपॉज़िटरी। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिमीडिया कॉमन्स|विकिमीडिया कॉमन्स]]' देखें।) *[[n:hi:|विकिसमाचार]], समाचार का एक मुक्त स्रोत। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिसमाचार|विकिमीडियासमाचार]]' देखें।) *[[w:hi:|विकिपीडिया]], एक ज्ञानकोश। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिपीडिया|विकिपीडिया]]' देखें।) *[[wikt:hi:|विकिकोश]], एक शब्दकोश और थिसौरस। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिकोश|विकिकोश]]' देखें।) *[[q:hi:|विकिसूक्ति]], सूक्तियों का एक संकलन। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिसूक्ति|विकिसूक्ति]]' देखें।) *[[s:hi:|विकिस्रोत]], मुफ़्त स्रोत दस्तावेज़ों का एक संकलन। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिस्रोत|विकिस्रोत]]' देखें।) *[[v:hi:|विकिविश्वविद्यालय]], मुफ़्त शिक्षण उपकरणों का एक संकलन। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिप्रजाति|विकिप्रजाति]]' देखें।) *[[species:|विकिप्रजाति]], जीवन के सभी रूपों के लिए एक मुफ़्त और मुक्त डिरेक्ट्री। *[[voy:hi:|विकियात्रा]], यात्रा गाइड्स का एक विशाल सेट (हिन्दी में अर्ध-उपलब्ध)। == ये भी देखें == * [https://www.wikibooks.org विकिपुस्तक प्रवेशद्वार], दूसरी भाषाओं में उपलब्ध विकिपुस्तकों की सूची। __NOEDITSECTION__ [[da:Wikibooks:Velkommen nybegynder]] [[de:Hilfe:Willkommen]] [[en:Wikibooks:Welcome]] [[es:Wikilibros:Bienvenida]] [[fr:Wikilivres:Bienvenue]] [[fa:راهنما:درباره ویکی‌کتاب]] [[hy:Վիքիգրքեր:Բարի գալուստ]] [[it:Aiuto:Benvenuto]] [[ja:Wikibooks:ウィキブックスへようこそ]] [[ko:위키책:소개]] [[ms:Wikibooks:Selamat datang pengguna baru]] [[nl:Wikibooks:Welkom]] [[pl:Wikibooks:Witamy nowicjuszy]] [[pt:Wikibooks:Bem-vindos, novatos!]] [[ru:Викиучебник:Введение]] [[vi:Wikibooks:Chào mừng người mới đến]] [[श्रेणी:विकिपुस्तक|{{PAGENAME}}]] t9jme36kfmvtvhutoh1906uw22cluuy 78749 78748 2022-08-19T03:06:27Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki [[चित्र:Wikibooks-logo-hi.svg|180px|right|link=]] {{Wikibooks help}} '''विकिपुस्तक''' एक [[foundationsite:our-work/wikimedia-projects|विकिमीडिया परियोजना]] है जिसमें सदस्य मुक्त रूप से उपलब्ध किताबें लिखते हैं, जिन्हें कोई भी पढ़ सकता है &mdash; आप भी! योगदानकर्ताओं के पास अपने योगदानों का पूर्ण अधिकार होता है, जिसके साथ-साथ क्रिएटिव कॉमन्स एट्रीब्यूशन-ShareAlike 3.0 लाइसेंस और GNU मुफ़्त प्रलेख लाइसेंस यह निश्चित करते हैं कि कार्य का प्रस्तुत किया गया संस्करण और इसके बदले गए संस्करण हमेशा नवीकरणीय और वितरणीय होंगे। विकिपुस्तक परियोजना को पहली बार 10 जुलाई 2003 को चालू किया गया था। आस-पास घूमें और तेज़ी से बढ़ और सुधर रहे इस किताबों के भंडार के मज़े लें। इस समय अधिकतम पुस्तकों के लिए हिन्दी अनुवाद उपलब्ध नहीं है, तो अगर आप चाहें तो इस परियोजना में हमारी मदद कर सकते हैं! == श्रेय == कोई भी यहाँ पर एक छोटा-सा भी बदलाव करता है या पुस्तकों को सुधारता है तो उसका श्रेय हमेशा जुड़ जाता है। इसमें पुस्तक बनाने या सुधारने के लिए आपको खाते की ज़रूरत नहीं है, लेकिन बिना खाते के आपका IP पता सभी दिखाई देने लगता है। जबकि अगर आप [[विशेष:खाता बनाएँ|खाता खोल]]कर अपना योगदान देंगे तो पुस्तक बनाने और सुधारने के इतिहास में '''आपका नाम''' दिखेगा कि आपने उस पुस्तक को बनाया है या सुधारकर अच्छा करने में मदद किया है। == लिखना == : ''विस्तृत गाइड के लिए translatewiki.net पर [https://translatewiki.net/wiki/Localisation_guidelines/hi#हिन्दी_कीबोर्ड हिन्दी कीबोर्ड पर लेखन] देखें।'' लिखने के लिए कई सारे आसान तरीके पहले से बने हुए हैं, जिससे बिना किसी मेहनत के भी आप आसानी से लिखना सीख सकते हैं। कोई समस्या हो या आपके पसंद का उपकरण न मिल रहा हो तो आप [[wikibooks:चौपाल|चौपाल]] में अपनी समस्या बता सकते हैं। वहाँ कोई न कोई आपकी मदद ज़रूर कर देगा। परियोजना में रूचि रखने के लिए धन्यवाद! == विकिमीडिया द्वारा दूसरी परियोजनाएँ == *[[commons:|कॉमन्स]], एक मुफ़्त मीडिया रिपॉज़िटरी। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिमीडिया कॉमन्स|विकिमीडिया कॉमन्स]]' देखें।) *[[n:hi:|विकिसमाचार]], समाचार का एक मुक्त स्रोत। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिसमाचार|विकिमीडियासमाचार]]' देखें।) *[[w:hi:|विकिपीडिया]], एक ज्ञानकोश। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिपीडिया|विकिपीडिया]]' देखें।) *[[wikt:hi:|विकिकोश]], एक शब्दकोश और थिसौरस। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिकोश|विकिकोश]]' देखें।) *[[q:hi:|विकिसूक्ति]], सूक्तियों का एक संकलन। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिसूक्ति|विकिसूक्ति]]' देखें।) *[[s:hi:|विकिस्रोत]], मुफ़्त स्रोत दस्तावेज़ों का एक संकलन। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिस्रोत|विकिस्रोत]]' देखें।) *[[v:hi:|विकिविश्वविद्यालय]], मुफ़्त शिक्षण उपकरणों का एक संकलन। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिप्रजाति|विकिप्रजाति]]' देखें।) *[[species:|विकिप्रजाति]], जीवन के सभी रूपों के लिए एक मुफ़्त और मुक्त डिरेक्ट्री। *[[voy:hi:|विकियात्रा]], यात्रा गाइड्स का एक विशाल सेट (हिन्दी में अर्ध-उपलब्ध)। == ये भी देखें == * [https://www.wikibooks.org विकिपुस्तक प्रवेशद्वार], दूसरी भाषाओं में उपलब्ध विकिपुस्तकों की सूची। __NOEDITSECTION__ [[da:Wikibooks:Velkommen nybegynder]] [[de:Hilfe:Willkommen]] [[en:Wikibooks:Welcome]] [[es:Wikilibros:Bienvenida]] [[fr:Wikilivres:Bienvenue]] [[fa:راهنما:درباره ویکی‌کتاب]] [[hy:Վիքիգրքեր:Բարի գալուստ]] [[it:Aiuto:Benvenuto]] [[ja:Wikibooks:ウィキブックスへようこそ]] [[ko:위키책:소개]] [[ms:Wikibooks:Selamat datang pengguna baru]] [[nl:Wikibooks:Welkom]] [[pl:Wikibooks:Witamy nowicjuszy]] [[pt:Wikibooks:Bem-vindos, novatos!]] [[ru:Викиучебник:Введение]] [[vi:Wikibooks:Chào mừng người mới đến]] [[श्रेणी:विकिपुस्तक|{{PAGENAME}}]] 4wcky8px5sttyuem7gkxee6p8pls0my 78750 78749 2022-08-19T03:07:01Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki [[चित्र:Wikibooks-logo-hi.svg|180px|right|link=]] {{Wikibooks help}} '''विकिपुस्तक''' एक [[foundationsite:our-work/wikimedia-projects|विकिमीडिया परियोजना]] है जिसमें सदस्य मुक्त रूप से उपलब्ध किताबें लिखते हैं, जिन्हें कोई भी पढ़ सकता है &mdash; आप भी! योगदानकर्ताओं के पास अपने योगदानों का पूर्ण अधिकार होता है, जिसके साथ-साथ क्रिएटिव कॉमन्स एट्रीब्यूशन-ShareAlike 3.0 लाइसेंस और GNU मुफ़्त प्रलेख लाइसेंस यह निश्चित करते हैं कि कार्य का प्रस्तुत किया गया संस्करण और इसके बदले गए संस्करण हमेशा नवीकरणीय और वितरणीय होंगे। विकिपुस्तक परियोजना को पहली बार 10 जुलाई 2003 को चालू किया गया था। आस-पास घूमें और तेज़ी से बढ़ और सुधर रहे इस किताबों के भंडार के मज़े लें। इस समय अधिकतम पुस्तकों के लिए हिन्दी अनुवाद उपलब्ध नहीं है, तो अगर आप चाहें तो इस परियोजना में हमारी मदद कर सकते हैं! == श्रेय == कोई भी यहाँ पर एक छोटा-सा भी बदलाव करता है या पुस्तकों को सुधारता है तो उसका श्रेय हमेशा जुड़ जाता है। इसमें पुस्तक बनाने या सुधारने के लिए आपको खाते की ज़रूरत नहीं है, लेकिन बिना खाते के आपका IP पता सभी दिखाई देने लगता है। जबकि अगर आप [[विशेष:खाता बनाएँ|खाता खोल]]कर अपना योगदान देंगे तो पुस्तक बनाने और सुधारने के इतिहास में '''आपका नाम''' दिखेगा कि आपने उस पुस्तक को बनाया है या सुधारकर अच्छा करने में मदद किया है। == लिखना == : ''विस्तृत गाइड के लिए translatewiki.net पर [https://translatewiki.net/wiki/Localisation_guidelines/hi#हिन्दी_कीबोर्ड हिन्दी कीबोर्ड पर लेखन] देखें।'' लिखने के लिए कई सारे आसान तरीके पहले से बने हुए हैं, जिससे बिना किसी मेहनत के भी आप आसानी से लिखना सीख सकते हैं। कोई समस्या हो या आपके पसंद का उपकरण न मिल रहा हो तो आप [[wikibooks:चौपाल|चौपाल]] में अपनी समस्या बता सकते हैं। वहाँ कोई न कोई आपकी मदद ज़रूर कर देगा। परियोजना में रूचि रखने के लिए धन्यवाद! == विकिमीडिया द्वारा दूसरी परियोजनाएँ == *[[commons:|कॉमन्स]], एक मुफ़्त मीडिया रिपॉज़िटरी। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिमीडिया कॉमन्स|विकिमीडिया कॉमन्स]]' देखें।) *[[n:hi:|विकिसमाचार]], समाचार का एक मुक्त स्रोत। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिसमाचार|विकिमीडियासमाचार]]' देखें।) *[[w:hi:|विकिपीडिया]], एक ज्ञानकोश। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिपीडिया|विकिपीडिया]]' देखें।) *[[wikt:hi:|विकिकोश]], एक शब्दकोश और थिसौरस। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिकोश|विकिकोश]]' देखें।) *[[q:hi:|विकिसूक्ति]], सूक्तियों का एक संकलन। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिसूक्ति|विकिसूक्ति]]' देखें।) *[[s:hi:|विकिस्रोत]], मुफ़्त स्रोत दस्तावेज़ों का एक संकलन। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिस्रोत|विकिस्रोत]]' देखें।) *[[v:hi:|विकिविश्वविद्यालय]], मुफ़्त शिक्षण उपकरणों का एक संकलन। (अधिक जानकारी के लिए '[[w:hi:विकिप्रजाति|विकिप्रजाति]]' देखें।) *[[species:|विकिप्रजाति]], जीवन के सभी रूपों के लिए एक मुफ़्त और मुक्त डिरेक्ट्री। *[[voy:hi:|विकियात्रा]], यात्रा गाइड्स का एक विशाल सेट (हिन्दी में अर्ध-उपलब्ध)। == ये भी देखें == * [https://www.wikibooks.org विकिपुस्तक प्रवेशद्वार], दूसरी भाषाओं में उपलब्ध विकिपुस्तकों की सूची। __NOEDITSECTION__ [[श्रेणी:विकिपुस्तक|{{PAGENAME}}]] 44rr0t3ry1wffz9jq76zpk6wlaz95n7 अंग्रेज़ी भाषा 0 5190 78736 72557 2022-08-18T16:29:26Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[अंग्रेजी भाषा]] पृष्ठ [[अंग्रेज़ी भाषा]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki विकिपुस्तक के अंग्रेजी भाषा के इस पुस्तक में आपका स्वागत है। इस पुस्तक में अंग्रेजी किस प्रकार आप सीख सकते हैं और उच्चारण आदि के बारे में बताया गया है। यदि किसी को थोड़ा भी इस भाषा का ज्ञान न भी हो तो भी वो आसानी से इसे इस पुस्तक से सीख सकता है। == विषय-सूची == * [[/परिचय/]] {{Stage|75}} * [[/शब्द/]] {{Stage|00}} * [[/उच्चारण/]] {{Stage|00}} {{Alphabetical|अ}} {{Shelves|अंग्रेजी भाषा}} {{Status|00}} 2qcdmb680be9v8qy4ccnnxa5y2ayao6 78746 78736 2022-08-18T16:35:26Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki विकिपुस्तक के अंग्रेजी भाषा के इस पुस्तक में आपका स्वागत है। इस पुस्तक में अंग्रेजी किस प्रकार आप सीख सकते हैं और उच्चारण आदि के बारे में बताया गया है। यदि किसी को थोड़ा भी इस भाषा का ज्ञान न भी हो तो भी वो आसानी से इसे इस पुस्तक से सीख सकता है। == विषय-सूची == * [[/परिचय/]] {{Stage|75}} * [[/शब्द/]] {{Stage|00}} * [[/उच्चारण/]] {{Stage|00}} {{Alphabetical|अ}} {{Shelves|अंग्रेज़ी भाषा}} {{Status|00}} nyomvfdsyvj469atuwbbglavqzs1wcx 78755 78746 2022-08-19T03:25:17Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki विकिपुस्तक के अंग्रेजी भाषा के इस पुस्तक में आपका स्वागत है। इस पुस्तक में अंग्रेजी किस प्रकार आप सीख सकते हैं और उच्चारण आदि के बारे में बताया गया है। यदि किसी को थोड़ा भी इस भाषा का ज्ञान न भी हो तो भी वो आसानी से इसे इस पुस्तक से सीख सकता है। == विषय-सूची == * [[/परिचय/]] {{Stage|100}} * [[/शब्द/]] {{Stage|75}} * [[/उच्चारण/]] {{Stage|100}} {{Alphabetical|अ}} {{Shelves|अंग्रेज़ी भाषा}} {{Status|00}} 16wsfovf0486ysguj0t6qbl4ydmxw1r 78756 78755 2022-08-19T03:27:22Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki विकिपुस्तक के '''अंग्रेज़ी भाषा''' पुस्तक पर आपका स्वागत है। ध्यान रखें कि यह अंग्रेज़ी में प्रवेश करने वाले बिलकुल नए सदस्यों के लिए नहीं बनी है; बल्कि अगर आप बस भाषा पर एक अवलोकन पाना चाहते हैं, आप इस पुस्तक को पढ़ सकते हैं। इस समय बुनियाद से भाषा को सीखने के लिए कोई गाइड मौजूद नहीं है, मगर आप व्याकरण को विस्तार से समझने के लिए '[[अंग्रेज़ी व्याकरण]]' पुस्तक को ज़रूर पढ़ सकते हैं। == विषय-सूची == * [[/परिचय/]] {{Stage|100}} * [[/शब्द/]] {{Stage|75}} * [[/उच्चारण/]] {{Stage|100}} {{Alphabetical|अ}} {{Status|00}} 0i2mf8kxyx67c15p87od4yz79nn5sdo अंग्रेज़ी भाषा/परिचय 0 5191 78733 62729 2022-08-18T16:27:47Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki अंग्रेज़ी भाषा सबसे अधिक अमेरिका और यूनाइटेड किंग्डम में बोली जाती है, हालाँकि दोनों देशों में बोले जाने वाले भाषा का प्रकार थोड़ा सा अलग है। क्योंकि विश्व के अधिकांश राष्ट्र पहले यूनाइटेड किंग्डम के उपनिवेश रह चुके हैं, अंग्रेज़ी को अधिकांश ऐसे देशों में आधिकारिक भाषा या फिऱ राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया है। अंग्रेज़ी को जर्मनिक भाषा परिवार का हिस्सा माना जाता है। == अंग्रेज़ी क्यों सीखें? == क्योंकि यह एक वैश्विक भाषा है, इसलिए नहीं कि अंग्रेज़ी बोलने पर स्थानीय सामाजिक पदानुक्रम में आप ऊँचे पद पर होंगे। यह वैश्विक व्यापार में काफ़ी उपयोगी है और ज़्यादातर नौकिरयों पर आवेदन करने के लिए एक मानक अंग्रेज़ी स्तर आवश्यक है। अंग्रेज़ी में ऐसे-ऐसे शब्द और वाक्यांश हैं जो शायद आपने पहले सुने भी नहीं होंगे, मगर इसे अंग्रेज़ी सीखना छोड़ने का कारण न बनाएँ। फिर कोशिश करें! यह याद रखें कि अंग्रेज़ी कोई स्थिर भाषा नहीं है: इसमें अक्सर बदलाव होते रहते हैं: भाषा वैसी ही सुनाई देगी जैसा इसके बोलने वाले बोलेंगे। नियम रेत की तरह हैं: इनकी स्थिरता पर सवाल उठाया जा सकता है। == पाठ प्रारूप == इस पुस्तक में तीन पाठ हैं: '''परिचय''', '''शब्द''' और '''उच्चारण''', और इन्हें अंग्रेज़ी विकिपुस्तक के पुस्तक '[[en:English in Use|English in Use/Introduction]]' से संकलित किया गया है। अगर आप भाषा के व्याकरण को विस्तार से पढ़ना चाहते हैं, कृपया '[[अंग्रेज़ी व्याकरण]]' पुस्तक देखें। {{BookCat}} egicpicpby9ih9ozrtwq19phu1kttzg 78734 78733 2022-08-18T16:28:17Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki अंग्रेज़ी भाषा सबसे अधिक अमेरिका और यूनाइटेड किंग्डम में बोली जाती है, हालाँकि दोनों देशों में बोले जाने वाले भाषा का प्रकार थोड़ा सा अलग है। क्योंकि विश्व के अधिकांश राष्ट्र पहले यूनाइटेड किंग्डम के उपनिवेश रह चुके हैं, अंग्रेज़ी को अधिकांश ऐसे देशों में आधिकारिक भाषा या फिऱ राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया है। अंग्रेज़ी को जर्मनिक भाषा परिवार का हिस्सा माना जाता है। == अंग्रेज़ी क्यों सीखें? == क्योंकि यह एक वैश्विक भाषा है, इसलिए नहीं कि अंग्रेज़ी बोलने पर स्थानीय सामाजिक पदानुक्रम में आप ऊँचे पद पर होंगे। यह वैश्विक व्यापार में काफ़ी उपयोगी है और ज़्यादातर नौकिरयों पर आवेदन करने के लिए एक मानक अंग्रेज़ी स्तर आवश्यक है। अंग्रेज़ी में ऐसे-ऐसे शब्द और वाक्यांश हैं जो शायद आपने पहले सुने भी नहीं होंगे, मगर इसे अंग्रेज़ी सीखना छोड़ने का कारण न बनाएँ। फिर कोशिश करें! यह याद रखें कि अंग्रेज़ी कोई स्थिर भाषा नहीं है: इसमें अक्सर बदलाव होते रहते हैं: भाषा वैसी ही सुनाई देगी जैसा इसके बोलने वाले बोलेंगे। नियम रेत की तरह हैं: इनकी स्थिरता पर सवाल उठाया जा सकता है। == पाठ प्रारूप == इस पुस्तक में तीन पाठ हैं: '''परिचय''', '''शब्द''' और '''उच्चारण''', और इन्हें अंग्रेज़ी विकिपुस्तक के पुस्तक '[[:en:English in Use|English in Use/Introduction]]' से संकलित किया गया है। अगर आप भाषा के व्याकरण को विस्तार से पढ़ना चाहते हैं, कृपया '[[अंग्रेज़ी व्याकरण]]' पुस्तक देखें। {{BookCat}} 74nfvk24b5w8hy6abrd46gwwskpe4pq 78735 78734 2022-08-18T16:29:15Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki अंग्रेज़ी भाषा सबसे अधिक अमेरिका और यूनाइटेड किंग्डम में बोली जाती है, हालाँकि दोनों देशों में बोले जाने वाले भाषा का प्रकार थोड़ा सा अलग है। क्योंकि विश्व के अधिकांश राष्ट्र पहले यूनाइटेड किंग्डम के उपनिवेश रह चुके हैं, अंग्रेज़ी को अधिकांश ऐसे देशों में आधिकारिक भाषा या फिऱ राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया है। अंग्रेज़ी को जर्मनिक भाषा परिवार का हिस्सा माना जाता है। == अंग्रेज़ी क्यों सीखें? == क्योंकि यह एक वैश्विक भाषा है, इसलिए नहीं कि अंग्रेज़ी बोलने पर स्थानीय सामाजिक पदानुक्रम में आप ऊँचे पद पर होंगे। यह वैश्विक व्यापार में काफ़ी उपयोगी है और ज़्यादातर नौकिरयों पर आवेदन करने के लिए एक मानक अंग्रेज़ी स्तर आवश्यक है। अंग्रेज़ी में ऐसे-ऐसे शब्द और वाक्यांश हैं जो शायद आपने पहले सुने भी नहीं होंगे, मगर इसे अंग्रेज़ी सीखना छोड़ने का कारण न बनाएँ। फिर कोशिश करें! यह याद रखें कि अंग्रेज़ी कोई स्थिर भाषा नहीं है: इसमें अक्सर बदलाव होते रहते हैं: भाषा वैसी ही सुनाई देगी जैसा इसके बोलने वाले बोलेंगे। नियम रेत की तरह हैं: इनकी स्थिरता पर सवाल उठाया जा सकता है। == पाठ प्रारूप == इस पुस्तक में तीन पाठ हैं: '''परिचय''', '''शब्द''' और '''उच्चारण''', और इन्हें अंग्रेज़ी विकिपुस्तक के पुस्तक '[[:en:English in Use|English in Use/Introduction]]' से संकलित किया गया है। अगर आप भाषा के व्याकरण को विस्तार से पढ़ना चाहते हैं, कृपया '[[अंग्रेज़ी व्याकरण]]' पुस्तक पढ़ें। {{BookCat}} lx1y1gb5y8bpt23t61c82i779iw3o30 78738 78735 2022-08-18T16:29:36Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[अंग्रेजी भाषा/परिचय]] पृष्ठ [[अंग्रेज़ी भाषा/परिचय]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki अंग्रेज़ी भाषा सबसे अधिक अमेरिका और यूनाइटेड किंग्डम में बोली जाती है, हालाँकि दोनों देशों में बोले जाने वाले भाषा का प्रकार थोड़ा सा अलग है। क्योंकि विश्व के अधिकांश राष्ट्र पहले यूनाइटेड किंग्डम के उपनिवेश रह चुके हैं, अंग्रेज़ी को अधिकांश ऐसे देशों में आधिकारिक भाषा या फिऱ राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया है। अंग्रेज़ी को जर्मनिक भाषा परिवार का हिस्सा माना जाता है। == अंग्रेज़ी क्यों सीखें? == क्योंकि यह एक वैश्विक भाषा है, इसलिए नहीं कि अंग्रेज़ी बोलने पर स्थानीय सामाजिक पदानुक्रम में आप ऊँचे पद पर होंगे। यह वैश्विक व्यापार में काफ़ी उपयोगी है और ज़्यादातर नौकिरयों पर आवेदन करने के लिए एक मानक अंग्रेज़ी स्तर आवश्यक है। अंग्रेज़ी में ऐसे-ऐसे शब्द और वाक्यांश हैं जो शायद आपने पहले सुने भी नहीं होंगे, मगर इसे अंग्रेज़ी सीखना छोड़ने का कारण न बनाएँ। फिर कोशिश करें! यह याद रखें कि अंग्रेज़ी कोई स्थिर भाषा नहीं है: इसमें अक्सर बदलाव होते रहते हैं: भाषा वैसी ही सुनाई देगी जैसा इसके बोलने वाले बोलेंगे। नियम रेत की तरह हैं: इनकी स्थिरता पर सवाल उठाया जा सकता है। == पाठ प्रारूप == इस पुस्तक में तीन पाठ हैं: '''परिचय''', '''शब्द''' और '''उच्चारण''', और इन्हें अंग्रेज़ी विकिपुस्तक के पुस्तक '[[:en:English in Use|English in Use/Introduction]]' से संकलित किया गया है। अगर आप भाषा के व्याकरण को विस्तार से पढ़ना चाहते हैं, कृपया '[[अंग्रेज़ी व्याकरण]]' पुस्तक पढ़ें। {{BookCat}} lx1y1gb5y8bpt23t61c82i779iw3o30 78757 78738 2022-08-19T03:31:14Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki अंग्रेज़ी भाषा सबसे अधिक अमेरिका और यूनाइटेड किंग्डम में बोली जाती है, हालाँकि दोनों देशों में बोले जाने वाले भाषा का प्रकार थोड़ा सा अलग है। क्योंकि विश्व के अधिकांश राष्ट्र पहले यूनाइटेड किंग्डम के उपनिवेश रह चुके हैं, अंग्रेज़ी को अधिकांश ऐसे देशों में आधिकारिक भाषा या फिऱ राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया है। अंग्रेज़ी को जर्मनिक भाषा परिवार का हिस्सा माना जाता है। == अंग्रेज़ी क्यों सीखें? == क्योंकि यह एक वैश्विक भाषा है, इसलिए नहीं कि अंग्रेज़ी बोलने पर स्थानीय सामाजिक पदानुक्रम में आप ऊँचे पद पर होंगे। यह वैश्विक व्यापार में काफ़ी उपयोगी है और ज़्यादातर नौकिरयों पर आवेदन करने के लिए एक मानक अंग्रेज़ी स्तर आवश्यक है। अंग्रेज़ी में ऐसे-ऐसे शब्द और वाक्यांश हैं जो शायद आपने पहले सुने भी नहीं होंगे, मगर इसे अंग्रेज़ी सीखना छोड़ने का कारण न बनाएँ। फिर कोशिश करें! यह याद रखें कि अंग्रेज़ी कोई स्थिर भाषा नहीं है: इसमें अक्सर बदलाव होते रहते हैं: भाषा वैसी ही सुनाई देगी जैसा इसके बोलने वाले बोलेंगे। नियम रेत की तरह हैं: इनकी स्थिरता पर सवाल उठाया जा सकता है। == पाठ प्रारूप == इस पुस्तक में तीन पाठ हैं: '''परिचय''', '''शब्द''' और '''उच्चारण''', और इन्हें अंग्रेज़ी विकिपुस्तक के पुस्तक '[[:en:English in Use|English in Use/Introduction]]' से संकलित किया गया है। अगर आप भाषा के व्याकरण को विस्तार से पढ़ना चाहते हैं, कृपया '[[अंग्रेज़ी व्याकरण]]' पुस्तक पढ़ें। {{BookCat}} [[en:English in Use/Introduction]] d63hbgbzkshmav8xwux99qc3pvnnm2o अंग्रेज़ी भाषा/उच्चारण 0 5201 78742 75074 2022-08-18T16:29:56Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[अंग्रेजी भाषा/उच्चारण]] पृष्ठ [[अंग्रेज़ी भाषा/उच्चारण]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki {{BookCat}} अंग्रेजी भाषा में अक्षरों से लेकर शब्दों का भी कई अलग अलग तरह से उच्चारण होता है। इसके अक्षरों और शब्दों को जानने और उसका उच्चारण समझने व बोलने के लिए आपको कई सारे शब्दों का उच्चारण और उच्चारण का तरीका सीखना पड़ेगा। इसका भी ध्यान रखें कि अलग अलग देशों में उच्चारण भी अलग अलग हो जाता है। तो हो सकता है कि आप किसी देश गए हों और वे कुछ और बोल रहे हों और आप कुछ और समझ रहे हों। हालांकि इतना बदलाव भी नहीं आता है, पर बदलाव इतना तो है ही कि आप पहचान सकें कि इस जगह बदलाव है। इसके अलावा इसमें कई सारे उच्चारणों की भी कमी है, इस कारण दूसरे भाषाओं के लोगों के नाम या स्थान का आपको अंदाजा ही लगाना होता है कि मूल नाम क्या है और उसका अंग्रेजी में उच्चारण क्या होगा। तो इसके उच्चारण से पहले आपको कई सारे ऐसे उच्चारण बता दें, जो इस भाषा में होते ही नहीं हैं। इसमें त, ठ, छ, ण, ढ, ढ़, ज्ञ आदि। जब तक आप रट्टू तोता नहीं बन जाते, तब तक आप अंग्रेजी के उच्चारण नहीं सीख सकते, क्योंकि इसके उच्चारण अलग अलग शब्दों से अलग अलग हो जाता है और कई शब्दों का उच्चारण भी एक ही होता है। अब उदाहरण के लिए हम to, too, two को लेते हैं। तीनों का उच्चारण एक ही जैसा और दो का समान है। ठीक इसी प्रकार men और man दोनों का उच्चारण मैन ही होता है। जबकि main को भी मैन ही बोलते हैं। वैसे कई शब्दों का एक ही उच्चारण तो आप देख ही चुके हैं, पर अंग्रेजी में एक ही शब्द का कई अलग अलग उच्चारण भी होता है। जैसे woman का उच्चारण वुमन, विमैन, वुमैन आदि होता है। इसमें "विमैन" वाला उच्चारण अमेरिका में होता है, जबकि वुमैन वाला उच्चारण ब्रिटेन में होता है। इसके अन्य कुछ उच्चारण दूसरे देशों में होते हैं। अब आप शायद सोच रहे होंगे कि क्या इसमें ''स्पेलिंग'' भी अलग अलग होती है? हाँ, कई ऐसे शब्द हैं, जैसे color/colour आदि। 8qs4v8mn85c30nyw8kfkjvh9a5e295t 78753 78742 2022-08-19T03:24:22Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} '''अंग्रेज़ी भाषा''' में अक्षरों से लेकर शब्दों के भी कई अलग-अलग तरह से उच्चारण होते हैं। इसके अक्षरों और शब्दों को जानने और उसका उच्चारण समझने व बोलने के लिए आपको कई सारे शब्दों का उच्चारण और उच्चारण का तरीका सीखना पड़ेगा। इसका भी ध्यान रखें कि अलग अलग देशों में उच्चारण भी अलग अलग हो जाता है। तो हो सकता है कि आप किसी देश गए हों और वे कुछ और बोल रहे हों और आप कुछ और समझ रहे हों। हालांकि इतना बदलाव भी नहीं आता है, पर बदलाव इतना तो है ही कि आप पहचान सकें कि इस जगह बदलाव है। इसके अलावा इसमें कई सारे उच्चारणों की भी कमी है, इस कारण दूसरे भाषाओं के लोगों के नाम या स्थान का आपको अंदाजा ही लगाना होता है कि मूल नाम क्या है और उसका अंग्रेज़ी में उच्चारण क्या होगा। तो इसके उच्चारण से पहले आपको कई सारे ऐसे उच्चारण बता दें, जो इस भाषा में होते ही नहीं हैं। वे हैं त, ठ, छ, ण, ढ, ढ़, ज्ञ, आदि। क्योंकि अंग्रेज़ी अक्षरों के उच्चारणों को देवनागरी अक्षरों में ठीक से दर्शाया नहीं जा सकता, एक औसतन अनुवाद निम्न टेबल में लिखी गई है। <center> {| class="wikitable" ! अंग्रेज़ी अक्षर ! देवनागरी अक्षर |- | a | अ, आ, ए |- | b | ब |- | c | क, स श |- | d | ड |- | e | ए, इ |- | f | फ़ |- | g | ग, ज |- | h | ह |- | i | अ, इ, आय |- | j | ज, ह |- | k | क |- | l | ल |- | m | म |- | n | न |- | o | अ, ओ |- | p | प |- | q | क्य |- | r | र |- | s | स |- | t | ट |- | u | अ, उ, ऊ |- | v | व (कठोर) |- | w | व (कोमल) |- | x | क्स |- | y | य |- | z | ज़ |} </center> जैसा कि आप देख सकते हैं, हर अंग्रेज़ी अक्षर के लिए देवनागरी में अलग-अलग अनुवाद हैं, यानी कि हर अक्षर के कई उच्चारण हो सकते हैं। इनके उच्चारणों के निर्धारण के लिए कोई विशिष्ट नीति नहीं है - बल्कि, आपको खुद प्रयास-और-त्रुटि वाले तरीके से पता लगाना होगा कि शब्द का उच्चारण क्या हो सकता है। कुछ शब्द दिखने में बिलकुल एक जैसे होते हैं, मगर उनका उच्चारण तथा अर्थ अलग होता है। इसका सबसे प्रसिद्ध उदाहरण है "read": इस शब्द के दो उच्चारण हैं: "रीड" और "रेड"। "रीड" का इस्तेमाल वर्तमान काल में होता है और "रेड" का भूत काल में। उसी तरह से, कई शब्दों की वर्तनी एकवचन या बहुवचन के अनुसार बदल सकती है। fhr1op0a79cwz51j5y3lexmyoj9ijzp 78754 78753 2022-08-19T03:24:44Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} '''अंग्रेज़ी भाषा''' में अक्षरों से लेकर शब्दों के भी कई अलग-अलग तरह से उच्चारण होते हैं। इसके अक्षरों और शब्दों को जानने और उसका उच्चारण समझने व बोलने के लिए आपको कई सारे शब्दों का उच्चारण और उच्चारण का तरीका सीखना पड़ेगा। इसका भी ध्यान रखें कि अलग अलग देशों में उच्चारण भी अलग अलग हो जाता है। तो हो सकता है कि आप किसी देश गए हों और वे कुछ और बोल रहे हों और आप कुछ और समझ रहे हों। हालांकि इतना बदलाव भी नहीं आता है, पर बदलाव इतना तो है ही कि आप पहचान सकें कि इस जगह बदलाव है। इसके अलावा इसमें कई सारे उच्चारणों की भी कमी है, इस कारण दूसरे भाषाओं के लोगों के नाम या स्थान का आपको अंदाजा ही लगाना होता है कि मूल नाम क्या है और उसका अंग्रेज़ी में उच्चारण क्या होगा। तो इसके उच्चारण से पहले आपको कई सारे ऐसे उच्चारण बता दें, जो इस भाषा में होते ही नहीं हैं। वे हैं त, ठ, छ, ण, ढ, ढ़, ज्ञ, आदि। क्योंकि अंग्रेज़ी अक्षरों के उच्चारणों को देवनागरी अक्षरों में ठीक से दर्शाया नहीं जा सकता, एक औसतन अनुवाद निम्न टेबल में लिखी गई है। <center> {| class="wikitable" ! अंग्रेज़ी अक्षर ! देवनागरी अक्षर |- | a | अ, आ, ए |- | b | ब |- | c | क, स, श |- | d | ड |- | e | ए, इ |- | f | फ़ |- | g | ग, ज |- | h | ह |- | i | अ, इ, आय |- | j | ज, ह |- | k | क |- | l | ल |- | m | म |- | n | न |- | o | अ, ओ |- | p | प |- | q | क्य |- | r | र |- | s | स |- | t | ट |- | u | अ, उ, ऊ |- | v | व (कठोर) |- | w | व (कोमल) |- | x | क्स |- | y | य |- | z | ज़ |} </center> जैसा कि आप देख सकते हैं, हर अंग्रेज़ी अक्षर के लिए देवनागरी में अलग-अलग अनुवाद हैं, यानी कि हर अक्षर के कई उच्चारण हो सकते हैं। इनके उच्चारणों के निर्धारण के लिए कोई विशिष्ट नीति नहीं है - बल्कि, आपको खुद प्रयास-और-त्रुटि वाले तरीके से पता लगाना होगा कि शब्द का उच्चारण क्या हो सकता है। कुछ शब्द दिखने में बिलकुल एक जैसे होते हैं, मगर उनका उच्चारण तथा अर्थ अलग होता है। इसका सबसे प्रसिद्ध उदाहरण है "read": इस शब्द के दो उच्चारण हैं: "रीड" और "रेड"। "रीड" का इस्तेमाल वर्तमान काल में होता है और "रेड" का भूत काल में। उसी तरह से, कई शब्दों की वर्तनी एकवचन या बहुवचन के अनुसार बदल सकती है। ns292s4tnfy339jee0sa6j9bqimfzuq अंग्रेज़ी भाषा/शब्द 0 5207 78740 62730 2022-08-18T16:29:49Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[अंग्रेजी भाषा/शब्द]] पृष्ठ [[अंग्रेज़ी भाषा/शब्द]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki अंग्रेजी में शब्दों का उच्चारण अलग अलग होता रहता है। हर शब्द के कई उच्चारण हो सकते हैं। इस कारण शब्दों को याद रखना जरूरी हो जाता है। वाक्यों के साथ भी शब्दों के अलग अलग उच्चारण होते हैं। कई बार वाक्यों के हिसाब से शब्दों को भी बदलना पड़ता है। कई देशों के अनुसार भी शब्दों का अलग उच्चारण और शब्द भी अलग अलग होते हैं। कई देशों में सबसे अधिक ब्रिटेन और अमेरिका में बोले जाने वाली अंग्रेजी का प्रयोग होता है। यदि आप तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो ब्रिटेन की अंग्रेजी आपको मुसीबत में डाल सकती है। क्योंकि कई प्रोग्रामन भाषाओं में अमेरिकी अंग्रेजी का ही प्रयोग होता है। इंटरनेट और तकनीकी विकास अमेरिका में अधिक हो रहा है। इस कारण ब्रिटेन में बोले जाने वाली अंग्रेजी से आपको कोई खास लाभ नहीं होगा। यदि आप अमेरिका जा रहे हैं, तो आपको टॉर्च (torch) शब्द के स्थान पर फ्लैशलाइट (flashlight) कहना पड़ेगा। हालांकि हो सकता है कि दूसरे शब्द बोलने पर भी वे लोग समझ लें, पर वहाँ टॉर्च शब्द के स्थान पर फ्लैशलाइट ही कहा जाता है। इस कारण आपको भी फ्लैशलाइट ही कहना पड़ेगा। इसी तरह रंग शब्द में भी आपको परेशानी हो सकती है। अमेरिका में रंग को ''कलर'' (color) लिखते हैं, जबकि ब्रिटेन में ''कलर'' (colour) लिखते हैं। इस तरह से यदि आप अमेरिका में ब्रिटेन में लिखा जाने वाला शब्द लिखेंगे तो उसे गलत ही मान लिया जायेगा और ब्रिटेन में यदि आप अमेरिका वाला शब्द लिखेंगे तो उसे गलत माना जाएगा। किसी पर्यटक से तो इस तरह की गलती हो ही सकती है, पर यदि आप कोई काम करते हैं, तो इससे आपको मुसीबत का सामना जरूर करना पड़ेगा। इसमें समस्या ये है कि इस तरह के एक दो शब्द नहीं, बल्कि कई सारे ऐसे शब्द हैं, जिससे आपको परेशानी हो सकती है। अभी तक तो आप केवल ब्रिटेन और अमेरिका में लिखे और बोले जाने वाले अंग्रेजी की समस्या ही पढ़ रहे हैं, लेकिन कई अन्य देशों में जहाँ अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा के रूप में लिखा और बोला जाता है, वहाँ कुछ ऐसा ही हाल है। केवल शब्द और लिखने के अक्षर में ही बदलाव नहीं है, बल्कि उच्चारण में भी अलग अलग देशों में अलग अलग उच्चारण है और कई शब्दों के एक से अधिक उच्चारण आपको देखने को मिलेगे। इस उच्चारण से जुड़ी जानकारी को आप इस पुस्तक के उच्चारण वाले पन्ने पर पा सकते हैं। {{BookCat}} j3cakv11863c0sgax97e2559ojl0k37 78744 78740 2022-08-18T16:33:43Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki अंग्रेजी में शब्दों का उच्चारण अलग-अलग होता रहता है। हर शब्द के कई उच्चारण हो सकते हैं। इस कारण शब्दों को याद रखना ज़रूरी हो जाता है। वाक्यों के साथ भी शब्दों के अलग अलग उच्चारण होते हैं। कई बार वाक्यों के हिसाब से शब्दों को भी बदलना पड़ता है। कई देशों के अनुसार भी शब्दों का अलग उच्चारण और शब्द भी अलग अलग होते हैं। कई देशों में सबसे अधिक ब्रिटेन और अमेरिका में बोले जाने वाली अंग्रेज़ी का प्रयोग होता है। यदि आप तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो ब्रिटेन की अंग्रेजी आपको मुसीबत में डाल सकती है। क्योंकि कई प्रोग्रामिंग भाषाओं में अमेरिकी अंग्रेज़ी का ही प्रयोग होता है (जैसे कि, HTML में <code>colour</code> कोई मान्य एट्रीब्यूट नहीं है)। इंटरनेट और तकनीकी विकास अमेरिका में अधिक हो रहा है। इस कारण ब्रिटेन में बोले जाने वाली अंग्रेजी से आपको कोई खास लाभ नहीं होगा। == शब्द और वर्तनी == यदि आप अमेरिका जा रहे हैं, तो आपको टॉर्च (torch) शब्द के स्थान पर फ्लैशलाइट (flashlight) कहना पड़ेगा। हालांकि हो सकता है कि दूसरे शब्द बोलने पर भी वे लोग समझ लें, पर वहाँ टॉर्च शब्द के स्थान पर फ़्लैशलाइट ही कहा जाता है। इस कारण आपको भी फ़्लैशलाइट ही कहना पड़ेगा। इसी तरह रंग शब्द में भी आपको परेशानी हो सकती है। अमेरिका में रंग को "कलर" (color) लिखते हैं, जबकि ब्रिटेन में "कलर" (colour) लिखते हैं। इस तरह से यदि आप अमेरिका में ब्रिटेन में लिखा जाने वाला शब्द लिखेंगे तो उसे गलत ही मान लिया जायेगा और ब्रिटेन में यदि आप अमेरिका वाला शब्द लिखेंगे तो उसे गलत माना जाएगा। किसी पर्यटक से तो इस तरह की गलती हो ही सकती है, पर यदि आप कोई काम करते हैं, तो इससे आपको मुसीबत का सामना जरूर करना पड़ेगा। इसमें समस्या ये है कि इस तरह के एक दो शब्द नहीं, बल्कि कई सारे ऐसे शब्द हैं, जिससे आपको परेशानी हो सकती है। अभी तक तो आप केवल ब्रिटेन और अमेरिका में लिखे और बोले जाने वाले अंग्रेजी की समस्या ही पढ़ रहे हैं, लेकिन कई अन्य देशों में जहाँ अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा के रूप में लिखा और बोला जाता है, वहाँ कुछ ऐसा ही हाल है। केवल शब्द और लिखने के अक्षर में ही बदलाव नहीं है, बल्कि उच्चारण में भी अलग अलग देशों में अलग अलग उच्चारण है और कई शब्दों के एक से अधिक उच्चारण आपको देखने को मिलेंगे। इस उच्चारण से जुड़ी जानकारी को आप इस पुस्तक के उच्चारण वाले पन्ने पर पा सकते हैं। {{BookCat}} nh0s6tdr058ey4dewnaya95662h8036 78745 78744 2022-08-18T16:35:02Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki अंग्रेजी में शब्दों का उच्चारण अलग-अलग होता रहता है। हर शब्द के कई उच्चारण हो सकते हैं। इस कारण शब्दों को याद रखना ज़रूरी हो जाता है। वाक्यों के साथ भी शब्दों के अलग अलग उच्चारण होते हैं। कई बार वाक्यों के हिसाब से शब्दों को भी बदलना पड़ता है। कई देशों के अनुसार भी शब्दों का अलग उच्चारण और शब्द भी अलग अलग होते हैं। कई देशों में सबसे अधिक ब्रिटेन और अमेरिका में बोले जाने वाली अंग्रेज़ी का प्रयोग होता है। यदि आप तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो ब्रिटेन की अंग्रेजी आपको मुसीबत में डाल सकती है। कई प्रोग्रामिंग भाषाओं में अमेरिकी अंग्रेज़ी का ही प्रयोग होता है (जैसे कि, HTML में <code>colour</code> कोई मान्य एट्रीब्यूट नहीं है)। इंटरनेट और तकनीकी विकास अमेरिका में अधिक हो रहा है। इस कारण ब्रिटेन में बोले जाने वाली अंग्रेजी से आपको कोई खास लाभ नहीं होगा। == शब्द और वर्तनी == यदि आप अमेरिका जा रहे हैं, तो आपको टॉर्च (torch) शब्द के स्थान पर फ्लैशलाइट (flashlight) कहना पड़ेगा। हालांकि हो सकता है कि दूसरे शब्द बोलने पर भी वे लोग समझ लें, पर वहाँ टॉर्च शब्द के स्थान पर फ़्लैशलाइट ही कहा जाता है। इस कारण आपको भी फ़्लैशलाइट ही कहना पड़ेगा। इसी तरह रंग शब्द में भी आपको परेशानी हो सकती है। अमेरिका में रंग को "कलर" (color) लिखते हैं, जबकि ब्रिटेन में "कलर" (colour) लिखते हैं। इस तरह से यदि आप अमेरिका में ब्रिटेन में लिखा जाने वाला शब्द लिखेंगे तो उसे गलत ही मान लिया जाएगा और ब्रिटेन में यदि आप अमेरिका वाला शब्द लिखेंगे तो उसे गलत माना जाएगा। किसी पर्यटक से तो इस तरह की गलती हो ही सकती है, पर यदि आप कोई काम करते हैं, तो इससे आपको मुसीबत का सामना ज़रूर करना पड़ेगा। इसमें समस्या यह है कि इस तरह के एक दो शब्द नहीं, बल्कि कई सारे ऐसे शब्द हैं, जिससे आपको परेशानी हो सकती है। अभी तक तो आप केवल ब्रिटेन और अमेरिका में लिखे और बोले जाने वाले अंग्रेजी की समस्या ही पढ़ रहे हैं, लेकिन कई अन्य देशों में जहाँ अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा के रूप में लिखा और बोला जाता है, वहाँ कुछ ऐसा ही हाल है। केवल शब्द और लिखने के अक्षर में ही बदलाव नहीं है, बल्कि उच्चारण में भी अलग अलग देशों में अलग अलग उच्चारण है और कई शब्दों के एक से अधिक उच्चारण आपको देखने को मिलेंगे। इस उच्चारण से जुड़ी जानकारी को आप इस पुस्तक के उच्चारण वाले पृष्ठ पर पा सकते हैं। {{BookCat}} ammar4ky1a365tpb8y1jzssp197flmp आधुनिक चिंतन और साहित्य/नवजागरण 0 5719 78770 74707 2022-08-19T04:04:08Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} ==भारतीय नवजागरण का व्यापक परिप्रेक्ष्य == प्लासी के युद्ध (1757 ई.) में भारतीयों की पराजय के साथ ही विदेशी शासन को मजबूती मिली। साथ ही आधुनिकता की चेतना का भी विकास हुआ। ईसाई पादरियों के प्रलोभनवश धर्म-परिवर्तन किया गया। अंग्रेज़ी भाषा तथा साहित्य को महान बताकर अंग्रेजों ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत को खोखला और दकियानूसी ठहराया। भारतीयों के मन में भारतीय संस्कृति के प्रति हीन-भावना को उत्पन्न किया गया।<ref>डॉ. नगेन्द्र(सं.)-भारतीय साहित्य का समेकित इतिहास, हिन्दी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय: 2013, पृ.360</ref> सन् 1800 ई. को कोलकाता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की गई। 1825 ई. को दिल्ली में ओल्ड दिल्ली कॉलेज, 1864 को लाहौर में ओरिएंटल कॉलेज आदि शैक्षिक संस्थाएँ स्थापित की गईं। इन संस्थानों में मिलने वाली पाश्चात्य शिक्षा से भारतीयों की चेतना अत्यधिक प्रभावित हुई, जिससे नवजागरण को दिशा मिली। 1820 में आई नई शिक्षा-पद्धति ने जिस चेतना का विकास किया उसके कारण प्राचीन रूढ़ियों तथा परंपराओं को तोड़ा गया। पत्र-पत्रिकाओं के द्वारा लेखकों ने पाठकों को देश-दशा से परिचित कराया तथा स्त्री शिक्षा पर भी जोर दिया। नवजागरण के कारणों का उल्लेख करते हुए शांतिस्वरूप गुप्त अपने लेख-'साहित्यिक पुनर्जागरण' में लिखते हैं कि- "...नवजागरण का कारण केवल अँग्रेज़ी शिक्षा, साहित्य और पाश्चात्य विचारधारा न थे, जनता का दुःख-दर्द और उसकी पीड़ा से क्षुब्ध साहित्यकार भी थे जिन्होंने प्रलोभन ठुकराकर, आतंक से अडिग रह देश और जनता की वेदना को वाणी दी और उससे मुक्त होने के उपाय भी बताए।"<ref>डॉ. नगेन्द्र(सं.)-भारतीय साहित्य का समेकित इतिहास, हिन्दी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय: 2013, पृ.361</ref> नवजागरण की चेतना के प्रभाववश विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार की बात की गई। सरकार, कचहरी, प्रेस-एक्ट की निंदा की गई। परंपरागत काव्य-रूढ़ियों, विषयों, काव्य-भाषा को छोड़कर नए विषयों को अपनाया गया। नवजागरण की लहर बंगाल में 1850 तथा कश्मीर में 1930 के आसपास देखने को मिलती है। असमी तथा कन्नड़ में नवजागरण की प्रवृत्ति बांग्ला साहित्य के माध्यम से आई थी। मलयालम काव्य में रूढ़िवाद और कल्पनाशून्यता के विरोध में ए.आर.राजवर्मा ने आंदोलन प्रारंभ किया। उड़िया में राधानाथ राय ने अपनी रचनाओं में तत्कालीन सामाजिक, राजनीतिक स्थिति तथा समस्याओं पर लिखकर जन चेतना को जगाने का काम किया। भारतीय नवजागरण का सशक्त स्वर कहे जाने वाले सुब्रह्मण्यम भारती ने तमिल में आधुनिक चेतना का प्रसार किया। तेलुगु में कंदुकूरी वीरेशलिंगम पंतुलु ने काव्य को सौंदर्यानुभूति तथा आनंद की वस्तु मानने के बजाय उसे सामाजिक-राजनीतिक बुराइयों के उन्मूलन का साधन माना। ==हिन्दी नवजागरण== हिन्दी नवजागरण के संदर्भ में रामविलास शर्मा अपनी पुस्तक 'महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण' में विस्तार से चर्चा करते हैं। वे मानते हैं कि ‘हिन्दी प्रदेश में नवजागरण 1857 ई. के स्वाधीनता-संग्राम से शुरू होता है। गदर, सन् 57 का स्वाधीनता-संग्राम, हिन्दी प्रदेश के नवजागरण की पहली मंज़िल है। दूसरी मंज़िल भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का युग है। ‘हिन्दी नवजागरण का तीसरा चरण महावीर प्रसाद द्विवेदी और उनके सहयोगियों का कार्यकाल है।’<ref>रामविलास शर्मा-महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण, राजकमल प्रकाशनःनई दिल्ली-2015, पृ. 15</ref> हिन्दी साहित्य में नवजागरण पहले गद्य तत्पश्चात् पद्य में देखने को मिलता है। जुलाई 1857 ई. को 'फतहे इस्लाम' नाम से अवध में एक इश्तहार निकाला गया, जिसमें विभिन्न स्थानों के सिपाहियों से एकजुट होकर लड़ने तथा मिलकर अंग्रेज सिपाहियों को देश से बाहर निकालने की बात कही गई। नवंबर 1858 में अंग्रेजों ने जिस घोषणापत्र का जिक्र किया उसके प्रति भारतीय जनता को सचेत करते हुए अवध की बेगम ने कहा कि- "रानी के कानून वही हैं जो कंपनी के थे।"<ref>रामविलास शर्मा-भारतेन्दु हरिश्चन्द्र और हिन्दी नवजागरण की समस्याएँ, राजकमल प्रकाशनःनई दिल्ली-2014, पृ. 15</ref> === भारतेंदु युगीन हिन्दी नवजागरण === भारतेंदु युग वस्तुतः हर क्षेत्र में पुनर्जागरण का युग है। हिन्दी क्षेत्र में इस दौर के रचनाकारों ने स्वचेतना को जागृत किया तथा अपने समय और देश की सामाजिक-सांस्कृतिक परिस्थितियों के प्रति लोगों का ध्यान केन्द्रित किया। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा किये जा रहे शोषण का दबे स्वर में विरोध किया। भारतेंदुयुगीन पत्र-पत्रिकाएँ इसका सशक्त उदाहरण हैं जैसे- भारतेंदु हरिश्चंद्र की 'कविवचनसुधा', 'बालाबोधिनी', बालकृष्ण भट्ट की 'हिन्दी प्रदीप', प्रतापनारायण मिश्र की 'ब्राह्मण' तथा 'सारसुधानिधि' इत्यादि। अंग्रेज़ी शिक्षा के माध्यम से भारतजन अपने ऊपर हो रहे अत्याचार तथा शोषण से परिचित हुए तथा उसका विरोध किया। इस संबंध में भारतेंदु की मुकरी उल्लेखनीय है- <poem>"भीतर-भीतर सब रस चूसै हँसि-हँसि कै तन-मन-धन मूसै। ज़ाहिर बातन में अति तेज कौ सखि साजन? नहिं अँग्रेज।"<ref>डॉ. नगेन्द्र(सं.)-भारतीय साहित्य का समेकित इतिहास, हिन्दी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय: 2013, पृ.361</ref> </poem> भारतेंदु ने अंग्रेज़ी राज में भारत के आर्थिक हृास को विश्लेषित किया। उन्होंने 16 फरवरी 1874 की कविवचनसुधा के माध्यम से यह दर्शाने का प्रयास किया कि- आर्थिक तथा सांस्कृतिक विकास के लिए भारत की स्वंतत्रता आवश्यक है। === द्विवेदी युगीन हिन्दी नवजागरण === हिन्दी नवजागरण को रामविलास शर्मा अपनी पुस्तक ‘महावीरप्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण’ में तीन चरणों में बाँटते हैं जिसका तीसरा चरण द्विवेदी युगीन है। वे हिन्दी नवजागरण की शुरुआत 1857 के स्वाधीनता संग्राम से मानते हैं। nso6p4o4mc8f3cgd4j2v2ga6uj3fq66 78771 78770 2022-08-19T04:04:37Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} == भारतीय नवजागरण का व्यापक परिप्रेक्ष्य == प्लासी के युद्ध (1757 ई.) में भारतीयों की पराजय के साथ ही विदेशी शासन को मजबूती मिली। साथ ही आधुनिकता की चेतना का भी विकास हुआ। ईसाई पादरियों के प्रलोभनवश धर्म-परिवर्तन किया गया। अंग्रेज़ी भाषा तथा साहित्य को महान बताकर अंग्रेजों ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत को खोखला और दकियानूसी ठहराया। भारतीयों के मन में भारतीय संस्कृति के प्रति हीन-भावना को उत्पन्न किया गया।<ref>डॉ. नगेन्द्र(सं.)-भारतीय साहित्य का समेकित इतिहास, हिन्दी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय: 2013, पृ.360</ref> सन् 1800 ई. को कोलकाता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की गई। 1825 ई. को दिल्ली में ओल्ड दिल्ली कॉलेज, 1864 को लाहौर में ओरिएंटल कॉलेज आदि शैक्षिक संस्थाएँ स्थापित की गईं। इन संस्थानों में मिलने वाली पाश्चात्य शिक्षा से भारतीयों की चेतना अत्यधिक प्रभावित हुई, जिससे नवजागरण को दिशा मिली। 1820 में आई नई शिक्षा-पद्धति ने जिस चेतना का विकास किया उसके कारण प्राचीन रूढ़ियों तथा परंपराओं को तोड़ा गया। पत्र-पत्रिकाओं के द्वारा लेखकों ने पाठकों को देश-दशा से परिचित कराया तथा स्त्री शिक्षा पर भी जोर दिया। नवजागरण के कारणों का उल्लेख करते हुए शांतिस्वरूप गुप्त अपने लेख-'साहित्यिक पुनर्जागरण' में लिखते हैं कि- "...नवजागरण का कारण केवल अँग्रेज़ी शिक्षा, साहित्य और पाश्चात्य विचारधारा न थे, जनता का दुःख-दर्द और उसकी पीड़ा से क्षुब्ध साहित्यकार भी थे जिन्होंने प्रलोभन ठुकराकर, आतंक से अडिग रह देश और जनता की वेदना को वाणी दी और उससे मुक्त होने के उपाय भी बताए।"<ref>डॉ. नगेन्द्र(सं.)-भारतीय साहित्य का समेकित इतिहास, हिन्दी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय: 2013, पृ.361</ref> नवजागरण की चेतना के प्रभाववश विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार की बात की गई। सरकार, कचहरी, प्रेस-एक्ट की निंदा की गई। परंपरागत काव्य-रूढ़ियों, विषयों, काव्य-भाषा को छोड़कर नए विषयों को अपनाया गया। नवजागरण की लहर बंगाल में 1850 तथा कश्मीर में 1930 के आसपास देखने को मिलती है। असमी तथा कन्नड़ में नवजागरण की प्रवृत्ति बांग्ला साहित्य के माध्यम से आई थी। मलयालम काव्य में रूढ़िवाद और कल्पनाशून्यता के विरोध में ए.आर.राजवर्मा ने आंदोलन प्रारंभ किया। उड़िया में राधानाथ राय ने अपनी रचनाओं में तत्कालीन सामाजिक, राजनीतिक स्थिति तथा समस्याओं पर लिखकर जन चेतना को जगाने का काम किया। भारतीय नवजागरण का सशक्त स्वर कहे जाने वाले सुब्रह्मण्यम भारती ने तमिल में आधुनिक चेतना का प्रसार किया। तेलुगु में कंदुकूरी वीरेशलिंगम पंतुलु ने काव्य को सौंदर्यानुभूति तथा आनंद की वस्तु मानने के बजाय उसे सामाजिक-राजनीतिक बुराइयों के उन्मूलन का साधन माना। == हिन्दी नवजागरण == हिन्दी नवजागरण के संदर्भ में रामविलास शर्मा अपनी पुस्तक 'महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण' में विस्तार से चर्चा करते हैं। वे मानते हैं कि ‘हिन्दी प्रदेश में नवजागरण 1857 ई. के स्वाधीनता-संग्राम से शुरू होता है। गदर, सन् 57 का स्वाधीनता-संग्राम, हिन्दी प्रदेश के नवजागरण की पहली मंज़िल है। दूसरी मंज़िल भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का युग है। ‘हिन्दी नवजागरण का तीसरा चरण महावीर प्रसाद द्विवेदी और उनके सहयोगियों का कार्यकाल है।’<ref>रामविलास शर्मा-महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण, राजकमल प्रकाशनःनई दिल्ली-2015, पृ. 15</ref> हिन्दी साहित्य में नवजागरण पहले गद्य तत्पश्चात् पद्य में देखने को मिलता है। जुलाई 1857 ई. को 'फतहे इस्लाम' नाम से अवध में एक इश्तहार निकाला गया, जिसमें विभिन्न स्थानों के सिपाहियों से एकजुट होकर लड़ने तथा मिलकर अंग्रेज सिपाहियों को देश से बाहर निकालने की बात कही गई। नवंबर 1858 में अंग्रेजों ने जिस घोषणापत्र का जिक्र किया उसके प्रति भारतीय जनता को सचेत करते हुए अवध की बेगम ने कहा कि- "रानी के कानून वही हैं जो कंपनी के थे।"<ref>रामविलास शर्मा-भारतेन्दु हरिश्चन्द्र और हिन्दी नवजागरण की समस्याएँ, राजकमल प्रकाशनःनई दिल्ली-2014, पृ. 15</ref> === भारतेंदु युगीन हिन्दी नवजागरण === भारतेंदु युग वस्तुतः हर क्षेत्र में पुनर्जागरण का युग है। हिन्दी क्षेत्र में इस दौर के रचनाकारों ने स्वचेतना को जागृत किया तथा अपने समय और देश की सामाजिक-सांस्कृतिक परिस्थितियों के प्रति लोगों का ध्यान केन्द्रित किया। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा किये जा रहे शोषण का दबे स्वर में विरोध किया। भारतेंदुयुगीन पत्र-पत्रिकाएँ इसका सशक्त उदाहरण हैं जैसे- भारतेंदु हरिश्चंद्र की 'कविवचनसुधा', 'बालाबोधिनी', बालकृष्ण भट्ट की 'हिन्दी प्रदीप', प्रतापनारायण मिश्र की 'ब्राह्मण' तथा 'सारसुधानिधि' इत्यादि। अंग्रेज़ी शिक्षा के माध्यम से भारतजन अपने ऊपर हो रहे अत्याचार तथा शोषण से परिचित हुए तथा उसका विरोध किया। इस संबंध में भारतेंदु की मुकरी उल्लेखनीय है- <poem>"भीतर-भीतर सब रस चूसै हँसि-हँसि कै तन-मन-धन मूसै। ज़ाहिर बातन में अति तेज कौ सखि साजन? नहिं अँग्रेज।"<ref>डॉ. नगेन्द्र(सं.)-भारतीय साहित्य का समेकित इतिहास, हिन्दी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय: 2013, पृ.361</ref> </poem> भारतेंदु ने अंग्रेज़ी राज में भारत के आर्थिक हृास को विश्लेषित किया। उन्होंने 16 फरवरी 1874 की कविवचनसुधा के माध्यम से यह दर्शाने का प्रयास किया कि- आर्थिक तथा सांस्कृतिक विकास के लिए भारत की स्वंतत्रता आवश्यक है। === द्विवेदी युगीन हिन्दी नवजागरण === हिन्दी नवजागरण को रामविलास शर्मा अपनी पुस्तक ‘महावीरप्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण’ में तीन चरणों में बाँटते हैं जिसका तीसरा चरण द्विवेदी युगीन है। वे हिन्दी नवजागरण की शुरुआत 1857 के स्वाधीनता संग्राम से मानते हैं। n4p602k0b83r6cijdiba9zi8a0p4rtb 78772 78771 2022-08-19T04:04:58Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} == भारतीय नवजागरण का व्यापक परिप्रेक्ष्य == प्लासी के युद्ध (1757 ई.) में भारतीयों की पराजय के साथ ही विदेशी शासन को मजबूती मिली। साथ ही आधुनिकता की चेतना का भी विकास हुआ। ईसाई पादरियों के प्रलोभनवश धर्म-परिवर्तन किया गया। अंग्रेज़ी भाषा तथा साहित्य को महान बताकर अंग्रेजों ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत को खोखला और दकियानूसी ठहराया। भारतीयों के मन में भारतीय संस्कृति के प्रति हीन-भावना को उत्पन्न किया गया।<ref>डॉ. नगेन्द्र(सं.)-भारतीय साहित्य का समेकित इतिहास, हिन्दी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय: 2013, पृ.360</ref> सन् 1800 ई. को कोलकाता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की गई। 1825 ई. को दिल्ली में ओल्ड दिल्ली कॉलेज, 1864 को लाहौर में ओरिएंटल कॉलेज आदि शैक्षिक संस्थाएँ स्थापित की गईं। इन संस्थानों में मिलने वाली पाश्चात्य शिक्षा से भारतीयों की चेतना अत्यधिक प्रभावित हुई, जिससे नवजागरण को दिशा मिली। 1820 में आई नई शिक्षा-पद्धति ने जिस चेतना का विकास किया उसके कारण प्राचीन रूढ़ियों तथा परंपराओं को तोड़ा गया। पत्र-पत्रिकाओं के द्वारा लेखकों ने पाठकों को देश-दशा से परिचित कराया तथा स्त्री शिक्षा पर भी जोर दिया। नवजागरण के कारणों का उल्लेख करते हुए शांतिस्वरूप गुप्त अपने लेख-'साहित्यिक पुनर्जागरण' में लिखते हैं कि- "...नवजागरण का कारण केवल अँग्रेज़ी शिक्षा, साहित्य और पाश्चात्य विचारधारा न थे, जनता का दुःख-दर्द और उसकी पीड़ा से क्षुब्ध साहित्यकार भी थे जिन्होंने प्रलोभन ठुकराकर, आतंक से अडिग रह देश और जनता की वेदना को वाणी दी और उससे मुक्त होने के उपाय भी बताए।"<ref>डॉ. नगेन्द्र(सं.)-भारतीय साहित्य का समेकित इतिहास, हिन्दी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय: 2013, पृ.361</ref> नवजागरण की चेतना के प्रभाववश विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार की बात की गई। सरकार, कचहरी, प्रेस-एक्ट की निंदा की गई। परंपरागत काव्य-रूढ़ियों, विषयों, काव्य-भाषा को छोड़कर नए विषयों को अपनाया गया। नवजागरण की लहर बंगाल में 1850 तथा कश्मीर में 1930 के आसपास देखने को मिलती है। असमी तथा कन्नड़ में नवजागरण की प्रवृत्ति बांग्ला साहित्य के माध्यम से आई थी। मलयालम काव्य में रूढ़िवाद और कल्पनाशून्यता के विरोध में ए.आर.राजवर्मा ने आंदोलन प्रारंभ किया। उड़िया में राधानाथ राय ने अपनी रचनाओं में तत्कालीन सामाजिक, राजनीतिक स्थिति तथा समस्याओं पर लिखकर जन चेतना को जगाने का काम किया। भारतीय नवजागरण का सशक्त स्वर कहे जाने वाले सुब्रह्मण्यम भारती ने तमिल में आधुनिक चेतना का प्रसार किया। तेलुगु में कंदुकूरी वीरेशलिंगम पंतुलु ने काव्य को सौंदर्यानुभूति तथा आनंद की वस्तु मानने के बजाय उसे सामाजिक-राजनीतिक बुराइयों के उन्मूलन का साधन माना। == हिन्दी नवजागरण == हिन्दी नवजागरण के संदर्भ में रामविलास शर्मा अपनी पुस्तक 'महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण' में विस्तार से चर्चा करते हैं। वे मानते हैं कि ‘हिन्दी प्रदेश में नवजागरण 1857 ई. के स्वाधीनता-संग्राम से शुरू होता है। गदर, सन् 57 का स्वाधीनता-संग्राम, हिन्दी प्रदेश के नवजागरण की पहली मंज़िल है। दूसरी मंज़िल भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का युग है। ‘हिन्दी नवजागरण का तीसरा चरण महावीर प्रसाद द्विवेदी और उनके सहयोगियों का कार्यकाल है।’<ref>रामविलास शर्मा-महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण, राजकमल प्रकाशनःनई दिल्ली-2015, पृ. 15</ref> हिन्दी साहित्य में नवजागरण पहले गद्य तत्पश्चात् पद्य में देखने को मिलता है। जुलाई 1857 ई. को 'फतहे इस्लाम' नाम से अवध में एक इश्तहार निकाला गया, जिसमें विभिन्न स्थानों के सिपाहियों से एकजुट होकर लड़ने तथा मिलकर अंग्रेज सिपाहियों को देश से बाहर निकालने की बात कही गई। नवंबर 1858 में अंग्रेजों ने जिस घोषणापत्र का जिक्र किया उसके प्रति भारतीय जनता को सचेत करते हुए अवध की बेगम ने कहा कि- "रानी के कानून वही हैं जो कंपनी के थे।"<ref>रामविलास शर्मा-भारतेन्दु हरिश्चन्द्र और हिन्दी नवजागरण की समस्याएँ, राजकमल प्रकाशनःनई दिल्ली-2014, पृ. 15</ref> === भारतेंदु युगीन हिन्दी नवजागरण === भारतेंदु युग वस्तुतः हर क्षेत्र में पुनर्जागरण का युग है। हिन्दी क्षेत्र में इस दौर के रचनाकारों ने स्वचेतना को जागृत किया तथा अपने समय और देश की सामाजिक-सांस्कृतिक परिस्थितियों के प्रति लोगों का ध्यान केन्द्रित किया। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा किये जा रहे शोषण का दबे स्वर में विरोध किया। भारतेंदुयुगीन पत्र-पत्रिकाएँ इसका सशक्त उदाहरण हैं जैसे- भारतेंदु हरिश्चंद्र की 'कविवचनसुधा', 'बालाबोधिनी', बालकृष्ण भट्ट की 'हिन्दी प्रदीप', प्रतापनारायण मिश्र की 'ब्राह्मण' तथा 'सारसुधानिधि' इत्यादि। अंग्रेज़ी शिक्षा के माध्यम से भारतजन अपने ऊपर हो रहे अत्याचार तथा शोषण से परिचित हुए तथा उसका विरोध किया। इस संबंध में भारतेंदु की मुकरी उल्लेखनीय है- <poem>"भीतर-भीतर सब रस चूसै हँसि-हँसि कै तन-मन-धन मूसै। ज़ाहिर बातन में अति तेज कौ सखि साजन? नहिं अँग्रेज।"<ref>डॉ. नगेन्द्र(सं.)-भारतीय साहित्य का समेकित इतिहास, हिन्दी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय: 2013, पृ.361</ref> </poem> भारतेंदु ने अंग्रेज़ी राज में भारत के आर्थिक हृास को विश्लेषित किया। उन्होंने 16 फरवरी 1874 की कविवचनसुधा के माध्यम से यह दर्शाने का प्रयास किया कि- आर्थिक तथा सांस्कृतिक विकास के लिए भारत की स्वंतत्रता आवश्यक है। === द्विवेदी युगीन हिन्दी नवजागरण === हिन्दी नवजागरण को रामविलास शर्मा अपनी पुस्तक ‘महावीरप्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण’ में तीन चरणों में बाँटते हैं जिसका तीसरा चरण द्विवेदी युगीन है। वे हिन्दी नवजागरण की शुरुआत 1857 के स्वाधीनता संग्राम से मानते हैं। == सन्दर्भ == {{टिप्पणीसूची}} tbqng55a1cyznty1he5885erqsuask9 भाषा विज्ञान और हिंदी भाषा/संसार की भाषाओं का वर्गीकरण 0 5804 78776 75285 2022-08-19T08:16:13Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} == संसार की भाषाओं का वर्गीकरण == संसार में जितनी भाषाएँ बोली जाती हैं उनकी निश्चित संख्या ज्ञात नहीं हैं, किन्तु अनुमान किया जाता है कि 3,000 के लगभग भाषाएँ हैं। वस्तुतः भाषाओं की निश्चित संख्या बताना असंभव है, क्योंकि यह वही बता सकता है जो सारी भाषाओं को जानता हो और एक भाषा से दूसरी भाषा के अन्तर से परिचित हो। वर्गीकरण से किसी वस्तु के अध्ययन में सहायता मिलती है। संसार की भाषाओं के वर्गीकरण के कई आधार हो सकते हैं, किन्तु भाषा-विज्ञान की दृष्टि से दो ही आधार माने गये हैं: 1. आकृतिमूलक और 2. पारिवारिक। === आकृतिमूलक वर्गीकरण === आकृतिमूलक वर्गीकरण का सम्बन्ध अर्थ से नहीं होता; उसका सम्बन्ध शब्द की केवल बाह्म आकृति या रूप या रचना-प्रणाली से होता है। इसलिए इस वर्गीकरण में उन भाषाओं को एक साथ रखा जाता है जिनके पदों या वाक्यों की रचना का ढंग एक होता है। पद या वाक्य की रचना को ध्यान में रखकर इस वर्गीकरण को पदात्मक या वाक्यात्मक भी कहते है। अंग्रेजी में इसे "morphological" कहते हैं। आकृतिमूलक के दो प्रमुख भेद हैं: 1. अयोगात्मक और 2. योगात्मक। === अयोगात्मक === अयोगात्मक भाषा उसे कहते हैं जिसमें प्रकृति-प्रत्यय जैसी कोई चीज़ नहीं होती है और न शब्दों में कोई परिवर्तन होता है। प्रत्येक शब्द की स्वतंत्र सत्ता होती है और वाक्य में प्रयुक्त होने पर भी वह सत्ता ज्यों-की-त्यों रहती है। इसलिए इस वर्ग की भाषा में शब्दों का व्याकरणिक विभाजन नहीं होता अर्थात् संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रियाविशेषण, आदि कोटियाँ नहीं होती। उदाहरण: : '''Ram beats Shyam.<br/>Shyam beats Ram.''' इन दोनों वाक्यों के शब्दों में कोई अंतर नहीं है; केवल स्थान बदल दिया गया है। पहले वाक्य में "Ram" कर्ता और "Shyam" कर्म है, मगर दूसरे वाक्य में केवल स्थान बदल जाने से ही "Shyam" कर्ता और "Ram" कर्म हो गया है। === योगात्मक === योगात्मक शब्द से स्पष्ट है, इस वर्ग की भाषाओं में प्रकृति-प्रत्यय के योग से शब्दों की निष्पति होती है। योगात्मक के तीन प्रमुख भेद हैं: # अश्लिष्ट योगात्मक # श्लिष्ट योगात्मक # प्रश्लिष्ट योगात्मक # '''अश्लिष्ट योगात्मक''': अश्लिष्ट योगात्मक भाषाओं में अर्थतत्व के साथ रचनातत्व का योग होता है। इस वर्ग की भाषा तुर्की है। # '''श्लिष्ट योगात्मक''': श्लिष्ट योगात्मक वर्ग में वे भाषाएँ आती हैं जिनमें रचनात्मक के योग से अर्थातत्व वाले अंश में कुछ परिवर्तन हो जाता है, जैसे -- नीति , वेद । # '''प्रश्लिष्ट योगात्मक''': प्रश्लिष्ट योगात्मक भाषा वह है जो जिसमें अर्थातत्व और रचनातत्व का ऐसा मिश्रण हो जाता है कि उनका पृथक्करण सम्भव नहीं होता। इस वर्ग की भाषाओं में अनेक अर्थतत्वों का थोड़ा-थोड़ा अंश काटकर एक शब्द बन जाता है। जैसे "जिगमिषति" = "वह जाना चाहता है"। === सन्दर्भ === # भाषाविज्ञान की भूमिका &mdash; आचार्य देवेंद्रनाथ शर्मा। दीपि्त शर्मा। पृष्ठ: 93-104 ===पारिवारिक वर्गीकरण === भाषाओं का एक अन्तरंग सम्बन्ध भी है जो केवल बाह्म रचना तक ही सीमित नहीं , बलि्क अर्थ को आधार बनाकर चलता है। जिस प्रकार एक पूवज से उत्पन सभी मनुष्य एक गोत्र के माने जाते हैं, उसी प्रकार एक भाषा से कालान्तर में अनेक सगोत्र भाषाओं की उत्पति भी होती है जो एक परिवार में रखी जाती हैं। अत: यहाँ उत्पति का अर्थ सहसा आविभाव नहीं , बलि्क क्रमिक विकास समझना चाहिए । हमने देखा है कि केवल रचनातत्व के आधार पर भाषा का जो वर्गीकरण होता है वह आकृतिमूलक वर्गीकरण है, पर रचनातत्व और अर्थतत्व के समि्मलित आधार पर किया गया वग्रीकरण पारिवारिक वग्रीकरण कहलाता है। भाषाओं के परिवार-निधारण के लिए निम्नलिखित बातों पर विचार करना होता है-- १) ध्वनि ; २) पद-रचना ; ३) वाक्य-रचना ; ४) अर्थ ; ५) शब्द-भण्डार , ६) स्थानिक निकटता । इन छ: आधारों पर भाषाओं की परिक्षण करने पर कहा जा सकता है कि वे एक परिवार की हैं या नहीं। विश्व में जो भाषाएँ अधिकृत रूप से जानी जाती हैं उन्हें मुख्यत: बारह परिवारों में विभाजित किया गया है-- १)''' सेमेटिक कुल''' :--- हजरत नोह के सबसे बडे पुत्र 'सैम' के नाम के अनुसार इस परिवार का नामाभिधान हुआ है। इस कुल की भाषाओं का क्षेत्र फिलिस्तीन , अरब, इराक, मध्य एशिया तथा मिस्त्र, इथोपिया, अल्जीरिया, मोरोक्को तक माना जाता है। यहूदियों की प्राचीन भाषा हिब्रू तथा अरबी इसी परिवार की भाषाएँ हैं। २)''' हेमेटिक परिवार''' :--- हामी परिवार को ही हेमेटिक परिवार कहा जाता है। इस परिवार की प्रमुख भाषाओं में कुशीन , लीबीयन , सोमाली तथा हौंसा आदि ३)''' तिब्बती- चीनी कुल''' :--- नाम से ही स्पष्ट है कि तिब्बत तथा चीन में इसकी प्रधानता है। जापान को छोडकर अन्य सभी बौध्य धर्मावलम्बी देश-तिब्बत , चीन , ब्रह्मदेश , स्याम में इस परिवार की भाषाएँ बोली जाती है। ४)''' युराल-अल्ताई परिवार''':--- इस भाषा परिवार का लोगों के युराल तथा अल्ताई पवतों में निवास करने के कारण यह नामाभिधान हुआ है। इस परिवार की भाषाएँ चीन के उत्तर में मंचूरिया, मंगोलिया, साइबेरिया आदि तुर्की, तातारी,मंचू, मंगोली, किरगिज प्रमुख भाषाएँ हैं। ५)''' द्रविड परिवार''':--- द्रविड जाति द्दारा बोली जाने वाली समस्त भाषाओं का सामूहिक नाम द्रविड परिवार है। इस कुल की भाषाएँ बोलने वाले मुख्य रूप से दक्षिण भारत तथा लक्षद्दीप के निवासी हैं। इस कुल की मुख्य भाषाएँ -- तमिल , मलायाम , तेलुगु तथा कन्नड । ६)''' आस्टोनेशिया कुल''' :--- इस परिवार की प्रमुख भाषाओं में इंडोनेशिया की मलय, फिजी की फिजीयन, जावा की जावानीज तथा न्यूजीलैण्ड की मओरी आदि। ७)''' बाँटु परिवार''' :--- बाँटु का अर्थ - मनुष्य ।' बाँटु ' अफ्रिका खण्ड का भाषा परिवार है। इस परिवार की मुख्य भाषाओं में जुलु, काफिर , सेंसतों, स्वाहिलि आदि । ८)''' काकेशीय कुल''' :--- कैसि्पयन सागर के मध्य काकेशस पहाड के निकटवर्ती प्रदेश इस कुल की भाषाएँ हैं। मुख्य भाषा -- जार्जियन । ९)''' अमेरिकी भाषा-परिवार''' :--- यह उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका के मूल निवासियों की करिब चार सौ भाषाएँ आती हैं, कुकूचुला और गुअर्नी प्रमुख हैं। १०)''' फिनी उग्रिक कुल''' :--- यह क्षेत्र हंगेरी , फिनलैण्ड , एस्थोनिया , लेयलैण्ड आदि प्रमुख भाषाएँ फिनी , हंगोरियन हैं। ११)''' एसि्कमो भाषा कुल''' :--- ग्रीनलैण्ड तथा एलुशियन द्दीपमाला का प्रदेश आते है। जिसका सम्बन्ध उत्तरी अमेरिका से जुडा है। १२)''' भारोपीय परिवार''' :--- यह परिवार भारत से यूरोप तक फैला है। इसलिए इसे भारोपीय, परिवार कहा गया है। इस परिवार को ' आर्य परिवार ' तथा ' इण्डो-यूरोपियन ' परिवार के नामों से भी जाना जाता है। यह परिवार विश्व के सभी भाषा-परिवारों से अधिक बडा होने के साथ अत्यन्त समृध्द एवं उन्नत मानी जाती हैं। समस्त यूरोप , अफगानिस्तान , ईरान , नेपाल , रूष तथा दक्षिण भारत को छोडकर शेष सभी भारतवर्ष में बोली जाती हैं। ग्रीक , अवस्ता, लैटिन , पाली, संस्कृत आदि प्रसिध्द भाषाएँ इस परिवार की हैं। भारोपिय परिवार दो परिवारो में विभाजित हैं, केन्टुम और शतम् । ===संदर्भ=== १. भाषाविज्ञान की भूमिका --- आचार्य देवेन्द्रनाथ शर्मा । दीपि्त शर्मा । पृष्ठ - १०५,१०६ २. प्रयोजनमूलक हिन्दी: सिध्दान्त और प्रयोग --- दंगल झाल्टे । वाणी प्रकाशन, आवृति--२०१८, पृष्ठ -- १७,१८ egm8iw3vhehfe1n5dvfq5d2goziff3b 78777 78776 2022-08-19T08:16:46Z Saurmandal 13452 /* योगात्मक */ wikitext text/x-wiki {{BookCat}} == संसार की भाषाओं का वर्गीकरण == संसार में जितनी भाषाएँ बोली जाती हैं उनकी निश्चित संख्या ज्ञात नहीं हैं, किन्तु अनुमान किया जाता है कि 3,000 के लगभग भाषाएँ हैं। वस्तुतः भाषाओं की निश्चित संख्या बताना असंभव है, क्योंकि यह वही बता सकता है जो सारी भाषाओं को जानता हो और एक भाषा से दूसरी भाषा के अन्तर से परिचित हो। वर्गीकरण से किसी वस्तु के अध्ययन में सहायता मिलती है। संसार की भाषाओं के वर्गीकरण के कई आधार हो सकते हैं, किन्तु भाषा-विज्ञान की दृष्टि से दो ही आधार माने गये हैं: 1. आकृतिमूलक और 2. पारिवारिक। === आकृतिमूलक वर्गीकरण === आकृतिमूलक वर्गीकरण का सम्बन्ध अर्थ से नहीं होता; उसका सम्बन्ध शब्द की केवल बाह्म आकृति या रूप या रचना-प्रणाली से होता है। इसलिए इस वर्गीकरण में उन भाषाओं को एक साथ रखा जाता है जिनके पदों या वाक्यों की रचना का ढंग एक होता है। पद या वाक्य की रचना को ध्यान में रखकर इस वर्गीकरण को पदात्मक या वाक्यात्मक भी कहते है। अंग्रेजी में इसे "morphological" कहते हैं। आकृतिमूलक के दो प्रमुख भेद हैं: 1. अयोगात्मक और 2. योगात्मक। === अयोगात्मक === अयोगात्मक भाषा उसे कहते हैं जिसमें प्रकृति-प्रत्यय जैसी कोई चीज़ नहीं होती है और न शब्दों में कोई परिवर्तन होता है। प्रत्येक शब्द की स्वतंत्र सत्ता होती है और वाक्य में प्रयुक्त होने पर भी वह सत्ता ज्यों-की-त्यों रहती है। इसलिए इस वर्ग की भाषा में शब्दों का व्याकरणिक विभाजन नहीं होता अर्थात् संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रियाविशेषण, आदि कोटियाँ नहीं होती। उदाहरण: : '''Ram beats Shyam.<br/>Shyam beats Ram.''' इन दोनों वाक्यों के शब्दों में कोई अंतर नहीं है; केवल स्थान बदल दिया गया है। पहले वाक्य में "Ram" कर्ता और "Shyam" कर्म है, मगर दूसरे वाक्य में केवल स्थान बदल जाने से ही "Shyam" कर्ता और "Ram" कर्म हो गया है। === योगात्मक === योगात्मक शब्द से स्पष्ट है, इस वर्ग की भाषाओं में प्रकृति-प्रत्यय के योग से शब्दों की निष्पति होती है। योगात्मक के तीन प्रमुख भेद हैं: * अश्लिष्ट योगात्मक * श्लिष्ट योगात्मक * प्रश्लिष्ट योगात्मक इन्हें विस्तार में देखते हैं: # '''अश्लिष्ट योगात्मक''': अश्लिष्ट योगात्मक भाषाओं में अर्थतत्व के साथ रचनातत्व का योग होता है। इस वर्ग की भाषा तुर्की है। # '''श्लिष्ट योगात्मक''': श्लिष्ट योगात्मक वर्ग में वे भाषाएँ आती हैं जिनमें रचनात्मक के योग से अर्थातत्व वाले अंश में कुछ परिवर्तन हो जाता है, जैसे -- नीति , वेद । # '''प्रश्लिष्ट योगात्मक''': प्रश्लिष्ट योगात्मक भाषा वह है जो जिसमें अर्थातत्व और रचनातत्व का ऐसा मिश्रण हो जाता है कि उनका पृथक्करण सम्भव नहीं होता। इस वर्ग की भाषाओं में अनेक अर्थतत्वों का थोड़ा-थोड़ा अंश काटकर एक शब्द बन जाता है। जैसे "जिगमिषति" = "वह जाना चाहता है"। === सन्दर्भ === # भाषाविज्ञान की भूमिका &mdash; आचार्य देवेंद्रनाथ शर्मा। दीपि्त शर्मा। पृष्ठ: 93-104 ===पारिवारिक वर्गीकरण === भाषाओं का एक अन्तरंग सम्बन्ध भी है जो केवल बाह्म रचना तक ही सीमित नहीं , बलि्क अर्थ को आधार बनाकर चलता है। जिस प्रकार एक पूवज से उत्पन सभी मनुष्य एक गोत्र के माने जाते हैं, उसी प्रकार एक भाषा से कालान्तर में अनेक सगोत्र भाषाओं की उत्पति भी होती है जो एक परिवार में रखी जाती हैं। अत: यहाँ उत्पति का अर्थ सहसा आविभाव नहीं , बलि्क क्रमिक विकास समझना चाहिए । हमने देखा है कि केवल रचनातत्व के आधार पर भाषा का जो वर्गीकरण होता है वह आकृतिमूलक वर्गीकरण है, पर रचनातत्व और अर्थतत्व के समि्मलित आधार पर किया गया वग्रीकरण पारिवारिक वग्रीकरण कहलाता है। भाषाओं के परिवार-निधारण के लिए निम्नलिखित बातों पर विचार करना होता है-- १) ध्वनि ; २) पद-रचना ; ३) वाक्य-रचना ; ४) अर्थ ; ५) शब्द-भण्डार , ६) स्थानिक निकटता । इन छ: आधारों पर भाषाओं की परिक्षण करने पर कहा जा सकता है कि वे एक परिवार की हैं या नहीं। विश्व में जो भाषाएँ अधिकृत रूप से जानी जाती हैं उन्हें मुख्यत: बारह परिवारों में विभाजित किया गया है-- १)''' सेमेटिक कुल''' :--- हजरत नोह के सबसे बडे पुत्र 'सैम' के नाम के अनुसार इस परिवार का नामाभिधान हुआ है। इस कुल की भाषाओं का क्षेत्र फिलिस्तीन , अरब, इराक, मध्य एशिया तथा मिस्त्र, इथोपिया, अल्जीरिया, मोरोक्को तक माना जाता है। यहूदियों की प्राचीन भाषा हिब्रू तथा अरबी इसी परिवार की भाषाएँ हैं। २)''' हेमेटिक परिवार''' :--- हामी परिवार को ही हेमेटिक परिवार कहा जाता है। इस परिवार की प्रमुख भाषाओं में कुशीन , लीबीयन , सोमाली तथा हौंसा आदि ३)''' तिब्बती- चीनी कुल''' :--- नाम से ही स्पष्ट है कि तिब्बत तथा चीन में इसकी प्रधानता है। जापान को छोडकर अन्य सभी बौध्य धर्मावलम्बी देश-तिब्बत , चीन , ब्रह्मदेश , स्याम में इस परिवार की भाषाएँ बोली जाती है। ४)''' युराल-अल्ताई परिवार''':--- इस भाषा परिवार का लोगों के युराल तथा अल्ताई पवतों में निवास करने के कारण यह नामाभिधान हुआ है। इस परिवार की भाषाएँ चीन के उत्तर में मंचूरिया, मंगोलिया, साइबेरिया आदि तुर्की, तातारी,मंचू, मंगोली, किरगिज प्रमुख भाषाएँ हैं। ५)''' द्रविड परिवार''':--- द्रविड जाति द्दारा बोली जाने वाली समस्त भाषाओं का सामूहिक नाम द्रविड परिवार है। इस कुल की भाषाएँ बोलने वाले मुख्य रूप से दक्षिण भारत तथा लक्षद्दीप के निवासी हैं। इस कुल की मुख्य भाषाएँ -- तमिल , मलायाम , तेलुगु तथा कन्नड । ६)''' आस्टोनेशिया कुल''' :--- इस परिवार की प्रमुख भाषाओं में इंडोनेशिया की मलय, फिजी की फिजीयन, जावा की जावानीज तथा न्यूजीलैण्ड की मओरी आदि। ७)''' बाँटु परिवार''' :--- बाँटु का अर्थ - मनुष्य ।' बाँटु ' अफ्रिका खण्ड का भाषा परिवार है। इस परिवार की मुख्य भाषाओं में जुलु, काफिर , सेंसतों, स्वाहिलि आदि । ८)''' काकेशीय कुल''' :--- कैसि्पयन सागर के मध्य काकेशस पहाड के निकटवर्ती प्रदेश इस कुल की भाषाएँ हैं। मुख्य भाषा -- जार्जियन । ९)''' अमेरिकी भाषा-परिवार''' :--- यह उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका के मूल निवासियों की करिब चार सौ भाषाएँ आती हैं, कुकूचुला और गुअर्नी प्रमुख हैं। १०)''' फिनी उग्रिक कुल''' :--- यह क्षेत्र हंगेरी , फिनलैण्ड , एस्थोनिया , लेयलैण्ड आदि प्रमुख भाषाएँ फिनी , हंगोरियन हैं। ११)''' एसि्कमो भाषा कुल''' :--- ग्रीनलैण्ड तथा एलुशियन द्दीपमाला का प्रदेश आते है। जिसका सम्बन्ध उत्तरी अमेरिका से जुडा है। १२)''' भारोपीय परिवार''' :--- यह परिवार भारत से यूरोप तक फैला है। इसलिए इसे भारोपीय, परिवार कहा गया है। इस परिवार को ' आर्य परिवार ' तथा ' इण्डो-यूरोपियन ' परिवार के नामों से भी जाना जाता है। यह परिवार विश्व के सभी भाषा-परिवारों से अधिक बडा होने के साथ अत्यन्त समृध्द एवं उन्नत मानी जाती हैं। समस्त यूरोप , अफगानिस्तान , ईरान , नेपाल , रूष तथा दक्षिण भारत को छोडकर शेष सभी भारतवर्ष में बोली जाती हैं। ग्रीक , अवस्ता, लैटिन , पाली, संस्कृत आदि प्रसिध्द भाषाएँ इस परिवार की हैं। भारोपिय परिवार दो परिवारो में विभाजित हैं, केन्टुम और शतम् । ===संदर्भ=== १. भाषाविज्ञान की भूमिका --- आचार्य देवेन्द्रनाथ शर्मा । दीपि्त शर्मा । पृष्ठ - १०५,१०६ २. प्रयोजनमूलक हिन्दी: सिध्दान्त और प्रयोग --- दंगल झाल्टे । वाणी प्रकाशन, आवृति--२०१८, पृष्ठ -- १७,१८ skd4dl3cfo6bcoka5mrumd6vlj92uu6 78778 78777 2022-08-19T08:31:21Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} संसार में जितनी भाषाएँ बोली जाती हैं उनकी निश्चित संख्या ज्ञात नहीं हैं, किन्तु अनुमान किया जाता है कि 3,000 के लगभग भाषाएँ हैं। वस्तुतः भाषाओं की निश्चित संख्या बताना असंभव है, क्योंकि यह वही बता सकता है जो सारी भाषाओं को जानता हो और एक भाषा से दूसरी भाषा के अन्तर से परिचित हो। वर्गीकरण से किसी वस्तु के अध्ययन में सहायता मिलती है। संसार की भाषाओं के वर्गीकरण के कई आधार हो सकते हैं, किन्तु भाषा-विज्ञान की दृष्टि से दो ही आधार माने गये हैं: 1. आकृतिमूलक और 2. पारिवारिक। == आकृतिमूलक वर्गीकरण == आकृतिमूलक वर्गीकरण का सम्बन्ध अर्थ से नहीं होता; उसका सम्बन्ध शब्द की केवल बाह्म आकृति या रूप या रचना-प्रणाली से होता है। इसलिए इस वर्गीकरण में उन भाषाओं को एक साथ रखा जाता है जिनके पदों या वाक्यों की रचना का ढंग एक होता है। पद या वाक्य की रचना को ध्यान में रखकर इस वर्गीकरण को पदात्मक या वाक्यात्मक भी कहते है। अंग्रेजी में इसे "morphological" कहते हैं। आकृतिमूलक के दो प्रमुख भेद हैं: 1. अयोगात्मक और 2. योगात्मक। === अयोगात्मक === अयोगात्मक भाषा उसे कहते हैं जिसमें प्रकृति-प्रत्यय जैसी कोई चीज़ नहीं होती है और न शब्दों में कोई परिवर्तन होता है। प्रत्येक शब्द की स्वतंत्र सत्ता होती है और वाक्य में प्रयुक्त होने पर भी वह सत्ता ज्यों-की-त्यों रहती है। इसलिए इस वर्ग की भाषा में शब्दों का व्याकरणिक विभाजन नहीं होता अर्थात् संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रियाविशेषण, आदि कोटियाँ नहीं होती। उदाहरण: : '''Ram beats Shyam.<br/>Shyam beats Ram.''' इन दोनों वाक्यों के शब्दों में कोई अंतर नहीं है; केवल स्थान बदल दिया गया है। पहले वाक्य में "Ram" कर्ता और "Shyam" कर्म है, मगर दूसरे वाक्य में केवल स्थान बदल जाने से ही "Shyam" कर्ता और "Ram" कर्म हो गया है। === योगात्मक === योगात्मक शब्द से स्पष्ट है, इस वर्ग की भाषाओं में प्रकृति-प्रत्यय के योग से शब्दों की निष्पति होती है। योगात्मक के तीन प्रमुख भेद हैं: * अश्लिष्ट योगात्मक * श्लिष्ट योगात्मक * प्रश्लिष्ट योगात्मक इन्हें विस्तार में देखते हैं: # '''अश्लिष्ट योगात्मक''': अश्लिष्ट योगात्मक भाषाओं में अर्थतत्व के साथ रचनातत्व का योग होता है। इस वर्ग की भाषा तुर्की है। # '''श्लिष्ट योगात्मक''': श्लिष्ट योगात्मक वर्ग में वे भाषाएँ आती हैं जिनमें रचनात्मक के योग से अर्थातत्व वाले अंश में कुछ परिवर्तन हो जाता है, जैसे: "नीति", "वेद"। # '''प्रश्लिष्ट योगात्मक''': प्रश्लिष्ट योगात्मक भाषा वह है जो जिसमें अर्थातत्व और रचनातत्व का ऐसा मिश्रण हो जाता है कि उनका पृथक्करण सम्भव नहीं होता। इस वर्ग की भाषाओं में अनेक अर्थतत्वों का थोड़ा-थोड़ा अंश काटकर एक शब्द बन जाता है। जैसे "जिगमिषति" = "वह जाना चाहता है"। === सन्दर्भ === # भाषाविज्ञान की भूमिका &mdash; आचार्य देवेंद्रनाथ शर्मा। दीपि्त शर्मा। पृष्ठ: 93-104 == पारिवारिक वर्गीकरण == भाषाओं का एक अंतरंग संबंध भी है जो केवल बाह्म रचना तक ही सीमित नहीं, बल्कि अर्थ को आधार बनाकर चलता है। जिस प्रकार एक पूर्वज से उत्पन्न सभी मनुष्य एक गोत्र के माने जाते हैं, उसी प्रकार एक भाषा से कालांतर में अनेक सगोत्र भाषाओं की उत्पत्ति भी होती है जो एक परिवार में रखी जाती हैं। अतः यहाँ उत्पत्ति का अर्थ सहसा आविर्भाव नहीं, बल्कि क्रमिक विकास समझना चाहिए। हमने देखा है कि केवल रचनातत्व के आधार पर भाषा का जो वर्गीकरण होता है वह आकृतिमूलक वर्गीकरण है, पर रचनातत्व और अर्थतत्व के सम्मिलित आधार पर किया गया वर्गीकरण पारिवारिक वर्गीकरण कहलाता है। भाषाओं के परिवार-निधारण के लिए इन बातों पर विचार करना होता है: (क) ध्वनि; (ख) पद-रचना; (ग) वाक्य-रचना; (घ) अर्थ; (ङ) शब्द-भण्डार; (च) स्थानिक निकटता। इन छः आधारों पर भाषाओं की परिक्षण करने पर कहा जा सकता है कि वे एक परिवार की हैं या नहीं। विश्व में जो भाषाएँ अधिकृत रूप से जानी जाती हैं, उन्हें मुख्यतः बारह परिवारों में विभाजित किया गया है: # '''सेमेटिक कुल''': हजरत नोह के सबसे बड़े पुत्र 'सैम' के नाम के अनुसार इस परिवार का नामाभिधान हुआ है। इस कुल की भाषाओं का क्षेत्र फ़िलिस्तीन, अरब, इराक़, मध्य एशिया तथा मिस्र, इथियोपिया, अल्जीरिया, मोरोक्को तक माना जाता है। यहूदियों की प्राचीन भाषा हिब्रू तथा अरबी इसी परिवार की भाषाएँ हैं। # '''हेमेटिक परिवार''': हामी परिवार को ही हेमेटिक परिवार कहा जाता है। इस परिवार की प्रमुख भाषाओं में कुशीन, लीबीयन, सोमाली तथा हौसा, आदि शामिल हैं। # '''तिब्बती-चीनी कुल''': नाम से ही स्पष्ट है कि तिब्बत तथा चीन में इसकी प्रधानता है। जापान को छोड़कर दूसरे सभी बौध्य धर्मावलम्बी देश: चीन, बर्मा, थाईलैंड में इस परिवार की भाषाएँ बोली जाती है। # '''युराल-अल्ताई परिवार''': इस भाषा परिवार का लोगों के युराल तथा अल्ताई पवतों में निवास करने के कारण यह नामाभिधान हुआ है। इस परिवार की भाषाएँ चीन के उत्तर में मंचूरिया, मंगोलिया, साइबेरिया आदि। तुर्की, तातारी, मंचू, मंगोली, और किर्गिज़, प्रमुख भाषाएँ हैं। # '''द्रविड़ परिवार''': द्रविड़ जाति द्वारा बोली जाने वाली समस्त भाषाओं का सामूहिक नाम द्रविड़ परिवार है। इस कुल की भाषाएँ बोलने वाले मुख्य रूप से दक्षिण भारत तथा लक्षद्वीप के निवासी हैं। इस कुल की मुख्य भाषाएँ &mdash; तमिल, मलयालम , तेलुगु तथा कन्नड़। # '''ऑस्ट्रोनेशियाई कुल''': इस परिवार की प्रमुख भाषाओं में शामिल हैं इंडोनेशिया तथा मलयशिया की मलय, फ़ीजी की फ़ीजीयन, जावा की जावानीज़ तथा न्यू ज़ीलैण्ड की माओरी, आदि। # '''बाँटु परिवार''': बाँटु का अर्थ है "मनुष्य।" 'बाँटु' अफ्रिकी खण्ड का भाषा परिवार है। इस परिवार की मुख्य भाषाओं में ज़ुलु, काफ़िर, सेंसतों, स्वाहिली, आदि। # '''कौकेशीय कुल''': कैस्पियन सागर के मध्य कौकेशस पहाड़ के निकटवर्ती प्रदेश इस कुल की भाषाएँ हैं। इसकी मुख्य भाषा जार्जियन है। # '''अमेरिकी भाषा-परिवार''': इसमें उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका के मूल निवासियों की करीब चार सौ भाषाएँ आती हैं, कुकूचुला और गुअर्नी प्रमुख हैं। # '''फ़िनो-यूग्रिक कुल''': यह क्षेत्र हंगेरी, फिनलैण्ड, एस्टोनिया, लेयलैण्ड आदि प्रमुख भाषाएँ फ़िनिश, हंगोरियन हैं। # '''एस्किमो भाषा कुल''': ग्रीनलैंड तथा एलुशियन द्वीपमाला का प्रदेश आते है। जिसका सम्बन्ध उत्तरी अमेरिका से जड़ा है। # '''हिन्द-यूरोपीय परिवार''': यह परिवार भारत से यूरोप तक फैला है। इसलिए इसे हिन्द-यूरोपीय, परिवार कहा गया है। इस परिवार को 'आर्य परिवार' तथा 'इण्डो-यूरोपियन' परिवार के नामों से भी जाना जाता है। यह परिवार विश्व के सभी भाषा-परिवारों से अधिक बड़ा होने के साथ अत्यंत समृद्ध एवं उन्नत मानी जाती हैं। समस्त यूरोप, अफ़्ग़ानिस्तान, ईरान, नेपाल, रूस तथा दक्षिण भारत को छोड़कर शेष सभी भारतवर्ष में बोली जाती हैं। यूनानी, अवस्ता, लैटिन, पाली, संस्कृत आदि प्रसिद्ध भाषाएँ इस परिवार की हैं। === सन्दर्भ === # भाषाविज्ञान की भूमिका &mdash; आचार्य देवेंद्रनाथ शर्मा। दीपि्त शर्मा। पृष्ठ: 105, 106 # प्रयोजनमूलक हिन्दी: सिद्धांत और प्रयोग &mdash; दंगल झाल्टे। '''वाणी प्रकाशन''', आवृति: 2018, पृष्ठ: 17, 18 1cdb4zdjzkcym0n3mni54ymykx1r9f1 भाषा विज्ञान और हिंदी भाषा/भाषा की विशेषताएँ और प्रवृत्तियाँ 0 5815 78819 75276 2022-08-19T11:26:18Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} भाषा-सम्बन्धी कुछ ऐसी विशेषताएँ और प्रवृतियाँ हैं, जो सभी भाषाओं में समान रूप से पायी जाती हैं। व्याकरण के नियम किसी भाषा-विशेष में लागू होते हैं, किन्तु जिन विशेषताओं और प्रवृत्तियों की चर्चा आगे की जायेगी उनका सम्बन्ध भाषा-मात्र से है। == भाषा सामाजिक वस्तु है == भाषा की उत्पति समाज से होती है और उसका विकास भी समाज में ही होता है। आरम्भिक पाठ माता ही पढाती है, क्योकि जन्म के बाद जितना संबंध उससे होता है,उतना समाज के किसी और प्राणी से नहीं । इसलिए उसके ऋण या अभार को स्वीकार करने के लिए मातृभाषा शब्द का प्रयोग कर दिया जाता है। किन्तु जिस भाषा को वह सिखाती है वह समाज की ही सम्पत्ति है, जिसे स्वयं उसने अपनी माता से प्राप्त करता है। अत: समाज को छोडकर भाषा की कल्पना हो ही नहीं सकती । सच पूछिए तो भाषा की उत्पति प्रधानत: सामाजिकता के निर्वाह के लिए ही हुई है। == भाषा का प्रवाह अविच्छिन है == मनुष्य के समान भाषा की भी धारा सतत प्रवहमान है। जिस प्रकार उदगम-स्थल से लेकर समुद्र-पर्यन्त नदी की धारा अविच्छिन होती है, वह कहीं भी सूखती या टूटती नहीं , उसी प्रकार जब से भाषा आरम्भ हुई तब से आज तक चली आ रही है और जब तक मानव-समाज रहेगा तब तक इसी प्रकार चलती रहेगी । व्यकि्त उसे अर्जित कर सकता है, उसमें थोडा-बहुत परिवर्तन भी कर सकता है, किन्तु न तो उसे उत्पन कर सकता है और न ही समाप्त कर सकता है। == भाषा सर्व-व्यापक है == मनुष्य का समस्त कार्य-कलाप भाषा से परिचालित होता है। व्यकि्त-व्यकि्त का सम्बन्ध या व्यकि्त-समाज का सम्बन्ध भाषा के बिना अक्लपनिय है। संस्कृत के महान भाषाविज्ञानी भर्तृहरि ने कहा है-- संसार में कोई ऐसा प्रत्यय नहीं है जो भाषा के बिना सम्भव हो। == भाषा सम्प्रेषण का मौखिक साधन है == हमने पहले देखा है, सम्प्रेषण के सांकेतिक ,आंगिक , लिखित , आदि अनेक रुप हैं, अर्थात् इनमें से किसी के द्दारा व्यकि्त अपना अभिप्राय दूसरों से प्रकट कर सकता है। यधपि उसके लिखित रूप में आरोह-अवरोह आदि का कोई निर्देश नहीं होता । तो भाषा का सर्वप्रमुख माध्यम यही है कि उसे बोलकर पारस्परिक सम्प्रेषण का काम लिया जाये अर्थात् अपना अभिप्राय दूसरों तक पहुँचाया जाये । == भाषा अर्जित वस्तु है == मनुष्य जिस प्रकार आँख , कान , नाक ,मुँह आदि लेकर उत्पन्न होता है, उसी प्रकार भाषा लेकर नहीं, तात्पर्य कि भाषा जन्मजात वस्तु नहीं है। मनुष्य में पशुओं की अपेक्षा इतनी विलक्षणता और विशिष्टता होती है कि वह भाषा सीख सकता है, पशु नहीं अत: भाषा के अर्जन का अर्थ यही है कि उसे अपने चारों ओर के वातावरण से सीखना पडता है। == भाषा परिवर्तनशील है == सृषि्ट की प्रत्येक वस्तु के समान भाषा भी परिवर्तित होने वाली वस्तु है। किसी देश और किसी युग की भाषा ऐसी नहीं रही जो परिवर्तित न हुई हो। अनुकूल और प्रतिकूल परिसि्थतियों के कारण परिवर्तन में मात्रा का अन्तर भले ही हो, परिवर्तन का क्रम अनिवार्य है। यह परिवर्तन भाषा के सभी तत्वों में पाया जाता है। ध्वनि , शब्द , व्याकरण , अर्थ -- इनमें कोई अपरिवर्तित नहीं रहता , परिवर्तन का क्रम ऐसा है जो चतुर्वेदी और उपाध्याय की ज्ञान-गरिमा को भी कुछ नहीं समझता और उन्हें तोड-मरोड देता है। == प्रत्येक भाषा का ढाँचा स्वतंत्र होता है == प्रत्येक भाषा की बनावट ही नहीं , ढाँचा भी दूसरी भाषा से भिन्न होता है। इसके अनेक कारण हैं, जिनकी चर्चा यहाँ अनपेक्षित है। हिन्दी में दो लिंग हैं, गुजराती में तीन ; हिन्दी में भूतकाल के छ: भेद हैं, रूसी में केवल दो; हिन्दी में दो वचन हैं, संस्कृत में तीन । कुछ भाषाओं में कुछ ध्वनियों का संयोग सम्भव है, पर दूसरी भाषाओं में नहीं । उदाहरणार्थ , अंग्रेजी में स्, ट्, र, जैसे स्टेटा, स्ट्रीट आदि पर जापानी में सम्भव नहीं । रूसी भाषा में "ह" नहीं होता, "ख" होता है, अतः "नेहरू" को "नेख़रू" ही लिख सकते है। == भाषा भौगोलिक रूप से स्थानीयकृत होती है == प्रत्येक भाषा की भौगोलिक सीमा होती है अर्थात एक स्थान से दूसरे स्थान में भेद होना अनिर्वाय है। ' चार कोस पर पानी बदले आठ कोस पर बानी ' वाली कहावत में चरितार्थ है। इसी से भाषा में भाषा या बोली का प्रश्न उठता है। यह भाषा का स्वरूपगत भेद भौगोलिक भेद के आधार पर ही हुआ करता है। == सन्दर्भ == # भाषाविज्ञान की भूमिका &mdash; आचार्य देवेंद्रनाथ शर्मा। दीपि्त शर्मा। पृष्ठ: 38-44 sarf4hy1coygxrynjem6ii49gqibllz 78820 78819 2022-08-19T11:34:07Z Saurmandal 13452 भाषा के बारे में लिख रहे व्यक्ति को भाषा लिखनी ही नहीं आती wikitext text/x-wiki {{BookCat}} भाषा-संबंधी कुछ ऐसी विशेषताएँ और प्रवृत्तियाँ हैं, जो सभी भाषाओं में समान रूप से पायी जाती हैं। व्याकरण के नियम किसी भाषा-विशेष में लागू होते हैं, मगर जिन विशेषताओं और प्रवृत्तियों की चर्चा आगे की जाएगी उनका संबंध भाषा-मात्र से है। == भाषा सामाजिक वस्तु है == भाषा की उत्पत्ति समाज से होती है और उसका विकास भी समाज में ही होता है। प्रारंभिक पाठ माता ही पढ़ाती है, क्योंकि जन्म के बाद जितना संबंध उससे होता है, उतना समाज के किसी और प्राणी से नहीं। इसलिए उसके ऋण या आभार को स्वीकार करने के लिए मातृभाषा शब्द का प्रयोग कर दिया जाता है। किंतु जिस भाषा को वह सिखाती है वह समाज की ही संपत्ति है, जिसे स्वयं उसने अपनी माता से प्राप्त करता है। अतः समाज को छोड़कर भाषा की कल्पना हो ही नहीं सकती। सच पूछिए तो भाषा की उत्पत्ति प्रधानतः सामाजिकता के निर्वाह के लिए ही हुई है। == भाषा का प्रवाह अविच्छिन्न है == मनुष्य के समान भाषा की भी धारा सतत प्रवहमान है। जिस प्रकार उदगम-स्थल से लेकर समुद्र-पर्यंत नदी की धारा अविच्छिन्न होती है, वह कहीं भी सूखती या टूटती नहीं, उसी प्रकार जब से भाषा आरंभ हुई तब से आज तक चली आ रही है और जब तक मानव-समाज रहेगा तब तक इसी प्रकार चलती रहेगी। व्यक्ति उसे अर्जित कर सकता है, उसमें थोडा-बहुत परिवर्तन भी कर सकता है, मगर न तो उसे उत्पन्न कर सकता है और न ही समाप्त कर सकता है। == भाषा सर्व-व्यापक है == मनुष्य का समस्त कार्य-कलाप भाषा से परिचालित होता है। व्यक्ति-व्यक्ति का संबंध या व्यक्ति-समाज का संबंध भाषा के बिना अकल्पनीय है। संस्कृत के महान भाषाविज्ञानी भर्तृहरि ने कहा है, "संसार में कोई ऐसा प्रत्यय नहीं है जो भाषा के बिना संभव हो।" == भाषा संप्रेषण का मौखिक साधन है == हमने पहले देखा है, संप्रेषण के सांकेतिक, आंगिक, लिखित, आदि अनेक रुप हैं, अर्थात् इनमें से किसी के द्दारा व्यक्ति अपना अभिप्राय दूसरों से प्रकट कर सकता है। यद्यपि उसके लिखित रूप में आरोह-अवरोह आदि का कोई निर्देश नहीं होता। तो भाषा का सर्वप्रमुख माध्यम यही है कि उसे बोलकर पारस्परिक संप्रेषण का काम लिया जाए अर्थात् अपना अभिप्राय दूसरों तक पहुँचाया जाए। == भाषा अर्जित वस्तु है == मनुष्य जिस प्रकार आँख, कान, नाक, मुँह आदि लेकर उत्पन्न होता है, उसी प्रकार भाषा लेकर नहीं, तात्पर्य कि भाषा जन्मजात वस्तु नहीं है। मनुष्य में पशुओं की अपेक्षा इतनी विलक्षणता और विशिष्टता होती है कि वह भाषा सीख सकता है, पशु नहीं अतः भाषा के अर्जन का अर्थ यही है कि उसे अपने चारों ओर के वातावरण से सीखना पड़ता है। == भाषा परिवर्तनशील है == सृष्टि की प्रत्येक वस्तु के समान भाषा भी परिवर्तित होने वाली वस्तु है। किसी देश और किसी युग की भाषा ऐसी नहीं रही जो परिवर्तित न हुई हो। अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण परिवर्तन में मात्रा का अंतर भले ही हो, परिवर्तन का क्रम अनिवार्य है। यह परिवर्तन भाषा के सभी तत्वों में पाया जाता है। ध्वनि, शब्द, व्याकरण, अर्थ &mdash; इनमें कोई अपरिवर्तित नहीं रहता, परिवर्तन का क्रम ऐसा है जो चतुर्वेदी और उपाध्याय की ज्ञान-गरिमा को भी कुछ नहीं समझता और उन्हें तोड़-मरोड़ देता है। == प्रत्येक भाषा का ढाँचा स्वतंत्र होता है == प्रत्येक भाषा की बनावट ही नहीं, ढाँचा भी दूसरी भाषा से भिन्न होता है। इसके अनेक कारण हैं, जिनकी चर्चा यहाँ अनपेक्षित है। हिन्दी में दो लिंग हैं, गुजराती में तीन ; हिन्दी में भूतकाल के छः भेद हैं, रूसी में केवल दो; हिन्दी में दो वचन हैं, संस्कृत में तीन। कुछ भाषाओं में कुछ ध्वनियों का संयोग संभव है, पर दूसरी भाषाओं में नहीं। उदाहरणार्थ, अंग्रेजी में स्, ट्, र, जैसे स्टेटा, स्ट्रीट आदि पर जापानी में संभव नहीं। रूसी भाषा में "ह" नहीं होता, "ख" होता है, अतः "नेहरू" को "नेख़रू" ही लिख सकते है। == भाषा भौगोलिक रूप से स्थानीयकृत होती है == प्रत्येक भाषा की भौगोलिक सीमा होती है अर्थात एक स्थान से दूसरे स्थान में भेद होना अनिर्वाय है। 'चार कोस पर पानी बदले आठ कोस पर बानी' वाली कहावत में चरितार्थ है। इसी से भाषा में भाषा या बोली का प्रश्न उठता है। यह भाषा का स्वरूपगत भेद भौगोलिक भेद के आधार पर ही हुआ करता है। == सन्दर्भ == # भाषाविज्ञान की भूमिका &mdash; आचार्य देवेंद्रनाथ शर्मा। दीपि्त शर्मा। पृष्ठ: 38-44 m5q06xxs8ok7ejd6urgefsiugemj9ok भाषा विज्ञान और हिंदी भाषा/भाषा के विकास-सोपान 0 5816 78821 75277 2022-08-19T11:45:22Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} == आंगिक भाषा == विकासवाद के अनुसार मनुष्य भी एक दिन अन्य पशुओं की कोटि का ही जीव थ।, अर्थात् उसकी कोशिशें पशुओं-जैसी ही होती थीं। भाषा नाम की वस्तु उसे उपलब्ध नहीं थी और वह आंगिक कोशिशों या इंगितों की सहायता से अपनी बात अपनी योनि के दूसरे सदस्यों तक पहुँचता था। मनुष्य अपनी प्रारंभिक अवस्था में अन्य पशुओं की अपेक्षा अधिक बुद्धि-संपन्न था, इसमें कोई संदेह नहीं। बंदर आनंद के समय किलकारी भरते हैं, क्रोध के समय किटकिटाते हैं, मनुष्य भी ऐसे कोशिशें करता होगा, क्योंकि तब तक उसमें वाणी का विकास नहीं हुआ था। आंगिक कोशिशें भाव के घातक रहे हैं, क्योंकि वह जीवन-निवाह के सीमित था। == वाचिक भाषा == आंगिक भाषा से आगे बढ़कर वाचिक भाषा तक पहुँचना मानव-इतिहास की क्रांतिकारी उपलब्धि थी। जहाँ आंगिक भाषा इने-गिने स्थूल-इंगितों तक ही सीमित थी, वहाँ वाचिक भाषा भाव और विचार के संप्रेषण की असीम संभावनाओं से संपन्न थी। मनुष्य की वृतियों केवल खाने-पीने तक सीमित नहीं रहीं वह भाषा की सहायता से सूक्ष्म-से सूक्ष्म बातें दूसरों तक पहुँचाने में समर्थ हो गया; उसके चिंतन और विचार की परिधि इतनी विस्तृत हो गई कि उसमें भूगोल, खगोल, सब अँट गए। == लिखित भाषा == साहित्य, विज्ञान, कला के क्षेत्र में मनुष्य की समस्त बौद्धिक उपलब्धियों का सबसे बड़ा आधार लिपि या भाषा का लिखित रूप है। वाचिक भाषा कान की भाषा थी, किंतु लिपि के अविष्कार के बाद आँख की भी एक भाषा बन गयी अब तो लिपि का विकास नेत्र की सीमा पार कर गया और नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि बन गई। लिपि के कारण ही, आज हजारों वर्ष पहले आविभूत व्यास, वाल्मीकि, कालिदास, आदि की रचनाएँ हमें उपलब्ध हैं। किंतु मनुष्य लिपि की इस क्रांतिकारी उपलब्धि से भी तृप्त नहीं हुआ। == यांत्रिक भाषा == लिपि में स्थायित्व भले ही हों, उसकी सबसे बड़ी सीमा यह थी कि भाषा का रूप उसमें निर्जीव हो जाता है। आज बहुत बार यह इच्छा होती है कि कालिदास, विधापति या सूर के मुख से ही हम उनकी कविता का पाठ सुन पाते, किंतु लिपि उनकी वाणी को प्रस्तुत करने में अक्षम है। भाषा की इस निर्जीवता को दूर करने के प्रयास से यांत्रिक भाषा का प्रादुभाव हुआ। आज नाना प्रकार के रिकाडिंग यंत्रों के द्वारा हम किसी की ध्वनि को अनंत काल तक के लिए सुरक्षित रख सकते हैं। महात्मा गाँधी को दिवंगत हुए बावन वर्ष हो गए, किंतु आज भी उनकी वाणी टेपरिकाडर, आदि की सहायता से उसी रूप में हमारे कानों में गूँज उठती है जिस रूप में उनके जीवन-काल में गूँजती थी। == संदर्भ == # भाषाविज्ञान की भूमिका &mdash; आचार्य देवेंद्रनाथ शर्मा। दीप्ति शर्मा। पृष्ठ: 27-30 jf6h7tkofvxn1u43o1jpqg6lhqjf9et भाषा विज्ञान और हिंदी भाषा/भाषा का स्वरूप 0 6222 78774 78489 2022-08-19T08:06:30Z Saurmandal 13452 विकिटेक्स्ट प्रारूपण wikitext text/x-wiki {{BookCat}} == भाषा का स्वरूप == मनुष्य सामाजिक प्राणी है। समाज में रहने के नाते उसे आपस में संवाद के लिए विचार-विनिमय करना पड़ता है। कभी वह शब्दों या वाक्यों द्वारा अपने आपको प्रकट करता है तो कभी सिर हिलाने से उसका काम चल जाता है। समाज के उच्च और शिक्षित वर्ग में लोगों को निमंत्रित करने के लिए निमंत्रण-पत्र छपवाये जाते हैं तो देहात के अनपढ़ और निम्नवर्ग में निमंत्रित करने के लिए हल्दी, सुपारी या इलायची बांटना पर्याप्त समझा जाता है। रेलवे गार्ड और रेल-चालक का विचार-विनिमय झंडियों से होता है, तो बिहारी के पात्र 'भरे भवन में करते हैं नैनन ही सौं बात।' चोर अंधेरे में एक-दूसरे का हाथ छूकर या दबाकर अपने आपको प्रकट कर लिया करते हैं। इसी तरह हाथ से संकेत, करतल-ध्वनि, आँख टेढ़ी करना, मारना या दबाना, गाँसना, मुँह बिचकाना, तथा गहरी साँस लेना, आदि अनेक प्रकार के साधनों से हमारे विचार-विनिमय का काम चलता है। आशय यह कि गंध-इन्द्रिय, स्वाद-इंद्रिय, स्पर्श-इंद्रिय, दृग-इंद्रिय तथा कर्ण-इंद्रिय इन पाँचों ज्ञान-इन्द्रिय में किसी के भी माध्यम से अपनी बात कही जा सकती है। === परिभाषा === भाषा मानव के विचार-विनियम का ही साधन न होकर चिंतन-मनन तथा विचारादि का भी साधन माना जाता है। साधारणतः जिन ध्वनि-चिह्नों के माध्यम से मनुष्य परस्पर विचार-विनियम करता है, उनकी समष्टि को भाषा कहते हैं। 'भाषा' शब्द संस्कृत की भाषा' धातु से बना है जिसका अर्थ है&mdash;"बोलना" अथवा "कहना"। अर्थात जिसे बोला जाए या जिसके दारा कुछ कहा जाए, वह भाषा है। भाषा की अनेक परिभाषाएँ दी गई हैं: # '''प्लेटों के अनुसार''': प्लेटों ने 'सोफिस्ट' में विचार और भाषा के संबंध में लिखते हुए कहा है, "विचार और भाषा में थोड़ा ही अंतर है। 'विचार' आत्मा की मूक या अध्वन्यात्मक बातचीत है, पर वही जब ध्वन्यात्मक होकर होंठों पर प्रकट होती है तो उसे भाषा की संज्ञा देते हैं।" # '''स्वीट के अनुसार''': ध्वन्यात्मक शब्दों द्वारा विचारों को प्रकट करना ही भाषा है। # '''वेंद्रिए के अनुसार''': 'भाषा एक तरह का संकेत है। संकेत से आशय उन प्रतीकों से है जिनके द्वारा मानव अपने विचार दूसरों पर प्रकट करता है। ये प्रतीक कई प्रकार के होते हैं, जैसे- नेत्रग्राह्म, कर्णग्राह्म और स्पर्शग्राह्म। वस्तुतः भाषा की दृष्टि से कर्णग्राह्म प्रतीक ही सर्वश्रेष्ठ है। # '''डॉ. भोलानाथ तिवारी के अनुसार''': "भाषा उच्चारण-अवयवों से उच्चारित मूलतः प्रायः यादृच्छिक ध्वनि-चिह्नों की वह व्यवस्था है, जिसके दारा किसी भाषा-समाज के लोग आपस में विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। # संघटनात्मक भाषाविज्ञान के विचारकों ने भाषा की परिभाषा इस प्रकार दी है, "भाषा यादृच्छिक वाचिक प्रतिकों की वह संघटना है, जिसके माध्यम से एक मानव समुदाय परस्पर व्यवहार करता है। " व्यापक रूप में कहा जाय तो भाषा वह साधन हैं। जिसके माध्यम से हम सोचते हैं तथा विचारों या भावों को अभिव्यक्ति प्रदान करते हैं। साधारणतः भाषा की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं: # भाषा एक सुव्यवस्थित योजना या संघटना है। # भाषा की दूसरी विशेषता है उसकी प्रतीकमयता। # तीसरी विशेषता है-- भाषा मानव समुदाय के परस्पर व्यवहार का महत्वपूर्ण माध्यम है। # भाषा में यादृच्छिक ध्वनि-प्रतीक होते हैं। # भाषा निश्चित प्रयत्न के फलस्वरूप मनुष्य के उच्चारण अवयवों से निकली ध्वनि समष्टि होती है। # भाषा का प्रयोग एक विशिष्ट मनुष्य-वर्ग अथवा मानव समाज में होता है। उसी में वह समझी और बोली जाती है। # भाषा में एक व्यवस्था होती है और व्याकरण में ऐसी व्यवस्था का विश्लेषण रहता है। इस प्रकार, मनुष्य के जीवन में भाषा एक अनिवार्य आवश्यकता के रुप में सर्वोपरी माना जाता है। भाषा का मूल सम्बन्ध बोलने से है और इस दृष्टि से वह मनुष्य जाति से अटूट नाते से जुड़ी हुई है। == सन्दर्भ == # भाषा विज्ञान &mdash; डाँ० भोलानाथ तिवारी। प्रकाशक: '''किताब महल''', पुनर्मुद्रण: 2017 # प्रयोजनमूलक हिन्दी: सिद्धांत और प्रयोग &mdash; दंगल झाल्टे, पृष्ठ: 15, 16 cvc563zjwqiutgpcxt28u3n12p3texi 78775 78774 2022-08-19T08:07:05Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} == भाषा का स्वरूप == मनुष्य सामाजिक प्राणी है। समाज में रहने के नाते उसे आपस में संवाद के लिए विचार-विनिमय करना पड़ता है। कभी वह शब्दों या वाक्यों द्वारा अपने आपको प्रकट करता है तो कभी सिर हिलाने से उसका काम चल जाता है। समाज के उच्च और शिक्षित वर्ग में लोगों को निमंत्रित करने के लिए निमंत्रण-पत्र छपवाये जाते हैं तो देहात के अनपढ़ और निम्नवर्ग में निमंत्रित करने के लिए हल्दी, सुपारी या इलायची बांटना पर्याप्त समझा जाता है। रेलवे गार्ड और रेल-चालक का विचार-विनिमय झंडियों से होता है, तो बिहारी के पात्र 'भरे भवन में करते हैं नैनन ही सौं बात।' चोर अंधेरे में एक-दूसरे का हाथ छूकर या दबाकर अपने आपको प्रकट कर लिया करते हैं। इसी तरह हाथ से संकेत, करतल-ध्वनि, आँख टेढ़ी करना, मारना या दबाना, गाँसना, मुँह बिचकाना, तथा गहरी साँस लेना, आदि अनेक प्रकार के साधनों से हमारे विचार-विनिमय का काम चलता है। आशय यह कि गंध-इन्द्रिय, स्वाद-इंद्रिय, स्पर्श-इंद्रिय, दृग-इंद्रिय तथा कर्ण-इंद्रिय इन पाँचों ज्ञान-इन्द्रिय में किसी के भी माध्यम से अपनी बात कही जा सकती है। === परिभाषा === भाषा मानव के विचार-विनियम का ही साधन न होकर चिंतन-मनन तथा विचारादि का भी साधन माना जाता है। साधारणतः जिन ध्वनि-चिह्नों के माध्यम से मनुष्य परस्पर विचार-विनियम करता है, उनकी समष्टि को भाषा कहते हैं। 'भाषा' शब्द संस्कृत की भाषा' धातु से बना है जिसका अर्थ है&mdash;"बोलना" अथवा "कहना"। अर्थात जिसे बोला जाए या जिसके दारा कुछ कहा जाए, वह भाषा है। भाषा की अनेक परिभाषाएँ दी गई हैं: # '''प्लेटों के अनुसार''': प्लेटों ने 'सोफिस्ट' में विचार और भाषा के संबंध में लिखते हुए कहा है, "विचार और भाषा में थोड़ा ही अंतर है। 'विचार' आत्मा की मूक या अध्वन्यात्मक बातचीत है, पर वही जब ध्वन्यात्मक होकर होंठों पर प्रकट होती है तो उसे भाषा की संज्ञा देते हैं।" # '''स्वीट के अनुसार''': ध्वन्यात्मक शब्दों द्वारा विचारों को प्रकट करना ही भाषा है। # '''वेंद्रिए के अनुसार''': 'भाषा एक तरह का संकेत है। संकेत से आशय उन प्रतीकों से है जिनके द्वारा मानव अपने विचार दूसरों पर प्रकट करता है। ये प्रतीक कई प्रकार के होते हैं, जैसे- नेत्रग्राह्म, कर्णग्राह्म और स्पर्शग्राह्म। वस्तुतः भाषा की दृष्टि से कर्णग्राह्म प्रतीक ही सर्वश्रेष्ठ है। # '''डॉ. भोलानाथ तिवारी के अनुसार''': "भाषा उच्चारण-अवयवों से उच्चारित मूलतः प्रायः यादृच्छिक ध्वनि-चिह्नों की वह व्यवस्था है, जिसके दारा किसी भाषा-समाज के लोग आपस में विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। # संघटनात्मक भाषाविज्ञान के विचारकों ने भाषा की परिभाषा इस प्रकार दी है, "भाषा यादृच्छिक वाचिक प्रतिकों की वह संघटना है, जिसके माध्यम से एक मानव समुदाय परस्पर व्यवहार करता है। " व्यापक रूप में कहा जाय तो भाषा वह साधन हैं। जिसके माध्यम से हम सोचते हैं तथा विचारों या भावों को अभिव्यक्ति प्रदान करते हैं। साधारणतः भाषा की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं: # भाषा एक सुव्यवस्थित योजना या संघटना है। # भाषा की दूसरी विशेषता है उसकी प्रतीकमयता। # तीसरी विशेषता है-- भाषा मानव समुदाय के परस्पर व्यवहार का महत्वपूर्ण माध्यम है। # भाषा में यादृच्छिक ध्वनि-प्रतीक होते हैं। # भाषा निश्चित प्रयत्न के फलस्वरूप मनुष्य के उच्चारण अवयवों से निकली ध्वनि समष्टि होती है। # भाषा का प्रयोग एक विशिष्ट मनुष्य-वर्ग अथवा मानव समाज में होता है। उसी में वह समझी और बोली जाती है। # भाषा में एक व्यवस्था होती है और व्याकरण में ऐसी व्यवस्था का विश्लेषण रहता है। इस प्रकार, मनुष्य के जीवन में भाषा एक अनिवार्य आवश्यकता के रुप में सर्वोपरी माना जाता है। भाषा का मूल सम्बन्ध बोलने से है और इस दृष्टि से वह मनुष्य जाति से अटूट नाते से जुड़ी हुई है। == सन्दर्भ == # भाषा विज्ञान &mdash; डॉ. भोलानाथ तिवारी। प्रकाशक: '''किताब महल''', पुनर्मुद्रण: 2017 # प्रयोजनमूलक हिन्दी: सिद्धांत और प्रयोग &mdash; दंगल झाल्टे, पृष्ठ: 15, 16 j9hv4u2rnt59e9dkzk3xm3r4bipac3z प्रार्थना 0 6444 78731 23696 2022-08-18T16:11:19Z Saurmandal 13452 वर्णमाला wikitext text/x-wiki इस पुस्तक में प्रार्थनाओं को संकलित किया गया हैं। गीतों को मुक्त स्रोत आधारों से प्राप्त किया गया है। == विषय सूची == === संस्कृत === # [[/वर दे, वीणावादिनी वर दे/]] === हिन्दी === # [[/जयति जय जय माँ सरस्वती/]] # [[/इतनी शक्ति हमें देना दाता/]] # [[/ऐ मालिक तेरे बंदे हम/]] # [[/तुम ही हो माता, पिता तुम्हीं हो/]] # [[/तू ही राम है तू रहीम है/]] # [[/दया कर दान विद्या का/]] # [[/मानवता के मनन मन्दिर में/]] # [[/माँ शारदे कहाँ तू/]] # [[/सरस्वती वंदना/]] # [[/हम होंगे कामयाब/]] # [[/हमको मन की शक्ति देना/]] # [[/हर देश में तू, हर भेष में तू/]] # [[/हे प्रभो आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए/]] # [[/हे शारदे माँ/]] # [[/हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी/]] q5nc6ffortib4jm9wa8wc49jorawkyf 78804 78731 2022-08-19T10:58:23Z Saurmandal 13452 /* विषय सूची */ wikitext text/x-wiki इस पुस्तक में प्रार्थनाओं को संकलित किया गया हैं। गीतों को मुक्त स्रोत आधारों से प्राप्त किया गया है। == विषय सूची == === संस्कृत === # [[/वर दे, वीणावादिनी वर दे/]] === हिन्दी === # [[/जयति जय जय माँ सरस्वती/]] # [[/इतनी शक्ति हमें देना दाता/]] # [[/ऐ मालिक तेरे बंदे हम/]] # [[/तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो/]] # [[/तू ही राम है तू रहीम है/]] # [[/दया कर दान विद्या का/]] # [[/मानवता के मनन मन्दिर में/]] # [[/माँ शारदे कहाँ तू/]] # [[/सरस्वती वंदना/]] # [[/हम होंगे कामयाब/]] # [[/हमको मन की शक्ति देना/]] # [[/हर देश में तू, हर भेष में तू/]] # [[/हे प्रभो आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए/]] # [[/हे शारदे माँ/]] # [[/हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी/]] cnfz4wjk9qcxilmzetkgi9cco7k6z2j प्रार्थना/हे शारदे माँ 0 6456 78709 77169 2022-08-18T15:33:07Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki <poem> शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ, हे शारदे माँ॥ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ हे शारदे माँ॥ तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे हम है अकेले, हम है अधूरे तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ॥ मुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी वेदोंकी भाषा, पुराणों की बानी हम भी तो समझे, हम भी तो जाने विद्या का हमको अधिकार दे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ॥ तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे मनसे हमारे मिटाके अँधेरे हमको उजालों का संसार दे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ॥ शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ॥ </poem> otac2pn5zxeotk5mgsux6gaxhvdbara 78816 78709 2022-08-19T11:03:41Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ, हे शारदे माँ॥ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तार दे माँ हे शारदे माँ॥ तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे हम है अकेले, हम है अधूरे तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तार दे माँ॥ मुनियों ने समझी, गुणियों ने जानी वेदों की भाषा, पुराणों की बानी हम भी तो समझे, हम भी तो जाने विद्या का हमको अधिकार दे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तार दे माँ॥ तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे मन से हमारे मिटाके अँधेरे हमको उजालों का संसार दे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तार दे माँ॥ शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तार दे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ॥ </poem> aasx7yfr4nyhy8dk9y4863di8fyloxo प्रार्थना/माँ शारदे कहाँ तू 0 6457 78810 75427 2022-08-19T11:01:33Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> माँ शारदे कहाँ तू, वीणा बजा रही हैं, किस मंजु ज्ञान से तू, जग को लुभा रही हैं ॥ किस भाव में भवानी, तू मग्न हो रही है, विनती नहीं हमारी, क्यों माँ तू सुन रही है । हम दीन बाल कब से, विनती सुना रहें हैं, चरणों में तेरे माता, हम सर झुका रहे हैं । ॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा...॥ अज्ञान तुम हमारा, माँ शीघ्र दूर कर दो, द्रुत ज्ञान शुभ्र हम में, माँ शारदे तू भर दे । बालक सभी जगत के, सूत मात हैं तुम्हारे, प्राणों से प्रिय है हम, तेरे पुत्र सब दुलारे, तेरे पुत्र सब दुलारे । ॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा...॥ हमको दयामयी तू, ले गोद में पढ़ाओ, अमृत जगत का हमको, माँ ज्ञान का पिलाओ । मातेश्वरी तू सुन ले, सुंदर विनय हमारी, करके दया तू हर ले, बाधा जगत की सारी । ॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा...॥ </poem> qz9alk9vg6raezd8rhryrcgf1hlh5oq प्रार्थना/मानवता के मनन मन्दिर में 0 6458 78711 75428 2022-08-18T15:39:00Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} <poem> मानवता के मनन मन्दिर में ज्ञान का दीप जला दो करुना निधान भगवान् मेरे भारत को स्वर्ग बना दो करुना निधान भगवान् मेरे भारत को स्वर्ग बना दो दुःख दरिद्द्रता का नाश करो मानव के कष्ट मिटा दो अमृत की वर्षा बरसाकर भूख की आग मिटा दो खेतों में हरियाली भर दो धान के ढेर लगा दो करुना निधान भगवान् मेरे भारत को स्वर्ग बना दो मानवता के मनन मन्दिर में ज्ञान का दीप जला दो करुना निधान भगवान् मेरे भारत को स्वर्ग बना दो नव प्रभात फिर महक उठे मेरे भारत की फुलवारी सब हो एक समान जगत में कोई न रहे भिखारी एक बार माँ वसुंधरा को नव श्रृंगार करा दो करुना निधान भगवान् मेरे भारत को स्वर्ग बना दो भारत को स्वर्ग बना दो भारत को स्वर्ग बना दो </poem> p3363a1xhjftqynjgycz8ue38eboird 78808 78711 2022-08-19T11:00:41Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> मानवता के मनन मन्दिर में ज्ञान का दीप जला दो करुना निधान भगवान् मेरे भारत को स्वर्ग बना दो करुना निधान भगवान् मेरे भारत को स्वर्ग बना दो दुःख दरिद्द्रता का नाश करो मानव के कष्ट मिटा दो अमृत की वर्षा बरसाकर भूख की आग मिटा दो खेतों में हरियाली भर दो धान के ढेर लगा दो करुना निधान भगवान् मेरे भारत को स्वर्ग बना दो मानवता के मनन मन्दिर में ज्ञान का दीप जला दो करुना निधान भगवान् मेरे भारत को स्वर्ग बना दो नव प्रभात फिर महक उठे मेरे भारत की फुलवारी सब हो एक समान जगत में कोई न रहे भिखारी एक बार माँ वसुंधरा को नव श्रृंगार करा दो करुना निधान भगवान् मेरे भारत को स्वर्ग बना दो भारत को स्वर्ग बना दो भारत को स्वर्ग बना दो </poem> 3e6re4j7580490myzsr5vd251f2qa7n 78809 78808 2022-08-19T11:01:20Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> मानवता के मनन मन्दिर में ज्ञान का दीप जला दो करुणा निधान भगवान मेरे भारत को स्वर्ग बना दो करुणा निधान भगवान मेरे भारत को स्वर्ग बना दो दुःख दरिद्रता का नाश करो मानव के कष्ट मिटा दो अमृत की वर्षा बरसाकर भूख की आग मिटा दो खेतों में हरियाली भर दो धान के ढेर लगा दो करुणा निधान भगवान मेरे भारत को स्वर्ग बना दो मानवता के मनन मन्दिर में ज्ञान का दीप जला दो करुणा निधान भगवान मेरे भारत को स्वर्ग बना दो नव प्रभात फिर महक उठे मेरे भारत की फुलवारी सब हो एक समान जगत में कोई न रहे भिखारी एक बार माँ वसुंधरा को नव शृंगार करा दो करुणा निधान भगवान मेरे भारत को स्वर्ग बना दो भारत को स्वर्ग बना दो भारत को स्वर्ग बना दो </poem> p9vj1p95b5os167lx9n1elb37kni8ld प्रार्थना/ऐ मालिक तेरे बंदे हम 0 6459 78712 75422 2022-08-18T15:40:04Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} <poem> ऐ मालिक तेरे बंदे हम ऐसे हो हमारे करम नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुए निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम... ये अंधेरा घना छा रहा, तेरा इंसान घबरा रहा हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र, सुख का सूरज छिपा जा रहा है तेरी रोशनी में वो दम, तू अमावस को कर दे पूनम नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुए निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम... बड़ा कमजोर है आदमी, अभी लाखों हैं इस में कमी पर तू जो खड़ा, है दयालु बड़ा, तेरी कृपा से धरती थमी दिया तूने हमें जब जनम, तू ही ले लेगा हम सब का ग़म नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुए निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम... जब जुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामना वो बुराई करें, हम भलाई करे, नाहीं बदले की हो भावना बढ़ उठे प्यार का हर कदम, और मिटे बैर का ये भरम नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुये निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम... </poem> t23py3kfe7wevwsrz295lhnzjdeurvd 78798 78712 2022-08-19T10:55:46Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> ऐ मालिक तेरे बंदे हम ऐसे हो हमारे करम नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुए निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम... ये अंधेरा घना छा रहा, तेरा इंसान घबरा रहा हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र, सुख का सूरज छिपा जा रहा है तेरी रोशनी में वो दम, तू अमावस को कर दे पूनम नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुए निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम... बड़ा कमज़ोर है आदमी, अभी लाखों हैं इस में कमी पर तू जो खड़ा, है दयालु बड़ा, तेरी कृपा से धरती थमी दिया तूने हमें जब जनम, तू ही ले लेगा हम सब का ग़म नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुए निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम... जब जुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामना वो बुराई करें, हम भलाई करे, नाहीं बदले की हो भावना बढ़ उठे प्यार का हर कदम, और मिटे बैर का ये भरम नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुये निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम... </poem> 0z84cyh17bs1i9c95zjww1bylpbhp7g 78799 78798 2022-08-19T10:56:05Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> ऐ मालिक तेरे बंदे हम ऐसे हो हमारे करम नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुए निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम... ये अंधेरा घना छा रहा, तेरा इंसान घबरा रहा हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र, सुख का सूरज छिपा जा रहा है तेरी रोशनी में वो दम, तू अमावस को कर दे पूनम नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुए निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम... बड़ा कमज़ोर है आदमी, अभी लाखों हैं इस में कमी पर तू जो खड़ा, है दयालु बड़ा, तेरी कृपा से धरती थमी दिया तूने हमें जब जनम, तू ही ले लेगा हम सब का ग़म नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुए निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम... जब जुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामना वो बुराई करें, हम भलाई करे, न ही बदले की हो भावना बढ़ उठे प्यार का हर कदम, और मिटे बैर का ये भरम नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुये निकले दम ऐ मालिक तेरे बंदे हम... </poem> c3qw1o5hf1adkg70fy7igoq3u5wjbfi प्रार्थना/हम होंगे कामयाब 0 6461 78713 75431 2022-08-18T15:40:38Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} <poem> हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब, एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास हम होंगे कामयाब एक दिन... होगी शांति चारों ओर, होगी शांति चारों ओर होगी शांति चारों ओर, एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास होगी शांति चारों ओर एक दिन... हम चलेंगे साथ-साथ डाल हाथों में हाथ हम चलेंगे साथ-साथ, एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन... नहीं डर किसी का आज नहीं डर किसी का आज, एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास नहीं डर किसी का आज एक दिन... </poem> gjjmqpqj0aifti1k8ogmakhruw601hj 78812 78713 2022-08-19T11:02:02Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब, एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास हम होंगे कामयाब एक दिन... होगी शांति चारों ओर, होगी शांति चारों ओर होगी शांति चारों ओर, एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास होगी शांति चारों ओर एक दिन... हम चलेंगे साथ-साथ डाल हाथों में हाथ हम चलेंगे साथ-साथ, एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन... नहीं डर किसी का आज नहीं डर किसी का आज, एक दिन मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास नहीं डर किसी का आज एक दिन... </poem> 20fwygq53opufomiez7vheccsi8bndy प्रार्थना/तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो 0 6462 78714 75424 2022-08-18T15:42:32Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} <poem> तुम ही हो माता, पिता तुम्हीं हो। तुम ही हो बंधु, सखा तुम्ही हो॥ तुम्हीं हो साथी, तुम्हीं सहारे। कोई न अपना सिवा तुम्हारे॥ तुम्हीं हो नैया, तुम्हीं खेवैया। तुम्हीं हो बंधु सखा तुम्ही हो॥ जो खिल सके न वो फूल हम हैं। तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं॥ दया की दृष्टि सदा ही रखना। तुम ही हो बंधु सखा तुम ही हो॥ </poem> a9p8l853d2jam5707llcihnrfwj8ylv 78715 78714 2022-08-18T15:42:46Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[प्रार्थना/तुम ही हो माता पिता तुम्ही हो]] पृष्ठ [[प्रार्थना/तुम ही हो माता, पिता तुम्हीं हो]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki {{BookCat}} <poem> तुम ही हो माता, पिता तुम्हीं हो। तुम ही हो बंधु, सखा तुम्ही हो॥ तुम्हीं हो साथी, तुम्हीं सहारे। कोई न अपना सिवा तुम्हारे॥ तुम्हीं हो नैया, तुम्हीं खेवैया। तुम्हीं हो बंधु सखा तुम्ही हो॥ जो खिल सके न वो फूल हम हैं। तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं॥ दया की दृष्टि सदा ही रखना। तुम ही हो बंधु सखा तुम ही हो॥ </poem> a9p8l853d2jam5707llcihnrfwj8ylv 78800 78715 2022-08-19T10:57:05Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो। तुम्हीं हो बंधु, सखा तुम्हीं हो॥ तुम्हीं हो साथी, तुम्हीं सहारे। कोई न अपना सिवा तुम्हारे॥ तुम्हीं हो नैया, तुम्हीं खेवैया। तुम्हीं हो बंधु, सखा तुम्ही हो॥ जो खिल सके न वो फूल हम हैं। तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं॥ दया की दृष्टि सदा ही रखना। तुम्हीं हो बंधु, सखा तुम्हीं हो॥ </poem> s0atx7kx7ggkwgy12zyzju129268mgl 78802 78800 2022-08-19T10:57:55Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[प्रार्थना/तुम ही हो माता, पिता तुम्हीं हो]] पृष्ठ [[प्रार्थना/तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो। तुम्हीं हो बंधु, सखा तुम्हीं हो॥ तुम्हीं हो साथी, तुम्हीं सहारे। कोई न अपना सिवा तुम्हारे॥ तुम्हीं हो नैया, तुम्हीं खेवैया। तुम्हीं हो बंधु, सखा तुम्ही हो॥ जो खिल सके न वो फूल हम हैं। तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं॥ दया की दृष्टि सदा ही रखना। तुम्हीं हो बंधु, सखा तुम्हीं हो॥ </poem> s0atx7kx7ggkwgy12zyzju129268mgl प्रार्थना/हमको मन की शक्ति देना 0 6463 78717 75432 2022-08-18T15:43:00Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[प्रार्थना/हमको मन की शक्ति देना मन विजय करें]] पृष्ठ [[प्रार्थना/हमको मन की शक्ति देना]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki {{BookCat}} <poem> हमको मन की शक्ति देना मन विजय करें दूसरों की जय से पहले,खुद की जय करें हम को मन की शक्ति देना ... भेद-भाव अपने दिलसे,साफ़ कर सकें दूसरों से भूल हो तो, माफ़ कर सकें झूठ से बचे रहें, सचका दम भरें दूसरों की जय से पहले,खुद की जय करें हम को मन की शक्ति देना ... मुश्किलें पड़े तो हम पे, इतना कर्म करें। साथ दे तो धर्म का, चलें तो धर्म पर। खुद पे हौसला रहे, बदी से ना डरें। दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें। </poem> ivpv794k9ksarz93i6k9fdsrz66lc27 78719 78717 2022-08-18T15:43:57Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} <poem> हमको मन की शक्ति, देना मन विजय करें दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें हमको मन की शक्ति, देना मन विजय करें दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें भेद-भाव अपने दिल से साफ़ कर सकें दूसरों से भूल हो तो माफ़ कर सकें झूठ से बचे रहें, सच का दम भरें दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें हमको मन की शक्ति, देना मन विजय करें दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें मुश्किलें पड़े तो हम पे, इतना कर्म करें साथ दे तो धर्म का, चलें तो धर्म पर खुदपे होसला रहे, बदी से ना डरें दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें </poem> axoex3z7mhk5q5jip6cnkvoywhgg2it 78813 78719 2022-08-19T11:02:14Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> हमको मन की शक्ति, देना मन विजय करें दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें हमको मन की शक्ति, देना मन विजय करें दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें भेद-भाव अपने दिल से साफ़ कर सकें दूसरों से भूल हो तो माफ़ कर सकें झूठ से बचे रहें, सच का दम भरें दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें हमको मन की शक्ति, देना मन विजय करें दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें मुश्किलें पड़े तो हम पे, इतना कर्म करें साथ दे तो धर्म का, चलें तो धर्म पर खुदपे होसला रहे, बदी से ना डरें दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें </poem> 9hll5pkmn3xqoeqdi3h7uqx6zy1g7zw प्रार्थना/हे प्रभो आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए 0 6464 78720 75434 2022-08-18T15:45:06Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} <poem> हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए, शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए। लीजिए हमको शरण में, हम सदाचारी बनें, ब्रह्मचारी धर्म-रक्षक वीर व्रत धारी बनें। ॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए...॥ निंदा किसी की हम किसी से भूल कर भी न करें, ईर्ष्या कभी भी हम किसी से भूल कर भी न करें। सत्य बोलें, झूठ त्यागें, मेल आपस में करें, दिव्या जीवन हो हमारा, यश तेरा गाया करें। ॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए...॥ जाए हमारी आयु हे प्रभु लोक के उपकार में, हाथ डालें हम कभी न भूल कर अपकार में। कीजिए हम पर कृपा ऐसी हे परमात्मा, मोह मद मत्सर रहित होवे हमारी आत्मा। ॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए...॥ प्रेम से हम गुरु जनों की नित्य ही सेवा करें, प्रेम से हम संस्कृति की नित्य ही सेवा करें। योग विद्या ब्रह्म विद्या हो अधिक प्यारी हमें, ब्रह्म निष्ठा प्राप्त कर के सर्व हितकारी बनें। ॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए...॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए, शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए।। </poem> g5nfx7m4gwlfg764v52ca8rh7ohb5ts 78721 78720 2022-08-18T15:45:32Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} <poem> हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए, शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए। लीजिए हमको शरण में, हम सदाचारी बनें, ब्रह्मचारी धर्म-रक्षक वीर व्रत धारी बनें। ॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए...॥ निंदा किसी की हम किसी से भूल कर भी न करें, ईर्ष्या कभी भी हम किसी से भूल कर भी न करें। सत्य बोलें, झूठ त्यागें, मेल आपस में करें, दिव्या जीवन हो हमारा, यश तेरा गाया करें। ॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए...॥ जाए हमारी आयु हे प्रभु लोक के उपकार में, हाथ डालें हम कभी न भूल कर अपकार में। कीजिए हम पर कृपा ऐसी हे परमात्मा, मोह मद मत्सर रहित होवे हमारी आत्मा। ॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए...॥ प्रेम से हम गुरु जनों की नित्य ही सेवा करें, प्रेम से हम संस्कृति की नित्य ही सेवा करें। योग विद्या ब्रह्म विद्या हो अधिक प्यारी हमें, ब्रह्म निष्ठा प्राप्त कर के सर्व हितकारी बनें। ॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए...॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए, शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए॥ </poem> 3f85f7imlholnmlxi4ea8t7kvolurvo 78815 78721 2022-08-19T11:02:47Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए, शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए। लीजिए हमको शरण में, हम सदाचारी बनें, ब्रह्मचारी धर्म-रक्षक वीर व्रत धारी बनें। ॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए...॥ निंदा किसी की हम किसी से भूल कर भी न करें, ईर्ष्या कभी भी हम किसी से भूल कर भी न करें। सत्य बोलें, झूठ त्यागें, मेल आपस में करें, दिव्या जीवन हो हमारा, यश तेरा गाया करें। ॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए...॥ जाए हमारी आयु हे प्रभु लोक के उपकार में, हाथ डालें हम कभी न भूल कर अपकार में। कीजिए हम पर कृपा ऐसी हे परमात्मा, मोह मद मत्सर रहित होवे हमारी आत्मा। ॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए...॥ प्रेम से हम गुरु जनों की नित्य ही सेवा करें, प्रेम से हम संस्कृति की नित्य ही सेवा करें। योग विद्या ब्रह्म विद्या हो अधिक प्यारी हमें, ब्रह्म निष्ठा प्राप्त कर के सर्व हितकारी बनें। ॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए...॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए, शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए॥ </poem> skcnrpxnlgmmu2zh6pllfkwsjkijxp8 प्रार्थना/दया कर दान विद्या का 0 6465 78722 77248 2022-08-18T15:47:34Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki <poem> दया कर दान विद्या का, हमें परमात्मा देना, दया करना हमारी आत्मा में, शुद्धता देना। हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ, अँधेरे दिल में आकर के, प्रभु ज्योति जगा देना। बहा दो प्रेम<ref>यहाँ पर "प्रेम" की जगह "ज्ञान" का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।</ref> की गंगा, दिलों में प्रेम का सागर, हमें आपस में मिल-जुल के, प्रभु रहना सीखा देना। हमारा धर्म हो सेवा, हमारा कर्म हो सेवा, सदा ईमान हो सेवा, व सेवक जन बना देना। वतन के वास्ते जीना, वतन के वास्ते मरना, वतन पर जाँ फिदा करना, प्रभु हमको सीखा देना। दया कर दान विद्या का, हमें परमात्मा देना, दया करना हमारी आत्मा में, शुद्धता देना। </poem> == टिप्पणियाँ == {{टिप्पणीसूची}} 1wizspctgu82q7gpir7tp3q5ll7q427 78807 78722 2022-08-19T11:00:31Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{प्रार्थना}} <poem> दया कर दान विद्या का, हमें परमात्मा देना, दया करना हमारी आत्मा में, शुद्धता देना। हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ, अँधेरे दिल में आकर के, प्रभु ज्योति जगा देना। बहा दो प्रेम<ref>यहाँ पर "प्रेम" की जगह "ज्ञान" का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।</ref> की गंगा, दिलों में प्रेम का सागर, हमें आपस में मिल-जुल के, प्रभु रहना सीखा देना। हमारा धर्म हो सेवा, हमारा कर्म हो सेवा, सदा ईमान हो सेवा, व सेवक जन बना देना। वतन के वास्ते जीना, वतन के वास्ते मरना, वतन पर जाँ फिदा करना, प्रभु हमको सीखा देना। दया कर दान विद्या का, हमें परमात्मा देना, दया करना हमारी आत्मा में, शुद्धता देना। </poem> == टिप्पणियाँ == {{टिप्पणीसूची}} tfll22zaqiaegntjjmnifsyox2uwc6z प्रार्थना/इतनी शक्ति हमें देना दाता 0 6466 78723 78602 2022-08-18T15:51:41Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} <poem> इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना दूर अज्ञान के हो अँधेरे तू हमें ज्ञान की रौशनी दे हर बुराई से बचके रहें हम जीतनी भी दे भली ज़िन्दगी दे बैर हो ना किसी का किसी से भावना मन में बदले की हो ना इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना हम न सोचें हमें क्या मिला है हम ये सोचें क्या किया है अर्पण फूल खुशियों के बांटें सभी को सबका जीवन ही बन जाए मधुवन ओ.. अपनी करुणा को जल तू बहा के कर दे पावन हर एक मन का कोना इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना <hr /> हम अँधेरे में हैं रोशनी दे खो ना दे खुद हो ही दुश्मनी से हम सज़ा पायें अपने किए की मौत भी हो तो सह ले ख़ुशी से कल जो गुज़ारा है फिर से ना गुज़रे आने वाला वो कल ऐसा हो ना इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना हर तरफ़ ज़ुल्म है बेबसी है सहमा-सहमा सा हर आदमी है पाप का बोझ बढ़ता ही जाए जाने कैसे ये धरती थमी है बोझ ममता का तू ये उठा ले तेरी रचना का ये अंत हो ना इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना </poem> le0hsgs0ql3p586sw0gm0b041jmjifn 78797 78723 2022-08-19T10:55:28Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास 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उठा ले तेरी रचना का ये अंत हो ना इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना </poem> adrcjc2y2sjyyltsm4dobx1zzhz67jm प्रार्थना/सरस्वती वंदना 0 6467 78710 75430 2022-08-18T15:36:58Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} '''सरस्वती वंदना मंत्र''' एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण हिंदू मंत्र है जिसका पठन उच्च शिक्षा और बुद्धिमत्ता की प्राप्ति के लिए किया जाता है। == संस्कृत == <poem> या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं, वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌। हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌, वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥ </poem> == सरलीकृत देवनागरी == <poem> या कुन्देन्दु तुषार हारधवला, या शुभ्र वस्त्रावृता, या वीणावर दण्ड मण्डित करा, या श्वेत पद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकर प्रभृति भिर्देवैः सदा वन्दिता, सा माँ पातु सरस्वती भगवती निःशेष जाड्यापहा॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जग द्व्यापिनीं, वीणा-पुस्तक-धारिणीम भयदां जाड्य अन्धकारा पहाम्‌। हस्ते स्फटिक मालिकाँ विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌, वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥ </poem> 5vsnknm35c2nikue4giykp88j4fz5o7 78811 78710 2022-08-19T11:01:47Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} '''सरस्वती वंदना मंत्र''' एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण हिंदू मंत्र है जिसका पठन उच्च शिक्षा और बुद्धिमत्ता की प्राप्ति के लिए किया जाता है। == संस्कृत == <poem> या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं, वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌। हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌, वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥ </poem> == सरलीकृत देवनागरी == <poem> या कुन्देन्दु तुषार हारधवला, या शुभ्र वस्त्रावृता, या वीणावर दण्ड मण्डित करा, या श्वेत पद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकर प्रभृति भिर्देवैः सदा वन्दिता, सा माँ पातु सरस्वती भगवती निःशेष जाड्यापहा॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जग द्व्यापिनीं, वीणा-पुस्तक-धारिणीम भयदां जाड्य अन्धकारा पहाम्‌। हस्ते स्फटिक मालिकाँ विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌, वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥ </poem> ez15kaahvfivrjm8d24obdwphdl1g1a प्रार्थना/जयति जय जय माँ सरस्वती 0 6479 78724 78614 2022-08-18T15:54:18Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki <poem> जयति जय जय माँ सरस्वती, जयति वीणा धारिणी॥ ::: जयति जय पद्मासन माता, ::: जयति शुभ वरदायिनी। जयति जय जय माँ सरस्वती, जयति वीणा धारिणी॥ ::: जगत का कल्याण कर माँ, ::: तुम हो वीणा वादिनी। जयति जय जय माँ सरस्वती, जयति वीणा धारिणी॥ ::: कमल आसन छोड़कर आ, ::: देख मेरी दुर्दशा मां। जयति जय जय माँ सरस्वती, जयति वीणा धारिणी॥ ::: ज्ञान की दरिया बहा दे, ::: हे सकल जगतारणी। जयति जय जय माँ सरस्वती, जयति वीणा धारिणी॥ </poem> t6lo1dnt4i8xbpofpgypszl0ve0wsu2 78796 78724 2022-08-19T10:55:14Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> जयति जय जय माँ सरस्वती, जयति वीणा धारिणी॥ ::: जयति जय पद्मासन माता, ::: जयति शुभ वरदायिनी। जयति जय जय माँ सरस्वती, जयति वीणा धारिणी॥ ::: जगत का कल्याण कर माँ, ::: तुम हो वीणा वादिनी। जयति जय जय माँ सरस्वती, जयति वीणा धारिणी॥ ::: कमल आसन छोड़कर आ, ::: देख मेरी दुर्दशा मां। जयति जय जय माँ सरस्वती, जयति वीणा धारिणी॥ ::: ज्ञान की दरिया बहा दे, ::: हे सकल जगतारणी। जयति जय जय माँ सरस्वती, जयति वीणा धारिणी॥ </poem> 6gzf0g0nac15rf5ckjhvaq35y31fpp6 प्रार्थना/तू ही राम है तू रहीम है 0 6481 78725 78672 2022-08-18T15:56:56Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki <poem> तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। तेरी जात पाक क़ुरान में, तेरा दर्श वेद पुराण में, गुरु ग्रंथ जी के बखान में, तू प्रकाश अपना दिखा रहा। तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। अरदास है, कहीं कीर्तन, कहीं राम धुन, कहीं आवाहन, विधि भेद का है ये सब रचन, तेरा भक्त तुझको बुला रहा। तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। विधि वेष जात के भेद से हमें मुक्त कर दो परम पिता , तुझे देख पाये सभी में हम तुझे ध्या सके हम सभी जगह॥ तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। तेरे गुण नहीं हम गा सके तुझे कैसे मन में ध्या सके, है दुआ यही तुझे पा सके तेरे दर पे सर ये झुका हुआ॥ तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। </poem> 1bfqxp8jb36tacs20wvljx0pb1ku356 78806 78725 2022-08-19T11:00:18Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{प्रार्थना}} <poem> तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। तेरी जात पाक क़ुरान में, तेरा दर्श वेद पुराण में, गुरु ग्रंथ जी के बखान में, तू प्रकाश अपना दिखा रहा। तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। अरदास है, कहीं कीर्तन, कहीं राम धुन, कहीं आवाहन, विधि भेद का है ये सब रचन, तेरा भक्त तुझको बुला रहा। तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। विधि वेष जात के भेद से हमें मुक्त कर दो परम पिता , तुझे देख पाये सभी में हम तुझे ध्या सके हम सभी जगह॥ तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। तेरे गुण नहीं हम गा सके तुझे कैसे मन में ध्या सके, है दुआ यही तुझे पा सके तेरे दर पे सर ये झुका हुआ॥ तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। तू ही राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ, तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह, हर नाम में, तू समा रहा। </poem> dtoov7fe32aqixwhsoj9f2jpnqxmxoj प्रार्थना/हर देश में तू, हर भेष में तू 0 6482 78726 76739 2022-08-18T15:58:17Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki <poem> हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है। तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा, सब खेल में, मेल में तू ही तो है॥ सागर से उठा बादल बनके, बादल से फटा जल हो करके। फिर नहर बना नदियाँ गहरी, तेरे भिन्न प्रकार, तू एक ही है॥ हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है। चींटी से भी अणु-परमाणु बना, सब जीव-जगत् का रूप लिया। कहीं पर्वत-वृक्ष विशाल बना, सौंदर्य तेरा, तू एक ही है ॥ हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है। यह दिव्य दिखाया है जिसने, वह है गुरुदेव की पूर्ण दया। तुकड़e कहे कोई न और दिखा, बस मैं अरु तू सब एकही है॥ हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है। तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा, सब खेल में, मेल में तू ही तो है॥ </poem> odbkbm3ol17oy5mdza3j90sbnh7krn9 78727 78726 2022-08-18T15:58:45Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[प्रार्थना/हर देश में तू हर वेश में तू]] पृष्ठ [[प्रार्थना/हर देश में तू, हर भेष में तू]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki <poem> हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है। तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा, सब खेल में, मेल में तू ही तो है॥ सागर से उठा बादल बनके, बादल से फटा जल हो करके। फिर नहर बना नदियाँ गहरी, तेरे भिन्न प्रकार, तू एक ही है॥ हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है। चींटी से भी अणु-परमाणु बना, सब जीव-जगत् का रूप लिया। कहीं पर्वत-वृक्ष विशाल बना, सौंदर्य तेरा, तू एक ही है ॥ हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है। यह दिव्य दिखाया है जिसने, वह है गुरुदेव की पूर्ण दया। तुकड़e कहे कोई न और दिखा, बस मैं अरु तू सब एकही है॥ हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है। तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा, सब खेल में, मेल में तू ही तो है॥ </poem> odbkbm3ol17oy5mdza3j90sbnh7krn9 78814 78727 2022-08-19T11:02:36Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है। तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा, सब खेल में, मेल में तू ही तो है॥ सागर से उठा बादल बनके, बादल से फटा जल हो करके। फिर नहर बना नदियाँ गहरी, तेरे भिन्न प्रकार, तू एक ही है॥ हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है। चींटी से भी अणु-परमाणु बना, सब जीव-जगत् का रूप लिया। कहीं पर्वत-वृक्ष विशाल बना, सौंदर्य तेरा, तू एक ही है ॥ हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है। यह दिव्य दिखाया है जिसने, वह है गुरुदेव की पूर्ण दया। तुकड़e कहे कोई न और दिखा, बस मैं अरु तू सब एकही है॥ हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एक ही है, तेरे नाम अनेक तू एक ही है। तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा, सब खेल में, मेल में तू ही तो है॥ </poem> 7ht7a4bi27zgoxbki8ze3va1cvcf9qm प्रार्थना/हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी 0 6483 78729 75436 2022-08-18T16:02:54Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} <poem> हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥ जग सिरमौर बनाएं भारत, वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥ हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥ जग सिरमौर बनाएं भारत, वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥ साहस शील हृदय में भर दे, जीवन त्याग-तपोमर कर दे, संयम सत्य स्नेह का वर दे, स्वाभिमान भर दे। स्वाभिमान भर दे॥<sup>1</sup> हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥ जग सिरमौर बनाएं भारत, वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥ लव, कुश, ध्रुव, प्रहलाद बनें हम मानवता का त्रास हरें हम, सीता, सावित्री, दुर्गा मां, फिर घर-घर भर दे। फिर घर-घर भर दे॥<sup>2</sup> हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥ </poem> g8u5vui1rmsdns0bekrgeullp0gyguf 78817 78729 2022-08-19T11:03:57Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥ जग सिरमौर बनाएं भारत, वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥ हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥ जग सिरमौर बनाएं भारत, वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥ साहस शील हृदय में भर दे, जीवन त्याग-तपोमर कर दे, संयम सत्य स्नेह का वर दे, स्वाभिमान भर दे। स्वाभिमान भर दे॥<sup>1</sup> हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥ जग सिरमौर बनाएं भारत, वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥ लव, कुश, ध्रुव, प्रहलाद बनें हम मानवता का त्रास हरें हम, सीता, सावित्री, दुर्गा मां, फिर घर-घर भर दे। फिर घर-घर भर दे॥<sup>2</sup> हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥ </poem> s7c41q6nq1kpt6jpsygo0b2jkvd37y4 प्रार्थना/वर दे, वीणावादिनी वर दे 0 6484 78730 77251 2022-08-18T16:04:02Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} <poem> वर दे, वीणावादिनी वर दे! प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे! वर दे, वीणावादिनि वर दे। काट अंध्-उर के बंधन-स्तर बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर जगमग जग कर दे! वर दे, वीणावादिनि वर दे। नव गति, नव लय, ताल-छंद नव नवल कंठ, नव जलद-मन्द रव; नव नभ के नव विहग-वृंद को नव पर, नव स्वर दे! वर दे, वीणावादिनि वर दे। </poem> 8lf8zcfw55h330usgwlb1ev0av73a8o 78795 78730 2022-08-19T10:54:49Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> वर दे, वीणावादिनी वर दे! प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे! वर दे, वीणावादिनि वर दे। काट अंध्-उर के बंधन-स्तर बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर जगमग जग कर दे! वर दे, वीणावादिनि वर दे। नव गति, नव लय, ताल-छंद नव नवल कंठ, नव जलद-मन्द रव; नव नभ के नव विहग-वृंद को नव पर, नव स्वर दे! वर दे, वीणावादिनि वर दे। </poem> m6ce2jzp88g36g9xez2ngdf8x55e1ec 78818 78795 2022-08-19T11:05:09Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{प्रार्थना}} <poem> वर दे, वीणावादिनी वर दे! प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे! वर दे, वीणावादिनी वर दे। काट अंध्-उर के बंधन-स्तर बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर जगमग जग कर दे! वर दे, वीणावादिनी वर दे। नव गति, नव लय, ताल-छंद नव नवल कंठ, नव जलद-मंद रव; नव नभ के नव विहग-वृंद को नव पर, नव स्वर दे! वर दे, वीणावादिनी वर दे। </poem> rc3upgm7jguizuf2rsbpm3ml4elju23 विकिपुस्तक:स्वागत 4 7398 78751 71598 2022-08-19T03:09:17Z Saurmandal 13452 [[विकिपुस्तक:परिचय]] को अनुप्रेषित wikitext text/x-wiki #अनुप्रेषित [[विकिपुस्तक:परिचय]] 3xfylw09dsxbpfqg2fsqwdmzfqwvpyk अंग्रेज़ी व्याकरण 0 7523 78701 78689 2022-08-18T14:32:21Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{विकिपीडिया|अंग्रेज़ी व्याकरण}} यह अंग्रेज़ी व्याकरण से संबंधित एक पुस्तक है, जिसका उद्देश्य है पाठक को मानक अंग्रेज़ी भाषा का बुनियादी ज्ञान प्रदान करना। अगर आप व्याकरण के लिए भारत अथवा किसी अंग्रेज़ी बोलने वाले क्षेत्र में व्याकरण पढ़ाने या फिर व्याकरण का कोर्स लेने की सोच रहे हैं, यह पुस्तक आपके काम आ सकती है; जहाँ पर अंग्रेज़ी का भारतीय प्रकार अधिक सुविधाजनक है, वहाँ पर उसी का इस्तेमाल किया गया है। इस पुस्तक में सारी सामग्री समुदाय द्वारा लिखी गई है या फिर मुक्त पाठ है। अगर आप इस पुस्तक पर योगदान करना चाहते हैं तो ज़रूर करें। == विषयसूची == #[[/संज्ञा/]] #[[/सर्वनाम/]] #[[/विशेषण/]] #[[/क्रिया/]] 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(टेबल के नीचे एक बिल्ली बैठी है।) # He returned to India ''after'' a long time. (वह काफ़ी समय बाद भारत लौटा।) # I am sitting ''in'' the car. (मैं गाड़ी में बैठा/बैठी हूँ।) == संबंध कारकों (prepositions) की सूची == === कुछ प्रसिद्ध संबंध कारक (prepositions) === <center> {| border=1 cellspacing=0 cellpadding=5 |about |before |down |of |throughout |- |above |behind |during |off |to |- |across |below |except |on |toward |- |after |beneath |for |onto |under |- |against |beside |from |out |underneath |- |along |between |in |outside |until |- |among |beyond |inside |over |up |- |around |but |into |past |upon |- |as |by |like |since |with |- |at |despite |near |through |without |} </center> === खंडित संबंध कारक (compound prepositions) === <center> {| border=1 cellspacing=0 cellpadding=5 |according to |except for |in response to |- |as well as |in accordance with |in spite of |- |because of |in addition to |inside of |- |by means of |in place of |instead of |- |by way of |in relation to |on account of |} </center> == समय-निर्धारक == # सप्ताह के दिनों के नामों से पहले, सटीक दिनांक वाले महीनों के नामों से पहले, या दिन, महीना और वर्ष निर्धारित करने वाले समय से पहले '''on''' का इस्तेमाल करें। # वर्षों के लिए, बिना दिन के महीनों के नामों से पहले, और बिना दिन के वर्षों से पहले '''in''' का इस्तेमाल करें। # घंटों, दिनों या सप्ताहों की संख्या बताते हुए किसी अवधि के सन्दर्भ में '''for''' का इस्तेमाल करें। # किसी समय-अवधि के लिए '''during''' का इस्तेमाल करें। # भूतकाल में समय में किसी स्थान से वर्तमान तक समय-अवधि के सन्दर्भ में '''since''' का इस्तेमाल करें। == स्थान-निर्धारक == # दो व्यक्तियों, स्थानों या वस्तुओं के बारे में बात करते हुए '''between''' का इस्तेमाल करें। # तीन या अधिक व्यक्तियों, स्थानों या वस्तुओं के बारे में बात करते हुए '''among''' का इस्तेमाल करें। # सिर्फ गली के नाम वाले पते पर '''on''' का इस्तेमाल करें। # साधारण स्थान वाले पते पर '''at''' का इस्तेमाल करें। # अधिक सटीक स्थान दिए जाने पर '''in''' का इस्तेमाल करें। # जब कुछ पहले से अंदर हो, तब '''in''' का इस्तेमाल करें। # जब किसी व्यक्ति/वस्तु के स्थान में बदलाव आए, तब '''into''' का इस्तेमाल करें। qk14k78v83n9bczmzehqqhwa0g5psi2 78789 78705 2022-08-19T10:36:14Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{अंग्रेज़ी}} '''प्रीपोज़ीशन'''/'''संबंध कारक''' ('''prepositions''') वे शब्द या शब्द समूह हैं जो किसी संज्ञा या सर्वनाम के पहले प्रयुक्त होकर उस संज्ञा या सर्वनाम का अन्य शब्दों के साथ संबंध बताते हैं। संबंध कारक के कुछ उदाहरण हैं: # There is a cat sitting ''under'' the table. (टेबल के नीचे एक बिल्ली बैठी है।) # He returned to India ''after'' a long time. (वह काफ़ी समय बाद भारत लौटा।) # I am sitting ''in'' the car. (मैं गाड़ी में बैठा/बैठी हूँ।) == संबंध कारकों (prepositions) की सूची == === कुछ प्रसिद्ध संबंध कारक (prepositions) === <center> {| border=1 cellspacing=0 cellpadding=5 |about |before |down |of |throughout |- |above |behind |during |off |to |- |across |below |except |on |toward |- |after |beneath |for |onto |under |- |against |beside |from |out |underneath |- |along |between |in |outside |until |- |among |beyond |inside |over |up |- |around |but |into |past |upon |- |as |by |like |since |with |- |at |despite |near |through |without |} </center> === खंडित संबंध कारक (compound prepositions) === <center> {| border=1 cellspacing=0 cellpadding=5 |according to |except for |in response to |- |as well as |in accordance with |in spite of |- |because of |in addition to |inside of |- |by means of |in place of |instead of |- |by way of |in relation to |on account of |} </center> == समय-निर्धारक == # सप्ताह के दिनों के नामों से पहले, सटीक दिनांक वाले महीनों के नामों से पहले, या दिन, महीना और वर्ष निर्धारित करने वाले समय से पहले '''on''' का इस्तेमाल करें। # वर्षों के लिए, बिना दिन के महीनों के नामों से पहले, और बिना दिन के वर्षों से पहले '''in''' का इस्तेमाल करें। # घंटों, दिनों या सप्ताहों की संख्या बताते हुए किसी अवधि के सन्दर्भ में '''for''' का इस्तेमाल करें। # किसी समय-अवधि के लिए '''during''' का इस्तेमाल करें। # भूतकाल में समय में किसी स्थान से वर्तमान तक समय-अवधि के सन्दर्भ में '''since''' का इस्तेमाल करें। == स्थान-निर्धारक == # दो व्यक्तियों, स्थानों या वस्तुओं के बारे में बात करते हुए '''between''' का इस्तेमाल करें। # तीन या अधिक व्यक्तियों, स्थानों या वस्तुओं के बारे में बात करते हुए '''among''' का इस्तेमाल करें। # सिर्फ गली के नाम वाले पते पर '''on''' का इस्तेमाल करें। # साधारण स्थान वाले पते पर '''at''' का इस्तेमाल करें। # अधिक सटीक स्थान दिए जाने पर '''in''' का इस्तेमाल करें। # जब कुछ पहले से अंदर हो, तब '''in''' का इस्तेमाल करें। # जब किसी व्यक्ति/वस्तु के स्थान में बदलाव आए, तब '''into''' का इस्तेमाल करें। rzxnqgq4fp00a7hmgg38hr2vyoaen0y अंग्रेज़ी व्याकरण/आर्टिकल 0 7871 78707 78677 2022-08-18T15:26:17Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} "a", "an" और "the" शब्दों को आर्टिकल (article) कहा जाता है। "a" और "an" को अनिश्चितकालीन आर्टिकल (indefinite article) तथा "the" को निश्चितकालीन आर्टिकल (definite article) कहते हैं। आम तौर पर स्वर वर्णों (vowels) से पहले "an" का इस्तेमाल होता है; व्यंजन वर्णों (consonants) से पहले "a" का, और किसी पहले से परिभाषित शब्द से पहले "the" का। हालाँकि, स्वर और व्यंजन के उच्चारणों के आधार पर भी कभी-कभी आर्टिकल अलग हो सकते हैं। आर्टिकल के कुछ उदाहरण हैं: # This is ''a'' book. (यह एक किताब है।) # I have ''an'' umbrella. (मेरे पास छाता है।) == प्रयोग == ; आर्टिकल का प्रयोग संज्ञा (noun) से पहले किया जाता है। : उदाहरण: She is ''a'' student. (वह एक छात्रा है।) : यहाँ पर "student" एक संज्ञा है। (पता है न कौन-सा भेद?) ; अगर संज्ञा (noun) की विशेषता बताने वाला क्रियाविशेषण (adjective) वाक्य में हो तो आर्टिकल का प्रयोग क्रियाविशेषण के पहले किया जाता है। : उदाहरण: He is ''an'' excellent boy. (वह एक अच्छा बालक है।) : यहाँ पर "excellent" एक क्रियाविशेषण है और "boy" एक संज्ञा है। ; अगर वाक्य में क्रियाविशेषण (adverb) की विशेषता बताने वाला मौजूद हो तो आर्टिकल का प्रयोग उस विशेषण (adjective) से पहले किया जाता है। : उदाहरण: He is ''a'' very excellent boy. (वह एक बहुत अच्छा बालक है।) == प्रयोग के मामले == जैसा बताया गया है, आम तौर पर अगर स्वर वर्ण (vowel) शब्द का पहले वर्ण हो तो "an" का इस्तेमाल किया जाता है; अगर व्यंजन वर्ण (consonant) शब्द का पहला वर्ण हो तो "a" का इस्तेमाल किया जाता है, और अगर शब्द को पहले से परिभाषित किया गया हो तो "the" का इस्तेमाल किया जाता है। हालाँकि, कुछ छूट हैं: # अगर स्वर वर्ण (vowel) का उच्चारण किसी व्यंजन वर्ण की तरह किया जाए, तो "a" का इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरणस्वरूप, "a university" शुद्ध उत्तर है, न कि "an university"; यहाँ पर हालाँकि "u" एक स्वर वर्ण (vowel) है, इसका उच्चरण "yu" की तरह किया जा रहा है जो कि एक व्यंजन वर्ण (consonant) है। # अगर "an" के बाद का शब्द "other" होता है, दोनों शब्दों को मिश्रित करके "another" में बदल दिया जाता है। pvtf6oy4ibd45cy484c56l5o58oj39b 78790 78707 2022-08-19T10:36:31Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{अंग्रेज़ी}} "a", "an" और "the" शब्दों को आर्टिकल (article) कहा जाता है। "a" और "an" को अनिश्चितकालीन आर्टिकल (indefinite article) तथा "the" को निश्चितकालीन आर्टिकल (definite article) कहते हैं। आम तौर पर स्वर वर्णों (vowels) से पहले "an" का इस्तेमाल होता है; व्यंजन वर्णों (consonants) से पहले "a" का, और किसी पहले से परिभाषित शब्द से पहले "the" का। हालाँकि, स्वर और व्यंजन के उच्चारणों के आधार पर भी कभी-कभी आर्टिकल अलग हो सकते हैं। आर्टिकल के कुछ उदाहरण हैं: # This is ''a'' book. (यह एक किताब है।) # I have ''an'' umbrella. (मेरे पास छाता है।) == प्रयोग == ; आर्टिकल का प्रयोग संज्ञा (noun) से पहले किया जाता है। : उदाहरण: She is ''a'' student. (वह एक छात्रा है।) : यहाँ पर "student" एक संज्ञा है। (पता है न कौन-सा भेद?) ; अगर संज्ञा (noun) की विशेषता बताने वाला क्रियाविशेषण (adjective) वाक्य में हो तो आर्टिकल का प्रयोग क्रियाविशेषण के पहले किया जाता है। : उदाहरण: He is ''an'' excellent boy. (वह एक अच्छा बालक है।) : यहाँ पर "excellent" एक क्रियाविशेषण है और "boy" एक संज्ञा है। ; अगर वाक्य में क्रियाविशेषण (adverb) की विशेषता बताने वाला मौजूद हो तो आर्टिकल का प्रयोग उस विशेषण (adjective) से पहले किया जाता है। : उदाहरण: He is ''a'' very excellent boy. (वह एक बहुत अच्छा बालक है।) == प्रयोग के मामले == जैसा बताया गया है, आम तौर पर अगर स्वर वर्ण (vowel) शब्द का पहले वर्ण हो तो "an" का इस्तेमाल किया जाता है; अगर व्यंजन वर्ण (consonant) शब्द का पहला वर्ण हो तो "a" का इस्तेमाल किया जाता है, और अगर शब्द को पहले से परिभाषित किया गया हो तो "the" का इस्तेमाल किया जाता है। हालाँकि, कुछ छूट हैं: # अगर स्वर वर्ण (vowel) का उच्चारण किसी व्यंजन वर्ण की तरह किया जाए, तो "a" का इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरणस्वरूप, "a university" शुद्ध उत्तर है, न कि "an university"; यहाँ पर हालाँकि "u" एक स्वर वर्ण (vowel) है, इसका उच्चरण "yu" की तरह किया जा रहा है जो कि एक व्यंजन वर्ण (consonant) है। # अगर "an" के बाद का शब्द "other" होता है, दोनों शब्दों को मिश्रित करके "another" में बदल दिया जाता है। f4oefnlqurk1c4tb1r42mvpnyv4bpf1 78793 78790 2022-08-19T10:38:20Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{अंग्रेज़ी}} "a", "an" और "the" शब्दों को आर्टिकल (article) कहा जाता है। "a" और "an" को अनिश्चितकालीन आर्टिकल (indefinite article) तथा "the" को निश्चितकालीन आर्टिकल (definite article) कहते हैं। आम तौर पर स्वर वर्णों (vowels) से पहले "an" का इस्तेमाल होता है; व्यंजन वर्णों (consonants) से पहले "a" का, और किसी पहले से परिभाषित शब्द से पहले "the" का। हालाँकि, स्वर और व्यंजन के उच्चारणों के आधार पर भी कभी-कभी आर्टिकल अलग हो सकते हैं। आर्टिकल के कुछ उदाहरण हैं: # This is ''a'' book. (यह एक किताब है।) # I have ''an'' umbrella. (मेरे पास छाता है।) == प्रयोग == ; आर्टिकल का प्रयोग संज्ञा (noun) से पहले किया जाता है। : उदाहरण: She is ''a'' student. (वह एक छात्रा है।) : यहाँ पर "student" एक संज्ञा है। (पता है न कौन-सा भेद?) ; अगर संज्ञा (noun) की विशेषता बताने वाला क्रियाविशेषण (adjective) वाक्य में हो तो आर्टिकल का प्रयोग क्रियाविशेषण (adverb) के पहले किया जाता है। : उदाहरण: He is ''an'' excellent boy. (वह एक अच्छा बालक है।) : यहाँ पर "excellent" एक क्रियाविशेषण है और "boy" एक संज्ञा है। ; अगर वाक्य में क्रियाविशेषण (adverb) की विशेषता बताने वाला मौजूद हो तो आर्टिकल का प्रयोग उस विशेषण (adjective) से पहले किया जाता है। : उदाहरण: He is ''a'' very excellent boy. (वह एक बहुत अच्छा बालक है।) == प्रयोग के मामले == जैसा बताया गया है, आम तौर पर अगर स्वर वर्ण (vowel) शब्द का पहले वर्ण हो तो "an" का इस्तेमाल किया जाता है; अगर व्यंजन वर्ण (consonant) शब्द का पहला वर्ण हो तो "a" का इस्तेमाल किया जाता है, और अगर शब्द को पहले से परिभाषित किया गया हो तो "the" का इस्तेमाल किया जाता है। हालाँकि, कुछ छूट हैं: # अगर स्वर वर्ण (vowel) का उच्चारण किसी व्यंजन वर्ण की तरह किया जाए, तो "a" का इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरणस्वरूप, "a university" शुद्ध उत्तर है, न कि "an university"; यहाँ पर हालाँकि "u" एक स्वर वर्ण (vowel) है, इसका उच्चरण "yu" की तरह किया जा रहा है जो कि एक व्यंजन वर्ण (consonant) है। # अगर "an" के बाद का शब्द "other" होता है, दोनों शब्दों को मिश्रित करके "another" में बदल दिया जाता है। dl0jhn57zc8x5b3ytjxw1kiwuwwdb0h भाषा विज्ञान और हिंदी भाषा/लेखक 0 8201 78773 75282 2022-08-19T07:59:18Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} ; कन्हाई प्रसाद चौरसिया : स्नातक हिन्दी प्रतिष्ठा : हिन्दी विभाग : ऋषि बंकिम चंद्र कॉलेज, नैहाटी : उत्तरी 24 परगना, पश्चिम बंगाल - 783165 : पश्चिम बंग राज्य विश्वविद्यालय, बारासात bhwmg7eqtne1n1wd3savb0td4s92grh अंग्रेज़ी व्याकरण/संज्ञा 0 9533 78691 78690 2022-08-18T12:06:44Z Saurmandal 13452 /* IMPORTANT POINTS */ wikitext text/x-wiki {{BookCat}} किसी भी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाती, द्रव्य, भाव, क्रिया, कार्य, अवस्था आदि के नाम को संज्ञा अर्थात् "noun" कहते हैं। संज्ञा का इस्तेमाल वाक्यों में दो तरीकों से किया जाता है: कर्ता अथवा कर्म कारक। संज्ञा शब्दों को पहली बार संस्कृत वैयाकरण पाणिनीय ने परिभाषित किया था। == संज्ञा के प्रकार == अंग्रेज़ी में संज्ञा पाँच प्रकार के होते हैं: # व्यक्तिवाचक संज्ञा (proper noun) # जातिवाचक संज्ञा (common noun) # समूहवाचक संज्ञा (collective noun) # द्रव्यवाचक संज्ञा (material noun) # भाववाचक संज्ञा (abstract noun) === व्यक्तिवाचक संज्ञा === जिन शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति, स्थान अथवा वस्तु के नाम का बोध हो, उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा अर्थात् "proper noun" कहा जाता है। अंग्रेज़ी भाषा में सभी व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्दों के पहले अक्षर को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है, जिससे उन्हें दूसरे संज्ञा शब्दों से अलग करना आसान हो जाता है। # ''Geeta'' is my friend. (गीता मेरी दोस्त है।) # We are from ''Delhi''. (हम दिल्ली से हैं।) === जातिवाचक संज्ञा === जिस शब्द से किसी प्राणी या वस्तु की समस्त जाति अथवा वर्ग का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा अर्थात् "common noun" कहते हैं। # According to the ''boy'', the nearest town is Ghaziabad. (उस लड़के के हिसाब से सबसे पास का शहर ग़ाज़ियाबाद है।) # Those ''folks'' are going to the nearest market. (वे लोग पास के बाज़ार में जा रहे हैं।) === समूहवाचक संज्ञा === जब किसी संज्ञा शब्द से व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है तब उसे समूहवाचक संज्ञा ("collective noun") कहते हैं। साधारणतः समूहवाचक संज्ञा शब्दों का प्रयोग एकवचन में होता है; इसका प्रयोग बहुवचन में तभी किया जाता है जब मतभेद दर्शाया जाए या फिर समूह के सदस्यों के बारे में कुछ कहा जाए। जहाँ हिन्दी में समूहवाचक संज्ञा समास के द्विगु भेद के अंतर्गत आता है और इसमें किसी भी शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है, अंग्रेज़ी में समास के विषय के अनुसार शब्द बदल सकता है। # The ''flock'' of geese spends most of its time in the pasture. (बत्तखों का समूह अपना ज़्यादातर समय चरागाह में गुज़ारता है।) # The ''committee'' meets every week. (समिति द्वारा हर हफ़्ते बैठक का आयोजन किया जाता है।) === द्रव्यवाचक संज्ञा === जब किसी संज्ञा शब्द से किसी द्रव्य का बोध हो तो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा अर्थात् "material noun" कहते हैं। द्रव्यवाचक संज्ञा शब्द अगणनीय होते हैं यानी कि इनकी गिनती नहीं की जा सकती है; इन्हें सिर्फ नापा या तौला जा सकता है। इनके साथ साधारणतः क्रिया के एकवचन रूप का इस्तेमाल किया जाता है और किसी भी 'आर्टिकल' का प्रयोग नहीं किया जाता। हिन्दी में इन्हें जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता है हालाँकि व्याकरण विशेषज्ञों ने इस श्रेणी के निर्माण की चर्चा की है। # The necklace is made of ''gold''. (गले का हार सोने का बना है।) # I go out to buy ''milk'' every morning. (मैं हर सुबह दूध खरीदने जाता/जाती हूँ।) === भाववाचक संज्ञा === उस गुण, अवस्था, विचार या भाव के नाम को भाववाचक संज्ञा अर्थात् "abstract noun" कहते हैं जिसे देखा या छूआ नहीं जा सकता है, सिर्फ अनुभव किया जा सकता है। भाववाचक संज्ञा शब्दों का प्रयोग साधारणतः एकवचन में होता है। # ''Honesty'' is the best policy. (ईमानदारी सर्वोत्तम बला है।) # ''People'' respect his sincerity. (लोग उसकी सत्यता का सम्मान करते हैं।) == ज़रूरी बातें == === नियम 1 === कुछ संज्ञा शब्दों का प्रयोग हमेशा बहुवचन रूप में ही होता है। इन शब्दों के अंत में लगे "s" को हटाकर इन्हें एकवचन नहीं बनाया जा सकता है। ये दिखने में भी बहुवचन लगते हैं, एवं इनका प्रयोग भी बहुवचन की तरह होता है। कुछ उदाहरण हैं: * tongs (चिमटा) * trousers (कमीज़) * spectacles (चश्मा) * fireworks (पटाखे) * regards (सम्मान) * tactics (युक्ति) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # All the ''assets'' were seized. (मेरी सारी संपत्ति को छीन लिया गया।) # Where are my ''trousers''? (मेरी कमीज़ कहाँ पर है?) # The ''embers'' of the fire were still burning. (आग के अंगारे तब भी जल रहे थे।) === नियम 2 === कुछ संज्ञा दिखने में बहुवचन लगते हैं लेकिन अर्थ में एकवचन होते हैं तथा इनका प्रयोग हमेशा एकवचन में ही होता है। कुछ उदाहरण हैं: * news (समाचार) * politics (राजनीति) * mathematics (गणित) * athletics (व्यायाम) * linguistics (भाषा-विज्ञान) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # No ''news'' is good news. (कोई भी खबर अच्छी खबर नहीं होती है।) # ''Athletics'' is a world-renowned sport. (व्यायाम एक प्रसिद्ध खेल है।) # ''Economics'' is an interesting subject. (अर्थशास्त्र एक दिलचस्प विषय है।) === नियम 3 === कुछ संज्ञा शब्द दिखने में एकवचन लगते हैं लेकिन इनका प्रयोग हमेशा बहुवचन में होता है। इन शब्दों के अंत में "s" जोड़ा नहीं जा सकता तथा इनका प्रयोग कभी एकवचन में नहीं किया जा सकता। कुछ उदाहरण हैं: * cavalry (घुड़सवार सेना) * infantry (पैदल सेना) * poultry (मुर्गी पालन) * peasantry (कृषि) * children (बच्चे) * police (पुलिस) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # ''Cattle'' are grazing in the field. (पशु मैदान में घास चरा रहे हैं।) # ''Police'' have arrested the thieves. (पुलिस ने चोरों को पकड़ लिया है।) === नियम 4 === कुछ संज्ञा शब्दों का प्रयोग हमेशा एकवचन रूप में ही होता है। इन शब्दों के अंत में "s" को जोड़कर इन्हें बहुवचन नहीं बनाया जा सकता है। ये दिखने में भी बहुवचन लगते हैं, एवं इनका प्रयोग भी बहुवचन की तरह होता है। इन शब्दों के पहले हमेशा "a", "an" या "the" जैसा कोई आर्टिकल जोड़ा जाता है। कुछ उदाहरण हैं: * scenery * furniture * hair * bread * wastage ==== वाक्य में प्रयोग ==== # It is a beautiful ''scenery''. (यह एक सुंदर नज़ारा है।) # They helped me move in with the ''furniture''. (उन्होंने फ़र्नीचर हटाने में मेरी मदद की।) # Bread is being sold on ''ration''. (रोटी को राशन पर बेचा जा रहा है।) 0volf0pfjlxffhnepvjxhhlvfbk8dd4 78692 78691 2022-08-18T12:11:44Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} किसी भी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाती, द्रव्य, भाव, क्रिया, कार्य, अवस्था आदि के नाम को संज्ञा अर्थात् "noun" कहते हैं। संज्ञा का इस्तेमाल वाक्यों में दो तरीकों से किया जाता है: कर्ता अथवा कर्म कारक। संज्ञा शब्दों को पहली बार संस्कृत वैयाकरण पाणिनीय ने परिभाषित किया था। == संज्ञा के प्रकार == अंग्रेज़ी में संज्ञा पाँच प्रकार के होते हैं: # व्यक्तिवाचक संज्ञा (proper noun) # जातिवाचक संज्ञा (common noun) # समूहवाचक संज्ञा (collective noun) # द्रव्यवाचक संज्ञा (material noun) # भाववाचक संज्ञा (abstract noun) === व्यक्तिवाचक संज्ञा === जिन शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति, स्थान अथवा वस्तु के नाम का बोध हो, उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा अर्थात् "proper noun" कहा जाता है। अंग्रेज़ी भाषा में सभी व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्दों के पहले अक्षर को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है, जिससे उन्हें दूसरे संज्ञा शब्दों से अलग करना आसान हो जाता है। # ''Geeta'' is my friend. (गीता मेरी दोस्त है।) # We are from ''Delhi''. (हम दिल्ली से हैं।) === जातिवाचक संज्ञा === जिस शब्द से किसी प्राणी या वस्तु की समस्त जाति अथवा वर्ग का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा अर्थात् "common noun" कहते हैं। # According to the ''boy'', the nearest town is Ghaziabad. (उस लड़के के हिसाब से सबसे पास का शहर ग़ाज़ियाबाद है।) # Those ''folks'' are going to the nearest market. (वे लोग पास के बाज़ार में जा रहे हैं।) === समूहवाचक संज्ञा === जब किसी संज्ञा शब्द से व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है तब उसे समूहवाचक संज्ञा ("collective noun") कहते हैं। साधारणतः समूहवाचक संज्ञा शब्दों का प्रयोग एकवचन में होता है; इसका प्रयोग बहुवचन में तभी किया जाता है जब मतभेद दर्शाया जाए या फिर समूह के सदस्यों के बारे में कुछ कहा जाए। जहाँ हिन्दी में समूहवाचक संज्ञा समास के द्विगु भेद के अंतर्गत आता है और इसमें किसी भी शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है, अंग्रेज़ी में समास के विषय के अनुसार शब्द बदल सकता है। # The ''flock'' of geese spends most of its time in the pasture. (बत्तखों का समूह अपना ज़्यादातर समय चरागाह में गुज़ारता है।) # The ''committee'' meets every week. (समिति द्वारा हर हफ़्ते बैठक का आयोजन किया जाता है।) === द्रव्यवाचक संज्ञा === जब किसी संज्ञा शब्द से किसी द्रव्य का बोध हो तो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा अर्थात् "material noun" कहते हैं। द्रव्यवाचक संज्ञा शब्द अगणनीय होते हैं यानी कि इनकी गिनती नहीं की जा सकती है; इन्हें सिर्फ नापा या तौला जा सकता है। इनके साथ साधारणतः क्रिया के एकवचन रूप का इस्तेमाल किया जाता है और किसी भी 'आर्टिकल' का प्रयोग नहीं किया जाता। हिन्दी में इन्हें जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता है हालाँकि व्याकरण विशेषज्ञों ने इस श्रेणी के निर्माण की चर्चा की है। # The necklace is made of ''gold''. (गले का हार सोने का बना है।) # I go out to buy ''milk'' every morning. (मैं हर सुबह दूध खरीदने जाता/जाती हूँ।) === भाववाचक संज्ञा === उस गुण, अवस्था, विचार या भाव के नाम को भाववाचक संज्ञा अर्थात् "abstract noun" कहते हैं जिसे देखा या छूआ नहीं जा सकता है, सिर्फ अनुभव किया जा सकता है। भाववाचक संज्ञा शब्दों का प्रयोग साधारणतः एकवचन में होता है। # ''Honesty'' is the best policy. (ईमानदारी सर्वोत्तम बला है।) # ''People'' respect his sincerity. (लोग उसकी सत्यता का सम्मान करते हैं।) == ज़रूरी बातें == === नियम 1 === कुछ संज्ञा शब्दों का प्रयोग हमेशा बहुवचन रूप में ही होता है। इन शब्दों के अंत में लगे "s" को हटाकर इन्हें एकवचन नहीं बनाया जा सकता है। ये दिखने में भी बहुवचन लगते हैं, एवं इनका प्रयोग भी बहुवचन की तरह होता है। कुछ उदाहरण हैं: * tongs (चिमटा) * trousers (कमीज़) * spectacles (चश्मा) * fireworks (पटाखे) * regards (सम्मान) * tactics (युक्ति) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # All the ''assets'' were seized. (मेरी सारी संपत्ति को छीन लिया गया।) # Where are my ''trousers''? (मेरी कमीज़ कहाँ पर है?) # The ''embers'' of the fire were still burning. (आग के अंगारे तब भी जल रहे थे।) === नियम 2 === कुछ संज्ञा दिखने में बहुवचन लगते हैं लेकिन अर्थ में एकवचन होते हैं तथा इनका प्रयोग हमेशा एकवचन में ही होता है। कुछ उदाहरण हैं: * news (समाचार) * politics (राजनीति) * mathematics (गणित) * athletics (व्यायाम) * linguistics (भाषा-विज्ञान) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # No ''news'' is good news. (कोई भी खबर अच्छी खबर नहीं होती है।) # ''Athletics'' is a world-renowned sport. (व्यायाम एक प्रसिद्ध खेल है।) # ''Economics'' is an interesting subject. (अर्थशास्त्र एक दिलचस्प विषय है।) === नियम 3 === कुछ संज्ञा शब्द दिखने में एकवचन लगते हैं लेकिन इनका प्रयोग हमेशा बहुवचन में होता है। इन शब्दों के अंत में "s" जोड़ा नहीं जा सकता तथा इनका प्रयोग कभी एकवचन में नहीं किया जा सकता। कुछ उदाहरण हैं: * cavalry (घुड़सवार सेना) * infantry (पैदल सेना) * poultry (मुर्गी पालन) * peasantry (कृषि) * children (बच्चे) * police (पुलिस) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # ''Cattle'' are grazing in the field. (पशु मैदान में घास चरा रहे हैं।) # ''Police'' have arrested the thieves. (पुलिस ने चोरों को पकड़ लिया है।) === नियम 4 === कुछ संज्ञा शब्दों का प्रयोग हमेशा एकवचन रूप में ही होता है। इन शब्दों के अंत में "s" को जोड़कर इन्हें बहुवचन नहीं बनाया जा सकता है। ये दिखने में भी बहुवचन लगते हैं, एवं इनका प्रयोग भी बहुवचन की तरह होता है। इन शब्दों के पहले हमेशा "a", "an" या "the" जैसा कोई आर्टिकल जोड़ा जाता है। कुछ उदाहरण हैं: * scenery * furniture * hair * bread * wastage ==== वाक्य में प्रयोग ==== # It is a beautiful ''scenery''. (यह एक सुंदर नज़ारा है।) # They helped me move in with the ''furniture''. (उन्होंने फ़र्नीचर हटाने में मेरी मदद की।) # Bread is being sold on ''ration''. (रोटी को राशन पर बेचा जा रहा है।) == अभ्यास == === प्रथम अध्याय === '''नीचे की सूची में दिए वाक्यों में से संज्ञा शब्द पहचानें। हर वाक्य में एक से अधिक संज्ञा शब्द भी हो सकते हैं।''' # Janet is the name of a girl. # Off-key whistling is annoying to me, but not to everybody. # Cleanliness is next to godliness. # The World Wide Web has become the least expensive way to publish information. === द्वितीय अध्याय === '''नीचे के अनुच्छेद में से संज्ञा शब्द छानकर निकालें। पाठ चार्ल्स डिकेन्स के ''A Christmas Carol'' के पहले छंद से है।''' The air was filled with phantoms, wandering hither and thither in restless haste, and moaning as they went. Every one of them wore chains like Marley's Ghost; some few (they might be guilty governments) were linked together; none were free. Many had been personally known to Scrooge in their lives. He had been quite familiar with one old ghost, in a white waistcoat, with a monstrous iron safe attached to its ankle, who cried piteously at being unable to assist a wretched woman with an infant, whom it saw below, upon a door-step. The misery with them all was, clearly, that they sought to interfere, for good, in human matters, and had lost the power for ever. eflt4qwmaf4r54u12abp5eyznsnph2q 78693 78692 2022-08-18T12:19:32Z Saurmandal 13452 /* नियम 4 */ wikitext text/x-wiki {{BookCat}} किसी भी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाती, द्रव्य, भाव, क्रिया, कार्य, अवस्था आदि के नाम को संज्ञा अर्थात् "noun" कहते हैं। संज्ञा का इस्तेमाल वाक्यों में दो तरीकों से किया जाता है: कर्ता अथवा कर्म कारक। संज्ञा शब्दों को पहली बार संस्कृत वैयाकरण पाणिनीय ने परिभाषित किया था। == संज्ञा के प्रकार == अंग्रेज़ी में संज्ञा पाँच प्रकार के होते हैं: # व्यक्तिवाचक संज्ञा (proper noun) # जातिवाचक संज्ञा (common noun) # समूहवाचक संज्ञा (collective noun) # द्रव्यवाचक संज्ञा (material noun) # भाववाचक संज्ञा (abstract noun) === व्यक्तिवाचक संज्ञा === जिन शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति, स्थान अथवा वस्तु के नाम का बोध हो, उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा अर्थात् "proper noun" कहा जाता है। अंग्रेज़ी भाषा में सभी व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्दों के पहले अक्षर को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है, जिससे उन्हें दूसरे संज्ञा शब्दों से अलग करना आसान हो जाता है। # ''Geeta'' is my friend. (गीता मेरी दोस्त है।) # We are from ''Delhi''. (हम दिल्ली से हैं।) === जातिवाचक संज्ञा === जिस शब्द से किसी प्राणी या वस्तु की समस्त जाति अथवा वर्ग का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा अर्थात् "common noun" कहते हैं। # According to the ''boy'', the nearest town is Ghaziabad. (उस लड़के के हिसाब से सबसे पास का शहर ग़ाज़ियाबाद है।) # Those ''folks'' are going to the nearest market. (वे लोग पास के बाज़ार में जा रहे हैं।) === समूहवाचक संज्ञा === जब किसी संज्ञा शब्द से व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है तब उसे समूहवाचक संज्ञा ("collective noun") कहते हैं। साधारणतः समूहवाचक संज्ञा शब्दों का प्रयोग एकवचन में होता है; इसका प्रयोग बहुवचन में तभी किया जाता है जब मतभेद दर्शाया जाए या फिर समूह के सदस्यों के बारे में कुछ कहा जाए। जहाँ हिन्दी में समूहवाचक संज्ञा समास के द्विगु भेद के अंतर्गत आता है और इसमें किसी भी शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है, अंग्रेज़ी में समास के विषय के अनुसार शब्द बदल सकता है। # The ''flock'' of geese spends most of its time in the pasture. (बत्तखों का समूह अपना ज़्यादातर समय चरागाह में गुज़ारता है।) # The ''committee'' meets every week. (समिति द्वारा हर हफ़्ते बैठक का आयोजन किया जाता है।) === द्रव्यवाचक संज्ञा === जब किसी संज्ञा शब्द से किसी द्रव्य का बोध हो तो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा अर्थात् "material noun" कहते हैं। द्रव्यवाचक संज्ञा शब्द अगणनीय होते हैं यानी कि इनकी गिनती नहीं की जा सकती है; इन्हें सिर्फ नापा या तौला जा सकता है। इनके साथ साधारणतः क्रिया के एकवचन रूप का इस्तेमाल किया जाता है और किसी भी 'आर्टिकल' का प्रयोग नहीं किया जाता। हिन्दी में इन्हें जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता है हालाँकि व्याकरण विशेषज्ञों ने इस श्रेणी के निर्माण की चर्चा की है। # The necklace is made of ''gold''. (गले का हार सोने का बना है।) # I go out to buy ''milk'' every morning. (मैं हर सुबह दूध खरीदने जाता/जाती हूँ।) === भाववाचक संज्ञा === उस गुण, अवस्था, विचार या भाव के नाम को भाववाचक संज्ञा अर्थात् "abstract noun" कहते हैं जिसे देखा या छूआ नहीं जा सकता है, सिर्फ अनुभव किया जा सकता है। भाववाचक संज्ञा शब्दों का प्रयोग साधारणतः एकवचन में होता है। # ''Honesty'' is the best policy. (ईमानदारी सर्वोत्तम बला है।) # ''People'' respect his sincerity. (लोग उसकी सत्यता का सम्मान करते हैं।) == ज़रूरी बातें == === नियम 1 === कुछ संज्ञा शब्दों का प्रयोग हमेशा बहुवचन रूप में ही होता है। इन शब्दों के अंत में लगे "s" को हटाकर इन्हें एकवचन नहीं बनाया जा सकता है। ये दिखने में भी बहुवचन लगते हैं, एवं इनका प्रयोग भी बहुवचन की तरह होता है। कुछ उदाहरण हैं: * tongs (चिमटा) * trousers (कमीज़) * spectacles (चश्मा) * fireworks (पटाखे) * regards (सम्मान) * tactics (युक्ति) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # All the ''assets'' were seized. (मेरी सारी संपत्ति को छीन लिया गया।) # Where are my ''trousers''? (मेरी कमीज़ कहाँ पर है?) # The ''embers'' of the fire were still burning. (आग के अंगारे तब भी जल रहे थे।) === नियम 2 === कुछ संज्ञा दिखने में बहुवचन लगते हैं लेकिन अर्थ में एकवचन होते हैं तथा इनका प्रयोग हमेशा एकवचन में ही होता है। कुछ उदाहरण हैं: * news (समाचार) * politics (राजनीति) * mathematics (गणित) * athletics (व्यायाम) * linguistics (भाषा-विज्ञान) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # No ''news'' is good news. (कोई भी खबर अच्छी खबर नहीं होती है।) # ''Athletics'' is a world-renowned sport. (व्यायाम एक प्रसिद्ध खेल है।) # ''Economics'' is an interesting subject. (अर्थशास्त्र एक दिलचस्प विषय है।) === नियम 3 === कुछ संज्ञा शब्द दिखने में एकवचन लगते हैं लेकिन इनका प्रयोग हमेशा बहुवचन में होता है। इन शब्दों के अंत में "s" जोड़ा नहीं जा सकता तथा इनका प्रयोग कभी एकवचन में नहीं किया जा सकता। कुछ उदाहरण हैं: * cavalry (घुड़सवार सेना) * infantry (पैदल सेना) * poultry (मुर्गी पालन) * peasantry (कृषि) * children (बच्चे) * police (पुलिस) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # ''Cattle'' are grazing in the field. (पशु मैदान में घास चरा रहे हैं।) # ''Police'' have arrested the thieves. (पुलिस ने चोरों को पकड़ लिया है।) === नियम 4 === कुछ संज्ञा शब्दों का प्रयोग हमेशा एकवचन रूप में ही होता है। इन शब्दों के अंत में "s" को जोड़कर इन्हें बहुवचन नहीं बनाया जा सकता है। ये दिखने में भी बहुवचन लगते हैं, एवं इनका प्रयोग भी बहुवचन की तरह होता है। इन शब्दों के पहले हमेशा "a", "an" या "the" जैसा कोई आर्टिकल जोड़ा जाता है। कुछ उदाहरण हैं: * scenery (नज़ारा) * furniture (फ़र्नीचर) * hair (बाल) * bread (रोटी/ब्रेड) * wastage (क्षय) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # It is a beautiful ''scenery''. (यह एक सुंदर नज़ारा है।) # They helped me move in with the ''furniture''. (उन्होंने फ़र्नीचर हटाने में मेरी मदद की।) # Bread is being sold on ''ration''. (रोटी को राशन पर बेचा जा रहा है।) == अभ्यास == === प्रथम अध्याय === '''नीचे की सूची में दिए वाक्यों में से संज्ञा शब्द पहचानें। हर वाक्य में एक से अधिक संज्ञा शब्द भी हो सकते हैं।''' # Janet is the name of a girl. # Off-key whistling is annoying to me, but not to everybody. # Cleanliness is next to godliness. # The World Wide Web has become the least expensive way to publish information. === द्वितीय अध्याय === '''नीचे के अनुच्छेद में से संज्ञा शब्द छानकर निकालें। पाठ चार्ल्स डिकेन्स के ''A Christmas Carol'' के पहले छंद से है।''' The air was filled with phantoms, wandering hither and thither in restless haste, and moaning as they went. Every one of them wore chains like Marley's Ghost; some few (they might be guilty governments) were linked together; none were free. Many had been personally known to Scrooge in their lives. He had been quite familiar with one old ghost, in a white waistcoat, with a monstrous iron safe attached to its ankle, who cried piteously at being unable to assist a wretched woman with an infant, whom it saw below, upon a door-step. The misery with them all was, clearly, that they sought to interfere, for good, in human matters, and had lost the power for ever. o8p5vuxkozqfsf0nk373m4zbn9mkveo 78785 78693 2022-08-19T10:35:23Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{अंग्रेज़ी}} किसी भी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाती, द्रव्य, भाव, क्रिया, कार्य, अवस्था आदि के नाम को संज्ञा अर्थात् "noun" कहते हैं। संज्ञा का इस्तेमाल वाक्यों में दो तरीकों से किया जाता है: कर्ता अथवा कर्म कारक। संज्ञा शब्दों को पहली बार संस्कृत वैयाकरण पाणिनीय ने परिभाषित किया था। == संज्ञा के प्रकार == अंग्रेज़ी में संज्ञा पाँच प्रकार के होते हैं: # व्यक्तिवाचक संज्ञा (proper noun) # जातिवाचक संज्ञा (common noun) # समूहवाचक संज्ञा (collective noun) # द्रव्यवाचक संज्ञा (material noun) # भाववाचक संज्ञा (abstract noun) === व्यक्तिवाचक संज्ञा === जिन शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति, स्थान अथवा वस्तु के नाम का बोध हो, उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा अर्थात् "proper noun" कहा जाता है। अंग्रेज़ी भाषा में सभी व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्दों के पहले अक्षर को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है, जिससे उन्हें दूसरे संज्ञा शब्दों से अलग करना आसान हो जाता है। # ''Geeta'' is my friend. (गीता मेरी दोस्त है।) # We are from ''Delhi''. (हम दिल्ली से हैं।) === जातिवाचक संज्ञा === जिस शब्द से किसी प्राणी या वस्तु की समस्त जाति अथवा वर्ग का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा अर्थात् "common noun" कहते हैं। # According to the ''boy'', the nearest town is Ghaziabad. (उस लड़के के हिसाब से सबसे पास का शहर ग़ाज़ियाबाद है।) # Those ''folks'' are going to the nearest market. (वे लोग पास के बाज़ार में जा रहे हैं।) === समूहवाचक संज्ञा === जब किसी संज्ञा शब्द से व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है तब उसे समूहवाचक संज्ञा ("collective noun") कहते हैं। साधारणतः समूहवाचक संज्ञा शब्दों का प्रयोग एकवचन में होता है; इसका प्रयोग बहुवचन में तभी किया जाता है जब मतभेद दर्शाया जाए या फिर समूह के सदस्यों के बारे में कुछ कहा जाए। जहाँ हिन्दी में समूहवाचक संज्ञा समास के द्विगु भेद के अंतर्गत आता है और इसमें किसी भी शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है, अंग्रेज़ी में समास के विषय के अनुसार शब्द बदल सकता है। # The ''flock'' of geese spends most of its time in the pasture. (बत्तखों का समूह अपना ज़्यादातर समय चरागाह में गुज़ारता है।) # The ''committee'' meets every week. (समिति द्वारा हर हफ़्ते बैठक का आयोजन किया जाता है।) === द्रव्यवाचक संज्ञा === जब किसी संज्ञा शब्द से किसी द्रव्य का बोध हो तो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा अर्थात् "material noun" कहते हैं। द्रव्यवाचक संज्ञा शब्द अगणनीय होते हैं यानी कि इनकी गिनती नहीं की जा सकती है; इन्हें सिर्फ नापा या तौला जा सकता है। इनके साथ साधारणतः क्रिया के एकवचन रूप का इस्तेमाल किया जाता है और किसी भी 'आर्टिकल' का प्रयोग नहीं किया जाता। हिन्दी में इन्हें जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता है हालाँकि व्याकरण विशेषज्ञों ने इस श्रेणी के निर्माण की चर्चा की है। # The necklace is made of ''gold''. (गले का हार सोने का बना है।) # I go out to buy ''milk'' every morning. (मैं हर सुबह दूध खरीदने जाता/जाती हूँ।) === भाववाचक संज्ञा === उस गुण, अवस्था, विचार या भाव के नाम को भाववाचक संज्ञा अर्थात् "abstract noun" कहते हैं जिसे देखा या छूआ नहीं जा सकता है, सिर्फ अनुभव किया जा सकता है। भाववाचक संज्ञा शब्दों का प्रयोग साधारणतः एकवचन में होता है। # ''Honesty'' is the best policy. (ईमानदारी सर्वोत्तम बला है।) # ''People'' respect his sincerity. (लोग उसकी सत्यता का सम्मान करते हैं।) == ज़रूरी बातें == === नियम 1 === कुछ संज्ञा शब्दों का प्रयोग हमेशा बहुवचन रूप में ही होता है। इन शब्दों के अंत में लगे "s" को हटाकर इन्हें एकवचन नहीं बनाया जा सकता है। ये दिखने में भी बहुवचन लगते हैं, एवं इनका प्रयोग भी बहुवचन की तरह होता है। कुछ उदाहरण हैं: * tongs (चिमटा) * trousers (कमीज़) * spectacles (चश्मा) * fireworks (पटाखे) * regards (सम्मान) * tactics (युक्ति) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # All the ''assets'' were seized. (मेरी सारी संपत्ति को छीन लिया गया।) # Where are my ''trousers''? (मेरी कमीज़ कहाँ पर है?) # The ''embers'' of the fire were still burning. (आग के अंगारे तब भी जल रहे थे।) === नियम 2 === कुछ संज्ञा दिखने में बहुवचन लगते हैं लेकिन अर्थ में एकवचन होते हैं तथा इनका प्रयोग हमेशा एकवचन में ही होता है। कुछ उदाहरण हैं: * news (समाचार) * politics (राजनीति) * mathematics (गणित) * athletics (व्यायाम) * linguistics (भाषा-विज्ञान) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # No ''news'' is good news. (कोई भी खबर अच्छी खबर नहीं होती है।) # ''Athletics'' is a world-renowned sport. (व्यायाम एक प्रसिद्ध खेल है।) # ''Economics'' is an interesting subject. (अर्थशास्त्र एक दिलचस्प विषय है।) === नियम 3 === कुछ संज्ञा शब्द दिखने में एकवचन लगते हैं लेकिन इनका प्रयोग हमेशा बहुवचन में होता है। इन शब्दों के अंत में "s" जोड़ा नहीं जा सकता तथा इनका प्रयोग कभी एकवचन में नहीं किया जा सकता। कुछ उदाहरण हैं: * cavalry (घुड़सवार सेना) * infantry (पैदल सेना) * poultry (मुर्गी पालन) * peasantry (कृषि) * children (बच्चे) * police (पुलिस) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # ''Cattle'' are grazing in the field. (पशु मैदान में घास चरा रहे हैं।) # ''Police'' have arrested the thieves. (पुलिस ने चोरों को पकड़ लिया है।) === नियम 4 === कुछ संज्ञा शब्दों का प्रयोग हमेशा एकवचन रूप में ही होता है। इन शब्दों के अंत में "s" को जोड़कर इन्हें बहुवचन नहीं बनाया जा सकता है। ये दिखने में भी बहुवचन लगते हैं, एवं इनका प्रयोग भी बहुवचन की तरह होता है। इन शब्दों के पहले हमेशा "a", "an" या "the" जैसा कोई आर्टिकल जोड़ा जाता है। कुछ उदाहरण हैं: * scenery (नज़ारा) * furniture (फ़र्नीचर) * hair (बाल) * bread (रोटी/ब्रेड) * wastage (क्षय) ==== वाक्य में प्रयोग ==== # It is a beautiful ''scenery''. (यह एक सुंदर नज़ारा है।) # They helped me move in with the ''furniture''. (उन्होंने फ़र्नीचर हटाने में मेरी मदद की।) # Bread is being sold on ''ration''. (रोटी को राशन पर बेचा जा रहा है।) == अभ्यास == === प्रथम अध्याय === '''नीचे की सूची में दिए वाक्यों में से संज्ञा शब्द पहचानें। हर वाक्य में एक से अधिक संज्ञा शब्द भी हो सकते हैं।''' # Janet is the name of a girl. # Off-key whistling is annoying to me, but not to everybody. # Cleanliness is next to godliness. # The World Wide Web has become the least expensive way to publish information. === द्वितीय अध्याय === '''नीचे के अनुच्छेद में से संज्ञा शब्द छानकर निकालें। पाठ चार्ल्स डिकेन्स के ''A Christmas Carol'' के पहले छंद से है।''' The air was filled with phantoms, wandering hither and thither in restless haste, and moaning as they went. Every one of them wore chains like Marley's Ghost; some few (they might be guilty governments) were linked together; none were free. Many had been personally known to Scrooge in their lives. He had been quite familiar with one old ghost, in a white waistcoat, with a monstrous iron safe attached to its ankle, who cried piteously at being unable to assist a wretched woman with an infant, whom it saw below, upon a door-step. The misery with them all was, clearly, that they sought to interfere, for good, in human matters, and had lost the power for ever. baami71dpwi406b2amhflwm9mmxryf0 अंग्रेज़ी व्याकरण/मुहावरे और वाक्यांश 0 9555 78708 78675 2022-08-18T15:29:47Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{Delete|किसी भी दूसरे विकि पर प्रलेखित नहीं किया गया है, यानी इस पुस्तक में इसकी ज़रूरत नहीं}} ==A== #Acholle's heels - कमजोर पक्ष - a small wat fatal weakness #Add fuel to fire - आग में घी डालना - to make a matter worse #An arm chair job - आसान एवं अच्छी आई वाली नौकरी- good income job with high comfort #An axe to grind - स्वार्थ से भरा उद्देश्य- something done for selfish reasons #An iron will- दृढ़ इच्छाशक्ति - strong will power #An old flame - पुराना प्यार- a person with whom one had a romantic relationship in the past #an old head on-अपनी उम्र से ज्यादा -a child or young person who think and talk like an older and experienced person #young soldiers-समझदार होना-think and talk like an older and experienced person #an olive branch-शांति निवेदन-peace request/ peace treaty #Apple of discord-झगड़े का कारण - matter of dispute #Apple of one's eye-दुलारा,प्यारा -very lovable/ dearest one #apple pie order-बिल्कुल ठीक हालत में -in good condition #At a loss-निर्णय न ले पाना- to be unable to decide #at a pinch-समस्या में होना -in a trouble #at alarm's length-दूर रखना -avoid becoming too friendly #at daggers drawn-कट्टर दुश्मनी होना-to have bitter enmity #at ease-चिंता रहित- free from pain and anxiety #at once finger's tips-पूर्ण जानकारी होना-to have complete knowledge #at once wit's end-चकित puzzle/ confused/ perplexed #at sixes and sevens-अस्त व्यस्त -late in disorder #at stake-दाव पर -at risk and insecured #at the eleventh hour-अंतिम समय में -at the last moment #back stairs gossip-नौकरों के बीच का गपशप-top among servants\ unfair terms ==B== #bad blood-शत्रुता- Enmity/bitter relations #bag and baggage-बोरिया बिस्तर समेत - with all belongings #bakers dozen-संख्या में तेरह-thirten in number #be born with a silver spoon in one's mouth-धनी परिवार में पैदा होना -to be born in rich family #be in the driving seat-सारी जिम्मेदारी का भार उठाना-bearing all responsibilities #bear the brunt of-परिणाम भुगतना-to bear the main part of something unpleasant #beat about the bush-घुमा फिरा कर बातें करना-to talk in a a round about manner\ circlocution #beat black and blue-अत्यधिक पिटाई करना- beating mercilessly #beat hollow-काफी आसानी एवं पूरी तरह से पराजित करना- to defeat thoroughly and convincingly #bake and call-आज्ञा में रहना -ready to obey order instantly #bed of roses-आनंद से भरपूर- present situation of comfort #bed of thorns-दुखी एम तकलीफ से भरपुर-a situation of extreme difficulty #Beggar description-अवर्णनीय-a person with no resources #bell and cat-जोखिम उठाना- taking first step at personal risk #between the devil and the deep sea-दो गंभीर परेशानियों के बीच #big gun-ऊंची पहुंच वाला व्यक्ति -an influential person #world of passage-यदा-कदा आने वाला-one who comes occasionally #Bird's eye view-सरसरी निगाह-overview #Bird's of a feather-एक ही प्रवृत्ति के लोग-people with the same Idea #bite and dust-पराजित होना-to be defeated #Black sheep- ऐसा व्यक्ति जो परिवार के लिए शर्मिंदगी का कारण बने-a person who is regarded as disgrace for his family/ team etc. #blind alley-कार्य जिसमें आगे प्रगति संभव नहीं-in which no further progress can be made #blind date- किसी अनजान व्यक्ति से मिलना-a meeting between a girl and boy who have not met before #blow one's on trumpet-अपने मुंह मियां मिट्ठू-to praise oneself #blue blood-शाही व्यक्ति-royal or aristocratic descent #body and soul-पूर्णतया-Entirely #blue book- सरकारी रिपोर्ट-government report #bolt from the blue-आकस्मिक विपत्ति-unexpected problem #bone of contention-झगड़े की वस्तु/कारण-subject of a dispute #blessing in disguise -छिपा हुआ वरदान-hidden blessing #Bosom friend-जिगरी दोस्त-fast friend #break the ice -चुप्पी तोड़ना-to start a conversation #breath one's last-मर जाना-to pass away/ to die #broad day light -दिन-दहाड़े-in day night (when crime cannot be hidden) #broken Reed -आदिवासी व्यक्ति-unreliable person #brown study -विचारमगन्ता-a state of deep thought #bull in the China shop-जो जगह के अनुकूल ना हो-one who is out of place in a delicate situation #burn a hole in the pocket-शीघ्रता से खर्च करना-money spent quickly #burn one's finger -खुद का नुकसान कर बैठना-to get oneself into trouble #burn the candle at both ends -अपनी क्षमता अथवा साधन का अत्यधिक इस्तेमाल करना-to you once resources or energy to excess #burn the midnight oil-देर रात तक मेहनत करना-living/ studying till late night #burning question -ज्वलंत प्रश्न-hot issue #bury the hatchet-दुश्मनी खत्म करना-to end a hostility #by fits and starts -रुक-रुक कर आ नियमित रूप से-irregularly #by hook or by crook -गलत या सही किसी भी ढंग से-by any means right or wrong #by leaps and bounds -दिन दूनी और रात चौगुनी-at a rapid pace #by the skin of one's teeth/by a whisker-थोड़ी से अंतराल से -narrowly/ by a hair breadth ==C== #carry the coal to Newcastle -बेवजह मेहनत करना-spending time and energy into something that is useless and wastage of energy #cast pearls before swine -बंदर के हाथ में नारियल-a right thing in the wrong hands #castle in the air-हवाई किले बनाना- daydream /a hope or desire unlikely to be realised #cat and dog life -कलापूर्ण जीवन-troublesome life #catch a tartar -शत्रु या बहुत बड़ी परेशानी से सामना हो ना-to grapple with an unexpectedly formidable opponent #cat's paw-निजी स्वार्थ की पूर्ति में जिस व्यक्ति का प्रयोग किया जाए-a person used by another as a Dupe or tool #chew the cud-मनन करना-to ponder over/meditate #chicken hearted -कायर-lacking courage /cowardly #cook and bull story-मनगढ़ंत कहानी-a concocted story #crocodile tears-दिखावटी आंसू- a false display of grief #cross swords-लड़ना-to quarrel or fight #cry for the moon-किसी असंभव वस्तु की कामना करना-to desire the unattainable #cry over spilled milk-व्यर्थ पछताना-regret in vain for what cannot be undone #cut a sorry figure -अपने प्रयास से तनिक भी प्रभाव ना छोड़ना-to give a poor show #cut both ways-दोनों ही पार्टी के पक्ष में तर्क करना-oggy in both sides #cut no ice-कोई असर नहीं डालना-to fail to make an impression. #cut one's coat according to one's cloth -अपनी आय के अनुसार व्यय करना-to live within one's means ==D== #dance to one's tune -हुक्म का पालन करना-awaiting one's order #Dark horse -जो अप्रत्याशित रूप से जीत गए- one who wins unexpectedly #dead letter allow or ordinance that is no longer enforced. #democle's swords-सिर पर मंडराता खतरा -constant shift #die a dog's death-लज्जा जनक मौत मरना-to die a simple death #die in harness-अपने कार्यवाही के दौरान ही मृत्यु होना-die while in service #doggy in the manger-जो दूसरों को उस सुख का भोग करने नहीं देता-a person who prevents other from enjoying what he cannot #donkey's years-काफी समय बाद-a long time #duck in a thunder storm - व्यथा में-in a painful condition ==E== #eagle eyed-तेज नजर वाला-with keen eyesight #eat humble pie -शर्मिंदगी झेलना-to apologize #eat one's words -शब्द वापस लेना- take a statement back #Elbow room-काम करने की स्वतंत्रता-sufficient scope to move or function #end in smoke -कोई परिणाम ना निकलना-come to nothing escape one's lips an unintentionally or unexpectedly ==F== #Fabian policy-सावधानी पूर्ण मंद गति नीति -delivery at slow policy /policy of delaying decisions #fair and Square-निष्पक्ष- in an honest way #fair sex-नारी जाति- women #fair and dida friend -मुसीबत में साथ ना देने वाला मित्र-selfish friend who are with us only in comfortable situation #fancy price -मुंह मांगीकीमत-at any cost /at demanded price #feather in the cap-अच्छी उपलब्धि- additional success #feather one's nest -अपने कार्ड का लाभ उठाकर कमाई करना भविष्य के लिए जुगाड़ करना-to enrich oneself by taking #Fight shy of -टालना-to attempt to avoid a thing or person #fish in troubled waters-विषम परिस्थिति का लाभ उठाना-to take advantage of the problems of others #fish out of water -कष्टप्रद अवस्था में-out of one's usual and comfortable place #fly in the ointment-असुविधा- a slight unpleasant thing that restricts the enjoyment of something #fool's paradise-झूठी उम्मीद में खुश होना a state of being happy for police or unfounded regions #forty winks- झपकी- a nap #French leave-बिना सूचना के अनुपस्थित होना-a leave without information or permission #fringe benefits-वेतन के अलावा मिलने वाला लाभ-an additional benefit apart from salary #from hand to mouth-सिर्फ गुजारा पर-providing only bare essentials ==G== csm4nagi5hf7aobfkli8mnbt7ifxr5v अंग्रेज़ी व्याकरण/सर्वनाम 0 9576 78694 78687 2022-08-18T12:35:36Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} अंग्रेज़ी के पद परिचय में सर्वनाम दूसरा भाग है। वाक्य के अधिक प्रभावशील बनाने के लिए संज्ञा की जगह पर इसका इस्तेमाल किया जाता है। आसान शब्दों में, जिन शब्दों का इस्तेमाल संज्ञा के स्थान पर किया जाता है उन्हें सर्वनाम कहते हैं। निम्न दोनों वाक्यों के बीच तुलना कीजिए: # ''Rahul'' is absent because ''Rahul'' is ill. (राहुल अनुपस्थित है क्योंकि राहुल बीमार है।) # ''Rahul'' is absent because ''he'' is ill. (राहुल अनुपस्थित है क्योंकि वह बीमार है।) पहले वाक्य में "Rahul" शब्द का प्रयोग बार-बार किया गया है, जबकि दूसरे वाक्य के दूसरे मामले में "Rahul" की जगह "he" का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे पहले वाक्य के मुक़ाबले ज़्यादा प्रवाहमय बनाता है। == सर्वनाम के भेद == मानक अंग्रेज़ी में सर्वनाम के आठ भेद हैं: # Personal pronoun (पुरुषवाचक सर्वनाम) # Possessive pronoun (स्वत्वबोधक सर्वनाम) # Reflexive pronoun (निजवाचक सर्वनाम) # Relative pronoun (संबंधवाचक सर्वनाम) # Demonstrative pronoun (निश्चयवाचक सर्वनाम) # Indefinite pronoun (अनिश्चयवाचक सर्वनाम) # Interrogative pronoun (प्रश्नवाचक सर्वनाम) # Distributive pronoun (वितरणवाचक सर्वनाम) === पुरुषवाचक सर्वनाम === "I", "me", "he", "she", "it", "they", आदि शब्द किसी व्यक्ति का बोध कराते हैं, जिसकी वजह से इन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहा जाता है। पुरुषवाचक सर्वनाम को तीन हिस्सों में बाँटा जा सकता है: # First Person (प्रथम पुरुष) # Second Person (मध्यम पुरुष) # Third Person (अन्य पुरुष) {| class="wikitable" style="text-align:center" |- |colspan="2"|प्रकार||नियुक्तिवाचक||अधिकारात्मक||वस्तुनिष्ठ||अधिकारात्मक संज्ञा |- | rowspan="5" | एकवचन || प्रथम पुरुष || I || my || me || mine |- || मध्यम पुरुष || you || your || you || yours |- | rowspan="3" | अन्य पुरुष ||he||his||him||his |- ||she||her||her||hers |- ||it||its||it||its |- | rowspan="3" |बहुवचन||प्रथम पुरुष||we||our||us||ours |- || मध्यम पुरुष || you || your || you || yours |- || अन्य पुरुष || they||their||them||theirs |- |colspan="2"|प्रश्नवाचक|| who || whose || whom || whose |} ==== प्रथम पुरुष ==== इस समूह के सर्वनामों का प्रयोग वक्ता के लिए किया जाता है। इसमें सिर्फ दो ही शब्द हैं: "I" (एकवचन) और "We" (बहुवचन)। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # I am a boy. (मैं एक लड़का हूँ।) # We are friends. (हम दोस्त हैं।) ==== मध्यम पुरुष ==== इस समूह के सर्वनामों का प्रयोग स्रोता(ओं) के लिए किया जाता है। इस समूह में "You" (तुम) एकमात्र सर्वनाम है जिसका इस्तेमाल एकवचन और बहुवचन दोनों के लिए किया जा सकता है। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # You are beautiful. (तुम सुंदर हो।) === अन्य पुरुष === इस समूह के सर्वनामों का प्रयोग वक्ता और स्रोता के अलावा किसी और व्यक्ति के लिए किया जाता है। इसमें "he", "she", "it", और "they" जैसे शब्दों का प्रयोग होता है। "He" और "She" का प्रयोग व्यक्ति के लिंग के अनुसार किया जाता है, और बाकी शब्द लिंग-तटस्थ हैं। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # They are children. (वे बच्चे हैं।) # It is a book. (यह एक किताब है।) == स्वत्वबोधक सर्वनाम == The pronoun which shows the possession or ownership is called possessive pronoun. (वैसा सर्वनाम जिसमे स्वयं के भाव का बोध हो उसे कहते है ) like my, mine, hers, yours etc. For Example: #This is my house. (यह मेरा घर है। ) #This is my book. (यह मेरी किताब है। ) ==Reflexive Pronoun. (निजवाचक सर्वनाम)== A reflexive pronoun is the action performed by the subject is on the subject itself. (वैसा सर्वनाम जिसमे निजत्व का बोघ हो और अधिपत्य का अहसास कराता हो उसे निजवाचक सर्वनाम कहते है) For Example: Yourself, Myself. #I will do it myself. (यह मैं खुद करूंगा। ) #You have hurt yourself. (तुम अपने आप को चोट पहुँचाई है । ) ==Relative Pronoun (संबंधवाचक सर्वनाम )== Relative pronoun are used to relate two clauses which share a common word. (कुछ ऐसे सर्वनाम जो सबंध का बोध कराता हो उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते है ) For Example: that, who, which etc *The man is standing there. That man is my brother (जो आदमी खड़ा है। वो आदमी मेरा भाई है। ) ==Demonstrative Pronoun (निश्चयवाचक सर्वनाम)== In this type of pronoun, we often use the words such as 'this', 'that'. It indicates the object that we try to describe. (कुछ ऐसे सर्वनाम जो निश्चितता को भावना का बोध कराता हो उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते है ) For Example:-This (यह),That (वह) #This is my book. (यह मेरी किताब है। ) #That is your pen. (वह तुम्हारा कलम है।) ==Indefinite Pronoun (अनिश्चयवाचक सर्वनाम)== The pronouns used in the sentence which do not refer any particular person or object. Pronouns that are used in a general way are called as indefinite pronoun. (वैसे सर्वनाम जो अनिश्चय की स्थिति का बोध कराता है उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते है ) For Example:Any (कोई),Something (कुछ ) #I need some money (मुझे कुछ पैसे चाहिए। ) #Someone at the door (दरवाजे पर कोई है। ) ==Interrogative Pronoun (प्रश्नवाचक सर्वनाम)== The pronouns that are used for asking questions is known as interrogative pronoun. (वैसे सर्वनाम जो प्रश्न पूछने मे उपयोग करते है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते है ) For Example:Who (कौन), Which (कौन सा ), Where (कहॉ ), What (क्या) etc (आदि ). #Who are you? (आप कौन हैं?) #Where are you? (आप कहां हैं? ) #What are you doing? (आप क्या कर रहे हैं?) ==Distributive Pronoun (वितरणवाचक सर्वनाम)== The pronoun which refers to the person or things taken one at a time is called as distributive pronoun. (वैसे सर्वनाम जो एक समय मे एक व्यक्ति या वस्तु का बोध कराता है उसे वितरणवाचक सर्वनाम कहते है ) For Example:Either (या तो), Neither (न तो ), Each (प्रत्येक) #Each of these boys deserved a reward (इन लड़को में से प्रत्येक इनाम के हकदार है। ) #We may go either today or tomorrow. (हम आज या तो कल जा सकते है। ) joka4p090l83sdu7h884xw28xdb4tv7 78695 78694 2022-08-18T12:56:34Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} अंग्रेज़ी के पद परिचय में सर्वनाम दूसरा भाग है। वाक्य के अधिक प्रभावशील बनाने के लिए संज्ञा की जगह पर इसका इस्तेमाल किया जाता है। आसान शब्दों में, जिन शब्दों का इस्तेमाल संज्ञा के स्थान पर किया जाता है उन्हें सर्वनाम कहते हैं। निम्न दोनों वाक्यों के बीच तुलना कीजिए: # ''Rahul'' is absent because ''Rahul'' is ill. (राहुल अनुपस्थित है क्योंकि राहुल बीमार है।) # ''Rahul'' is absent because ''he'' is ill. (राहुल अनुपस्थित है क्योंकि वह बीमार है।) पहले वाक्य में "Rahul" शब्द का प्रयोग बार-बार किया गया है, जबकि दूसरे वाक्य के दूसरे मामले में "Rahul" की जगह "he" का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे पहले वाक्य के मुक़ाबले ज़्यादा प्रवाहमय बनाता है। == सर्वनाम के भेद == मानक अंग्रेज़ी में सर्वनाम के आठ भेद हैं: # Personal pronoun (पुरुषवाचक सर्वनाम) # Possessive pronoun (स्वत्वबोधक सर्वनाम) # Reflexive pronoun (निजवाचक सर्वनाम) # Relative pronoun (संबंधवाचक सर्वनाम) # Demonstrative pronoun (निश्चयवाचक सर्वनाम) # Indefinite pronoun (अनिश्चयवाचक सर्वनाम) # Interrogative pronoun (प्रश्नवाचक सर्वनाम) # Distributive pronoun (वितरणवाचक सर्वनाम) === पुरुषवाचक सर्वनाम (personal prounoun) === "I", "me", "he", "she", "it", "they", आदि शब्द किसी व्यक्ति का बोध कराते हैं, जिसकी वजह से इन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम अर्थात् "personal pronoun" कहा जाता है। पुरुषवाचक सर्वनाम को तीन हिस्सों में बाँटा जा सकता है: # First Person (प्रथम पुरुष) # Second Person (मध्यम पुरुष) # Third Person (अन्य पुरुष) {| class="wikitable" style="text-align:center" |- |colspan="2"|प्रकार||नियुक्तिवाचक||अधिकारात्मक||वस्तुनिष्ठ||अधिकारात्मक संज्ञा |- | rowspan="5" | एकवचन || प्रथम पुरुष || I || my || me || mine |- || मध्यम पुरुष || you || your || you || yours |- | rowspan="3" | अन्य पुरुष ||he||his||him||his |- ||she||her||her||hers |- ||it||its||it||its |- | rowspan="3" |बहुवचन||प्रथम पुरुष||we||our||us||ours |- || मध्यम पुरुष || you || your || you || yours |- || अन्य पुरुष || they||their||them||theirs |- |colspan="2"|प्रश्नवाचक|| who || whose || whom || whose |} ==== प्रथम पुरुष (first person) ==== इस समूह के सर्वनामों का प्रयोग वक्ता के लिए किया जाता है। इसमें सिर्फ दो ही शब्द हैं: "I" (एकवचन) और "we" (बहुवचन)। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # ''I'' am a boy. (मैं एक लड़का हूँ।) # ''We'' are friends. (हम दोस्त हैं।) ==== मध्यम पुरुष (second person) ==== इस समूह के सर्वनामों का प्रयोग स्रोता(ओं) के लिए किया जाता है। इस समूह में "You" (तुम) एकमात्र सर्वनाम है जिसका इस्तेमाल एकवचन और बहुवचन दोनों के लिए किया जा सकता है। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # ''You'' are beautiful. (तुम सुंदर हो।) ==== अन्य पुरुष (third person) ==== इस समूह के सर्वनामों का प्रयोग वक्ता और स्रोता के अलावा किसी और व्यक्ति के लिए किया जाता है। इसमें "he", "she", "it", और "they" जैसे शब्दों का प्रयोग होता है। "He" और "She" का प्रयोग व्यक्ति के लिंग के अनुसार किया जाता है, और बाकी शब्द लिंग-तटस्थ हैं। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # ''They'' are children. (वे बच्चे हैं।) # ''It'' is a book. (यह एक किताब है।) == स्वत्वबोधक सर्वनाम (possessive pronoun) == सर्वनाम जिसकी मदद से किसी वस्तु पर किसी का अधिकार या मालिकाना दर्शाया जाता हो, उसे स्वत्वबोधक सर्वनाम अर्थात् "possessive pronoun" कहते हैं, जैसे "my", "mine", "hers", "his", "yours", आदि। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: #'This is ''my'' house. (यह मेरा घर है।) # This is ''his'' book. (यह मेरी किताब है।) == निजवाचक सर्वनाम (reflexive pronoun) == एक निजवाचक सर्वनाम अर्थात् "reflexive pronoun" वह शब्द है जिसमें कर्म और कर्ता समान हो, जैसे "myself", "ourselves", "yourself", "herself", "themselves", आदि। # I will do it ''myself''. (यह मैं खुद कर लूँगा/लूँगी।) # You have hurt ''yourself''. (तुमने अपने आप को चोट पहुँचाई है।) == संबंधवाचक सर्वनाम (relative pronoun) == संबंधवाचक सर्वनामों अर्थात् "relative pronouns" की मदद से दो खंडों की बीच का संबंध दर्शाया जाता है, जैसे "that", "who", "which", आदि। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # The man ''who'' is standing there is my brother. (जो आदमी वहाँ पर खड़ा है, वह मेरा भाई है।) इस वाक्य को लंबे रूप से इस तरीके से लिखा जा सकता है: "The man is standing there. That man is my brother." ("वह आदमी वहाँ पर खड़ा है। वह आदमी मेरी भाई है।") == निश्चयवाचक सर्वनाम (demonstrative pronoun) == इस तरह के सर्वनाम में "this" और "that" जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। इसमें वाक्य के कर्म को दर्शाया जाता है, जैसे "this" ("यह") और "that" ("वह")। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # ''This'' is my book. (यह मेरी किताब है।) # ''That'' is your pen. (वह तुम्हारा कलम है।) == अनिश्चयवाचक सर्वनाम (indefinite pronoun) == इन सर्वनाम शब्दों का इस्तेमाल उन वाक्यों में किया जाता है जिनपर किसी विशिष्ट कर्म का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हें कभी-कभी "indefinite pronoun" या "अनगिनत सर्वनाम" भी कहा जाता है, जैसे "any", "something", आदि। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # I need ''some'' money. (मुझे कुछ पैसे चाहिए।) # ''Someone'' is at the door. (दरवाजे पर कोई है।) == प्रश्नवाचक सर्वनाम (interrogative pronoun) == जिन सर्वनामों का इस्तेमाल प्रश्न पूछते समय किया जाता है, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम अर्थात् "interrogative pronoun" कहा जाता है, जैसे "who" ("कौन"), "which" ("कौन-सा"), "where" ("कहाँ"), "what" ("क्या"), आदि। # ''Who'' are you? (आप कौन हैं?) # ''Where'' are they? (वे कहाँ पर हैं?) # ''What'' are you doing? (आप क्या कर रहे हैं?) == वितरणवाचक सर्वनाम (distributive pronoun) == जिस सर्वनाम से एक-बार-में-एक कर्म की तरफ़ इशारा किया जाता है, उसे वितरणवाचक सर्वनाम अर्थात् "distributive pronoun" कहा जाता है, जैसे "either" ("या तो"), "neither" ("न तो"), "each" ("प्रत्येक"), आदि। # ''Each'' of these boys deserved a reward. (इन लड़कों में से प्रत्येक इनाम का हकदार है।) # We may go ''either'' today or tomorrow. (हम आज या तो कल जा सकते है।) q0y4r2luab6bhxdoclijt2ckayummio 78696 78695 2022-08-18T13:00:55Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} अंग्रेज़ी के पद परिचय में सर्वनाम दूसरा भाग है। वाक्य के अधिक प्रभावशील बनाने के लिए संज्ञा की जगह पर इसका इस्तेमाल किया जाता है। आसान शब्दों में, जिन शब्दों का इस्तेमाल संज्ञा के स्थान पर किया जाता है उन्हें सर्वनाम कहते हैं। निम्न दोनों वाक्यों के बीच तुलना कीजिए: # ''Rahul'' is absent because ''Rahul'' is ill. (राहुल अनुपस्थित है क्योंकि राहुल बीमार है।) # ''Rahul'' is absent because ''he'' is ill. (राहुल अनुपस्थित है क्योंकि वह बीमार है।) पहले वाक्य में "Rahul" शब्द का प्रयोग बार-बार किया गया है, जबकि दूसरे वाक्य के दूसरे मामले में "Rahul" की जगह "he" का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे पहले वाक्य के मुक़ाबले ज़्यादा प्रवाहमय बनाता है। मानक अंग्रेज़ी में सर्वनाम के आठ भेद हैं: # Personal pronoun (पुरुषवाचक सर्वनाम) # Possessive pronoun (स्वत्वबोधक सर्वनाम) # Reflexive pronoun (निजवाचक सर्वनाम) # Relative pronoun (संबंधवाचक सर्वनाम) # Demonstrative pronoun (निश्चयवाचक सर्वनाम) # Indefinite pronoun (अनिश्चयवाचक सर्वनाम) # Interrogative pronoun (प्रश्नवाचक सर्वनाम) # Distributive pronoun (वितरणवाचक सर्वनाम) == पुरुषवाचक सर्वनाम (personal prounoun) == "I", "me", "he", "she", "it", "they", आदि शब्द किसी व्यक्ति का बोध कराते हैं, जिसकी वजह से इन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम अर्थात् "personal pronoun" कहा जाता है। पुरुषवाचक सर्वनाम को तीन हिस्सों में बाँटा जा सकता है: # First Person (प्रथम पुरुष) # Second Person (मध्यम पुरुष) # Third Person (अन्य पुरुष) {| class="wikitable" style="text-align:center" |- |colspan="2"|प्रकार||नियुक्तिवाचक||अधिकारात्मक||वस्तुनिष्ठ||अधिकारात्मक संज्ञा |- | rowspan="5" | एकवचन || प्रथम पुरुष || I || my || me || mine |- || मध्यम पुरुष || you || your || you || yours |- | rowspan="3" | अन्य पुरुष ||he||his||him||his |- ||she||her||her||hers |- ||it||its||it||its |- | rowspan="3" |बहुवचन||प्रथम पुरुष||we||our||us||ours |- || मध्यम पुरुष || you || your || you || yours |- || अन्य पुरुष || they||their||them||theirs |- |colspan="2"|प्रश्नवाचक|| who || whose || whom || whose |} === प्रथम पुरुष (first person) === इस समूह के सर्वनामों का प्रयोग वक्ता के लिए किया जाता है। इसमें सिर्फ दो ही शब्द हैं: "I" (एकवचन) और "we" (बहुवचन)। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # ''I'' am a boy. (मैं एक लड़का हूँ।) # ''We'' are friends. (हम दोस्त हैं।) === मध्यम पुरुष (second person) === इस समूह के सर्वनामों का प्रयोग स्रोता(ओं) के लिए किया जाता है। इस समूह में "You" (तुम) एकमात्र सर्वनाम है जिसका इस्तेमाल एकवचन और बहुवचन दोनों के लिए किया जा सकता है। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # ''You'' are beautiful. (तुम सुंदर हो।) === अन्य पुरुष (third person) === इस समूह के सर्वनामों का प्रयोग वक्ता और स्रोता के अलावा किसी और व्यक्ति के लिए किया जाता है। इसमें "he", "she", "it", और "they" जैसे शब्दों का प्रयोग होता है। "He" और "She" का प्रयोग व्यक्ति के लिंग के अनुसार किया जाता है, और बाकी शब्द लिंग-तटस्थ हैं। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # ''They'' are children. (वे बच्चे हैं।) # ''It'' is a book. (यह एक किताब है।) == स्वत्वबोधक सर्वनाम (possessive pronoun) == सर्वनाम जिसकी मदद से किसी वस्तु पर किसी का अधिकार या मालिकाना दर्शाया जाता हो, उसे स्वत्वबोधक सर्वनाम अर्थात् "possessive pronoun" कहते हैं, जैसे "my", "mine", "hers", "his", "yours", आदि। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: #'This is ''my'' house. (यह मेरा घर है।) # This is ''his'' book. (यह मेरी किताब है।) == निजवाचक सर्वनाम (reflexive pronoun) == एक निजवाचक सर्वनाम अर्थात् "reflexive pronoun" वह शब्द है जिसमें कर्म और कर्ता समान हो, जैसे "myself", "ourselves", "yourself", "herself", "themselves", आदि। # I will do it ''myself''. (यह मैं खुद कर लूँगा/लूँगी।) # You have hurt ''yourself''. (तुमने अपने आप को चोट पहुँचाई है।) == संबंधवाचक सर्वनाम (relative pronoun) == संबंधवाचक सर्वनामों अर्थात् "relative pronouns" की मदद से दो खंडों की बीच का संबंध दर्शाया जाता है, जैसे "that", "who", "which", आदि। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # The man ''who'' is standing there is my brother. (जो आदमी वहाँ पर खड़ा है, वह मेरा भाई है।) इस वाक्य को लंबे रूप से इस तरीके से लिखा जा सकता है: "The man is standing there. That man is my brother." ("वह आदमी वहाँ पर खड़ा है। वह आदमी मेरी भाई है।") == निश्चयवाचक सर्वनाम (demonstrative pronoun) == इस तरह के सर्वनाम में "this" और "that" जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। इसमें वाक्य के कर्म को दर्शाया जाता है, जैसे "this" ("यह") और "that" ("वह")। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # ''This'' is my book. (यह मेरी किताब है।) # ''That'' is your pen. (वह तुम्हारा कलम है।) == अनिश्चयवाचक सर्वनाम (indefinite pronoun) == इन सर्वनाम शब्दों का इस्तेमाल उन वाक्यों में किया जाता है जिनपर किसी विशिष्ट कर्म का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हें कभी-कभी "indefinite pronoun" या "अनगिनत सर्वनाम" भी कहा जाता है, जैसे "any", "something", आदि। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # I need ''some'' money. (मुझे कुछ पैसे चाहिए।) # ''Someone'' is at the door. (दरवाजे पर कोई है।) == प्रश्नवाचक सर्वनाम (interrogative pronoun) == जिन सर्वनामों का इस्तेमाल प्रश्न पूछते समय किया जाता है, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम अर्थात् "interrogative pronoun" कहा जाता है, जैसे "who" ("कौन"), "which" ("कौन-सा"), "where" ("कहाँ"), "what" ("क्या"), आदि। # ''Who'' are you? (आप कौन हैं?) # ''Where'' are they? (वे कहाँ पर हैं?) # ''What'' are you doing? (आप क्या कर रहे हैं?) == वितरणवाचक सर्वनाम (distributive pronoun) == जिस सर्वनाम से एक-बार-में-एक कर्म की तरफ़ इशारा किया जाता है, उसे वितरणवाचक सर्वनाम अर्थात् "distributive pronoun" कहा जाता है, जैसे "either" ("या तो"), "neither" ("न तो"), "each" ("प्रत्येक"), आदि। # ''Each'' of these boys deserved a reward. (इन लड़कों में से प्रत्येक इनाम का हकदार है।) # We may go ''either'' today or tomorrow. (हम आज या तो कल जा सकते है।) rgnlu64mrx3e7li64kr95hnthl919h4 78786 78696 2022-08-19T10:35:40Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{अंग्रेज़ी}} अंग्रेज़ी के पद परिचय में सर्वनाम दूसरा भाग है। वाक्य के अधिक प्रभावशील बनाने के लिए संज्ञा की जगह पर इसका इस्तेमाल किया जाता है। आसान शब्दों में, जिन शब्दों का इस्तेमाल संज्ञा के स्थान पर किया जाता है उन्हें सर्वनाम कहते हैं। निम्न दोनों वाक्यों के बीच तुलना कीजिए: # ''Rahul'' is absent because ''Rahul'' is ill. (राहुल अनुपस्थित है क्योंकि राहुल बीमार है।) # ''Rahul'' is absent because ''he'' is ill. (राहुल अनुपस्थित है क्योंकि वह बीमार है।) पहले वाक्य में "Rahul" शब्द का प्रयोग बार-बार किया गया है, जबकि दूसरे वाक्य के दूसरे मामले में "Rahul" की जगह "he" का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे पहले वाक्य के मुक़ाबले ज़्यादा प्रवाहमय बनाता है। मानक अंग्रेज़ी में सर्वनाम के आठ भेद हैं: # Personal pronoun (पुरुषवाचक सर्वनाम) # Possessive pronoun (स्वत्वबोधक सर्वनाम) # Reflexive pronoun (निजवाचक सर्वनाम) # Relative pronoun (संबंधवाचक सर्वनाम) # Demonstrative pronoun (निश्चयवाचक सर्वनाम) # Indefinite pronoun (अनिश्चयवाचक सर्वनाम) # Interrogative pronoun (प्रश्नवाचक सर्वनाम) # Distributive pronoun (वितरणवाचक सर्वनाम) == पुरुषवाचक सर्वनाम (personal prounoun) == "I", "me", "he", "she", "it", "they", आदि शब्द किसी व्यक्ति का बोध कराते हैं, जिसकी वजह से इन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम अर्थात् "personal pronoun" कहा जाता है। पुरुषवाचक सर्वनाम को तीन हिस्सों में बाँटा जा सकता है: # First Person (प्रथम पुरुष) # Second Person (मध्यम पुरुष) # Third Person (अन्य पुरुष) {| class="wikitable" style="text-align:center" |- |colspan="2"|प्रकार||नियुक्तिवाचक||अधिकारात्मक||वस्तुनिष्ठ||अधिकारात्मक संज्ञा |- | rowspan="5" | एकवचन || प्रथम पुरुष || I || my || me || mine |- || मध्यम पुरुष || you || your || you || yours |- | rowspan="3" | अन्य पुरुष ||he||his||him||his |- ||she||her||her||hers |- ||it||its||it||its |- | rowspan="3" |बहुवचन||प्रथम पुरुष||we||our||us||ours |- || मध्यम पुरुष || you || your || you || yours |- || अन्य पुरुष || they||their||them||theirs |- |colspan="2"|प्रश्नवाचक|| who || whose || whom || whose |} === प्रथम पुरुष (first person) === इस समूह के सर्वनामों का प्रयोग वक्ता के लिए किया जाता है। इसमें सिर्फ दो ही शब्द हैं: "I" (एकवचन) और "we" (बहुवचन)। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # ''I'' am a boy. (मैं एक लड़का हूँ।) # ''We'' are friends. (हम दोस्त हैं।) === मध्यम पुरुष (second person) === इस समूह के सर्वनामों का प्रयोग स्रोता(ओं) के लिए किया जाता है। इस समूह में "You" (तुम) एकमात्र सर्वनाम है जिसका इस्तेमाल एकवचन और बहुवचन दोनों के लिए किया जा सकता है। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # ''You'' are beautiful. (तुम सुंदर हो।) === अन्य पुरुष (third person) === इस समूह के सर्वनामों का प्रयोग वक्ता और स्रोता के अलावा किसी और व्यक्ति के लिए किया जाता है। इसमें "he", "she", "it", और "they" जैसे शब्दों का प्रयोग होता है। "He" और "She" का प्रयोग व्यक्ति के लिंग के अनुसार किया जाता है, और बाकी शब्द लिंग-तटस्थ हैं। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # ''They'' are children. (वे बच्चे हैं।) # ''It'' is a book. (यह एक किताब है।) == स्वत्वबोधक सर्वनाम (possessive pronoun) == सर्वनाम जिसकी मदद से किसी वस्तु पर किसी का अधिकार या मालिकाना दर्शाया जाता हो, उसे स्वत्वबोधक सर्वनाम अर्थात् "possessive pronoun" कहते हैं, जैसे "my", "mine", "hers", "his", "yours", आदि। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: #'This is ''my'' house. (यह मेरा घर है।) # This is ''his'' book. (यह मेरी किताब है।) == निजवाचक सर्वनाम (reflexive pronoun) == एक निजवाचक सर्वनाम अर्थात् "reflexive pronoun" वह शब्द है जिसमें कर्म और कर्ता समान हो, जैसे "myself", "ourselves", "yourself", "herself", "themselves", आदि। # I will do it ''myself''. (यह मैं खुद कर लूँगा/लूँगी।) # You have hurt ''yourself''. (तुमने अपने आप को चोट पहुँचाई है।) == संबंधवाचक सर्वनाम (relative pronoun) == संबंधवाचक सर्वनामों अर्थात् "relative pronouns" की मदद से दो खंडों की बीच का संबंध दर्शाया जाता है, जैसे "that", "who", "which", आदि। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # The man ''who'' is standing there is my brother. (जो आदमी वहाँ पर खड़ा है, वह मेरा भाई है।) इस वाक्य को लंबे रूप से इस तरीके से लिखा जा सकता है: "The man is standing there. That man is my brother." ("वह आदमी वहाँ पर खड़ा है। वह आदमी मेरी भाई है।") == निश्चयवाचक सर्वनाम (demonstrative pronoun) == इस तरह के सर्वनाम में "this" और "that" जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। इसमें वाक्य के कर्म को दर्शाया जाता है, जैसे "this" ("यह") और "that" ("वह")। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # ''This'' is my book. (यह मेरी किताब है।) # ''That'' is your pen. (वह तुम्हारा कलम है।) == अनिश्चयवाचक सर्वनाम (indefinite pronoun) == इन सर्वनाम शब्दों का इस्तेमाल उन वाक्यों में किया जाता है जिनपर किसी विशिष्ट कर्म का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हें कभी-कभी "indefinite pronoun" या "अनगिनत सर्वनाम" भी कहा जाता है, जैसे "any", "something", आदि। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # I need ''some'' money. (मुझे कुछ पैसे चाहिए।) # ''Someone'' is at the door. (दरवाजे पर कोई है।) == प्रश्नवाचक सर्वनाम (interrogative pronoun) == जिन सर्वनामों का इस्तेमाल प्रश्न पूछते समय किया जाता है, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम अर्थात् "interrogative pronoun" कहा जाता है, जैसे "who" ("कौन"), "which" ("कौन-सा"), "where" ("कहाँ"), "what" ("क्या"), आदि। # ''Who'' are you? (आप कौन हैं?) # ''Where'' are they? (वे कहाँ पर हैं?) # ''What'' are you doing? (आप क्या कर रहे हैं?) == वितरणवाचक सर्वनाम (distributive pronoun) == जिस सर्वनाम से एक-बार-में-एक कर्म की तरफ़ इशारा किया जाता है, उसे वितरणवाचक सर्वनाम अर्थात् "distributive pronoun" कहा जाता है, जैसे "either" ("या तो"), "neither" ("न तो"), "each" ("प्रत्येक"), आदि। # ''Each'' of these boys deserved a reward. (इन लड़कों में से प्रत्येक इनाम का हकदार है।) # We may go ''either'' today or tomorrow. (हम आज या तो कल जा सकते है।) jsm0lg0y9byj9p30higm6u7igtrpfxa अंग्रेज़ी व्याकरण/क्रिया 0 9577 78703 78679 2022-08-18T14:48:49Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} क्रिया की महत्वपूर्ण भूमिका यह है कि यह किसी समय से किसी कार्य का संबंध बनााता है। यह स्पष्ट होना चाहिए कि कार्य वर्तमान में हो रहा है, भूत में हो चुका है या फिर भविष्य में होने वाला है। क्रिया को काल द्वारा प्रभावित किया जाता है। क्रिया के प्रयोग के कुछ उदाहरण हैं: # Rama is ''playing''. (रमा खेल रही है।) # Minu used to ''dance''. (मीनू नाचा करती थी।) == काल == === वर्तमान काल (present tense) === इस काल से पता चलता है कि कार्य वर्तमान में हो रहा है, कोई स्वाभाविक कार्य है, या फिर हाल ही में खत्म हुआ है। # I ''am walking'' right now. (मैं इस समय पैदल चल रहा/रही हूँ।) # Sahib ''runs'' fast. (साहिब तेज़ से दौड़ता है।) # The children ''have played'' football. (बच्चों ने फ़ुटबॉल खेला है।) === भूत काल (past tense) === इस काल से पता चलता है कि कार्य पहले हो चुका है, पहले जारी था, या फिर काफ़ी पहले खत्म हुआ है; और इस कार्य का समय पहले ही पार हो चुका है। # I ''walked'' to school. (मैं स्कूल के लिए चला गया।) # Sahib ''was running'' fast. (साहिब तेज़ी से दौड़ रहा था।) # The children ''had played'' football. (बच्चों ने फ़ुटबॉल खेला था।) === भविष्य काल (future tense) === इस काल से पता लगता है कि कार्य का शुरू होना बाकी है, और निश्चित या अनिश्चित रूप से भविष्य में होगा या हो रहा होगा। # I ''shall walk'' to school. (मैं स्कूल जाऊँगा।) # Sahib ''will run'' fast. (साहिब तेज़ी से दौड़ेगा।) # The children ''may play'' football. (शायद बच्चे फ़ुटबॉल खेलेंगे।) == क्रिया के प्रकार == कर्म (object) के आधार पर हिन्दी औऱ अंग्रेज़ी, दोनों में दो ही प्रकार होते हैं: === सकर्मक क्रिया (transitive verb) === उन क्रिया शब्दों को सकर्मक क्रिया (transitive verb) कहा जाता है जिनका प्रभाव किसी निश्चित वस्तु पर पड़ता है। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं (क्रिया को इटैलिक में लिखा गया है और कर्म को बोल्ड तथा इटैलिक में): # Ram is ''reading'' the '''''news paper'''''. (राम अखबार पढ़ रहा है।) # Sita is ''going'' to the '''''market'''''. (सीता बाज़ार जा रही है।) # Johnson is ''playing'' '''''cricket'''''. (जॉन्सन क्रिकेट खेल रहा है।) === अकर्मक क्रिया (intransitive verb) === उन क्रिया शब्दों को अकर्मक क्रिया (intransitive verb) कहा जाता है जिनका प्रभाव किसी निश्चित वस्तु पर नहीं पड़ता है। वाक्य के प्रयोग के उदाहरण हैं: # Kids are ''crying''. (बच्चों रो रहे हैं।) # Ranjan is ''playing''. (रंजन खेल रहा है।) # Mohan is ''sleeping''. (मोहन सो रहा है।) जैसा उपरोक्त वाक्यों से देखा जा सकता है, अगर आप इनसे जुड़ा कोई प्रश्न पूछेंगे, जैसे "बच्चे क्या कर रहे हैं?", आपको "कर" शब्द का प्रयोग करना पड़ रहा है। अक्सर, इसी प्रश्न के परीक्षण से पता लग जाता है कि वाक्य अकर्मक है या फिर सकर्मक। rx8riqic10e1zlaary8bun8asx6l98q 78704 78703 2022-08-18T14:52:14Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} क्रिया की महत्वपूर्ण भूमिका यह है कि यह किसी समय से किसी कार्य का संबंध बनााता है। यह स्पष्ट होना चाहिए कि कार्य वर्तमान में हो रहा है, भूत में हो चुका है या फिर भविष्य में होने वाला है। क्रिया को काल द्वारा प्रभावित किया जाता है। क्रिया के प्रयोग के कुछ उदाहरण हैं: # Rama is ''playing''. (रमा खेल रही है।) # Minu used to ''dance''. (मीनू नाचा करती थी।) == काल == === वर्तमान काल (present tense) === इस काल से पता चलता है कि कार्य वर्तमान में हो रहा है, कोई स्वाभाविक कार्य है, या फिर हाल ही में खत्म हुआ है। # I ''am walking'' right now. (मैं इस समय पैदल चल रहा/रही हूँ।) # Sahib ''runs'' fast. (साहिब तेज़ से दौड़ता है।) # The children ''have played'' football. (बच्चों ने फ़ुटबॉल खेला है।) === भूत काल (past tense) === इस काल से पता चलता है कि कार्य पहले हो चुका है, पहले जारी था, या फिर काफ़ी पहले खत्म हुआ है; और इस कार्य का समय पहले ही पार हो चुका है। # I ''walked'' to school. (मैं स्कूल के लिए चला गया।) # Sahib ''was running'' fast. (साहिब तेज़ी से दौड़ रहा था।) # The children ''had played'' football. (बच्चों ने फ़ुटबॉल खेला था।) === भविष्य काल (future tense) === इस काल से पता लगता है कि कार्य का शुरू होना बाकी है, और निश्चित या अनिश्चित रूप से भविष्य में होगा या हो रहा होगा। # I ''shall walk'' to school. (मैं स्कूल जाऊँगा।) # Sahib ''will run'' fast. (साहिब तेज़ी से दौड़ेगा।) # The children ''may play'' football. (शायद बच्चे फ़ुटबॉल खेलेंगे।) == क्रिया के प्रकार == कर्म (object) के आधार पर हिन्दी औऱ अंग्रेज़ी, दोनों में दो ही प्रकार होते हैं: === सकर्मक क्रिया (transitive verb) === उन क्रिया शब्दों को सकर्मक क्रिया (transitive verb) कहा जाता है जिनका प्रभाव किसी निश्चित वस्तु पर पड़ता है। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं (क्रिया को इटैलिक में लिखा गया है और कर्म को बोल्ड तथा इटैलिक में): # Ram is ''reading'' the '''''news paper'''''. (राम अखबार पढ़ रहा है।) # Sita is ''going'' to the '''''market'''''. (सीता बाज़ार जा रही है।) # Johnson is ''playing'' '''''cricket'''''. (जॉन्सन क्रिकेट खेल रहा है।) === अकर्मक क्रिया (intransitive verb) === उन क्रिया शब्दों को अकर्मक क्रिया (intransitive verb) कहा जाता है जिनका प्रभाव किसी निश्चित वस्तु पर नहीं पड़ता है। वाक्य के प्रयोग के उदाहरण हैं: # Kids are ''crying''. (बच्चों रो रहे हैं।) # Ranjan is ''playing''. (रंजन खेल रहा है।) # Mohan is ''sleeping''. (मोहन सो रहा है।) जैसा उपरोक्त वाक्यों से देखा जा सकता है, अगर आप इनसे जुड़ा कोई प्रश्न पूछेंगे, जैसे "बच्चे क्या कर रहे हैं?", आपको "कर" शब्द का प्रयोग करना पड़ रहा है। अक्सर, इसी प्रश्न के परीक्षण से पता लग जाता है कि वाक्य अकर्मक है या फिर सकर्मक। == सहायक क्रिया (auxiliary and modal verbs) == सहायक क्रिया (auxiliary and modal verbs) उन क्रिया शब्दों को कहा जाता है जो क्रिया शब्दों के पहले लगकर वाक्य के काल को निर्धारित करते हैं। आम तौर पर क्रिया का एक वाक्यांश ऐसा दिखता है: <center> {| |- !सहायक क्रिया !! + !! मुख्य क्रिया !! = !! क्रिया का वाक्यांश |- | is || + || singing || = || is singing |- | would have || + || gone || = || would have gone |- | will have been || + || working || = || will have been working |} </center> nvyqm079syv2qt9lvfq8ftn9urdcwml 78788 78704 2022-08-19T10:36:01Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{अंग्रेज़ी}} क्रिया की महत्वपूर्ण भूमिका यह है कि यह किसी समय से किसी कार्य का संबंध बनााता है। यह स्पष्ट होना चाहिए कि कार्य वर्तमान में हो रहा है, भूत में हो चुका है या फिर भविष्य में होने वाला है। क्रिया को काल द्वारा प्रभावित किया जाता है। क्रिया के प्रयोग के कुछ उदाहरण हैं: # Rama is ''playing''. (रमा खेल रही है।) # Minu used to ''dance''. (मीनू नाचा करती थी।) == काल == === वर्तमान काल (present tense) === इस काल से पता चलता है कि कार्य वर्तमान में हो रहा है, कोई स्वाभाविक कार्य है, या फिर हाल ही में खत्म हुआ है। # I ''am walking'' right now. (मैं इस समय पैदल चल रहा/रही हूँ।) # Sahib ''runs'' fast. (साहिब तेज़ से दौड़ता है।) # The children ''have played'' football. (बच्चों ने फ़ुटबॉल खेला है।) === भूत काल (past tense) === इस काल से पता चलता है कि कार्य पहले हो चुका है, पहले जारी था, या फिर काफ़ी पहले खत्म हुआ है; और इस कार्य का समय पहले ही पार हो चुका है। # I ''walked'' to school. (मैं स्कूल के लिए चला गया।) # Sahib ''was running'' fast. (साहिब तेज़ी से दौड़ रहा था।) # The children ''had played'' football. (बच्चों ने फ़ुटबॉल खेला था।) === भविष्य काल (future tense) === इस काल से पता लगता है कि कार्य का शुरू होना बाकी है, और निश्चित या अनिश्चित रूप से भविष्य में होगा या हो रहा होगा। # I ''shall walk'' to school. (मैं स्कूल जाऊँगा।) # Sahib ''will run'' fast. (साहिब तेज़ी से दौड़ेगा।) # The children ''may play'' football. (शायद बच्चे फ़ुटबॉल खेलेंगे।) == क्रिया के प्रकार == कर्म (object) के आधार पर हिन्दी औऱ अंग्रेज़ी, दोनों में दो ही प्रकार होते हैं: === सकर्मक क्रिया (transitive verb) === उन क्रिया शब्दों को सकर्मक क्रिया (transitive verb) कहा जाता है जिनका प्रभाव किसी निश्चित वस्तु पर पड़ता है। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं (क्रिया को इटैलिक में लिखा गया है और कर्म को बोल्ड तथा इटैलिक में): # Ram is ''reading'' the '''''news paper'''''. (राम अखबार पढ़ रहा है।) # Sita is ''going'' to the '''''market'''''. (सीता बाज़ार जा रही है।) # Johnson is ''playing'' '''''cricket'''''. (जॉन्सन क्रिकेट खेल रहा है।) === अकर्मक क्रिया (intransitive verb) === उन क्रिया शब्दों को अकर्मक क्रिया (intransitive verb) कहा जाता है जिनका प्रभाव किसी निश्चित वस्तु पर नहीं पड़ता है। वाक्य के प्रयोग के उदाहरण हैं: # Kids are ''crying''. (बच्चों रो रहे हैं।) # Ranjan is ''playing''. (रंजन खेल रहा है।) # Mohan is ''sleeping''. (मोहन सो रहा है।) जैसा उपरोक्त वाक्यों से देखा जा सकता है, अगर आप इनसे जुड़ा कोई प्रश्न पूछेंगे, जैसे "बच्चे क्या कर रहे हैं?", आपको "कर" शब्द का प्रयोग करना पड़ रहा है। अक्सर, इसी प्रश्न के परीक्षण से पता लग जाता है कि वाक्य अकर्मक है या फिर सकर्मक। == सहायक क्रिया (auxiliary and modal verbs) == सहायक क्रिया (auxiliary and modal verbs) उन क्रिया शब्दों को कहा जाता है जो क्रिया शब्दों के पहले लगकर वाक्य के काल को निर्धारित करते हैं। आम तौर पर क्रिया का एक वाक्यांश ऐसा दिखता है: <center> {| |- !सहायक क्रिया !! + !! मुख्य क्रिया !! = !! क्रिया का वाक्यांश |- | is || + || singing || = || is singing |- | would have || + || gone || = || would have gone |- | will have been || + || working || = || will have been working |} </center> bi0rt6ugm02mtlyfc0owik4v2dgyex4 अंग्रेज़ी व्याकरण/विशेषण 0 9579 78697 78683 2022-08-18T13:20:18Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} किसी शब्द की विशेषताओं अथवा गुणों का बोध कराने वाले शब्दों को विशेषण कहा जाता है, जैसे "big" ("बड़ा"), "tall" ("ऊँचा"), "beautiful" ("सुंदर"), "blue" ("नीला")। वाक्यों में प्रयोग के उदाहरण हैं: # The building is really large. (मकान बहुत बड़ा है।) # Rohan is very tall. (रोहन बहुत लंबा है।) # The dress is very beautiful. (पोशाक बहुत सुंदर है।) मानक अंग्रेज़ी में विशेषण का कोई भेद नहीं होता, मगर अंग्रेज़ी के भारतीय संस्करण में अंग्रेज़ी के चार भेद हैं, जिन्हें हिन्दी से प्राप्त किया गया है। वे भेद हैं: # Qualitative adjective (गुणवाचक विशेषण) # Quantitative adjective (परिमाणवाचक विशेषण) # Numerals adjective (संख्यावाचक विशेषण) # Demonstrative adjective (सार्वनामिक विशेषण) विशेषण हमेशा संज्ञा की विशेषता बताता है, और इससे कुछ सवालों का जवाब दिया जा सकता है जैसे "X कैसा दिखता है?" या "X किस रंग का है?"। == गुणवाचक विशेषण (qualitative adjective) == The words that describe the quality of noun are known as Qualitative adjectives. (संज्ञा के गुण और प्रकार को प्रकट करने वाले शब्द को गुणवाचक विशेषण कहते है ) Such as: Good (अच्छा), Bad (बुरा), Honest (ईमानदार). Again Qualitative Adjective is divided into five types: *(a) आकारबोधक ( Shape) Example: Tall (लंबा ), Small (छोटा), Round (गोल). *(b) स्थानबोधक (Place) Example: Japnese (जैपनिज), Bihari (बिहारी ), Up (Upar, ऊपर ), Down (नीचे). *(c) रंगबोधक (Color) Example: Red (लाल ), Yellow (पीला ), Black (काला ), Blue (नीला). *(d) गंदबोधक ( Smell) Example: Sweet (मीठा), Tasteless (बेस्वाद), Perfumed (सुगंधित). == परिमाणवाचक विशेषण (quantative adjective) == The words which describe the quantity of noun are known as Quantative adjectives. (वैसा शब्द जो संज्ञा के मात्रा के बारे मे जानकारी दे उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते है ) Example: Two Kilo (दो किलो), Two Meter (दो मीटर), Again Quantative adjective is divided into two parts:(इसे दो भाग में विभाजित किया गया हैं।) श्र(1) Definite quantative adjective (निश्चित परिमाणवाचक विशेषण): Examples: Ten kilo (दस किलो), Hundred meter (सौ मीटर) 2) Indefinite quantative adjective (अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण) Examples: More (अधिक), Many (कई), Some (कुछ). 599ey7alhc4runa38gimcc6v30fke5j 78698 78697 2022-08-18T13:32:07Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} किसी शब्द की विशेषताओं अथवा गुणों का बोध कराने वाले शब्दों को विशेषण कहा जाता है, जैसे "big" ("बड़ा"), "tall" ("ऊँचा"), "beautiful" ("सुंदर"), "blue" ("नीला")। वाक्यों में प्रयोग के उदाहरण हैं: # The building is really ''large''. (मकान बहुत बड़ा है।) # Rohan is very ''tall''. (रोहन बहुत लंबा है।) # The dress is very ''beautiful''. (पोशाक बहुत सुंदर है।) मानक अंग्रेज़ी में विशेषण का कोई भेद नहीं होता, मगर अंग्रेज़ी के भारतीय संस्करण में अंग्रेज़ी के चार भेद हैं, जिन्हें हिन्दी से प्राप्त किया गया है। वे भेद हैं: # Qualitative adjective (गुणवाचक विशेषण) # Quantitative adjective (परिमाणवाचक विशेषण) # Numeric adjective (संख्यावाचक विशेषण) # Demonstrative adjective (सार्वनामिक विशेषण) विशेषण हमेशा संज्ञा की विशेषता बताता है, और इससे कुछ सवालों का जवाब दिया जा सकता है जैसे "X कैसा दिखता है?" या "X किस रंग का है?"। == गुणवाचक विशेषण (qualitative adjective) == शब्द जो विशेष्य के गुण को दर्शाते हों, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहा जाता है। इसके कुछ उदाहरण हैं "good" ("अच्छा"), "bad" ("बुरा"), "honest" ("ईमानदार")। इस भेद को भी पाँच उपभेदों में बाँटा जाता है: ; आकारबोधक (आकार/shape-size) : उदाहरण: "tall" ("लंबा"), "small" ("छोटा"), "round" ("गोल")। ; स्थानबोधक (स्थान/place) : उदाहरण: "Japanese" ("जापानी"), "Rajasthani" ("राजस्थानी"), "above" ("ऊपर"), "below" ("नीचे")। ; रंगबोधक (रंग/colour) : उदाहरण: "red" ("लाल"), "yellow" ("पीला"), "black" ("काला"), "blue" ("नीला")। ; गंधबोधक (गंध/smell-taste) : Example: "sweet" ("मीठा"), "tasteless" ("बेस्वाद"), "perfumed" ("सुगंधित")। == परिमाणवाचक विशेषण (quantitative adjective) == शब्द जो विशेष्य की मात्रा को दर्शाते हों, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहा जाता है। इसके कुछ उदाहरण हैं "two kilograms" ("दो किलोग्राम"), "two litres" ("दो लीटर")। परिमाणवाचक विशेषणों को दो उपभेदों में बाँटा जाता है: ; निश्चित परिमाणवाचक विशेषण (definite quantative adjective) : उदाहरण: "ten kilograms" ("दस किलोग्राम"), "hundred metres" ("सौ मीटर")। ; अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण (indefinite quantative adjective) : उदाहरण: "more" ("अधिक"), "many" ("कई"), "some" ("कुछ")। h7jz7pyky35eqxoqc7k1z4hde64gmbh 78700 78698 2022-08-18T14:05:03Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} किसी शब्द की विशेषताओं अथवा गुणों का बोध कराने वाले शब्दों को विशेषण कहा जाता है, जैसे "big" ("बड़ा"), "tall" ("ऊँचा"), "beautiful" ("सुंदर"), "blue" ("नीला")। वाक्यों में प्रयोग के उदाहरण हैं: # The building is really ''large''. (मकान बहुत बड़ा है।) # Rohan is very ''tall''. (रोहन बहुत लंबा है।) # The dress is very ''beautiful''. (पोशाक बहुत सुंदर है।) मानक अंग्रेज़ी में विशेषण का कोई भेद नहीं होता, मगर अंग्रेज़ी के भारतीय संस्करण में अंग्रेज़ी के चार भेद हैं, जिन्हें हिन्दी से प्राप्त किया गया है। वे भेद हैं: # Qualitative adjective (गुणवाचक विशेषण) # Quantitative adjective (परिमाणवाचक विशेषण) # Numeric adjective (संख्यावाचक विशेषण) # Demonstrative adjective (सार्वनामिक विशेषण) विशेषण हमेशा संज्ञा की विशेषता बताता है, और इससे कुछ सवालों का जवाब दिया जा सकता है जैसे "X कैसा दिखता है?" या "X किस रंग का है?"। == गुणवाचक विशेषण (qualitative adjective) == शब्द जो विशेष्य के गुण को दर्शाते हों, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहा जाता है। इसके कुछ उदाहरण हैं "good" ("अच्छा"), "bad" ("बुरा"), "honest" ("ईमानदार")। इस भेद को भी पाँच उपभेदों में बाँटा जाता है: ; आकारबोधक (आकार/shape-size) : उदाहरण: "tall" ("लंबा"), "small" ("छोटा"), "round" ("गोल")। ; स्थानबोधक (स्थान/place) : उदाहरण: "Japanese" ("जापानी"), "Rajasthani" ("राजस्थानी"), "above" ("ऊपर"), "below" ("नीचे")। ; रंगबोधक (रंग/colour) : उदाहरण: "red" ("लाल"), "yellow" ("पीला"), "black" ("काला"), "blue" ("नीला")। ; गंधबोधक (गंध/smell-taste) : Example: "sweet" ("मीठा"), "tasteless" ("बेस्वाद"), "perfumed" ("सुगंधित")। == परिमाणवाचक विशेषण (quantitative adjective) == शब्द जो विशेष्य की मात्रा को दर्शाते हों, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहा जाता है। इसके कुछ उदाहरण हैं "two kilograms" ("दो किलोग्राम"), "two litres" ("दो लीटर")। परिमाणवाचक विशेषणों को दो उपभेदों में बाँटा जाता है: ; निश्चित परिमाणवाचक विशेषण (definite quantative adjective) : उदाहरण: "ten kilograms" ("दस किलोग्राम"), "hundred metres" ("सौ मीटर")। ; अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण (indefinite quantative adjective) : उदाहरण: "more" ("अधिक"), "many" ("कई"), "some" ("कुछ")। == संख्यावाचक विशेषण (numeric adjective) == शब्द जो विशेष्य की संख्या को दर्शाते हों, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहा जाता है। इसके कुछ उदाहरण हैं "two" ("दो"), "fifth" ("पाँचवा"), "double" ("दुगना")। वाक्य में प्रयोग के कुछ उदाहरण हैं: # I was at fifth position in the marathon. (मैं दौड़ने की प्रतियोगिता में पाँचवें स्थान पर था।) # The population of India has doubled within 40 years. (40 वर्षों के अंदर भारत की जनसंख्या में दुगनी वृद्धि आई है।) == सार्वनामिक विशेषण (demonstrative adjective) == शब्द जो विशेष्य से पहले लगकर उस संज्ञा शब्द की विशेषण की तरह विशेषता बताते हैं, वे शब्द सार्वनामिक विशेषण अर्थात् "demonstrative adjectives" कहलाते हैं। इसके कुछ उदाहरण हैं "that" ("वह") और "this" ("यह")। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # That pen is mine. (वह कलम मेरा है।) # Those kids will never listen. (वो बच्चे कभी बात नहीं मानेंगे।) === सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण में अंतर === दोनों में मुख्य अंतर यह है कि निश्चयवाचक सर्वनामों (demonstrative pronouns) के बाद हमेशा किसी सहायक क्रिया (helping verb) अथवा क्रिया (verb) का इस्तेमाल होता है, जबकि सार्वनामिक विशेषणों के बाद हमेशा सिर्फ विशेष्य ही आ पाएगा। निश्चयवाचक सर्वनाम वाले वाक्यों में अधिकारात्मक सर्वनामों (possessive pronouns) का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि सार्वनामिक विशेषणों वाले वाक्यों में अधिकारात्मक संज्ञा शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। {| class="wikitable" ! निश्चयवाचक सर्वनाम ! सार्वनामिक विशेषण |- | rowspan="2" | This is my pen. | This pen belongs to me. |- | This pen is mine. |} nx8c6l8gl01vv6qgoecrgx48mykbvrt 78702 78700 2022-08-18T14:33:50Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} किसी शब्द की विशेषताओं अथवा गुणों का बोध कराने वाले शब्दों को '''विशेषण''' यानी '''adjective''' कहा जाता है, जैसे "big" ("बड़ा"), "tall" ("ऊँचा"), "beautiful" ("सुंदर"), "blue" ("नीला")। वाक्यों में प्रयोग के उदाहरण हैं: # The building is really ''large''. (मकान बहुत बड़ा है।) # Rohan is very ''tall''. (रोहन बहुत लंबा है।) # The dress is very ''beautiful''. (पोशाक बहुत सुंदर है।) मानक अंग्रेज़ी में विशेषण का कोई भेद नहीं होता, मगर अंग्रेज़ी के भारतीय संस्करण में अंग्रेज़ी के चार भेद हैं, जिन्हें हिन्दी से प्राप्त किया गया है। वे भेद हैं: # Qualitative adjective (गुणवाचक विशेषण) # Quantitative adjective (परिमाणवाचक विशेषण) # Numeric adjective (संख्यावाचक विशेषण) # Demonstrative adjective (सार्वनामिक विशेषण) विशेषण हमेशा संज्ञा की विशेषता बताता है, और इससे कुछ सवालों का जवाब दिया जा सकता है जैसे "X कैसा दिखता है?" या "X किस रंग का है?"। == गुणवाचक विशेषण (qualitative adjective) == शब्द जो विशेष्य के गुण को दर्शाते हों, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहा जाता है। इसके कुछ उदाहरण हैं "good" ("अच्छा"), "bad" ("बुरा"), "honest" ("ईमानदार")। इस भेद को भी पाँच उपभेदों में बाँटा जाता है: ; आकारबोधक (आकार/shape-size) : उदाहरण: "tall" ("लंबा"), "small" ("छोटा"), "round" ("गोल")। ; स्थानबोधक (स्थान/place) : उदाहरण: "Japanese" ("जापानी"), "Rajasthani" ("राजस्थानी"), "above" ("ऊपर"), "below" ("नीचे")। ; रंगबोधक (रंग/colour) : उदाहरण: "red" ("लाल"), "yellow" ("पीला"), "black" ("काला"), "blue" ("नीला")। ; गंधबोधक (गंध/smell-taste) : Example: "sweet" ("मीठा"), "tasteless" ("बेस्वाद"), "perfumed" ("सुगंधित")। == परिमाणवाचक विशेषण (quantitative adjective) == शब्द जो विशेष्य की मात्रा को दर्शाते हों, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहा जाता है। इसके कुछ उदाहरण हैं "two kilograms" ("दो किलोग्राम"), "two litres" ("दो लीटर")। परिमाणवाचक विशेषणों को दो उपभेदों में बाँटा जाता है: ; निश्चित परिमाणवाचक विशेषण (definite quantative adjective) : उदाहरण: "ten kilograms" ("दस किलोग्राम"), "hundred metres" ("सौ मीटर")। ; अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण (indefinite quantative adjective) : उदाहरण: "more" ("अधिक"), "many" ("कई"), "some" ("कुछ")। == संख्यावाचक विशेषण (numeric adjective) == शब्द जो विशेष्य की संख्या को दर्शाते हों, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहा जाता है। इसके कुछ उदाहरण हैं "two" ("दो"), "fifth" ("पाँचवा"), "double" ("दुगना")। वाक्य में प्रयोग के कुछ उदाहरण हैं: # I was at fifth position in the marathon. (मैं दौड़ने की प्रतियोगिता में पाँचवें स्थान पर था।) # The population of India has doubled within 40 years. (40 वर्षों के अंदर भारत की जनसंख्या में दुगनी वृद्धि आई है।) == सार्वनामिक विशेषण (demonstrative adjective) == शब्द जो विशेष्य से पहले लगकर उस संज्ञा शब्द की विशेषण की तरह विशेषता बताते हैं, वे शब्द सार्वनामिक विशेषण अर्थात् "demonstrative adjectives" कहलाते हैं। इसके कुछ उदाहरण हैं "that" ("वह") और "this" ("यह")। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # That pen is mine. (वह कलम मेरा है।) # Those kids will never listen. (वो बच्चे कभी बात नहीं मानेंगे।) === सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण में अंतर === दोनों में मुख्य अंतर यह है कि निश्चयवाचक सर्वनामों (demonstrative pronouns) के बाद हमेशा किसी सहायक क्रिया (helping verb) अथवा क्रिया (verb) का इस्तेमाल होता है, जबकि सार्वनामिक विशेषणों के बाद हमेशा सिर्फ विशेष्य ही आ पाएगा। निश्चयवाचक सर्वनाम वाले वाक्यों में अधिकारात्मक सर्वनामों (possessive pronouns) का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि सार्वनामिक विशेषणों वाले वाक्यों में अधिकारात्मक संज्ञा शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। {| class="wikitable" ! निश्चयवाचक सर्वनाम ! सार्वनामिक विशेषण |- | rowspan="2" | This is my pen. | This pen belongs to me. |- | This pen is mine. |} jebsuinirlfu95a7qq04iaur3ewu0a2 78787 78702 2022-08-19T10:35:51Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{अंग्रेज़ी}} किसी शब्द की विशेषताओं अथवा गुणों का बोध कराने वाले शब्दों को '''विशेषण''' यानी '''adjective''' कहा जाता है, जैसे "big" ("बड़ा"), "tall" ("ऊँचा"), "beautiful" ("सुंदर"), "blue" ("नीला")। वाक्यों में प्रयोग के उदाहरण हैं: # The building is really ''large''. (मकान बहुत बड़ा है।) # Rohan is very ''tall''. (रोहन बहुत लंबा है।) # The dress is very ''beautiful''. (पोशाक बहुत सुंदर है।) मानक अंग्रेज़ी में विशेषण का कोई भेद नहीं होता, मगर अंग्रेज़ी के भारतीय संस्करण में अंग्रेज़ी के चार भेद हैं, जिन्हें हिन्दी से प्राप्त किया गया है। वे भेद हैं: # Qualitative adjective (गुणवाचक विशेषण) # Quantitative adjective (परिमाणवाचक विशेषण) # Numeric adjective (संख्यावाचक विशेषण) # Demonstrative adjective (सार्वनामिक विशेषण) विशेषण हमेशा संज्ञा की विशेषता बताता है, और इससे कुछ सवालों का जवाब दिया जा सकता है जैसे "X कैसा दिखता है?" या "X किस रंग का है?"। == गुणवाचक विशेषण (qualitative adjective) == शब्द जो विशेष्य के गुण को दर्शाते हों, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहा जाता है। इसके कुछ उदाहरण हैं "good" ("अच्छा"), "bad" ("बुरा"), "honest" ("ईमानदार")। इस भेद को भी पाँच उपभेदों में बाँटा जाता है: ; आकारबोधक (आकार/shape-size) : उदाहरण: "tall" ("लंबा"), "small" ("छोटा"), "round" ("गोल")। ; स्थानबोधक (स्थान/place) : उदाहरण: "Japanese" ("जापानी"), "Rajasthani" ("राजस्थानी"), "above" ("ऊपर"), "below" ("नीचे")। ; रंगबोधक (रंग/colour) : उदाहरण: "red" ("लाल"), "yellow" ("पीला"), "black" ("काला"), "blue" ("नीला")। ; गंधबोधक (गंध/smell-taste) : Example: "sweet" ("मीठा"), "tasteless" ("बेस्वाद"), "perfumed" ("सुगंधित")। == परिमाणवाचक विशेषण (quantitative adjective) == शब्द जो विशेष्य की मात्रा को दर्शाते हों, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहा जाता है। इसके कुछ उदाहरण हैं "two kilograms" ("दो किलोग्राम"), "two litres" ("दो लीटर")। परिमाणवाचक विशेषणों को दो उपभेदों में बाँटा जाता है: ; निश्चित परिमाणवाचक विशेषण (definite quantative adjective) : उदाहरण: "ten kilograms" ("दस किलोग्राम"), "hundred metres" ("सौ मीटर")। ; अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण (indefinite quantative adjective) : उदाहरण: "more" ("अधिक"), "many" ("कई"), "some" ("कुछ")। == संख्यावाचक विशेषण (numeric adjective) == शब्द जो विशेष्य की संख्या को दर्शाते हों, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहा जाता है। इसके कुछ उदाहरण हैं "two" ("दो"), "fifth" ("पाँचवा"), "double" ("दुगना")। वाक्य में प्रयोग के कुछ उदाहरण हैं: # I was at fifth position in the marathon. (मैं दौड़ने की प्रतियोगिता में पाँचवें स्थान पर था।) # The population of India has doubled within 40 years. (40 वर्षों के अंदर भारत की जनसंख्या में दुगनी वृद्धि आई है।) == सार्वनामिक विशेषण (demonstrative adjective) == शब्द जो विशेष्य से पहले लगकर उस संज्ञा शब्द की विशेषण की तरह विशेषता बताते हैं, वे शब्द सार्वनामिक विशेषण अर्थात् "demonstrative adjectives" कहलाते हैं। इसके कुछ उदाहरण हैं "that" ("वह") और "this" ("यह")। वाक्य में प्रयोग के उदाहरण हैं: # That pen is mine. (वह कलम मेरा है।) # Those kids will never listen. (वो बच्चे कभी बात नहीं मानेंगे।) === सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण में अंतर === दोनों में मुख्य अंतर यह है कि निश्चयवाचक सर्वनामों (demonstrative pronouns) के बाद हमेशा किसी सहायक क्रिया (helping verb) अथवा क्रिया (verb) का इस्तेमाल होता है, जबकि सार्वनामिक विशेषणों के बाद हमेशा सिर्फ विशेष्य ही आ पाएगा। निश्चयवाचक सर्वनाम वाले वाक्यों में अधिकारात्मक सर्वनामों (possessive pronouns) का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि सार्वनामिक विशेषणों वाले वाक्यों में अधिकारात्मक संज्ञा शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। {| class="wikitable" ! निश्चयवाचक सर्वनाम ! सार्वनामिक विशेषण |- | rowspan="2" | This is my pen. | This pen belongs to me. |- | This pen is mine. |} o986txqnvbu40vv6uopgjwyv4c2mm6n विकिपुस्तक:Welcome 4 9830 78752 70129 2022-08-19T03:09:36Z Saurmandal 13452 [[विकिपुस्तक:स्वागत]] से [[विकिपुस्तक:परिचय]] तक पुन्नः प्रेषित लक्ष्य बदल गया| wikitext text/x-wiki #पुनर्प्रेषित [[विकिपुस्तक:परिचय]] iw7fsrwa4ae11jkmltzb1wjgpxtino1 हिन्दी कहानी/उसने कहा था 0 9874 78769 74810 2022-08-19T03:58:00Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{BookCat}} {{center|<big>उसने कहा था</big><br>चन्द्रधर शर्मा गुलेरी}} ;1 बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ीवालों की जबान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्टवालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक से धुनते हुए, इक्केवाले कभी घोड़े की नानी से अपना निकट-संबंध स्थिर करते हैं, कभी राह चलते पैदलों की आँखों के न होने पर तरस खाते हैं, कभी उनके पैरों की अँगुलियों के पोरों को चींथ कर अपने-ही को सताया हुआ बताते हैं, और संसार-भर की ग्लानि, निराशा और क्षोभ के अवतार बने, नाक की सीध चले जाते हैं, तब अमृतसर में उनकी बिरादरीवाले तंग चक्करदार गलियों में, हर-एक लड्ढी वाले के लिए ठहर कर सब्र का समुद्र उमड़ा कर बचो खालसा जी। हटो भाईजी। ठहरना भाई। आने दो लाला जी। हटो बाछा, कहते हुए सफेद फेंटों, खच्चरों और बत्तकों, गन्नें और खोमचे और भारेवालों के जंगल में से राह खेते हैं। क्या मजाल है कि जी और साहब बिना सुने किसी को हटना पड़े। यह बात नहीं कि उनकी जीभ चलती नहीं; पर मीठी छुरी की तरह महीन मार करती हुई। यदि कोई बुढ़िया बार-बार चितौनी देने पर भी लीक से नहीं हटती, तो उनकी बचनावली के ये नमूने हैं - हट जा जीणे जोगिए; हट जा करमाँवालिए; हट जा पुत्तां प्यारिए; बच जा लंबी वालिए। समष्टि में इनके अर्थ हैं, कि तू जीने योग्य है, तू भाग्योंवाली है, पुत्रों को प्यारी है, लंबी उमर तेरे सामने है, तू क्यों मेरे पहिए के नीचे आना चाहती है? बच जा। ऐसे बंबूकार्टवालों के बीच में हो कर एक लड़का और एक लड़की चौक की एक दुकान पर आ मिले। उसके बालों और इसके ढीले सुथने से जान पड़ता था कि दोनों सिख हैं। वह अपने मामा के केश धोने के लिए दही लेने आया था, और यह रसोई के लिए बड़ियाँ। दुकानदार एक परदेसी से गुथ रहा था, जो सेर-भर गीले पापड़ों की गड्डी को गिने बिना हटता नथा। 'तेरे घर कहाँ है?' 'मगरे में; और तेरे?' 'माँझे में; यहाँ कहाँ रहती है?' 'अतरसिंह की बैठक में; वे मेरे मामा होते हैं।' 'मैं भी मामा के यहाँ आया हूँ, उनका घर गुरु बजार में हैं।' इतने में दुकानदार निबटा, और इनका सौदा देने लगा। सौदा ले कर दोनों साथ-साथ चले। कुछ दूर जा कर लड़के ने मुसकरा कर पूछा, - 'तेरी कुड़माई हो गई?' इस पर लड़की कुछ आँखें चढ़ा कर धत् कह कर दौड़ गई, और लड़का मुँह देखता रह गया। दूसरे-तीसरे दिन सब्जीवाले के यहाँ, दूधवाले के यहाँ अकस्मात दोनों मिल जाते। महीना-भर यही हाल रहा। दो-तीन बार लड़के ने फिर पूछा, तेरी कुड़माई हो गई? और उत्तर में वही 'धत्' मिला। एक दिन जब फिर लड़के ने वैसे ही हँसी में चिढ़ाने के लिए पूछा तो लड़की, लड़के की संभावना के विरुद्ध बोली - 'हाँ हो गई।' 'कब?' 'कल, देखते नहीं, यह रेशम से कढ़ा हुआ सालू।' लड़की भाग गई। लड़के ने घर की राह ली। रास्ते में एक लड़के को मोरी में ढकेल दिया, एक छावड़ीवाले की दिन-भर की कमाई खोई, एक कुत्ते पर पत्थर मारा और एक गोभीवाले के ठेले में दूध उँड़ेल दिया। सामने नहा कर आती हुई किसी वैष्णवी से टकरा कर अंधे की उपाधि पाई। तब कहीं घर पहुँचा। ;2 'राम-राम, यह भी कोई लड़ाई है। दिन-रात खंदकों में बैठे हड्डियाँ अकड़ गईं।लुधियाना से दस गुना जाड़ा और मेंह और बरफ ऊपर से। पिंडलियों तक कीचड़ में धँसे हुए हैं। जमीन कहीं दिखती नहीं; - घंटे-दो-घंटे में कान के परदे फाड़ने वाले धमाके के साथ सारी खंदक हिल जाती है और सौ-सौ गज धरती उछल पड़ती है। इस गैबी गोले से बचे तो कोई लड़े। नगरकोट का जलजला सुना था, यहाँ दिन में पचीस जलजले होते हैं। जो कहीं खंदक से बाहर साफा या कुहनी निकल गई, तो चटाक से गोली लगतीहै। न मालूम बेईमान मिट्टी में लेटे हुए हैं या घास की पत्तियों में छिपे रहते हैं।' 'लहना सिंह, और तीन दिन हैं। चार तो खंदक में बिता ही दिए। परसों रिलीफ आजाएगी और फिर सात दिन की छुट्टी। अपने हाथों झटका करेंगे और पेट-भर खा कर सोरहेंगे। उसी फिरंगी मेम के बाग में - मखमल का-सा हरा घास है। फल और दूध कीवर्षा कर देती है। लाख कहते हैं, दाम नहीं लेती। कहती है, तुम राजा हो, मेरेमुल्क को बचाने आए हो।' 'चार दिन तक एक पलक नींद नहीं मिली। बिना फेरे घोड़ा बिगड़ता है और बिना लड़ेसिपाही। मुझे तो संगीन चढ़ा कर मार्च का हुक्म मिल जाय। फिर सात जरमनों को अकेलामार कर न लौटूँ, तो मुझे दरबार साहब की देहली पर मत्था टेकना नसीब न हो। पाजीकहीं के, कलों के घोड़े - संगीन देखते ही मुँह फाड़ देते हैं, और पैर पकड़ने लगतेहैं। यों अँधेरे में तीस-तीस मन का गोला फेंकते हैं। उस दिन धावा किया था - चारमील तक एक जर्मन नहीं छोडा था। पीछे जनरल ने हट जाने का कमान दिया, नहीं तो - ' 'नहीं तो सीधे बर्लिन पहुँच जाते! क्यों?' सूबेदार हजारासिंह ने मुसकरा करकहा -'लड़ाई के मामले जमादार या नायक के चलाए नहीं चलते। बड़े अफसर दूर की सोचतेहैं। तीन सौ मील का सामना है। एक तरफ बढ़ गए तो क्या होगा?' 'सूबेदार जी, सच है,' लहनसिंह बोला - 'पर करें क्या? हड्डियों-हड्डियों मेंतो जाड़ा धँस गया है। सूर्य निकलता नहीं, और खाईं में दोनों तरफ से चंबे कीबावलियों के से सोते झर रहे हैं। एक धावा हो जाय, तो गरमी आ जाय।' 'उदमी, उठ, सिगड़ी में कोले डाल। वजीरा, तुम चार जने बालटियाँ ले कर खाईं कापानी बाहर फेंको। महासिंह, शाम हो गई है, खाईं के दरवाजे का पहरा बदल ले।' - यहकहते हुए सूबेदार सारी खंदक में चक्कर लगाने लगे। वजीरासिंह पलटन का विदूषक था। बाल्टी में गँदला पानी भर कर खाईं के बाहरफेंकता हुआ बोला - 'मैं पाधा बन गया हूँ। करो जर्मनी के बादशाह का तर्पण !' इसपर सब खिलखिला पड़े और उदासी के बादल फट गए। लहनासिंह ने दूसरी बाल्टी भर कर उसके हाथ में दे कर कहा - 'अपनी बाड़ी केखरबूजों में पानी दो। ऐसा खाद का पानी पंजाब-भर में नहीं मिलेगा।' 'हाँ, देश क्या है, स्वर्ग है। मैं तो लड़ाई के बाद सरकार से दस घुमा जमीनयहाँ माँग लूँगा और फलों के बूटे लगाऊँगा।' 'लाड़ी होराँ को भी यहाँ बुला लोगे? या वही दूध पिलानेवाली फरंगी मेम - ' 'चुप कर। यहाँवालों को शरम नहीं।' 'देश-देश की चाल है। आज तक मैं उसे समझा न सका कि सिख तंबाखू नहीं पीते। वहसिगरेट देने में हठ करती है, ओठों में लगाना चाहती है,और मैं पीछे हटता हूँ तोसमझती है कि राजा बुरा मान गया, अब मेरे मुल्क के लिए लड़ेग़ा नहीं।' 'अच्छा, अब बोधसिंह कैसा है?' 'अच्छा है।' 'जैसे मैं जानता ही न होऊँ! रात-भर तुम अपने कंबल उसे उढ़ाते हो और आप सिगड़ीके सहारे गुजर करते हो। उसके पहरे पर आप पहरा दे आते हो। अपने सूखे लकड़ी केतख्तों पर उसे सुलाते हो, आप कीचड़ में पड़े रहते हो। कहीं तुम न माँदे पड़ जाना।जाड़ा क्या है, मौत है, और निमोनिया से मरनेवालों को मुरब्बे नहीं मिला करते।' 'मेरा डर मत करो। मैं तो बुलेल की खड्ड के किनारे मरूँगा। भाई कीरतसिंह कीगोदी पर मेरा सिर होगा और मेरे हाथ के लगाए हुए आँगन के आम के पेड़ की छायाहोगी।' वजीरासिंह ने त्योरी चढ़ा कर कहा - 'क्या मरने-मारने की बात लगाई है? मरेंजर्मनी और तुरक! हाँ भाइयों, कैसे - <poem> दिल्ली शहर तें पिशोर नुं जांदिए, कर लेणा लौंगां दा बपार मड़िए; कर लेणा नाड़ेदा सौदा अड़िए - (ओय) लाणा चटाका कदुए नुँ। कद्दू बणाया वे मजेदार गोरिए, हुण लाणा चटाका कदुए नुँ॥ </poem> कौन जानता था कि दाढ़ियोंवाले, घरबारी सिख ऐसा लुच्चों का गीत गाएँगे, परसारी खंदक इस गीत से गूँज उठी और सिपाही फिर ताजे हो गए, मानों चार दिन से सोतेऔर मौज ही करते रहे हों। ;3 दोपहर रात गई है। अँधेरा है। सन्नाटा छाया हुआ है। बोधासिंह खाली बिसकुटोंके तीन टिनों पर अपने दोनों कंबल बिछा कर और लहनासिंह के दो कंबल और एक बरानकोटओढ़ कर सो रहा है। लहनासिंह पहरे पर खड़ा हुआ है। एक आँख खाईं के मुँह पर है औरएक बोधासिंह के दुबले शरीर पर। बोधासिंह कराहा। 'क्यों बोधा भाई, क्या है?' 'पानी पिला दो।' लहनासिंह ने कटोरा उसके मुँह से लगा कर पूछा - 'कहो कैसे हो?' पानी पी करबोधा बोला - 'कँपनी छुट रही है। रोम-रोम में तार दौड़ रहे हैं। दाँत बज रहेहैं।' 'अच्छा, मेरी जरसी पहन लो!' 'और तुम?' 'मेरे पास सिगड़ी है और मुझे गर्मी लगती है। पसीना आ रहा है।' 'ना, मैं नहीं पहनता। चार दिन से तुम मेरे लिए - ' 'हाँ, याद आई। मेरे पास दूसरी गरम जरसी है। आज सबेरे ही आई है। विलायत सेबुन-बुन कर भेज रही हैं मेमें, गुरु उनका भला करें।' यों कह कर लहना अपना कोटउतार कर जरसी उतारने लगा। 'सच कहते हो?' 'और नहीं झूठ?' यों कह कर नाँहीं करते बोधा को उसने जबरदस्ती जरसी पहना दी औरआप खाकी कोट और जीन का कुरता भर पहन-कर पहरे पर आ खड़ा हुआ। मेम की जरसी की कथाकेवल कथा थी। आधा घंटा बीता। इतने में खाईं के मुँह से आवाज आई - 'सूबेदार हजारासिंह।' 'कौन लपटन साहब? हुक्म हुजूर!' - कह कर सूबेदार तन कर फौजी सलाम करके सामनेहुआ। 'देखो, इसी दम धावा करना होगा। मील भर की दूरी पर पूरब के कोने में एक जर्मनखाईं है। उसमें पचास से ज्यादा जर्मन नहीं हैं। इन पेड़ों के नीचे-नीचे दो खेतकाट कर रास्ता है। तीन-चार घुमाव हैं। जहाँ मोड़ है वहाँ पंद्रह जवान खड़े कर आयाहूँ। तुम यहाँ दस आदमी छोड़ कर सब को साथ ले उनसे जा मिलो। खंदक छीन कर वहीं, जबतक दूसरा हुक्म न मिले, डटे रहो। हम यहाँ रहेगा।' 'जो हुक्म।' चुपचाप सब तैयार हो गए। बोधा भी कंबल उतार कर चलने लगा। तब लहनासिंह ने उसेरोका। लहनासिंह आगे हुआ तो बोधा के बाप सूबेदार ने उँगली से बोधा की ओर इशाराकिया। लहनासिंह समझ कर चुप हो गया। पीछे दस आदमी कौन रहें, इस पर बड़ी हुज्जतहुई। कोई रहना न चाहता था। समझा-बुझा कर सूबेदार ने मार्च किया। लपटन साहब लहनाकी सिगड़ी के पास मुँह फेर कर खड़े हो गए और जेब से सिगरेट निकाल कर सुलगाने लगे।दस मिनट बाद उन्होंने लहना की ओर हाथ बढा कर कहा - 'लो तुम भी पियो।' आँख मारते-मारते लहनासिंह सब समझ गया। मुँह का भाव छिपा कर बोला - 'लाओसाहब।' हाथ आगे करते ही उसने सिगड़ी के उजाले में साहब का मुँह देखा। बाल देखे।तब उसका माथा ठनका। लपटन साहब के पट्टियों वाले बाल एक दिन में ही कहाँ उड़ गएऔर उनकी जगह कैदियों से कटे बाल कहाँ से आ गए?' शायद साहब शराब पिए हुए हैं औरउन्हें बाल कटवाने का मौका मिल गया है? लहनासिंह ने जाँचना चाहा। लपटन साहबपाँच वर्ष से उसकी रेजिमेंट में थे। 'क्यों साहब, हमलोग हिंदुस्तान कब जाएँगे?' 'लड़ाई खत्म होने पर। क्यों, क्या यह देश पसंद नहीं ?' 'नहीं साहब, शिकार के वे मजे यहाँ कहाँ? याद है, पारसाल नकली लड़ाई के पीछेहम आप जगाधरी जिले में शिकार करने गए थे - 'हाँ, हाँ - ' 'वहीं जब आप खोते पर सवार थे और और आपका खानसामा अब्दुल्ला रास्ते के एकमंदिर में जल चढ़ाने को रह गया था? बेशक पाजी कहीं का - सामने से वह नील गायनिकली कि ऐसी बड़ी मैंने कभी न देखी थीं। और आपकी एक गोली कंधे में लगी औरपुट्ठे में निकली। ऐसे अफसर के साथ शिकार खेलने में मजा है। क्यों साहब, शिमलेसे तैयार होकर उस नील गाय का सिर आ गया था न? आपने कहा था कि रेजमेंट की मैसमें लगाएँगे।' 'हाँ पर मैंने वह विलायत भेज दिया - ' 'ऐसे बड़े-बड़े सींग! दो-दो फुट के तो होंगे?' 'हाँ, लहनासिंह, दो फुट चार इंच के थे। तुमने सिगरेट नहीं पिया?' 'पीता हूँ साहब, दियासलाई ले आता हूँ' - कह कर लहनासिंह खंदक में घुसा। अबउसे संदेह नहीं रहा था। उसने झटपट निश्चय कर लिया कि क्या करना चाहिए। अँधेरे में किसी सोनेवाले से वह टकराया। 'कौन? वजीरासिंह?' 'हाँ, क्यों लहना? क्या कयामत आ गई? जरा तो आँख लगने दी होती?' ;4 'होश में आओ। कयामत आई है और लपटन साहब की वर्दी पहन कर आई है।' 'क्या?' 'लपटन साहब या तो मारे गए है या कैद हो गए हैं। उनकी वर्दी पहन कर यह कोईजर्मन आया है। सूबेदार ने इसका मुँह नहीं देखा। मैंने देखा और बातें की है।सौहरा साफ उर्दू बोलता है, पर किताबी उर्दू। और मुझे पीने को सिगरेट दिया है?' 'तो अब!' 'अब मारे गए। धोखा है। सूबेदार होराँ, कीचड़ में चक्कर काटते फिरेंगे और यहाँखाईं पर धावा होगा। उठो, एक काम करो। पल्टन के पैरों के निशान देखते-देखते दौड़जाओ। अभी बहुत दूर न गए होंगे। सूबेदार से कहो एकदम लौट आएँ। खंदक की बात झूठ है। चले जाओ, खंदक के पीछे सेनिकल जाओ। पत्ता तक न खड़के। देर मत करो।' 'हुकुम तो यह है कि यहीं -' 'ऐसी तैसी हुकुम की! मेरा हुकुम - जमादार लहनासिंह जो इस वक्त यहाँ सब सेबड़ा अफसर है, उसका हुकुम है। मैं लपटन साहब की खबर लेता हूँ।' 'पर यहाँ तो तुम आठ है।' 'आठ नहीं, दस लाख। एक-एक अकालिया सिख सवा लाख के बराबर होता है। चले जाओ।' लौट कर खाईं के मुहाने पर लहनासिंह दीवार से चिपक गया। उसने देखा कि लपटनसाहब ने जेब से बेल के बराबर तीन गोले निकाले। तीनों को जगह-जगह खंदक कीदीवारों में घुसेड़ दिया और तीनों में एक तार सा बाँध दिया। तार के आगे सूत कीएक गुत्थी थी, जिसे सिगड़ी के पास रखा। बाहर की तरफ जा कर एक दियासलाई जला करगुत्थी पर रखने - इतने में बिजली की तरह दोनों हाथों से उल्टी बंदूक को उठा कर लहनासिंह नेसाहब की कुहनी पर तान कर दे मारा। धमाके के साथ साहब के हाथ से दियासलाई गिरपड़ी। लहनासिंह ने एक कुंदा साहब की गर्दन पर मारा और साहब 'ऑख! मीन गौट्ट' कहतेहुए चित्त हो गए। लहनासिंह ने तीनों गोले बीन कर खंदक के बाहर फेंके और साहब कोघसीट कर सिगड़ी के पास लिटाया। जेबों की तलाशी ली। तीन-चार लिफाफे और एक डायरीनिकाल कर उन्हें अपनी जेब के हवाले किया। साहब की मूर्छा हटी। लहनासिंह हँस कर बोला - 'क्यों लपटन साहब? मिजाज कैसाहै? आज मैंने बहुत बातें सीखीं। यह सीखा कि सिख सिगरेट पीते हैं। यह सीखा किजगाधरी के जिले में नीलगाएँ होती हैं और उनके दो फुट चार इंच के सींग होते हैं।यह सीखा कि मुसलमान खानसामा मूर्तियों पर जल चढ़ाते हैं और लपटन साहब खोते परचढ़ते हैं। पर यह तो कहो, ऐसी साफ उर्दू कहाँ से सीख आए? हमारे लपटन साहब तो बिनडेम के पाँच लफ्ज भी नहीं बोला करते थे।' लहना ने पतलून के जेबों की तलाशी नहीं ली थी। साहब ने मानो जाड़े से बचने केलिए, दोनों हाथ जेबों में डाले। लहनासिंह कहता गया - 'चालाक तो बड़े हो पर माँझे का लहना इतने बरस लपटन साहबके साथ रहा है। उसे चकमा देने के लिए चार आँखें चाहिए। तीन महीने हुए एक तुरकीमौलवी मेरे गाँव आया था। औरतों को बच्चे होने के ताबीज बाँटता था और बच्चों कोदवाई देता था। चौधरी के बड़ के नीचे मंजा बिछा कर हुक्का पीता रहता था और कहताथा कि जर्मनीवाले बड़े पंडित हैं। वेद पढ़-पढ़ कर उसमें से विमान चलाने कीविद्या जान गए हैं। गौ को नहीं मारते। हिंदुस्तान में आ जाएँगे तो गोहत्या बंदकर देंगे। मंडी के बनियों को बहकाता कि डाकखाने से रूपया निकाल लो। सरकार काराज्य जानेवाला है। डाक-बाबू पोल्हूराम भी डर गया था। मैंने मुल्लाजी की दाढ़ीमूड़ दी थी। और गाँव से बाहर निकाल कर कहा था कि जो मेरे गाँव में अब पैर रक्खातो - ' साहब की जेब में से पिस्तौल चला और लहना की जाँघ में गोली लगी। इधर लहना कीहैनरी मार्टिन के दो फायरों ने साहब की कपाल-क्रिया कर दी। धड़ाका सुन कर सब दौड़आए। बोधा चिल्लया - 'क्या है?' लहनासिंह ने उसे यह कह कर सुला दिया कि एक हड़का हुआ कुत्ता आया था, मारदिया और, औरों से सब हाल कह दिया। सब बंदूकें ले कर तैयार हो गए। लहना ने साफाफाड़ कर घाव के दोनों तरफ पट्टियाँ कस कर बाँधी। घाव मांस में ही था। पट्टियोंके कसने से लहू निकलना बंद हो गया। इतने में सत्तर जर्मन चिल्ला कर खाईं में घुस पड़े। सिक्खों की बंदूकों कीबाढ़ ने पहले धावे को रोका। दूसरे को रोका। पर यहाँ थे आठ (लहनासिंह तक-तक करमार रहा था - वह खड़ा था, और, और लेटे हुए थे) और वे सत्तर। अपने मुर्दा भाइयोंके शरीर पर चढ़ कर जर्मन आगे घुसे आते थे। थोडे से मिनिटों में वे - अचानक आवाजआई, 'वाह गुरुजी की फतह? वाह गुरुजी का खालसा!! और धड़ाधड़ बंदूकों के फायरजर्मनों की पीठ पर पड़ने लगे। ऐन मौके पर जर्मन दो चक्की के पाटों के बीच में आगए। पीछे से सूबेदार हजारासिंह के जवान आग बरसाते थे और सामने लहनासिंह केसाथियों के संगीन चल रहे थे। पास आने पर पीछेवालों ने भी संगीन पिरोना शुरू करदिया। एक किलकारी और - अकाल सिक्खाँ दी फौज आई! वाह गुरुजी दी फतह! वाह गुरुजी दाखालसा! सत श्री अकालपुरुख!!! और लड़ाई खतम हो गई। तिरेसठ जर्मन या तो खेत रहेथे या कराह रहे थे। सिक्खों में पंद्रह के प्राण गए। सूबेदार के दाहिने कंधेमें से गोली आरपार निकल गई। लहनासिंह की पसली में एक गोली लगी। उसने घाव कोखंदक की गीली मट्टी से पूर लिया और बाकी का साफा कस कर कमरबंद की तरह लपेटलिया। किसी को खबर न हुई कि लहना को दूसरा घाव - भारी घाव लगा है। लड़ाई के समय चाँद निकल आया था, ऐसा चाँद, जिसके प्रकाश से संस्कृत-कवियों कादिया हुआ क्षयी नाम सार्थक होता है। और हवा ऐसी चल रही थी जैसी वाणभट्ट की भाषामें 'दंतवीणोपदेशाचार्य' कहलाती। वजीरासिंह कह रहा था कि कैसे मन-मन भर फ्रांसकी भूमि मेरे बूटों से चिपक रही थी, जब मैं दौडा-दौडा सूबेदार के पीछे गया था।सूबेदार लहनासिंह से सारा हाल सुन और कागजात पा कर वे उसकी तुरत-बुद्धि को सराहरहे थे और कह रहे थे कि तू न होता तो आज सब मारे जाते। इस लड़ाई की आवाज तीन मील दाहिनी ओर की खाईंवालों ने सुन ली थी। उन्होंनेपीछे टेलीफोन कर दिया था। वहाँ से झटपट दो डाक्टर और दो बीमार ढोने की गाड़ियाँचलीं, जो कोई डेढ़ घंटे के अंदर-अंदर आ पहुँची। फील्ड अस्पताल नजदीक था। सुबहहोते-होते वहाँ पहुँच जाएँगे, इसलिए मामूली पट्टी बाँध कर एक गाड़ी में घायललिटाए गए और दूसरी में लाशें रक्खी गईं। सूबेदार ने लहनासिंह की जाँघ में पट्टीबँधवानी चाही। पर उसने यह कह कर टाल दिया कि थोड़ा घाव है सबेरे देखा जाएगा।बोधासिंह ज्वर में बर्रा रहा था। वह गाड़ी में लिटाया गया। लहना को छोड़ करसूबेदार जाते नहीं थे। यह देख लहना ने कहा - 'तुम्हें बोधा की कसम है, औरसूबेदारनीजी की सौगंध है जो इस गाड़ी में न चले जाओ।' 'और तुम?' 'मेरे लिए वहाँ पहुँच कर गाड़ी भेज देना, और जर्मन मुरदों के लिए भी तोगाड़ियाँ आती होंगी। मेरा हाल बुरा नहीं है। देखते नहीं, मैं खड़ा हूँ? वजीरासिंहमेरे पास है ही।' 'अच्छा, पर - ' 'बोधा गाड़ी पर लेट गया? भला। आप भी चढ़ जाओ। सुनिए तो, सूबेदारनी होराँ कोचिठ्ठी लिखो, तो मेरा मत्था टेकना लिख देना। और जब घर जाओ तो कह देना कि मुझसेजो उसने कहा था वह मैंने कर दिया।' गाड़ियाँ चल पड़ी थीं। सूबेदार ने चढ़ते-चढ़ते लहना का हाथ पकड़ कर कहा - 'तैनेमेरे और बोधा के प्राण बचाए हैं। लिखना कैसा? साथ ही घर चलेंगे। अपनी सूबेदारनीको तू ही कह देना। उसने क्या कहा था?' 'अब आप गाड़ी पर चढ़ जाओ। मैंने जो कहा, वह लिख देना, और कह भी देना।' गाड़ी के जाते लहना लेट गया। 'वजीरा पानी पिला दे, और मेरा कमरबंद खोल दे। तरहो रहा है।' ; 5 मृत्यु के कुछ समय पहले स्मृति बहुत साफ हो जाती है। जन्म-भर की घटनाएँएक-एक करके सामने आती हैं। सारे दृश्यों के रंग साफ होते हैं। समय की धुंधबिल्कुल उन पर से हट जाती है। लहनासिंह बारह वर्ष का है। अमृतसर में मामा के यहाँ आया हुआ है। दहीवाले केयहाँ, सब्जीवाले के यहाँ, हर कहीं, उसे एक आठ वर्ष की लड़की मिल जाती है। जब वहपूछता है, तेरी कुड़माई हो गई? तब धत् कह कर वह भाग जाती है। एक दिन उसने वैसेही पूछा, तो उसने कहा - 'हाँ, कल हो गई, देखते नहीं यह रेशम के फूलोंवाला सालू? सुनते ही लहनासिंह को दुःख हुआ। क्रोध हुआ। क्यों हुआ? 'वजीरासिंह, पानी पिला दे।' पचीस वर्ष बीत गए। अब लहनासिंह नं 77 रैफल्स में जमादार हो गया है। उस आठवर्ष की कन्या का ध्यान ही न रहा। न-मालूम वह कभी मिली थी, या नहीं। सात दिन कीछुट्टी ले कर जमीन के मुकदमें की पैरवी करने वह अपने घर गया। वहाँ रेजिमेंट केअफसर की चिठ्ठी मिली कि फौज लाम पर जाती है, फौरन चले आओ। साथ ही सूबेदारहजारासिंह की चिट्ठी मिली कि मैं और बोधासिंह भी लाम पर जाते हैं। लौटते हुएहमारे घर होते जाना। साथ ही चलेंगे। सूबेदार का गाँव रास्ते में पड़ता था औरसूबेदार उसे बहुत चाहता था। लहनासिंह सूबेदार के यहाँ पहुँचा। जब चलने लगे, तब सूबेदार बेढे में से निकल कर आया। बोला - 'लहना, सूबेदारनीतुमको जानती हैं, बुलाती हैं। जा मिल आ।' लहनासिंह भीतर पहुँचा। सूबेदारनी मुझेजानती हैं? कब से? रेजिमेंट के क्वार्टरों में तो कभी सूबेदार के घर के लोग रहेनहीं। दरवाजे पर जा कर मत्था टेकना कहा। असीस सुनी। लहनासिंह चुप। 'मुझे पहचाना?' 'नहीं।' 'तेरी कुड़माई हो गई - धत् - कल हो गई - देखते नहीं, रेशमी बूटोंवाला सालू -अमृतसर में - भावों की टकराहट से मूर्छा खुली। करवट बदली। पसली का घाव बह निकला। 'वजीरा, पानी पिला' - 'उसने कहा था।' स्वप्न चल रहा है। सूबेदारनी कह रही है - 'मैंने तेरे को आते ही पहचान लिया।एक काम कहती हूँ। मेरे तो भाग फूट गए। सरकार ने बहादुरी का खिताब दिया है, लायलपुर में जमीन दी है, आज नमक-हलाली का मौका आया है। पर सरकार ने हम तीमियोंकी एक घँघरिया पल्टन क्यों न बना दी, जो मैं भी सूबेदारजी के साथ चली जाती? एकबेटा है। फौज में भर्ती हुए उसे एक ही बरस हुआ। उसके पीछे चार और हुए, पर एक भीनहीं जिया। सूबेदारनी रोने लगी। अब दोनों जाते हैं। मेरे भाग! तुम्हें याद है, एक दिन ताँगेवाले का घोड़ा दहीवाले की दुकान के पास बिगड़ गया था। तुमने उस दिनमेरे प्राण बचाए थे, आप घोड़े की लातों में चले गए थे, और मुझे उठा कर दुकान केतख्ते पर खड़ा कर दिया था। ऐसे ही इन दोनों को बचाना। यह मेरी भिक्षा है।तुम्हारे आगे आँचल पसारती हूँ। रोती-रोती सूबेदारनी ओबरी में चली गई। लहना भी आँसू पोंछता हुआ बाहर आया। 'वजीरासिंह, पानी पिला' -'उसने कहा था।' लहना का सिर अपनी गोद में रक्खे वजीरासिंह बैठा है। जब माँगता है, तब पानीपिला देता है। आध घंटे तक लहना चुप रहा, फिर बोला - 'कौन! कीरतसिंह?' वजीरा ने कुछ समझ कर कहा - 'हाँ।' 'भइया, मुझे और ऊँचा कर ले। अपने पट्ट पर मेरा सिर रख ले।' वजीरा ने वैसे हीकिया। 'हाँ, अब ठीक है। पानी पिला दे। बस, अब के हाड़ में यह आम खूब फलेगा। चचा-भतीजादोनों यहीं बैठ कर आम खाना। जितना बड़ा तेरा भतीजा है, उतना ही यह आम है। जिसमहीने उसका जन्म हुआ था, उसी महीने में मैंने इसे लगाया था।' वजीरासिंह के आँसूटप-टप टपक रहे थे। कुछ दिन पीछे लोगों ने अखबारों में पढ़ा - फ्रांस और बेलजियम - 68 वीं सूची - मैदान में घावों से मरा - नं 77 सिखराइफल्स जमादार लहनासिंह। == सन्दर्भ == # [http://www.hindikahani.hindi-kavita.com/UsneKahaThaChandradharSharmaGuleri.php उसने कहा था] (www.hindikahani.com) 55rf4yfqeofuzg97ezwd3f1yl7kf3ai अंतरराष्ट्रीय व्यापार/ 0 9882 78758 70664 2022-08-19T03:32:17Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{हटायें|किसी पुस्तक का भाग नहीं है और कहीं पर भी विस्तार उपलब्ध नहीं है}} * आर्थिक संघ एक प्रकार का ट्रेड ब्लॉक है जिसका निर्माण सामान्य बाजार और सीमा शुल्क संघ से होता है। गैर-सदस्यों के प्रति इसकी एक सामान्य व्यापार नीति है,हालांकि सदस्य मैक्रो-आर्थिक नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र होते हैं। वर्तमान में EU इसका एकमात्र उदाहरण है। सदस्य देशों में उत्पाद विनियमन,माल की आवाजाही की स्वतंत्रता,सेवाओं और उत्पादन (पूंजी और श्रम) के कारकों,और विदेश व्यापार नीतियों की एक साझा नीति होती है। * एक मौद्रिक संघ में सदस्य एकल-साझा मुद्रा को अपनाते हैं,जैसे यूरो-17 देशों के लिए यूरो,और पूर्वी कैरिबियन में 11 द्वीपों के लिए पूर्वी कैरेबियाई डालर। flabiakd33i6o5n9k2hdch5rtnwhzwp श्रेणी:पुस्तक:अंग्रेज़ी व्याकरण 14 10741 78699 2022-08-18T13:34:48Z Saurmandal 13452 'इस श्रेणी में '[[अंग्रेज़ी व्याकरण]]' पुस्तक के सभी पाठ मौजूद हैं।' के साथ नया पृष्ठ बनाया wikitext text/x-wiki इस श्रेणी में '[[अंग्रेज़ी व्याकरण]]' पुस्तक के सभी पाठ मौजूद हैं। dofrlhk43jzebop8wmfdvtljqgcgbea 78768 78699 2022-08-19T03:53:50Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {{book category header}} {{BookCat}} epuks5kojppe4dqkejmu8jjolasjatp प्रार्थना/तुम ही हो माता पिता तुम्ही हो 0 10742 78716 2022-08-18T15:42:46Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[प्रार्थना/तुम ही हो माता पिता तुम्ही हो]] पृष्ठ [[प्रार्थना/तुम ही हो माता, पिता तुम्हीं हो]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki #पुनर्प्रेषित [[प्रार्थना/तुम ही हो माता, पिता तुम्हीं हो]] i5xwu2fm7syrwnv1kh350kbe22hba2f 78801 78716 2022-08-19T10:57:45Z Saurmandal 13452 [[प्रार्थना/तुम ही हो माता, पिता तुम्हीं हो]] से [[प्रार्थना/तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो]] तक पुन्नः प्रेषित लक्ष्य बदल गया| wikitext text/x-wiki #अनुप्रेषित [[प्रार्थना/तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो]] rmbahc9bwvli3oxc1pvy9vcvwigl8ul प्रार्थना/हमको मन की शक्ति देना मन विजय करें 0 10743 78718 2022-08-18T15:43:00Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[प्रार्थना/हमको मन की शक्ति देना मन विजय करें]] पृष्ठ [[प्रार्थना/हमको मन की शक्ति देना]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki #पुनर्प्रेषित [[प्रार्थना/हमको मन की शक्ति देना]] 6dnv2j14814s2nilg3sh12s5zt0r40f प्रार्थना/हर देश में तू हर वेश में तू 0 10744 78728 2022-08-18T15:58:45Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[प्रार्थना/हर देश में तू हर वेश में तू]] पृष्ठ [[प्रार्थना/हर देश में तू, हर भेष में तू]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki #पुनर्प्रेषित [[प्रार्थना/हर देश में तू, हर भेष में तू]] 86gy2le9xb7ihuclh9dguzukl6kiza8 अंग्रेजी भाषा 0 10745 78737 2022-08-18T16:29:26Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[अंग्रेजी भाषा]] पृष्ठ [[अंग्रेज़ी भाषा]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki #पुनर्प्रेषित [[अंग्रेज़ी भाषा]] 1z0k05e7g21bk5nj71k2vi1qm7jclrb अंग्रेजी भाषा/परिचय 0 10746 78739 2022-08-18T16:29:36Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[अंग्रेजी भाषा/परिचय]] पृष्ठ [[अंग्रेज़ी भाषा/परिचय]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki #पुनर्प्रेषित [[अंग्रेज़ी भाषा/परिचय]] itfq9q0z8t7xmof7sjp0ugd8fui92xc अंग्रेजी भाषा/शब्द 0 10747 78741 2022-08-18T16:29:49Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[अंग्रेजी भाषा/शब्द]] पृष्ठ [[अंग्रेज़ी भाषा/शब्द]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki #पुनर्प्रेषित [[अंग्रेज़ी भाषा/शब्द]] 69c0nandqadnlot1x74czywwlbvsb1u अंग्रेजी भाषा/उच्चारण 0 10748 78743 2022-08-18T16:29:57Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[अंग्रेजी भाषा/उच्चारण]] पृष्ठ [[अंग्रेज़ी भाषा/उच्चारण]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki #पुनर्प्रेषित [[अंग्रेज़ी भाषा/उच्चारण]] da1y0b25shl2gsngp5a0qsnkeww6yig साँचा:अंग्रेज़ी 10 10749 78781 2022-08-19T08:49:48Z Saurmandal 13452 '{| style="border:1px black solid; margin=5px 5px 1em 1em;width:230px;" cellspacing="0" cellpadding="5" align="right" | style="text-align:center;" | [[चित्र:English language.svg|25px|link=]]<br/>[[चित्र:English.svg|150px|अंग्रेज़ी व्याकरण|link=अंग्रेज़ी व्याकरण]]<br/>व्याकरण |- | # अंग्रेज़ी व्याकरण...' के साथ नया पृष्ठ बनाया wikitext text/x-wiki {| style="border:1px black solid; margin=5px 5px 1em 1em;width:230px;" cellspacing="0" cellpadding="5" align="right" | style="text-align:center;" | [[चित्र:English language.svg|25px|link=]]<br/>[[चित्र:English.svg|150px|अंग्रेज़ी व्याकरण|link=अंग्रेज़ी व्याकरण]]<br/>व्याकरण |- | # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/संज्ञा|संज्ञा]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/सर्वनाम|सर्वनाम]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/विशेषण|विशेषण]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/क्रिया|क्रिया]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/क्रियाविशेषण|क्रियाविशेषण]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/संबंध कारक|संबंध कारक]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/समुच्चयबोधक|समुच्चयबोधक]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/कर्म-क्रिया-संबंध|कर्म-क्रिया-संबंध]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/आर्टिकल|आर्टिकल]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/काल|काल]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/वाच्य|वाच्य]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/समानार्थी शब्द|समानार्थी शब्द]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/विलोम शब्द|विलोम शब्द]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/अनेक शब्दों के लिए एक शब्द|अनेक शब्दों के लिए एक शब्द]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/मुहावरे और वाक्यांश|मुहावरे और वाक्यांश]] |} jypcpvz1bkz92g1ev2466nhcpgjosmh 78792 78781 2022-08-19T10:37:12Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {| style="border:1px black solid; margin=5px 5px 1em 1em;width:230px;" cellspacing="0" cellpadding="5" align="right" | style="text-align:center;" | [[चित्र:English language.svg|25px|link=]]<br/>[[चित्र:English.svg|150px|अंग्रेज़ी व्याकरण|link=अंग्रेज़ी व्याकरण]]<br/>व्याकरण |- | # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/संज्ञा|संज्ञा]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/सर्वनाम|सर्वनाम]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/विशेषण|विशेषण]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/क्रिया|क्रिया]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/क्रियाविशेषण|क्रियाविशेषण]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/संबंध कारक|संबंध कारक]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/समुच्चयबोधक|समुच्चयबोधक]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/कर्म-क्रिया-संबंध|कर्म-क्रिया-संबंध]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/आर्टिकल|आर्टिकल]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/काल|काल]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/वाच्य|वाच्य]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/समानार्थी शब्द|समानार्थी शब्द]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/विलोम शब्द|विलोम शब्द]] # [[अंग्रेज़ी व्याकरण/अनेक शब्दों के लिए एक शब्द|अनेक शब्दों के लिए एक शब्द]] |} l7tnwa6rrypmy5qoj5ymxvliu0d6x1u साँचा:प्रार्थना 10 10750 78794 2022-08-19T10:54:22Z Saurmandal 13452 '{| style="border:1px black solid; margin=5px 5px 1em 1em;width:230px;" cellspacing="0" cellpadding="5" align="right" | style="text-align:center;" | [[चित्र:Om.svg|150px|ॐ|link=प्रार्थना]]<br/>प्रार्थना |- | * संस्कृत *# प्रार्थना/वर दे, वीणावादिनी वर दे|वर दे, वीणावादिनी वर दे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया wikitext text/x-wiki {| style="border:1px black solid; margin=5px 5px 1em 1em;width:230px;" cellspacing="0" cellpadding="5" align="right" | style="text-align:center;" | [[चित्र:Om.svg|150px|ॐ|link=प्रार्थना]]<br/>प्रार्थना |- | * संस्कृत *# [[प्रार्थना/वर दे, वीणावादिनी वर दे|वर दे, वीणावादिनी वर दे]] * हिन्दी *# [[प्रार्थना/जयति जय जय माँ सरस्वती|जयति जय जय माँ सरस्वती]] *# [[प्रार्थना/इतनी शक्ति हमें देना दाता|इतनी शक्ति हमें देना दाता]] *# [[प्रार्थना/ऐ मालिक तेरे बंदे हम|ऐ मालिक तेरे बंदे हम]] *# [[प्रार्थना/तुम ही हो माता, पिता तुम्हीं हो|तुम ही हो माता, पिता तुम्हीं हो]] *# [[प्रार्थना/तू ही राम है तू रहीम है|तू ही राम है तू रहीम है]] *# [[प्रार्थना/दया कर दान विद्या का|दया कर दान विद्या का]] *# [[प्रार्थना/मानवता के मनन मन्दिर में|मानवता के मनन मन्दिर में]] *# [[प्रार्थना/माँ शारदे कहाँ तू|मानवता के मनन मन्दिर में]] *# [[प्रार्थना/सरस्वती वंदना|सरस्वती वंदना]] *# [[प्रार्थना/हम होंगे कामयाब|हम होंगे कामयाब]] *# [[प्रार्थना/हमको मन की शक्ति देना|हमको मन की शक्ति देना]] *# [[प्रार्थना/हर देश में तू, हर भेष में तू|हर देश में तू, हर भेष में तू]] *# [[प्रार्थना/हे प्रभो आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए|हे प्रभो आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए]] *# [[प्रार्थना/हे शारदे माँ|हे शारदे माँ]] *# [[प्रार्थना/हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी|हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी]] |} r0hrst6qtdl7yuen81eak2994ukpzkh 78805 78794 2022-08-19T10:58:48Z Saurmandal 13452 wikitext text/x-wiki {| style="border:1px black solid; margin=5px 5px 1em 1em;width:230px;" cellspacing="0" cellpadding="5" align="right" | style="text-align:center;" | [[चित्र:Om.svg|150px|ॐ|link=प्रार्थना]]<br/>प्रार्थना |- | * संस्कृत *# [[प्रार्थना/वर दे, वीणावादिनी वर दे|वर दे, वीणावादिनी वर दे]] * हिन्दी *# [[प्रार्थना/जयति जय जय माँ सरस्वती|जयति जय जय माँ सरस्वती]] *# [[प्रार्थना/इतनी शक्ति हमें देना दाता|इतनी शक्ति हमें देना दाता]] *# [[प्रार्थना/ऐ मालिक तेरे बंदे हम|ऐ मालिक तेरे बंदे हम]] *# [[प्रार्थना/तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो|तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो]] *# [[प्रार्थना/तू ही राम है तू रहीम है|तू ही राम है तू रहीम है]] *# [[प्रार्थना/दया कर दान विद्या का|दया कर दान विद्या का]] *# [[प्रार्थना/मानवता के मनन मन्दिर में|मानवता के मनन मन्दिर में]] *# [[प्रार्थना/माँ शारदे कहाँ तू|मानवता के मनन मन्दिर में]] *# [[प्रार्थना/सरस्वती वंदना|सरस्वती वंदना]] *# [[प्रार्थना/हम होंगे कामयाब|हम होंगे कामयाब]] *# [[प्रार्थना/हमको मन की शक्ति देना|हमको मन की शक्ति देना]] *# [[प्रार्थना/हर देश में तू, हर भेष में तू|हर देश में तू, हर भेष में तू]] *# [[प्रार्थना/हे प्रभो आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए|हे प्रभो आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए]] *# [[प्रार्थना/हे शारदे माँ|हे शारदे माँ]] *# [[प्रार्थना/हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी|हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी]] |} ssi3wh2z46cddda80k3vxo44fnc2oe4 प्रार्थना/तुम ही हो माता, पिता तुम्हीं हो 0 10751 78803 2022-08-19T10:57:55Z Saurmandal 13452 Saurmandal ने [[प्रार्थना/तुम ही हो माता, पिता तुम्हीं हो]] पृष्ठ [[प्रार्थना/तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो]] पर स्थानांतरित किया wikitext text/x-wiki #पुनर्प्रेषित [[प्रार्थना/तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो]] 2duwhlyre6p2ki8422lqw4bidq43nf5