विकिस्रोत
hiwikisource
https://hi.wikisource.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%A4:%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%96%E0%A4%AA%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A0
MediaWiki 1.39.0-wmf.21
first-letter
मीडिया
विशेष
वार्ता
सदस्य
सदस्य वार्ता
विकिस्रोत
विकिस्रोत वार्ता
चित्र
चित्र वार्ता
मीडियाविकि
मीडियाविकि वार्ता
साँचा
साँचा वार्ता
सहायता
सहायता वार्ता
श्रेणी
श्रेणी वार्ता
लेखक
लेखक वार्ता
अनुवाद
अनुवाद वार्ता
पृष्ठ
पृष्ठ वार्ता
विषयसूची
विषयसूची वार्ता
TimedText
TimedText talk
Module
Module talk
गैजेट
गैजेट वार्ता
गैजेट परिभाषा
गैजेट परिभाषा वार्ता
विकिस्रोत:चौपाल
4
15
517309
517272
2022-07-19T12:30:57Z
MediaWiki message delivery
65
/* CIS-A2K Newsletter June 2022 */ नया अनुभाग
wikitext
text/x-wiki
{{विकिस्रोत:चौपाल/शीर्ष}}
<!-- कृपया यह पंक्ति और इसके ऊपर की सामग्री न हटायें -->
----
{{चर्चा शीर्ष|'''लागू किया गया।''' --[[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी]] ([[सदस्य वार्ता:अजीत कुमार तिवारी|वार्ता]]) ०३:१५, २ नवम्बर २०२१ (UTC)}}
==विषयसूची (Index) नामस्थान को अनुक्रम करना ==
:*'''मुझे लगता है कि हमें Index: नाम स्थान को विषयसूची के बदले अनुक्रम कर देना चाहिए।'''
:* '''इसके साथ ही हमें Portal नामस्थान भी बनवाना चाहिए।''' विकिपीडिया पर इसे प्रवेशद्वार कहा जाता है। हम इसे विषय नाम से भी बनवा सकते हैं। अंग्रेजी विकिस्रोत में पोर्टल का प्रयोग विषय संबंधी पृष्ठ बनाने के लिए ही किया गया है।
ऐसा फैबरिकेटर द्वारा किया जा सकता है। इसके लिए सदस्यों के राय की आवश्यकता है।
मैं अंग्रेजी नामस्थान तथा संभावित हिंदी नाम की सूची नीचे दे रहा हूं।
# Index= अनुक्रम
# Index talk = अनुक्रम वार्ता
# Portal = विषय अथवा प्रवेशद्वार
# Portal talk = विषय वार्ता अथवा प्रवेशद्वार वार्ता
[[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) १४:३५, २८ जुलाई २०२१ (UTC)
* Index का नाम अनुक्रम रखने और Index talk का अनुक्रम वार्ता रखने के सुझाव पर सहमति है। कुछ दिनों पहले [[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी जी]] ने मुझे याद दिलाया कि यह अनुवाद मेरे ही किये हुए हैं। तब यह प्रकल्प इनक्यूबेटर में था और मुझे कोई अंदाज़ा नहीं था कि इसका कार्य क्या है। वर्तमान कार्य को देखते हुए [[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार जी]] के सुझावित शब्द ही अधिक उचित हैं। अतः मेंरी सहमति है।
::पोर्टल के बारे में जैसी भी सदस्यों में आम सहमति बने।--[[User:SM7|<span style="color:#00A300">SM7</span>]]<sup>[[User talk:SM7|<small style="color:#6F00FF">--बातचीत--</small>]]</sup> १५:५८, २८ जुलाई २०२१ (UTC)
::*एक अन्य सुझाव कुछ नामस्थानों के लिए alias की स्थापना का भी है। विकिस्रोत: के लिये "वि:" और विकिस्रोत वार्ता: के लिए "विवा:" लघुनाम चुने जा सकते हैं जैसा कि विकिपीडिया पर और विकिपुस्तक पर है। इससे चर्चाओं में इनकी कड़ियाँ बनाने में आसानी होती है और खोज में भी आसानी होती। चूँकि इस तरह के कार्य में विकिस्रोत: साँचा: और सदस्य: नामस्थान की कड़ियाँ बनाने की ही आवश्यकता अधिक पड़ती इन इन नामस्थानों के लिए यह कार्य किया जा सकता है। हम नामस्थान संबंधी कार्य के लिए फैब्रिकेटर पर तो जा ही रहे हैं तो एक ही टास्क में यह कार्य भी संपन्न हो जाएगा।--[[User:SM7|<span style="color:#00A300">SM7</span>]]<sup>[[User talk:SM7|<small style="color:#6F00FF">--बातचीत--</small>]]</sup> १४:३३, २९ जुलाई २०२१ (UTC)
:::*alias को स्थापित किए जाने का सुझाव भी उत्तम है। जितने भी आवश्यक alias हों उन्हें हमें इसके साथ ही फैब्रिकेटर पर प्रस्तावित कर देना चाहिए। --[[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी]] ([[सदस्य वार्ता:अजीत कुमार तिवारी|वार्ता]]) १३:३८, ३० जुलाई २०२१ (UTC)
* Index और Index talk को अनुक्रम और अनुक्रम वार्ता किए जाने के लिए मेरी भी सहमति है। अन्य बंधु-प्रकल्पों के साथ सामंजस्य रखते हुए पोर्टल को प्रवेशद्वार किया जाना उचित लग रहा है। --[[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी]] ([[सदस्य वार्ता:अजीत कुमार तिवारी|वार्ता]]) १८:४४, २८ जुलाई २०२१ (UTC)
* कुछ alias के सुझाव प्रस्तावित करना चाहूँगा। विकिस्रोत के लिए "वि" और "विवा" के स्थान पर "स" और विकिस्रोत वार्ता के लिए "सवा" भी किया जा सकता है। इसी प्रकार अनुक्रम और अनुक्रम वार्ता के लिए क्रमशः "अ" और अनुक्रम वार्ता के लिए "अवा" तथा अनुवाद और अनुवाद वार्ता के लिए क्रमशः "अनु" और "अनुवा" किया जा सकता है। इन पर जैसी सहमति बने उस अनुसार निर्णय लिया जाय। --[[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी]] ([[सदस्य वार्ता:अजीत कुमार तिवारी|वार्ता]]) १३:१४, ८ अगस्त २०२१ (UTC)
{{चर्चा तल}}
== अगस्त २०२१ की उपलब्धियाँ ==
# हिंदी विकिस्रोत पहली बार लगभग पंद्रह लाख (14,95,732) बार देखा गया।
# ३४ देशों में इसके १ हजार से अधिक पृष्ठ देखे गए। ८ देशों में दो हजार से ज्यादा तथा ३ देशों में सात हजार से ज्यादा पृष्ठ देखे गए।
# शोधित पृष्ठों की संख्या इकतालिस हजार से अधिक (४१,१९८) हुई। वैश्विक शोधित पृष्ठ तालिका में हिंदी १४ वें स्थान पर कायम है।
# हिंदी विकिस्रोत सामग्री पृष्ठ (४,१५८) के साथ वैश्विक तालिका में पिमंटीज विकिस्रोत को पीछे छोड़कर ४६ वें स्थान पर पहुंच गया।
# शोधित पुस्तकों की संख्या ९७ हुई।
# परापूर्ण पृष्ठों की संख्या ३३१२ हुई। स्कैन प्रतिशत ९९.९७ के साथ हिंदी विकिस्रोत वैश्विक विकिस्रोत तालिका में दूसरे स्थान पर है।
# मुख्यनाम स्थान पृष्ठों की शब्द संख्या ७० लाख से अधिक हुई।
इस माह की उपलब्धियों को हासिल करने में सौ से अधिक संपादन कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सदस्यों में [[सदस्य:नीलम|नीलम]], [[सदस्य:ममता साव9|ममता साव9]], [[सदस्य:Manisha yadav12|Manisha yadav12]], [[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]],
[[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी]], [[सदस्य:रोहित साव27|रोहित साव27]], [[सदस्य:अमृता कुमारी पाण्डेय|अमृता कुमारी पाण्डेय]], [[सदस्य:शिखर तिवारी|शिखर तिवारी]], [[सदस्य:अनुश्री साव|अनुश्री साव]], [[सदस्य:सौरभ तिवारी 05|सौरभ तिवारी 05]], [[सदस्य:Prajjwal3959|Prajjwal3959]], [[सदस्य:अँजली चौधरी|अँजली चौधरी]], [[सदस्य:बिपिन बिहारी साव २३|बिपिन बिहारी साव २३]], [[सदस्य:Neha Tanti|Neha Tanti]] शामिल हैं।
:विकिस्रोत प्रबंधक सभी साथी संपादकों को ये उपलब्धियाँ हासिल करने के लिए बधाई तथा धन्यवाद देते हैं। --[[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) १८:१६, २ सितम्बर २०२१ (UTC)
== संपादनोत्सव में भाग लें ==
[[विकिस्रोत:आरंभिक हिंदी गद्य संपादनोत्सव]] में भाग लेकर १४ सितंबर २०२१ से ३१ सितंबर २०२१ के बीच सौ पृष्ठों का संपादन करें एवं पुरस्कार प्राप्त करें। -[[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) १४:२१, १४ सितम्बर २०२१ (UTC)
==३५०० परापूर्ण पृष्ठ ==
हिंदी विकिस्रोत संपादकों ने मिलजुलकर पैंतीस सौ पृष्ठ परापूर्ण कर लिए हैं। इसके लिए सभी सदस्यों को बधाई एवं धन्यवाद। -[[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) १२:१५, १६ सितम्बर २०२१ (UTC)
== सितंबर २०२१ की उपलब्धियाँ ==
# हिंदी विकिस्रोत लगातार चौथे माह दस लाख से अधिक (11,14,252) बार देखा गया।
# २३ देशों में इसके १ हजार से अधिक पृष्ठ देखे गए। ६ देशों में दो हजार से ज्यादा तथा ३ देशों में पाँच हजार से ज्यादा पृष्ठ देखे गए।
# शोधित पृष्ठों की संख्या बयालिस हजार से अधिक (४२,९७७) हुई। वैश्विक शोधित पृष्ठ तालिका में हिंदी १५ वें स्थान पर कायम है।
# हिंदी विकिस्रोत ४,४३७ सामग्री पृष्ठ के साथ वैश्विक तालिका में ४७ वें स्थान पर है।
# शोधित पुस्तकों की संख्या सौ से अधिक (१०३) हुई।
# प्रमाणित पुस्तकों की संख्या ३९ हुई।
# परापूर्ण पृष्ठों की संख्या साढ़े तीन हजार से अधिक (३,५८०) हुई। स्कैन प्रतिशत ९९.९७ के साथ हिंदी विकिस्रोत वैश्विक विकिस्रोत तालिका में दूसरे स्थान पर है।
# मुख्यनाम स्थान पृष्ठों की शब्द संख्या ७४ लाख से अधिक हुई।
इस माह की उपलब्धियों को हासिल करने में योगदान करने वाले सभी सदस्यों को बधाई एवं धन्यवाद। इस माह सौ से अधिक संपादन करने वाले सदस्यों की सूची:
# [[सदस्य:नीलम|नीलम]] - [७२० संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] - [६७७ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:ममता साव9|ममता साव9]] - [३२९ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:रोहित साव27|रोहित साव27]] - [२९४ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:Anshul 5552|Anshul 5552]] - [२४५ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:Kajal mishra5518|Kajal mishra5518]] - [२२३ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:Ameresh Thakur|Ameresh Thakur]] - [२०६ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:Manisha yadav12|Manisha yadav12]] - [१८२ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:Ishu Awana|Ishu Awana]] - [१५९ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:अंजली विश्वकर्मा|अंजली विश्वकर्मा]] - [१३३ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:अँजली चौधरी|अँजली चौधरी]] - [१२५ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:Punam Kumari shaw|Punam Kumari shaw]] - [१२२ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:आदेश यादव|आदेश यादव]] - [१२० संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:अनुश्री साव|अनुश्री साव]] - [११६ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:Suruchi 22|Suruchi 22]] - [११४ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:अमृता कुमारी पाण्डेय|अमृता कुमारी पाण्डेय]] - [१०५ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:Itsdeepak3|Itsdeepak3]] - [१०४ संपादन पिछले ३० दिनों में]
--[[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) ००:२०, २ अक्टूबर २०२१ (UTC)
== मुखपृष्ठ पर इस माह की परियोजनाएँ अनुभाग ==
:हमें विकिस्रोत मुखपृष्ठ पर इस माह की परियोजना नाम से एक अनुभाग शुरु करना चाहिए। इसमें इस माह शोधित, प्रमाणित तथा परापूर्ण करने वाले पुस्तकों की कड़ी दी जाएगी। पुस्तकों का चयन उनकी उपयोगिता के अनुसार आम चर्चा द्वारा प्राप्त सहमति से किया जाएगा। इससे सदस्यों को वर्तमान माह की योजना तथा किए जाने योग्य कार्यों का ज्ञान रहेगा। इस तरह निर्वाचित पुस्तक बनाने का सामूहिक प्रयास संगठित किया जा सकेगा। इसके लिए मुखपृष्ठ पर मौजूद कला और विज्ञान के दो विषयों के अनुभाग को एक में ही संयोजित कर दिया जाएगा।
*इस प्रस्ताव के लागू होने की स्थिति में निम्न कार्य किया जाएगा:
# 'विज्ञान और समाज विज्ञान' तथा 'साहित्य कला और संगीत' के दो अनुभागों को एक ही अनुभाग 'विषय' में संयोजित कर दिया जाएगा।
# 'इस माह की परियोजना' शीर्षक नया अनुभाग शुरु किया जाएगा जो विषय संयोजन के बाद खाली हुए संदूक की जगह लेगा।
इस संबंध में सदस्यों की राय का स्वागत है। [[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) १७:२८, ३० अक्टूबर २०२१ (UTC)
* 'इस माह की परियोजना' यदि ठीक से संचालित की जा सके तो पुस्तकों को शोधित, प्रमाणित और परापूर्ण कर उन्हें निर्वाचित किए जाने की प्रक्रिया बहुत व्यवस्थित हो सकती है। इस संबंध में उपर्युक्त प्रस्ताव और उसके लागू होने की स्थिति में मुखपृष्ठ पर अनुभागों का संयोजन और व्यवस्थापन स्वागत योग्य है। --[[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी]] ([[सदस्य वार्ता:अजीत कुमार तिवारी|वार्ता]]) १८:०६, ३० अक्टूबर २०२१ (UTC)
*{{समर्थन}}--[[सदस्य:ममता साव9|ममता साव9]] ([[सदस्य वार्ता:ममता साव9|वार्ता]]) १४:४७, ३१ अक्टूबर २०२१ (UTC)
:इस अनुभाग का नाम सहकार्य रखना बेहतर होगा। अंग्रेजी विकिस्रोत पर इसी तरह का अनुभाग कोलैबोरेशन नाम से बना है। [[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) ००:२९, ५ नवम्बर २०२१ (UTC)
: सदस्यों से अनुरोध है कि सहकार्य से संबंधित पृष्ठ- [[विकिस्रोत:सहकार्य]] तथा [[विकिस्रोत:सहकार्य उम्मीदवार]] को देखें तथा अपनी राय दें। इनपर पुस्तकों को सहकार्य बनाने संबंधी नियम और प्रक्रिया लिखी गई है। सहमति होने पर सहकार्य नीति पृष्ठ को स्वीकृत घोषित कर मुखपृष्ठ के अनुभाग में लगा दिया जाएगा। -[[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) ०३:२८, ५ नवम्बर २०२१ (UTC)
== अक्टूबर २०२१ की उपलब्धियाँ ==
# सामग्री पृष्ठों की संख्या चौआलिस सौ से अधिक (४,४५४) हुई। हिंदी विकिस्रोत सामग्री पृष्ठ की वैश्विक तालिका में ४८ वें स्थान पर बना रहा।
# प्रमाणित पृष्ठों की संख्या ग्यारह हजार से अधिक (११,०६३) हुई।
# शोधित पृष्ठों की संख्या तैंतालिस हजार से अधिक (४३,४३१) हुई। वैश्विक शोधित पृष्ठ तालिका में हिंदी १५ वें स्थान पर कायम है।
# हिंदी विकिस्रोत लगातार पाँचवें माह दस लाख से अधिक (१०,००,४५०) बार देखा गया।
# २८ देशों में इसके १ हजार से अधिक पृष्ठ देखे गए। ४ देशों में दो हजार से ज्यादा तथा २ देशों (भारत और अमेरिका) में दस हजार से ज्यादा पृष्ठ देखे गए।
# प्रमाणित पुस्तकों की संख्या ४१ हुई।
# परापूर्ण पृष्ठों की संख्या छत्तीस सौ से अधिक (३६८५) हुई। स्कैन प्रतिशत ९९.९७ के साथ हिंदी विकिस्रोत वैश्विक विकिस्रोत तालिका में दूसरे स्थान पर है।
# मुख्यनाम स्थान पृष्ठों की शब्द संख्या ७६ लाख से अधिक हुई।
इस माह की उपलब्धियों को हासिल करने में योगदान करने वाले सभी सदस्यों को बधाई एवं धन्यवाद। --[[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) २३:२२, ४ नवम्बर २०२१ (UTC)
:इस माह तीस से अधिक संपादन करने वाले सदस्यों की सूची:
# [[सदस्य:नीलम|नीलम]] - [३०३ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:ममता साव9|ममता साव9]] - [२६१ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] - [१२८ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:शिखर तिवारी|शिखर तिवारी]] - [७१ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी]] - [५४ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:सौरभ तिवारी 05|सौरभ तिवारी 05]] - [४७ संपादन पिछले ३० दिनों में]
:सभी सदस्यों के सहयोग से वैश्विक विकिस्रोत तालिका में हिंदी विकिस्रोत स्कैन प्रतिशत १०० के साथ प्रथम स्थान पर है। प्रबंधकगण की ओर से हिंदी विकिस्रोत को इस उपलब्धि तक पहुँचाने के लिए सभी सदस्यों को शुभकामनाओं सहित धन्यवाद।--[[सदस्य:नीलम|नीलम]] ([[सदस्य वार्ता:नीलम|वार्ता]]) ०६:३०, ६ नवम्बर २०२१ (UTC)
::अरे वाह! पांच हजार सामग्री पृष्ठ, साढ़े तीन हजार परापूर्ण पृष्ठ और सौ प्रतिशत स्कैन प्रतिशत! ये आँकड़े विकिस्रोत साथियों के परिश्रम को प्रदर्शित करने वाले हैं। --[[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) ०४:०८, ७ नवम्बर २०२१ (UTC)
:सफाइ अभियान के बाद सामग्री पृष्ठ घटकर साढ़े चार हजार रह गए हैं। मगर स्कैन प्रतिशत सौ है और परापूर्ण पृष्ठ भी लगभग सैंतीस सौ हो गए हैं। [[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) २३:३६, ८ नवम्बर २०२१ (UTC)
:सामग्री पृष्ठ की संख्या पुनः पाँच हजार पहुंच गई है। इस परियोजना से निरंतर जुड़े रहने वाले सभी सपस्यों को बधाई। [[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) ०३:४९, २१ नवम्बर २०२१ (UTC)
== नवंबर २०२१ की उपलब्धियाँ ==
# स्कैन प्रतिशत १०० हुआ। हिंदी वैश्विक विकिस्रोत तालिका में दूसरे स्थान पर बना हुआ है।
# सामग्री पृष्ठों की संख्या पांच हजार से अधिक (५,०७५) हुई। हिंदी विकिस्रोत सामग्री पृष्ठ की वैश्विक तालिका में ४५ वें स्थान पर पहुँच गया।
# हिंदी विकिस्रोत मुख्यनाम स्थान पर अब ८० लाख से अधिक शब्द हो गए हैं।
# शोधित पृष्ठों की संख्या साढ़े तैंतालिस हजार से अधिक (43,511) हुई। वैश्विक शोधित पृष्ठ तालिका में हिंदी १५ वें स्थान पर कायम है।
# हिंदी विकिस्रोत लगातार छठे माह दस लाख से अधिक (12,07,738) बार देखा गया।
# २7 देशों में इसके १ हजार से अधिक पृष्ठ देखे गए। 5 देशों में दो हजार से ज्यादा तथा २ देशों (भारत और अमेरिका) में बीस हजार से ज्यादा पृष्ठ देखे गए।
# प्रमाणित पुस्तकों की संख्या ४४ तथा शोधित पुस्तकों की संख्या १०६ हुई।
# परापूर्ण पृष्ठों की संख्या अड़तीस सौ से अधिक (3,888) हुई।
:इस माह सौ से अधिक संपादन करने वाले सदस्यों की सूची:
# [[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] - [६३५ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:नीलम|नीलम]] - [४०३ संपादन पिछले ३० दिनों में]
# [[सदस्य:ममता साव9|ममता साव9]] - [१६५ संपादन पिछले ३० दिनों में]
इस माह की उपलब्धियों को हासिल करने में योगदान करने वाले सभी सदस्यों को बधाई एवं धन्यवाद। [[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) ०९:२३, २ दिसम्बर २०२१ (UTC)
==४००० परापूर्ण पृष्ठ ==
:आज के दिन हमने मिलजुलकर चार हजार पृष्ठ परापूर्ण कर लिए हैं। इसके लिए सभी सदस्यों को बधाई एवं धन्यवाद। [[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) १६:०७, १८ दिसम्बर २०२१ (UTC)
== correct the font used in PDF ==
Can administrator change the font "FreeSerif" to "Noto Serif Devnagari" on this page: मीडियाविकि:WS_Export.json ? This will correct the font in PDF file. [[सदस्य:Shantanuo|Shantanuo]] ([[सदस्य वार्ता:Shantanuo|वार्ता]]) ०४:५७, १ फ़रवरी २०२२ (UTC)
:Which PDF file have font issues? [[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी]] ([[सदस्य वार्ता:अजीत कुमार तिवारी|वार्ता]]) १०:३३, १ फ़रवरी २०२२ (UTC)
:: All PDF have font issues. The words having त्र क्र प्र श्र are not displayed correctly. [[सदस्य:Shantanuo|Shantanuo]] ([[सदस्य वार्ता:Shantanuo|वार्ता]]) ०४:५५, २ फ़रवरी २०२२ (UTC)
::: {{done}} {{ping|Shantanuo}} जी फॉन्ट बदल दिया गया है। क्या इससे पीडीएफ फाइल में कोई सुधार हुआ? अपना अनुभव ज़रूर साझा करें।--[[सदस्य:नीलम|नीलम]] ([[सदस्य वार्ता:नीलम|वार्ता]]) ११:२२, ६ फ़रवरी २०२२ (UTC)
:::: The font used in the PDF is still the old (and wrong) one. When you (or anyone else) export the PDF file, do you get the correct form of त्र क्र प्र श्र ? [[सदस्य:Shantanuo|Shantanuo]] ([[सदस्य वार्ता:Shantanuo|वार्ता]]) ०८:२९, ९ फ़रवरी २०२२ (UTC)
:::::@[[सदस्य:Shantanuo|Shantanuo]] आपको किस फाइल में पहले त्र, क्र, श्र आदि ग़लत दिख रहा था या दिख रहा है? @[[सदस्य:नीलम|नीलम]] आपने मीडियाविकि में परिवर्तन करने से पहले यह जाँचा था कि पीडीएफ़ में कोई अक्षर विशेष सही दिख रहा है या नहीं? मुझे तो न पहले किसी फाइल में यह समस्या दिखी और न अब कोई परिवर्तन दिखा। आप दोनों में से किसी को भी यह परिवर्तन दिखा हो तो कृपया एक उदाहरण देकर बताएँ। [[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी]] ([[सदस्य वार्ता:अजीत कुमार तिवारी|वार्ता]]) १६:४६, ९ फ़रवरी २०२२ (UTC)
:::::@[[सदस्य:Shantanuo|Shantanuo]] I am still not convinced whether you are talking about PDF/DjVu files or OCR results. I haven't observed any kind of problem regarding font or character recognition yet. If you have noticed any file then provide at-least one example. [[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी]] ([[सदस्य वार्ता:अजीत कुमार तिवारी|वार्ता]]) १६:५३, ९ फ़रवरी २०२२ (UTC)
:::::: For e.g. Download the PDF version of the February nominated book “गल्प समुच्चय” written by Premchand and linked from home page. The word “प्रेमचंद” itself is written as “प्रेमचंद ” as you scroll down, the words like संग्रह, श्री, सम्राट can be seen written संग्रह, श्री, सम्राट. I am not an expert in Hindi. Do you read and write these words as shown in the PDF? The heading of this topic clearly mentions that this is all about PDF and nothing else. [[सदस्य:Shantanuo|Shantanuo]] ([[सदस्य वार्ता:Shantanuo|वार्ता]]) ०३:४०, १० फ़रवरी २०२२ (UTC)
:::::::@[[सदस्य:Shantanuo|Shantanuo]] I got your point now. I should have noticed that you were talking about exported PDF of transcluded text not source PDF files. I checked the changes in मीडियाविकि:WS_Export.json again and there was a slight mistake in font name. It should have been "Noto Serif Devanagari". However, even after this correction the exported PDF has still the same issue. It might be something to do with PDF exporter I guess. I checked one exported PDF in Marathi (अर्थशास्त्राची मूलतत्वे) and found the same issue. I don't think changing fonts in मीडियाविकि:WS_Export.json alone can fix it. [[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी]] ([[सदस्य वार्ता:अजीत कुमार तिवारी|वार्ता]]) ०९:४६, १० फ़रवरी २०२२ (UTC)
:::::::: I am sure it's a fonts issue. Because if I embed the font name in the URL, I get the correct rendering of text. For e.g.
:::::::: https://ws-export.wmcloud.org/?format=pdf-a4&fonts=Noto Serif Devanagari&lang=hi&page=गल्प_समुच्चय
:::::::: (sorry for the very long URL mentioned above, but it was necessary to prove the point. Copy-paste the URL to Notepad and then cut-paste to browser)
:::::::::@[[सदस्य:Shantanuo|Shantanuo]] I checked the url and got your point. It do have font issue but, as I said earlier, changing font alone won't fix the issue. --[[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी]] ([[सदस्य वार्ता:अजीत कुमार तिवारी|वार्ता]]) १८:०६, ११ फ़रवरी २०२२ (UTC)
:::::::::: If you (or any other admin) think that this issue is important, then he/ she needs to file a bug report at phabricator.wikimedia.org I do not have administrative privileges required to make changes suggested by the tech team. [[सदस्य:Shantanuo|Shantanuo]] ([[सदस्य वार्ता:Shantanuo|वार्ता]]) ०३:२४, १२ फ़रवरी २०२२ (UTC)
== विकिस्रोत:मातृभाषा दिवस यंत्राभिज्ञानोत्सव २०२२ ==
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस २१ फरवरी को हिंदी विकिस्रोत पर यंत्राभिज्ञानोत्सव पक्ष के रूप में मनाने का प्रस्ताव है। [[विकिस्रोत:मातृभाषा दिवस यंत्राभिज्ञानोत्सव २०२२]] पृष्ठ पर हस्ताक्षर कर इस संपादनोत्सव से जुड़ने के लिए आपका स्वागत है। हम ७ फरवरी से २१ फरवरी २०२२ के बीच यंत्राभिज्ञान के लिए उपलब्ध ५० से अधिक पुस्तकों का ओसीआर पूर्ण करने का प्रयत्न करेंगें। इसके लिए [[विकिस्रोत:संपादन नीति|संपादन नीति]] को १५ दिनों के लिए अप्रभावी रखने का प्रस्ताव है। जिससे कोई भी सदस्य प्रतिदिन ५०० पृष्ठों तक का यंत्राभिज्ञान कर सकें। इस संबंध में सदस्यों एवं प्रबंधकों की राय का स्वागत है। [[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) ११:१८, ६ फ़रवरी २०२२ (UTC)
:जब तक बॉट से OCR करना संभव न हो तब तक ऐसा (तय सीमा तक कुछ दिनों के लिए) किया जा सकता है। हालाँकि मैंने भी [https://hub.paws.wmcloud.org पाईबॉट] के ज़रिए OCR संबंधी कुछ प्रयोग किए लेकिन प्रयोग सफल न हो पाया। क़ायदे से तो ये सभी पन्ने या तो बॉट के ज़रिए OCR कर लिए जाने चाहिए या प्रूफरीड करने के पहले मैनुअल तरीक़े से OCR किए जाने चाहिए। चूँकि OCR किए गए बिना प्रूफरीड पन्ने भी स्रोत सामग्री तक पहुँचाने का काम कर देते हैं और उनका संदर्भ भी दिया जा सकता है इसलिए इस प्रस्ताव को तय समय सीमा के लिए स्वीकार किया जा सकता है। इच्छुक सदस्य इस अवधि के दौरान संपादन नीति में तय सीमा से इतर भी OCR कर सकते हैं। [[सदस्य:अजीत कुमार तिवारी|अजीत कुमार तिवारी]] ([[सदस्य वार्ता:अजीत कुमार तिवारी|वार्ता]]) १६:५०, ८ फ़रवरी २०२२ (UTC)
== भारतीय विकिस्रोत संपादनोत्सव/मार्च २०२२ ==
: १ मार्च से १५ मार्च तक हिंदी विकिस्रोत पर [[विकिस्रोत:भारतीय विकिस्रोत संपादनोत्सव/मार्च २०२२]] का आयोजन किया गया है।
इसमें
भाग लेने को इच्छुक सदस्य इसी पृष्ठ पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। वे अपनी एक आरंभिक पुस्तक भी चुनकर शोधन कार्य शुरु कर सकते हैं। इस पृष्ठ पर उल्लिखित नियमों के अनुरूप ही प्रतियोगिता में भाग लें। [[सदस्य:अनिरुद्ध कुमार|अनिरुद्ध कुमार]] ([[सदस्य वार्ता:अनिरुद्ध कुमार|वार्ता]]) १४:४९, २५ फ़रवरी २०२२ (UTC)
== गांधी vs. गाँधी ==
Hi, What's the proper spelling? Wikipedia writes [[:w:hi:महात्मा गांधी|गांधी]] while Wikisource writes [[लेखक:मोहनदास करमचंद गाँधी|गाँधी]]. Should [[सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय]] be renamed? Thanks, [[सदस्य:Yann|Yann]] ([[सदस्य वार्ता:Yann|वार्ता]]) ०९:२१, २ मार्च २०२२ (UTC)
नमस्ते, सही वर्तनी क्या है? विकिपीडिया [[:w:hi:महात्मा गांधी|गांधी]] लिखता है जबकि विकिस्रोत [[लेखक:मोहनदास करमचंद गाँधी|गाँधी]] लिखता है| क्या [[सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय]] का नाम बदला जाना चाहिए? धन्यवाद| [[सदस्य:Yann|Yann]] ([[सदस्य वार्ता:Yann|वार्ता]]) ०९:२१, २ मार्च २०२२ (UTC)
== Bot policy ==
Hello. To facilitate [[:m:Special:MyLanguage/Stewards|steward]] granting of bot access, I suggest implementing the [[m:Special:MyLanguage/Bot policy|standard bot policy]] on this wiki. In particular, this policy allows stewards to automatically flag known interlanguage linking bots (if this page says that is acceptable) or bots that fix double redirects. The policy also enables [[m:Bot policy#Global_bots|global bots]] on this wiki (if this page says that is acceptable), which are trusted bots that will be given bot access on every wiki that allows global bots.
This policy makes bot access requesting much easier for local users, operators, and stewards. To implement it we only need to create a redirect to this page from [[Project:Bot policy]], and add a line at the top noting that it is used here. If you use or prefer to use a dedicated project page for handling bot flag requests, that is also acceptable. Please read [[m:Special:MyLanguage/Bot policy|the text at Meta-Wiki]] before commenting. If you object, please say so; I hope to implement in two weeks if there is no objection, since it is particularly written to streamline bot requests on wikis with little or no community interested in bot access requests. Thank you for your consideration. --'''[[User:Rschen7754|Rs]][[User talk:Rschen7754|chen]][[Special:Contributions/Rschen7754|7754]]''' ०४:४३, ५ जुलाई २०२२ (UTC)
== २०२२ चुनाव कम्पास के लिए प्रस्तावित वक्तव्य ==
:''[[m:Special:MyLanguage/Wikimedia Foundation elections/2022/Announcement/Propose statements for the 2022 Election Compass| संदेश को मेटा-विकी पर अतिरिक्त भाषाओं में अनुवादित किया गया है।]]''
:''<div class="plainlinks">[[m:Special:MyLanguage/Wikimedia Foundation elections/2022/Announcement/Propose statements for the 2022 Election Compass|{{int:interlanguage-link-mul}}]] • [https://meta.wikimedia.org/w/index.php?title=Special:Translate&group=page-{{urlencode:Wikimedia Foundation elections/2022/Announcement/Propose statements for the 2022 Election Compass}}&language=&action=page&filter= {{int:please-translate}}]</div>''
नमस्कार,
स्वयंसेवकों को [[m:Special:MyLanguage/Wikimedia Foundation elections/2022|२०२२ न्यासी बोर्ड]] '''[[m:Special:MyLanguage/Wikimedia_Foundation_elections/2022/Community_Voting/Election_Compass|चुनाव कंपास मैं अपना वक्तव्य प्रस्तावित करने के लिए]]''' आमंत्रित किया जा रहा हैं।
चुनाव कम्पास एक ऐसा उपकरण है जो मतदाताओं को उन उम्मीदवारों का चयन करने में मदद करता है जो उनके विश्वासों और विचारों के साथ सर्वोत्तम रूप से संरेखित होते हैं। समुदाय के सदस्य वक्तव्यों का प्रस्ताव रखेंगे और उम्मीदवार लिकर्ट स्केल (सहमत/निष्पक्ष/असहमत) का उपयोग करके जवाब देंगे। वक्तव्यों के जवाब चुनाव कंपास उपकरण पर अपलोड किए जाएंगे। मतदाता इस टूल का उपयोग वक्तव्यों पर उत्तर (सहमत/निष्पक्ष/असहमत) साझा करके करेंगे। परिणाम उन उम्मीदवारों की पहचान करेंगे जो मतदाता के विश्वासों और विचारों के साथ सबसे अच्छी तरह मेल खाते हैं।
ये है चुनाव कंपास की समयरेखा:
* ८ - २० जुलाई: चुनाव कंपास के लिए स्वयंसेवक अपने वक्तव्यों को प्रस्तावित करते हैं।
* २१ - २२ जुलाई: चुनाव समिति स्पष्टता के लिए वक्तव्यों की समीक्षा करती है और विषय से परे वक्तव्यों को हटा देती है।
* २३ जुलाई - १ अगस्त: स्वयंसेवक वक्तव्यों पर मतदान करते हैं।
* २ - ४ अगस्त: चुनाव समिति शीर्ष १५ वक्तव्यों का चयन करती है।
* ५ - १२ अगस्त: उम्मीदवार खुद को वक्तव्यों के साथ संरेखित करते हैं।
* १५ अगस्त: मतदान के लिए चुनाव कम्पास खुलता हैं।
चुनाव समिति अगस्त की शुरुआत में शीर्ष १५ वक्तव्यों का चयन करेगी। चुनाव समिति, आंदोलन रणनीति और अनुशासन टीम के समर्थन के साथ, प्रक्रिया की देखरेख करेगी। आंदोलन रणनीति और अनुशासन टीम प्रश्नों की स्पष्टता, दोहराव, गलतियों आदि की जांच करेगी।
धन्यवाद,
आंदोलन रणनीति और अनुशासन
''यह संदेश बोर्ड चयन कार्य बल और चुनाव समिति की ओर से भेजा गया है।''
[[सदस्य:CSinha (WMF)|CSinha (WMF)]] ([[सदस्य वार्ता:CSinha (WMF)|वार्ता]]) ०८:५२, १२ जुलाई २०२२ (UTC)
== आंदोलन रणनीति और अनुशासन समाचार - प्रकाशन ७ ==
<section begin="msg-newsletter"/>
<div style = "line-height: 1.2">
<span style="font-size:200%;">'''आंदोलन रणनीति और अनुशासन समाचार'''</span><br>
<span style="font-size:120%; color:#404040;">'''प्रकाशन ७, जुलाई-सितम्बर २०२२'''</span><span style="font-size:120%; float:right;">[[m:Special:MyLanguage/Movement Strategy and Governance/Newsletter/7|'''पूरा संवादपत्र पढ़ें''']]</span>
----
आंदोलन रणनीति और अनुशासन संवादपत्र के सातवें प्रकाशन में आपका स्वागत है! संवादपत्र विकिमीडिया की [[:m:Special:MyLanguage/Movement Strategy/Initiatives|आंदोलन रणनीति सिफारिशों के कार्यान्वयन]] के बारे में, आंदोलन अनुशासन के बारे में अन्य प्रासंगिक मुद्दों के बारे में, और साथ ही आंदोलन रणनीति और अनुशासन (एमएसजी) टीम द्वारा समर्थित विभिन्न परियोजनाएं पर अद्यतन साझा करता है।
एमएसजी संवादपत्र त्रैमासिक रूप से वितरित किया जाता है, और [[:m:Special:MyLanguage/Movement Strategy/Updates|आंदोलन रणनीति वीकली]] साप्ताहिक वितरित की जाती है। कृपया संवादपत्र के भविष्य के प्रकाशन प्राप्त करने के लिए [[m:Special:MyLanguage/Global message delivery/Targets/MSG Newsletter Subscription|सदस्यता लेना न भूलें]]।
</div><div style="margin-top:3px; padding:10px 10px 10px 20px; background:#fffff; border:2px solid #808080; border-radius:4px; font-size:100%;">
* '''आंदोलन की स्थिरता''': विकिमीडिया फाउंडेशन की वार्षिक स्थिरता रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। ([[:m:Special:MyLanguage/Movement Strategy and Governance/Newsletter/7#A1|अधिक पढ़ें]])
* '''उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार''': विकिमीडिया परियोजनाओं के लिए डेस्कटॉप इंटरफ़ेस में हाल के सुधारों के बारे में जानें। ([[:m:Special:MyLanguage/Movement Strategy and Governance/Newsletter/7#A2|अधिक पढ़ें]])
* '''सुरक्षा और समावेशन''': सार्वभौमिक आचार संहिता प्रवर्तन दिशानिर्देशों की संशोधन प्रक्रिया पर अद्यतन। ([[:m:Special:MyLanguage/Movement Strategy and Governance/Newsletter/7#A3|अधिक पढ़ें]])
* '''निर्णय लेने में समानता''': हब संचालकों की बातचीत पर विवरण, आंदोलन घोषणापत्र प्रारूपण समिति की हालिया प्रगति, और विकिमीडिया आंदोलन में भागीदारी के भविष्य के लिए एक नया श्वेत पत्र। ([[:m:Special:MyLanguage/Movement Strategy and Governance/Newsletter/7#A4|अधिक पढ़ें]])
* '''हितधारक समन्वय''': मूलपाठ साझेदारी पर काम करने वाले एफिलिएट और स्वयंसेवी समुदायों के लिए एक सहायता केंद्र का शुभारंभ किया गया हैं। ([[:m:Special:MyLanguage/Movement Strategy and Governance/Newsletter/7#A5|अधिक पढ़ें]])
* '''नेतृत्व विकास''': ब्राजील और केप वर्डे में विकिमीडिया आंदोलन आयोजकों द्वारा नेतृत्व परियोजनाओं पर अद्यतन। ([[:m:Special:MyLanguage/Movement Strategy and Governance/Newsletter/7#A6|अधिक पढ़ें]])
* '''आंतरिक ज्ञान प्रबंधन''': तकनीकी दस्तावेज और सामुदायिक संसाधनों के लिए एक नए पोर्टल का शुभारंभ किया हैं। ([[:m:Special:MyLanguage/Movement Strategy and Governance/Newsletter/7#A7|अधिक पढ़ें]])
* '''मुक्त ज्ञान में नवाचार''': वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले दृश्य-श्रव्य संसाधन और मौखिक प्रतिलेख रिकॉर्ड करने के लिए एक नया टूलकिट। ([[:m:Special:MyLanguage/Movement Strategy and Governance/Newsletter/7#A8|अधिक पढ़ें]])
* '''मूल्यांकन, पुनरावृति और अनुकूलन''': हिस्सेदारी परिदृश्य परियोजना संचालन का परिणाम ([[:m:Special:MyLanguage/Movement Strategy and Governance/Newsletter/7#A9|अधिक पढ़ें]])
* '''अन्य समाचार और अद्यतन''': आंदोलन रणनीति कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए एक नया मंच, आगामी विकिमीडिया फाउंडेशन ट्रस्टी बोर्ड चुनाव, आंदोलन रणनीति पर चर्चा करने के लिए एक नया पॉडकास्ट, और फाउंडेशन की आंदोलन रणनीति और अनुशासन टीम में कर्मियों का परिवर्तन। ([[:m:Special:MyLanguage/Movement Strategy and Governance/Newsletter/7#A10|अधिक पढ़ें]])
</div><section end="msg-newsletter"/>
Thank you for reading! [[User:RamzyM (WMF)|RamzyM (WMF)]] ०१:३८, १८ जुलाई २०२२ (UTC)
<!-- https://meta.wikimedia.org/w/index.php?title=Movement_Strategy_and_Governance/Delivery&oldid=23529147 पर मौजूद सूची का प्रयोग कर के User:RamzyM (WMF)@metawiki द्वारा भेजा गया सन्देश -->
== CIS-A2K Newsletter June 2022 ==
[[File:Centre for Internet And Society logo.svg|180px|right|link=]]
Dear Wikimedians,
Hope you are doing well. As you know CIS-A2K updated the communities every month about their previous work through the Newsletter. This message is about June 2022 Newsletter. In this newsletter, we have mentioned A2K's conducted events.
; Conducted events
* [[:m:CIS-A2K/Events/Assamese Wikisource Community skill-building workshop|Assamese Wikisource Community skill-building workshop]]
* [[:m:June Month Celebration 2022 edit-a-thon|June Month Celebration 2022 edit-a-thon]]
* [https://pudhari.news/maharashtra/pune/228918/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A0%E0%A4%AC%E0%A4%B3%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%9A-%E0%A4%AE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A0%E0%A5%80-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%87%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A0%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A8-%E0%A4%A1%E0%A5%89-%E0%A4%85%E0%A4%B6%E0%A5%8B%E0%A4%95-%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%A4-%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A5%87-%E0%A4%AE%E0%A4%A4/ar Presentation in Marathi Literature conference]
Please find the Newsletter link [[:m:CIS-A2K/Reports/Newsletter/June 2022|here]].
<br /><small>If you want to subscribe/unsubscibe this newsletter, click [[:m:CIS-A2K/Reports/Newsletter/Subscribe|here]]. </small>
Thank you [[User:Nitesh (CIS-A2K)|Nitesh (CIS-A2K)]] ([[User talk:Nitesh (CIS-A2K)|talk]]) 12:23, 19 July 2022 (UTC)
<small>On behalf of [[User:Nitesh (CIS-A2K)]]</small>
<!-- https://meta.wikimedia.org/w/index.php?title=User:Titodutta/lists/Indic_WS_VPs&oldid=23000588 पर मौजूद सूची का प्रयोग कर के User:Nitesh (CIS-A2K)@metawiki द्वारा भेजा गया सन्देश -->
g0ezdxb419o3jrb9ci0f0y5e9n0glzv
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 25.pdf/७८
250
163871
517310
517023
2022-07-19T15:04:26Z
Manisha yadav12
2489
/* शोधित */
proofread-page
text/x-wiki
<noinclude><pagequality level="3" user="Manisha yadav12" /></noinclude>{{c|{{larger|'''३१. टिप्पणियाँ'''}}
{{c|लॉर्ड लिटनकी सफाई}}
लॉर्ड लिटनने कविवर रवीन्द्रनाथ ठाकुरको एक पत्र लिखकर अपनी सफाई दी है। उनके खुलासेसे मेरी रायमें उनके द्वारा किया गया भारतीय स्त्री-जातिका अपमान घटता नहीं, उलटे बढ़ जाता है। वाइसराय महोदयने व्याकरणके सूक्ष्म भेदोंकी जो दुहाई दी है, उससे मेरी समझमें स्थिति सुधरती नहीं। मुझे यकीन है कि जब वाइसराय महोदयने वे अविवेकपूर्ण उद्गार प्रकट किये थे तब भी किसीने यह तो नहीं माना था कि उनका कथन हिन्दुस्तानकी स्त्रियोंके सम्बन्धमें आमतौरपर था। लोगोंकी शिकायत तो यह है कि वाइसराय महोदयने वह बात ही क्यों कही? जब कोई जिम्मेदार आदमी किसीपर कोई दोषारोपण करता है तब उसके सम्बन्धमें हमेशा दो अनुमान होते हैं: एक तो यह कि खुद उसने उन बातोंके सम्बन्धमें अपनी पूरी तसल्ली कर ली है और वह दुनियाके सामने उसे साबित कर सकता है। दूसरा यह कि आरोपसे सम्बन्धित बुराई लगभग सर्व-सामान्य है। अब पुलिसके सबूतके अलावा क्या वाइसराय महोदयके पास अन्य कोई ऐसा सबूत है, जिससे वे सर्वसाधारणको, उदाहरणके लिए कविवरकी ही, अपनी बातका यकीन करा सकें? क्या वे इस बातको नहीं जानते कि सर्वसाधारणका विश्वास पुलिसपर नहीं रह गया है? क्या वे यह नहीं जानते कि जहाँतक सर्वसाधारणका ताल्लुक है, पुलिसकी स्थिति आमतौरपर प्रतिवादी-जैसी होती है? थोड़ी देरके लिए यह मान भी लें कि यह तोहमत कुछ मर्दों और कुछ औरतोंकी निस्बत सच है, तो क्या वे यह साबित कर सकते हैं कि यह बुराई इतनी व्यापक हो गई है कि उन्हें उसकी सार्वजनिक निन्दा करनेकी जरूरत पड़ी? यदि कोई जिम्मेदार हिन्दुस्तानी यह कहे कि अंग्रेज सरकारी अधिकारी भ्रष्टाचार और चरित्रहीनताके अपराधी हैं, क्योंकि उसकी जानकारीमें ऐसे इक्के-दुक्के अधिकारियोंके मामले हैं, तो क्या उसका यह कहना न्याययुक्त होगा? अगर कोई ऐसा कहे तो क्या उससे रोषपूर्वक नहीं कहा जायेगा कि उनके नाम बताओ और उन्हें अदालतमें ले जाओ और साथ ही, उससे इस बातपर माफी न मँगवाई जायेगी कि जो बुराई केवल कुछ लोगोंपर घटती है उसे उसने एक पूरे समाजपर थोप दिया है? ऐसी अवस्थामें क्या वह मुलिजम 'कुछ' शब्दकी ओटमें अपना बचाव कर पायेगा? यदि लॉर्ड लिटनके कहनेका अभिप्राय सिर्फ इतना ही था कि अन्य राष्ट्रोंकी तरह हिन्दुस्तानी जन-समाजमें भी कुछ पतित लोग हैं, तब फिर उनकी शिकायतके लिए जगह ही कहाँ रह जाती है, और वह भी ऐसे भाषणमें जो कि गम्भीर विषयपर था, जिसके बारेमें वे जानते थे कि उसका एक-एक शब्द यहाँ बड़े ध्यानसे पढ़ा जायेगा और विदेशोंमें भी उसका काफी वजन माना जायेगा। अतएव मैं अदबके साथ यह कहे बिना नहीं रह सकता कि यदि उनका उद्देश्य यह न रहा<noinclude></noinclude>
e5pk4lr29sxc8qd1lkbz32dlb6xhghp
517311
517310
2022-07-19T15:04:49Z
Manisha yadav12
2489
proofread-page
text/x-wiki
<noinclude><pagequality level="3" user="Manisha yadav12" /></noinclude>{{c|{{larger|'''३१. टिप्पणियाँ'''}}}}
{{c|लॉर्ड लिटनकी सफाई}}
लॉर्ड लिटनने कविवर रवीन्द्रनाथ ठाकुरको एक पत्र लिखकर अपनी सफाई दी है। उनके खुलासेसे मेरी रायमें उनके द्वारा किया गया भारतीय स्त्री-जातिका अपमान घटता नहीं, उलटे बढ़ जाता है। वाइसराय महोदयने व्याकरणके सूक्ष्म भेदोंकी जो दुहाई दी है, उससे मेरी समझमें स्थिति सुधरती नहीं। मुझे यकीन है कि जब वाइसराय महोदयने वे अविवेकपूर्ण उद्गार प्रकट किये थे तब भी किसीने यह तो नहीं माना था कि उनका कथन हिन्दुस्तानकी स्त्रियोंके सम्बन्धमें आमतौरपर था। लोगोंकी शिकायत तो यह है कि वाइसराय महोदयने वह बात ही क्यों कही? जब कोई जिम्मेदार आदमी किसीपर कोई दोषारोपण करता है तब उसके सम्बन्धमें हमेशा दो अनुमान होते हैं: एक तो यह कि खुद उसने उन बातोंके सम्बन्धमें अपनी पूरी तसल्ली कर ली है और वह दुनियाके सामने उसे साबित कर सकता है। दूसरा यह कि आरोपसे सम्बन्धित बुराई लगभग सर्व-सामान्य है। अब पुलिसके सबूतके अलावा क्या वाइसराय महोदयके पास अन्य कोई ऐसा सबूत है, जिससे वे सर्वसाधारणको, उदाहरणके लिए कविवरकी ही, अपनी बातका यकीन करा सकें? क्या वे इस बातको नहीं जानते कि सर्वसाधारणका विश्वास पुलिसपर नहीं रह गया है? क्या वे यह नहीं जानते कि जहाँतक सर्वसाधारणका ताल्लुक है, पुलिसकी स्थिति आमतौरपर प्रतिवादी-जैसी होती है? थोड़ी देरके लिए यह मान भी लें कि यह तोहमत कुछ मर्दों और कुछ औरतोंकी निस्बत सच है, तो क्या वे यह साबित कर सकते हैं कि यह बुराई इतनी व्यापक हो गई है कि उन्हें उसकी सार्वजनिक निन्दा करनेकी जरूरत पड़ी? यदि कोई जिम्मेदार हिन्दुस्तानी यह कहे कि अंग्रेज सरकारी अधिकारी भ्रष्टाचार और चरित्रहीनताके अपराधी हैं, क्योंकि उसकी जानकारीमें ऐसे इक्के-दुक्के अधिकारियोंके मामले हैं, तो क्या उसका यह कहना न्याययुक्त होगा? अगर कोई ऐसा कहे तो क्या उससे रोषपूर्वक नहीं कहा जायेगा कि उनके नाम बताओ और उन्हें अदालतमें ले जाओ और साथ ही, उससे इस बातपर माफी न मँगवाई जायेगी कि जो बुराई केवल कुछ लोगोंपर घटती है उसे उसने एक पूरे समाजपर थोप दिया है? ऐसी अवस्थामें क्या वह मुलिजम 'कुछ' शब्दकी ओटमें अपना बचाव कर पायेगा? यदि लॉर्ड लिटनके कहनेका अभिप्राय सिर्फ इतना ही था कि अन्य राष्ट्रोंकी तरह हिन्दुस्तानी जन-समाजमें भी कुछ पतित लोग हैं, तब फिर उनकी शिकायतके लिए जगह ही कहाँ रह जाती है, और वह भी ऐसे भाषणमें जो कि गम्भीर विषयपर था, जिसके बारेमें वे जानते थे कि उसका एक-एक शब्द यहाँ बड़े ध्यानसे पढ़ा जायेगा और विदेशोंमें भी उसका काफी वजन माना जायेगा। अतएव मैं अदबके साथ यह कहे बिना नहीं रह सकता कि यदि उनका उद्देश्य यह न रहा<noinclude></noinclude>
fnsl9rlmjxsbe2djs7q2pykj0dizeu7
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 17.pdf/२४३
250
163894
517318
517071
2022-07-20T08:35:54Z
अनुश्री साव
80
/* शोधित */
proofread-page
text/x-wiki
<noinclude><pagequality level="3" user="अनुश्री साव" />{{rh||पंजाबके उपद्रवोंके सम्बन्धमें कांग्रेसकी रिपोर्ट|२११}}</noinclude>उन्हें छोड़ दिया गया। शर्त यह थी कि उन्हें प्रतिदिन कोतवाली में आकर हाजिरी देनी होगी। यह उन्होंने ९ जूनतक किया। फिर उन्हें लाहौर ले जाया गया। १६ जूनको उन्हें फौजी कानूनकी विशेष अदालतके सामने पेश किया गया, जहाँ उन्होंने सब बातें साफ-साफ बता दों और जजोंसे कह दिया कि उन्हें यन्त्रणा दी गई थी। (बयान २१)
एक १४ सालके लड़के ब्रजलालको ९ दिनतक हिरासत में रखा गया। दो दिन बाद उसे हंसराजके सुपुर्द कर दिया गया और फौजी कानूनकी विशेष अदालतके सामने एक झूठा बयान देने को राजी किया गया। उस बयानको उसने हमारे सामने दी गई अपनी गवाहीमें वापस ले लिया है। (बयान २२)
मद्य-विक्रेता सरदार आत्मासिंह, जनरल डायरके सामने १३ अप्रैलको गिरफ्तार किये गये। उन्हें जुलूसके साथ चलनेको मजबूर किया गया। वे कहते हैं: "उन्होंने मेरी बाँहको एक कपड़े से बाँध लिया और शहरकी कई गलियोंसे मुझे घसीटते हुए ले गये।" एक अंग्रेज सिपाहीने उन्हें पीने के लिए पानी लेनेसे रोक दिया। कुछ और लोग भी उस दिन गिरफ्तार किये गये और उनमें से ९ आदमियोंको हथकड़ियाँ डालकर बिना खाना दिये एक तंग कोठरी में बन्द रखा गया। १५ तारीखको वे जनरल डायरके सामने ले जाये गये और एक पेड़से बाँध दिये गये। फिर उनको "लगातार गालियाँ दी गईं और उनकी हँसी उड़ाई गईं।" जब जनरल डायर अपना दोपहरका भोजन कर चुके तो सरदार आत्मासिंहको उनके सामने पेश किया गया और उन्हें ८ दिनकी 'क्वार्टर-गार्ड' की सजा मिली। उन्हें यह नहीं बताया गया कि उनके
विरुद्ध आरोप क्या है। कैदके दौरान एक सार्जेन्टने उनसे एक सोने की अंगूठी और एक वैस्ट एंड [कम्पनी] की शिकारी घड़ी, जिसपर उनका नाम लिखा था, उनसे छीन ली। (बयान ३०)
कसाई मुहम्मद इस्माइलको १८ अप्रैलके आसपास गिरफ्तार किया गया।
उनके पिताको भी गिरफ्तार कर लिया गया। दोनोंको पीटा गया और तब छोड़ा गया जब उनके भाई दीनाको हाजिर किया गया। स्वयं दीनाको ३ दिनतक बन्द रखा गया और कहा जाता है कि उसे निर्दयतापूर्वक पीटा गया। (बयान ४६)
अब्दुल अजीज नामक सब्जी-विक्रेताको, एक खानसामाको गाली देनेके अपराध में, जिसे उन्होंने अस्वीकार किया, पकड़ा गया। उन्हें जनरल डायरके सामने ले जाया गया, दो दिनतक हवालात में बन्द रखा, दस कोड़े मारे गये और उनसे कहा गया कि १४ दिनतक अपनी दुकान बन्द रखे। (बयान १२३)
५८ सालके पेन्शनयाफ्ता सरकारी कर्मचारी लाला रलियारामसे एक सब-
इंस्पेक्टरने उन लोगोंका नाम बतानेको कहा जिन्होंने कुमारी शेरवुडको पीटा था। उन्होंने उत्तर दिया कि उन्हें कुछ पता नहीं और वे घटनास्थलपर मौजूद नहीं थे। इसपर उन्हें बेंतसे पीटा गया, उनकी दाढ़ी खींची गई, उन्हें गलीमें इधर-उधर चलनेको मजबूर किया गया और शामको छोड़ दिया गया। (बयान १०७)
लाला दादूमलको पीटा गया और रेंगनेको विवश किया गया। उनको और
उनके पुत्रको गिरफ्तार किया गया। फिर उन्हें छोड़ा गया और फिर पकड़ लिया<noinclude></noinclude>
er69xi2hc2p9nycadalr1durizf66ru
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 17.pdf/२४४
250
163895
517319
517072
2022-07-20T08:48:17Z
अनुश्री साव
80
/* शोधित */
proofread-page
text/x-wiki
<noinclude><pagequality level="3" user="अनुश्री साव" />{{rh|२१२|सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय}}</noinclude>गया और तब छोड़ा गया जब उन्होंने बाजार के मुखियाको पुलिसके लिए १०० रुपये दिये। उन्हें फिर गिरफ्तार किया गया और अपनी रिहाईके लिए ५० रुपये और देनेको मजबूर किया गया। पुलिसवाले उनकी दुकानपर जाते थे और जबरदस्ती क्रीम आदि उठाकर ले जाते थे। उनके पुत्रको ८ दिनतक बन्द रखा गया और फिर ३० कोड़ोंकी सजा दी गई; कोड़े लगते समय वह बेहोश हो गया था। उसने
दूसरोंके भी कोड़े लगते देखे। वह कहता है: "वे लोग दर्दसे चीख रहे थे और उनके शरीरसे खून बह रहा था।" (बयान ११६)
लाला रखारामने देखा कि धनीरामको बिठाकर उनसे दोनों टाँगोंके नीचेसे हाथ ले जाकर कान पकड़वाये गये। ( बयान १०८)
गुलाम कादिर तूपगर अप्रैलके तीसरे सप्ताह में सब-इंस्पेक्टर अमीर खाँ द्वारा गिरफ्तार किया गया। उनसे लूटा हुआ माल बताने को कहा गया और जब उन्होंने इस सम्बन्ध में अनभिज्ञता प्रकट की तो उन्हें बुरी तरह पीटा गया। उनसे कुछ विशेष व्यक्तियोंको उस भीड़ में शामिल देखनेका बयान देने को कहा गया जिन्होंने भगताँवाला रेलवे स्टेशनको जलाया था। उनकी पगड़ी उतार दी गई, उससे उनके हाथ बाँध दिये गये और लगभग दस मिनटतक उन्हें एक पेड़से लटकाकर रखा गया।
उन्होंने देखा कि उनके अतिरिक्त ८-९ आदमी और थे, जिन्हें यन्त्रणा दी जा रही थी। वे कहते हैं:
'''मैंने पीरा गुजरको जमीनपर पट लेट देखा और एक हवलदारको, जिसको में चेहरेसे जानता हूँ, थानेदार अमीर खाँकी मौजूदगी में उनकी गुदामें एक डंडा घुसाते देखा। वे पूरे समय दयनीय रूपसे चीखते रहे पर पुलिसने कोई दया नहीं दिखाई। पूरे तीन दिन और तीन रात हमें खानेको कुछ नहीं दिया गया और इस बीच पुलिसने हमें यन्त्रणा दी। मुझे ५ दिन बाद छोड़ा गया। (बयान १४१)'''
नाई मिराजदीन उपर्युक्त वक्तव्यका सामान्यतः समर्थन करते हैं। उनपर भी वही गुजरा जो गुलाम कादिरपर गुजरा। (वयान १४२)
मसजिदके इमाम (नमाज पढ़ानेवाले) और मुंशी गुलाम जोलानीके साथ जो बीती वह हमारे सामने यन्त्रणाकी जितनी घटनाएँ आई उनमें शायद सबसे बुरी है। उन्होंने रामनवमीके त्योहारके इन्तजाममें प्रमुख रूपसे भाग लिया था। उन्हें १६ अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। उनका बयान इतना विशद है कि इमामके साथ क्या गुजरी, इसे समझने के लिए उसे पूराका-पूरा पढ़ना चाहिए। (बयान १३४) गवाहने अपने साथ किये गये व्यवहारके बारेमें जो कुछ कहा है, उसका मियाँ फीरोजदीन, अवैतनिक मजिस्ट्रेट (बयान २) और श्री गुलाम यासीन, बैरिस्टर (बयान ६) समर्थन करते हैं। मुहम्मद शफी (बयान १३९) ने गुलाम जीलानीको दी गई कुछ यन्त्रणाएँ अपनी आँखों देखीं और उन्होंने उनकी करुण चीत्कार भी सुनी। वे कहते हैं कि उसी दिन खैरदीन नामक एक और व्यक्तिके साथ भी उसी प्रकारका व्यवहार किया गया और उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि जो चोटें उसे पहुँचो थीं उनके कारण वह<noinclude></noinclude>
cjxeifyt7r6iqy8b1gk74pk6ced8zda
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 17.pdf/२४५
250
163896
517320
517073
2022-07-20T08:57:37Z
अनुश्री साव
80
/* शोधित */
proofread-page
text/x-wiki
<noinclude><pagequality level="3" user="अनुश्री साव" />{{rh||पंजाबके उपद्रवोंके सम्बन्धमें कांग्रेसकी रिपोर्ट|२१३}}</noinclude>मर ही गया। (बयान १३९)। मियाँ कमरुद्दीन खाँ जमींदार कहते हैं कि मौलवी
गुलाम जीलानी अपनी रिहाईके फौरन बाद उन्हें मिले। उन्होंने वे घाव देखे, जो
उन्हें लगे थे और जो वृतान्त उन्होंने तब सुनाया था वह बयान वैसा ही है जो
उन्होंने हमारे सामने विया है। (बयान १४०)। गुलाम मोहम्मदने उन्हें तथा
खैरदीनको यन्त्रणा पहुँचाई जाते देखा। वे कहते हैं कि खैरदीन कुछ दिन पूर्व घावोंसे
मर गया। ( बयान १३८) हाजी शमसुद्दीन जमींदारने भी मौलवी गुलाम जीलानी
और स्वर्गीय खैरदीनको यन्त्रणा दी जाती देखी। हाजी साहबको पुलिसने तलब किया
था। वे कहते हैं:
'''पुलिसवालोंने उनको गुदामे एक डंडा घुसेड़ा। वे दयनीय हालतमें थे। मैंने उनका मल-मूत्र निकलते देखा। पुलिसने हम सबसे, जो बाहर थे, कहा कि जो गवाही नहीं देंगे उन सबका यही हाल होगा। (बयान १३५)'''
गवाह १३६-३७ भी जीलानी और खैरदीनको दी गई यन्त्रणासे सम्बन्धित बयानकी
पुष्टि करते हैं। पशमीना-विक्रेता मलिक अब्दुल हई, पुलिस सुपरिन्टेन्डेन्टका तार
मिलनेपर १५ मईके आसपास लाहौरसे अमृतसर गये। वहाँ उन्हें इन्स्पेक्टर जवाहर-
लालके सुपुर्द कर दिया गया। जवाहरलालने उन्हें इनाम और वेतनवृद्धिका प्रलोभन
दिया, यदि वे डाक्टर किचलूके खिलाफ झूठी गवाही देने को तैयार हो जायें। जब
उन्होंने इनकार किया तो उन्हें धमकी दी गई कि उन्हें भी अभियुक्तों में शामिल
कर दिया जायेगा। जब सब धमकियाँ और सब समझाना-बुझाना बेकार गया तो
उन्हें एक कमरे में ले जाकर "निर्दयतापूर्वक" पीटा गया। भयभीत होकर वे अन्त में
झुक गये। उनका बयान लिख लिया गया और उन्हें फौजी अदालतमें तलब किया
गया। वे आगे कहते हैं:
'''मैंने सब बात सच-सच कह देनेका निश्चय किया...मैंने जजोंको बताया कि मुझसे झूठी गवाही दिलवाने के लिए पुलिसने मुझे कितना परेशान किया। अपना बयान देकर में बाहर आ गया। नायब कोर्टने मुझे गिरफ्तार कर लिया और मुझे पुलिसके कमरेमें ले जाने ही वाला था कि मैं चीख उठा। इसपर कुछ बैरिस्टर जो इस मुकदमेके सम्बन्धमें अदालत में उपस्थित थे और जिनमें मुकन्दलाल पुरी, श्री हसन और दूसरे लोग थे, घटनास्थलपर आ गये। ...नायब कोर्टके चंगुलसे अपनेको छुड़ाकर मैंने जजोंको पूरी कहानी बताई। मुख्य न्यायाधीशने मुझे दूसरे रास्तेसे घर जानेकी आज्ञा दी। (बयान १४८)'''
बैरिस्टर श्री बदरुल इस्लाम अली खाँ को १९ अप्रैलको गिरफ्तार किया गया। पुलिसवाले उनकी स्त्रीके शयनकक्ष में घुस गये और जब उन्होंने उनसे बाहर जानेको कहा तो उन्होंने इनकार कर दिया। खाँ साहबको कोतवाली ले जाया गया। वहाँ श्री प्लोमरने ऊँची आवाज में कहा, "यह है वह आदमी जो पंजाबका लेफ्टिनेंट गवर्नर बनना चाहता है।" उन्होंने अपने बयान में बताया है कि किस प्रकार झूठी गवाही देनेके लिए उनपर दबाव डाला गया। उन्होंने उस कोठरीका भी वर्णन किया है<noinclude></noinclude>
hwvuqk1d1vab7i4vojc5s6tmvbiykgv
517321
517320
2022-07-20T08:58:53Z
अनुश्री साव
80
proofread-page
text/x-wiki
<noinclude><pagequality level="3" user="अनुश्री साव" />{{rh||पंजाबके उपद्रवोंके सम्बन्धमें कांग्रेसकी रिपोर्ट|२१३}}</noinclude>मर ही गया। (बयान १३९)। मियाँ कमरुद्दीन खाँ जमींदार कहते हैं कि मौलवी गुलाम जीलानी अपनी रिहाईके फौरन बाद उन्हें मिले। उन्होंने वे घाव देखे, जो उन्हें लगे थे और जो वृतान्त उन्होंने तब सुनाया था वह बयान वैसा ही है जो उन्होंने हमारे सामने विया है। (बयान १४०)। गुलाम मोहम्मदने उन्हें तथा खैरदीनको यन्त्रणा पहुँचाई जाते देखा। वे कहते हैं कि खैरदीन कुछ दिन पूर्व घावोंसे मर गया। (बयान १३८) हाजी शमसुद्दीन जमींदारने भी मौलवी गुलाम जीलानी और स्वर्गीय खैरदीनको यन्त्रणा दी जाती देखी। हाजी साहबको पुलिसने तलब किया था। वे कहते हैं:
'''पुलिसवालोंने उनको गुदामे एक डंडा घुसेड़ा। वे दयनीय हालतमें थे। मैंने उनका मल-मूत्र निकलते देखा। पुलिसने हम सबसे, जो बाहर थे, कहा कि जो गवाही नहीं देंगे उन सबका यही हाल होगा। (बयान १३५)'''
गवाह १३६-३७ भी जीलानी और खैरदीनको दी गई यन्त्रणासे सम्बन्धित बयानकी पुष्टि करते हैं। पशमीना-विक्रेता मलिक अब्दुल हई, पुलिस सुपरिन्टेन्डेन्टका तार मिलनेपर १५ मईके आसपास लाहौरसे अमृतसर गये। वहाँ उन्हें इन्स्पेक्टर जवाहरलालके सुपुर्द कर दिया गया। जवाहरलालने उन्हें इनाम और वेतनवृद्धिका प्रलोभन दिया, यदि वे डाक्टर किचलूके खिलाफ झूठी गवाही देने को तैयार हो जायें। जब
उन्होंने इनकार किया तो उन्हें धमकी दी गई कि उन्हें भी अभियुक्तों में शामिल कर दिया जायेगा। जब सब धमकियाँ और सब समझाना-बुझाना बेकार गया तो उन्हें एक कमरे में ले जाकर "निर्दयतापूर्वक" पीटा गया। भयभीत होकर वे अन्त में झुक गये। उनका बयान लिख लिया गया और उन्हें फौजी अदालतमें तलब किया गया। वे आगे कहते हैं:
'''मैंने सब बात सच-सच कह देनेका निश्चय किया...मैंने जजोंको बताया कि मुझसे झूठी गवाही दिलवाने के लिए पुलिसने मुझे कितना परेशान किया। अपना बयान देकर में बाहर आ गया। नायब कोर्टने मुझे गिरफ्तार कर लिया और मुझे पुलिसके कमरेमें ले जाने ही वाला था कि मैं चीख उठा। इसपर कुछ बैरिस्टर जो इस मुकदमेके सम्बन्धमें अदालत में उपस्थित थे और जिनमें मुकन्दलाल पुरी, श्री हसन और दूसरे लोग थे, घटनास्थलपर आ गये। ...नायब कोर्टके चंगुलसे अपनेको छुड़ाकर मैंने जजोंको पूरी कहानी बताई। मुख्य न्यायाधीशने मुझे दूसरे रास्तेसे घर जानेकी आज्ञा दी। (बयान १४८)'''
बैरिस्टर श्री बदरुल इस्लाम अली खाँ को १९ अप्रैलको गिरफ्तार किया गया। पुलिसवाले उनकी स्त्रीके शयनकक्ष में घुस गये और जब उन्होंने उनसे बाहर जानेको कहा तो उन्होंने इनकार कर दिया। खाँ साहबको कोतवाली ले जाया गया। वहाँ श्री प्लोमरने ऊँची आवाज में कहा, "यह है वह आदमी जो पंजाबका लेफ्टिनेंट गवर्नर बनना चाहता है।" उन्होंने अपने बयान में बताया है कि किस प्रकार झूठी गवाही देनेके लिए उनपर दबाव डाला गया। उन्होंने उस कोठरीका भी वर्णन किया है<noinclude></noinclude>
aauvh6itmgg0q00bwwzj2g7cvl10u9u
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 28.pdf/५४८
250
163974
517312
517276
2022-07-19T17:18:25Z
सौरभ तिवारी 05
49
proofread-page
text/x-wiki
<noinclude><pagequality level="3" user="ममता साव9" />{{rh|५१८|सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय|}}</noinclude>{|width=100%
|-
| {{gap}}७१, ३९५, ४२५, ४३०-३३, ४३७, || इस्लाम, २२, २८५, ४३२
|-
| {{gap}}४४९, ४७२, ४७३, ४८९; –और || {{gap|5em}}{{larger|'''ई'''}}
|-
| {{gap}}कताई, २३४; –और वर्णाश्रम, ६४- || ईश्वर, १३४-३५, १५५, १७४, २१६-१७
|-
| {{gap}}६६; –और हिन्दू-धर्म, ६४-६६, ३६३- || {{gap}}३२३, ३९९, ४००, ४२०, ४३६, ४७१
|-
| {{gap}}६४, ३९४ || {{gap}}४७२
|-
| अहिंसा, ३, ४, २३, ४३, ४९, ५२-५३, || ईसाई, ११, १८-२४, ८१, ९७-९९, १३६,
|-
| {{gap}}६३, १०५, १०७, ११७, १२४, १५६- || {{gap}}१४१-४३, २८३, २८७, ३०६-७,
|-
| {{gap}}५७, १७४, २१६, २२९, २२९-३०, || {{gap}}३२१, ४५७, ४७२, ४७३
|-
| {{gap}}२३६, २४९, २५०, २५३, २६३, || ईसाई-धर्म, २२, १४१, १४२, १५५, २०३;
|-
| {{gap}}२८५, ३०२, ३१५-१७, ३२८, || {{gap}}–और धर्म-परिवर्तन, ९८, ३०६-७
|-
| {{gap}}३२९, ३३०, ३३१, ३३५, ३३६, || ईसा मसीह, २, २१, २३, ९७, १४१, ४७३
|-
| {{gap}}३६२, ४०९, ४१५, ४१८, ४२०, || ईस्ट इंडिया कम्पनी, ८९
|-
| {{gap}}४२५, ४५१, ४७२ || {{gap|5em}}{{larger|'''उ'''}}
|-
| {{gap|5em}}{{larger|'''आ'''}} || उदारदलीय, ४५५
|-
| आंग्ल भारतीय, १७; –[ों] द्वारा यूरो- || उपनिषद्, ४१, ४४६
|-
| {{gap}}पीयोंकी नकल करना, ९८ || उर्मिला देवी, १८८, २१८
|-
| ऑगस्टीन, १ || उस्मान, २२६
|-
| आगा खां, ४३२, || {{gap|5em}}{{larger|'''ए'''}}
|-
| आनन्दानन्द, स्वामी, १०८ पा॰ टि॰ || एग्रिकल्चरल प्रोग्रेस इन वेस्टर्न इंडिया, ३५०
|-
| आरोग्य दिग्दर्शन, ८३ || एन्ड्रयूज, सी॰ एफ॰ २९, ५८, ८२, ११२,
|-
| आरोग्य विषे सामान्य ज्ञान, २४९ || {{gap}}१२९, १४४, १४७, २६७, ४४७, ४५९,
|-
| आर्नोल्ड, सर एड्विन, ३२८, ३५२ पा॰ टि॰ || {{gap}}४६८
|-
| ऑलवुड, रेवरेंड, १ || एमहर्स्ट, ४७५,
|-
| आसर, लक्ष्मीदास, ३३२ || एलिजाबेथ, रानी, ८९
|-
| {{gap|5em}}{{larger|'''इ'''}} ||
|-
| इंग्लिशमैन, १, १०३ || {{gap|5em}}{{larger|'''ओ'''}}
|-
| इंडियन ओपिनियन, २१८ || ओ'डायर, सर माइकेल, ५१
|-
| इंडियन डेली टेलिग्राफ, ४०८ || {{gap|5em}}{{larger|'''क'''}}
|-
| इंडियन सोशल रिफॉर्मर, १९१ || कच्छके महाराव, २९६, २९७, ३९६
|-
| इब्राहीम प्रधान, ४२५, ४३२ || कताई, ६, २७, ३५, ५५-५७, ७०, ७२
|-
| इमाम अली, सर, २२१ || {{gap}}८८, १००, १२०, १२३, १२३, १५२,
|}<noinclude></noinclude>
l019b03f7zi9ftw66hcz1dyqnmmnj8f
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 25.pdf/७९
250
163979
517313
2022-07-20T04:54:39Z
Manisha yadav12
2489
/* अशोधित */ 'टिप्पणियाँ ४५ हो कि भारतीय स्त्रियों और पुरुषोंपर लांछन लगाये जायें, तो उनको बिना शर्त अपने आरोप वापस लेकर माफी माँग लेनी चाहिए। ऐसा करके वे अपनी प्रतिष्ठा और गौरवक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
proofread-page
text/x-wiki
<noinclude><pagequality level="1" user="Manisha yadav12" /></noinclude>टिप्पणियाँ
४५
हो कि भारतीय स्त्रियों और पुरुषोंपर लांछन लगाये जायें, तो उनको बिना शर्त
अपने आरोप वापस लेकर माफी माँग लेनी चाहिए। ऐसा करके वे अपनी प्रतिष्ठा
और गौरवकी वृद्धि ही करेंगे। इसके विपरीत, अगर उनके पास वैसे सबूत हों, जैसे
कि मैंने सुझाये हैं, तो उन्हें हिम्मतके साथ अपने आरोपोंकी पुष्टि करनी चाहिए और
जन-साधारणके सामने वे सबूत उपस्थित कर देने चाहिए। लचर किस्मकी सफाई कोई
सफाई नहीं होती। वह तो जलेपर नमक छिड़कना होता है ।
अधीनताका बिल्ला
भारतका हरएक पत्रकार इस बातको जानता है कि जब बाहरसे आयात होने-
वाले सूती कपड़ेपर चुंगी लगाई गई, तब सिर्फ लंकाशायरके हितके लिए भारतके बने
कपड़ेपर उत्पादन कर लगा दिया गया था। उसके खिलाफ विरोधकी आवाजें उठाई
गई और इस बातका वचन भी दिया गया कि इसपर फिरसे विचार किया जायेगा ।
फिर भी वह आजतक ज्योंका-त्यों कायम है। यह कर हमें निरन्तर इस बातकी
याद दिलाता रहता है कि भारतका हित इंग्लैंडके हितके अधीन है। उसके आगे
गौण है। इसलिए में विदेशी मिलोंके मुकाबले हिन्दुस्तानी मिलोंके कपड़ेको तरजीह
देता हूँ। पर कितने ही लोग इससे चक्कर में पड़ जाते हैं। वे उसका आशय ठीक-
ठीक नहीं समझ पाते, क्योंकि एक ओर तो मैं मिलके कपड़ेके मुकाबले हाथके बने
कपड़ेकी सिफारिश जोर-शोरसे - - लगभग आवेशपूर्वक --करता हूँ और दूसरी ओर
विदेशी कपड़ेके मुकाबले देशी मिलके बने कपड़ेकी रक्षाकी आवाज उठाता हूँ। पर
जरा गौर करनेसे ही उन्हें ये दोनों नीतियाँ परस्पर सुसंगत लगने लगेंगी। यदि
भारतवर्षको आर्थिक रूपसे एक स्वाधीन राष्ट्र बनना हो, यदि उसके किसानोंकी
सदियों पुरानी फाकेकशी मिटानी हो, यदि उन्हें अकालों और ऐसे ही दूसरे संकटोंके
समय कोई प्रतिष्ठित काम दरकार हो तो देशसे विदेशी कपड़ेका मुँह काला किये
बिना चारा नहीं। अपने कपड़ा उद्योगकी रक्षा करना उसका जन्म-सिद्ध अधिकार
है। अतएव में विदेशी मिलोंकी होड़से भारतीय मिलोंकी रक्षा जरूर करूंगा -- भले
ही उसका फल यह होता हो कि चन्द रोजके लिए गरीबोंको दण्ड भुगतना पड़े।
ऐसा दण्ड उन्हें तभी भुगतना पड़ेगा जबकि मिल-मालिक देश-प्रेमको इतना खो बैठे
हों कि कपड़ेका बाजार पूरी तरह अपने हाथमें आ जानेपर वे उसके दाम बढ़ा दें।
इसलिए मैं कपास तथा भारतके कपड़ेपर लगे उत्पादन-करको हटाने और आयातपर
भारी चुंगी लगानेके लिए बिना हिचकिचाहटके जोर दे सकता हूँ ।
इसी तरह और बिना किसी प्रकारकी असंगतिके, मैं देशी मिलोंके मुकाबले
हाथ-कती खादीकी रक्षा करूंगा। मैं जानता हूँ कि यदि सिर्फ विदेशोंके साथ होड़ा-
होड़ी बन्द हो जाये तो खादीकी रक्षा बिना दिक्कत हो सकती है। ज्यों ही लोकमत
इतना प्रबल हुआ कि उसका प्रभाव पड़ सके, त्यों ही यहाँसे विदेशी कपड़ेका मुँह
काला हो जायेगा और वही शक्ति मिलोंके मुकाबलेमें खादीकी रक्षा करेगी। पर
मुझे तो यह दृढ़ विश्वास है कि खादी तो मिलोंसे बिना किसी अशोभन टकरावके
ही अपने पैर जमा लेगी। परन्तु यह जरूरी बात है कि जबतक खादीके भक्तों की
Gandhi Heritage Portal<noinclude></noinclude>
h9csvxr2q1kzfjfcvtknhgfb28q5o3h
517314
517313
2022-07-20T05:07:42Z
Manisha yadav12
2489
/* शोधित */
proofread-page
text/x-wiki
<noinclude><pagequality level="3" user="Manisha yadav12" />{{rh||टिप्पणियाँ|४५}}</noinclude>हो कि भारतीय स्त्रियों और पुरुषोंपर लांछन लगाये जायें, तो उनको बिना शर्त अपने आरोप वापस लेकर माफी माँग लेनी चाहिए। ऐसा करके वे अपनी प्रतिष्ठा और गौरवकी वृद्धि ही करेंगे। इसके विपरीत, अगर उनके पास वैसे सबूत हों, जैसे कि मैंने सुझाये हैं, तो उन्हें हिम्मतके साथ अपने आरोपोंकी पुष्टि करनी चाहिए और जन-साधारणके सामने वे सबूत उपस्थित कर देने चाहिए। लचर किस्मकी सफाई कोई
सफाई नहीं होती। वह तो जलेपर नमक छिड़कना होता है।
{{c|अधीनताका बिल्ला}}
भारतका हरएक पत्रकार इस बातको जानता है कि जब बाहरसे आयात होनेवाले सूती कपड़ेपर चुंगी लगाई गई, तब सिर्फ लंकाशायरके हितके लिए भारतके बने कपड़ेपर उत्पादन कर लगा दिया गया था। उसके खिलाफ विरोधकी आवाजें उठाई गई और इस बातका वचन भी दिया गया कि इसपर फिरसे विचार किया जायेगा। फिर भी वह आजतक ज्योंका-त्यों कायम है। यह कर हमें निरन्तर इस बातकी याद दिलाता रहता है कि भारतका हित इंग्लैंडके हितके अधीन है--उसके आगे
गौण है। इसलिए में विदेशी मिलोंके मुकाबले हिन्दुस्तानी मिलोंके कपड़ेको तरजीह देता हूँ। पर कितने ही लोग इससे चक्कर में पड़ जाते हैं। वे उसका आशय ठीक-ठीक नहीं समझ पाते, क्योंकि एक ओर तो मैं मिलके कपड़ेके मुकाबले हाथके बने कपड़ेकी सिफारिश जोर-शोरसे ---लगभग आवेशपूर्वक---करता हूँ और दूसरी ओर विदेशी कपड़ेके मुकाबले देशी मिलके बने कपड़ेकी रक्षाकी आवाज उठाता हूँ। पर
जरा गौर करनेसे ही उन्हें ये दोनों नीतियाँ परस्पर सुसंगत लगने लगेंगी। यदि भारतवर्षको आर्थिक रूपसे एक स्वाधीन राष्ट्र बनना हो, यदि उसके किसानोंकी सदियों पुरानी फाकेकशी मिटानी हो, यदि उन्हें अकालों और ऐसे ही दूसरे संकटोंके समय कोई प्रतिष्ठित काम दरकार हो तो देशसे विदेशी कपड़ेका मुँह काला किये बिना चारा नहीं। अपने कपड़ा उद्योगकी रक्षा करना उसका जन्म-सिद्ध अधिकार है। अतएव मैं विदेशी मिलोंकी होड़से भारतीय मिलोंकी रक्षा जरूर करूँगा---भले
ही उसका फल यह होता हो कि चन्द रोजके लिए गरीबोंको दण्ड भुगतना पड़े। ऐसा दण्ड उन्हें तभी भुगतना पड़ेगा जबकि मिल-मालिक देश-प्रेमको इतना खो बैठे हों कि कपड़ेका बाजार पूरी तरह अपने हाथमें आ जानेपर वे उसके दाम बढ़ा दें। इसलिए मैं कपास तथा भारतके कपड़ेपर लगे उत्पादन-करको हटाने और आयातपर भारी चुंगी लगानेके लिए बिना हिचकिचाहटके जोर दे सकता हूँ।
इसी तरह और बिना किसी प्रकारकी असंगतिके, मैं देशी मिलोंके मुकाबले हाथ-कती खादीकी रक्षा करूँगा। मैं जानता हूँ कि यदि सिर्फ विदेशोंके साथ होड़ा-होड़ी बन्द हो जाये तो खादीकी रक्षा बिना दिक्कत हो सकती है। ज्यों ही लोकमत इतना प्रबल हुआ कि उसका प्रभाव पड़ सके, त्यों ही यहाँसे विदेशी कपड़ेका मुँह काला हो जायेगा और वही शक्ति मिलोंके मुकाबलेमें खादीकी रक्षा करेगी। पर मुझे तो यह दृढ़ विश्वास है कि खादी तो मिलोंसे बिना किसी अशोभन टकरावके
ही अपने पैर जमा लेगी। परन्तु यह जरूरी बात है कि जबतक खादीके भक्तों की<noinclude></noinclude>
lz9fwpyvm146pd45e7ufqitn1w8q35f
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 28.pdf/५४९
250
163980
517315
2022-07-20T07:18:36Z
ममता साव9
2453
/* शोधित */
proofread-page
text/x-wiki
<noinclude><pagequality level="3" user="ममता साव9" /></noinclude>{|width=100%
|-
|१६२, १७२, २०५, २१३, २१७,|| कुन्ती, ३३०
|-
|२२१, २२५, २२६, २३३, २३६, || कुरान, २२३, ४७८
|-
|२३९, २४७, २४८, २७०, २७५, || कुरेशी, शुएब, २४, २३७
|-
|२७६, २८२, २९९, ३००, ३०८, || कुशारी, जितेन्द्रनाथ, ७२, २९५
|-
|३१०-१२, ३२२, ३३४, ३४२, ३४४, || कृष्ण भगवान, २, १११, १४४, २०३,
|-
|३४९, ३५०, ३६९, ३७७, ३८५, || २१६, २१८, २७३, २७४, ३३१,
|-
|३९०, ३९१, ४०५, ४०६, ४१३, || ३९६, ४२६, ४३६, ४५०,४६५
|-
|४२५, ४३२, ४४४, ४४८, ४६२, || केनेडी, २२९, २३०
|-
|४६७, ४७०; -अमेरिकामें, ४८३; || केलकर, न॰ चि॰, २६१
|-
|-और अस्पृश्यता, २३४; -और खद्दर, || कोठारी, मणिलाल वल्लभजी, ३८,३९, १४६,
|-
|२३८, २६९; -और चरखा, २६३; || १७४
|--मण्डल, २०३; -सरकारी शिक्षा || कौंसिल, २७०, ३१३, ३७४, ४५५,४६०;
|-संस्थाओंमें, १५३-५५; -स्कूलोंमें, || -[लों] में प्रवेश, ९३, ३१४;
|-
|२४३, ३८७ || -प्रान्तीय (कौंसिलों) में भारतीय राष्ट्रीय
|-
|कताई-सदस्यता, ९२, ९३, १२१, २०२, || कांग्रेसका प्रतिनिधित्व, ३४६
|-
|२१२, २१९-२२,२२६, २३३, २६९, || कौंसिल-कार्यक्रम, ९२, २६९
|-
|३४९, ३७० -की प्रगति सम्बन्धी || कोरव, २१४, ४२६
|-
|गुजरातके आंकड़े, २०१; -के दो || क्षितीश बाबू, २२६
|-
|प्रकार, २६५, || क्षेत्र-निधारण और प्रवास तथा पंजीयन
|-
|कजन, लॉर्ड, ८७, २१०, ३६९ || सम्बन्धी (अतिरिक्त धारा) विधेयक,
|-
|कांग्रेस की सेवा, ३५३ || १५८, पा० टि०, ३०३ पा॰ टि॰
|-
|कांग्रेसी, १०४, १२३, १२८, १५०-५२, ||{{gap|5em}}'''ख'''
|-
|१९०, २०२, २१९, २३३, २५८, || खादी (खद्दर), १०, १२, २७, ३१, ३३,
|-
|२७०, २७१, ३०६, ३१३, ३२१, || ३७, ४५, ५४-५५, ६२-६७, ६८,
|-
|३६१, ३७१, ३७५, ३८४, ३८५, || ८०, ८१, ८४, ९२, १०२, १०४,
|-
|४०५, ४०९, ४१४, ४१७, ४७९-८१ || १११, १२३-२४, १३२, १४०, १४३,
|-
|कानेगी, १४ || १४५, १५२-५३, १६१, १६३, १७२,
|-
|कालेलकर, काका, ३२४ || १७४, १७५, १८३, १८६, १८७,
|-
|कासिम बाजारके महाराजा, ३९, ४२, ३०८ || १९१, १९३, २०२, २०५, २१३, २२१,
|-
|किंग्सफोर्ड, डा॰ एना, २२ || २२२, २२४, २२६, २३७, २३९,
|-
|क्रिस्टोदास, ३८, १८८, २६८ || २४५, २४६-४८, २५५, २५९, २६३,
|-
|कीटिंग, ३५० || २६६-६७, २७५, २८६, २८७, २९३,
|}<noinclude></noinclude>
hi0iibzydn7f7n7rku9ng73oowkcv9v
517316
517315
2022-07-20T07:20:25Z
ममता साव9
2453
proofread-page
text/x-wiki
<noinclude><pagequality level="3" user="ममता साव9" /></noinclude>{|width=100%
|-
|१६२, १७२, २०५, २१३, २१७,|| कुन्ती, ३३०
|-
|२२१, २२५, २२६, २३३, २३६, || कुरान, २२३, ४७८
|-
|२३९, २४७, २४८, २७०, २७५, || कुरेशी, शुएब, २४, २३७
|-
|२७६, २८२, २९९, ३००, ३०८, || कुशारी, जितेन्द्रनाथ, ७२, २९५
|-
|३१०-१२, ३२२, ३३४, ३४२, ३४४, || कृष्ण भगवान, २, १११, १४४, २०३,
|-
|३४९, ३५०, ३६९, ३७७, ३८५, || २१६, २१८, २७३, २७४, ३३१,
|-
|३९०, ३९१, ४०५, ४०६, ४१३, || ३९६, ४२६, ४३६, ४५०,४६५
|-
|४२५, ४३२, ४४४, ४४८, ४६२, || केनेडी, २२९, २३०
|-
|४६७, ४७०; -अमेरिकामें, ४८३; || केलकर, न॰ चि॰, २६१
|-
|-और अस्पृश्यता, २३४; -और खद्दर, || कोठारी, मणिलाल वल्लभजी, ३८,३९, १४६,
|-
|२३८, २६९; -और चरखा, २६३; || १७४
|--मण्डल, २०३; -सरकारी शिक्षा || कौंसिल, २७०, ३१३, ३७४, ४५५,४६०;
|-संस्थाओंमें, १५३-५५; -स्कूलोंमें, || -[लों] में प्रवेश, ९३, ३१४;
|-
|२४३, ३८७ || -प्रान्तीय (कौंसिलों) में भारतीय राष्ट्रीय
|-
|कताई-सदस्यता, ९२, ९३, १२१, २०२, || कांग्रेसका प्रतिनिधित्व, ३४६
|-
|२१२, २१९-२२,२२६, २३३, २६९, || कौंसिल-कार्यक्रम, ९२, २६९
|-
|३४९, ३७० -की प्रगति सम्बन्धी || कोरव, २१४, ४२६
|-
|गुजरातके आंकड़े, २०१; -के दो || क्षितीश बाबू, २२६
|-
|प्रकार, २६५, || क्षेत्र-निर्धारण और प्रवास तथा पंजीयन
|-
|कर्जन, लॉर्ड, ८७, २१०, ३६९ || सम्बन्धी (अतिरिक्त धारा) विधेयक,
|-
|कांग्रेस की सेवा, ३५३ || १५८, पा० टि०, ३०३ पा॰ टि॰
|-
|कांग्रेसी, १०४, १२३, १२८, १५०-५२, ||{{gap|5em}}'''ख'''
|-
|१९०, २०२, २१९, २३३, २५८, || खादी (खद्दर), १०, १२, २७, ३१, ३३,
|-
|२७०, २७१, ३०६, ३१३, ३२१, || ३७, ४५, ५४-५५, ६२-६७, ६८,
|-
|३६१, ३७१, ३७५, ३८४, ३८५, || ८०, ८१, ८४, ९२, १०२, १०४,
|-
|४०५, ४०९, ४१४, ४१७, ४७९-८१ || १११, १२३-२४, १३२, १४०, १४३,
|-
|कार्नेगी, १४ || १४५, १५२-५३, १६१, १६३, १७२,
|-
|कालेलकर, काका, ३२४ || १७४, १७५, १८३, १८६, १८७,
|-
|कासिम बाजारके महाराजा, ३९, ४२, ३०८ || १९१, १९३, २०२, २०५, २१३, २२१,
|-
|किंग्सफोर्ड, डा॰ एना, २२ || २२२, २२४, २२६, २३७, २३९,
|-
|क्रिस्टोदास, ३८, १८८, २६८ || २४५, २४६-४८, २५५, २५९, २६३,
|-
|कीटिंग, ३५० || २६६-६७, २७५, २८६, २८७, २९३,
|}<noinclude></noinclude>
22a41vuebrlmra7w1bx10nolehwcrg4
517317
517316
2022-07-20T07:25:35Z
ममता साव9
2453
proofread-page
text/x-wiki
<noinclude><pagequality level="3" user="ममता साव9" />{{rh||सांकेतिका|५१९}}</noinclude>{|width=100%
|-
|१६२, १७२, २०५, २१३, २१७,|| कुन्ती, ३३०
|-
|२२१, २२५, २२६, २३३, २३६, || कुरान, २२३, ४७८
|-
|२३९, २४७, २४८, २७०, २७५, || कुरेशी, शुएब, २४, २३७
|-
|२७६, २८२, २९९, ३००, ३०८, || कुशारी, जितेन्द्रनाथ, ७२, २९५
|-
|३१०-१२, ३२२, ३३४, ३४२, ३४४, || कृष्ण भगवान, २, १११, १४४, २०३,
|-
|३४९, ३५०, ३६९, ३७७, ३८५, || २१६, २१८, २७३, २७४, ३३१,
|-
|३९०, ३९१, ४०५, ४०६, ४१३, || ३९६, ४२६, ४३६, ४५०,४६५
|-
|४२५, ४३२, ४४४, ४४८, ४६२, || केनेडी, २२९, २३०
|-
|४६७, ४७०; -अमेरिकामें, ४८३; || केलकर, न॰ चि॰, २६१
|-
|-और अस्पृश्यता, २३४; -और खद्दर, || कोठारी, मणिलाल वल्लभजी, ३८,३९, १४६,
|-
|२३८, २६९; -और चरखा, २६३; || १७४
|--मण्डल, २०३; -सरकारी शिक्षा || कौंसिल, २७०, ३१३, ३७४, ४५५,४६०;
|-संस्थाओंमें, १५३-५५; -स्कूलोंमें, || -[लों] में प्रवेश, ९३, ३१४;
|-
|२४३, ३८७ || -प्रान्तीय (कौंसिलों) में भारतीय राष्ट्रीय
|-
|कताई-सदस्यता, ९२, ९३, १२१, २०२, || कांग्रेसका प्रतिनिधित्व, ३४६
|-
|२१२, २१९-२२,२२६, २३३, २६९, || कौंसिल-कार्यक्रम, ९२, २६९
|-
|३४९, ३७० -की प्रगति सम्बन्धी || कोरव, २१४, ४२६
|-
|गुजरातके आंकड़े, २०१; -के दो || क्षितीश बाबू, २२६
|-
|प्रकार, २६५, || क्षेत्र-निर्धारण और प्रवास तथा पंजीयन
|-
|कर्जन, लॉर्ड, ८७, २१०, ३६९ || सम्बन्धी (अतिरिक्त धारा) विधेयक,
|-
|कांग्रेस की सेवा, ३५३ || १५८, पा॰ टि॰, ३०३ पा॰ टि॰
|-
|कांग्रेसी, १०४, १२३, १२८, १५०-५२, ||{{gap|5em}}{{larger|'''ख'''}}
|-
|१९०, २०२, २१९, २३३, २५८, || खादी (खद्दर), १०, १२, २७, ३१, ३३,
|-
|२७०, २७१, ३०६, ३१३, ३२१, || ३७, ४५, ५४-५५, ६२-६७, ६८,
|-
|३६१, ३७१, ३७५, ३८४, ३८५, || ८०, ८१, ८४, ९२, १०२, १०४,
|-
|४०५, ४०९, ४१४, ४१७, ४७९-८१ || १११, १२३-२४, १३२, १४०, १४३,
|-
|कार्नेगी, १४ || १४५, १५२-५३, १६१, १६३, १७२,
|-
|कालेलकर, काका, ३२४ || १७४, १७५, १८३, १८६, १८७,
|-
|कासिम बाजारके महाराजा, ३९, ४२, ३०८ || १९१, १९३, २०२, २०५, २१३, २२१,
|-
|किंग्सफोर्ड, डा॰ एना, २२ || २२२, २२४, २२६, २३७, २३९,
|-
|क्रिस्टोदास, ३८, १८८, २६८ || २४५, २४६-४८, २५५, २५९, २६३,
|-
|कीटिंग, ३५० || २६६-६७, २७५, २८६, २८७, २९३,
|}<noinclude></noinclude>
dv2jlmek5ot1t704arrp7jzvp5mv8vp