विक्षनरी hiwiktionary https://hi.wiktionary.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%96%E0%A4%AA%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A0 MediaWiki 1.39.0-wmf.25 case-sensitive मीडिया विशेष वार्ता सदस्य सदस्य वार्ता विक्षनरी विक्षनरी वार्ता चित्र चित्र वार्ता मीडियाविकि मीडियाविकि वार्ता साँचा साँचा वार्ता सहायता सहायता वार्ता श्रेणी श्रेणी वार्ता TimedText TimedText talk Module Module talk गैजेट गैजेट वार्ता गैजेट परिभाषा गैजेट परिभाषा वार्ता धन्यवाद 0 1351 475205 473493 2022-08-22T01:00:14Z 37.111.137.1 wikitext text/x-wiki {{-hi-}} I'll let everyone is up li{-noun-}} No to g {{-trans-}} * {{de}} : [[danke]] * {{en}} : [[l you]] * ley : [[شكرا]] (chokrane) * {{eu}} : [[eskerrik asko]] * {{ca}} : [[gràcies]] * {{zh}} [[Mandarin]] : [[謝謝]] (xièxie) * {{zh}} [[Cantonese]] : [[唔該]] (mgoi) * {{co}} : [[grazie]] * {{es}} : [[gracias]] * {{eo}} : [[dankon]please go] * {{fi}} : [[kiitosptpop{{fr}} : g[[merci]] पु. * {{cy}} : [[diolch]] * {{el}} : [[ευ to loχαριστώ]] (efharisto) * {{gn}} : [[aguyjé]] * {{it}} : [[grazie]] * {{ja}} : [[ありがとう]] (aligatô) * {{km}} : [[akun]] * {{lo}} : [[khob chai]] * {{la}} : [[gratias ago]] * {{mg}} : [[misaotra]] * {{nl}} : [[dank]] I * {{oc}} : [[mercé]] * {{ru}} : [[спасибо]] (spacibo) * {{sk}} : [[vďaka]] * {{sv}} : [[tack]] * {{th}} : [[mauruuru]] * {{kn}} : [[:kn:ಧನ್ಯವಾದ]] === प्रकाशितकोशों से अर्थ === ==== शब्दसागर ==== धन्यवाद संज्ञा पुं॰ [सं॰] <br><br>१. साधुवाद । शाबाशी । प्रशंसा । वाह वाह । <br><br>२. किसी उपकार या अनुग्रह के बदले में प्रशंसा । कृतज्ञतासूचक शब्द । शुक्रिया । क्रि॰ प्र॰—करना ।—देना ।—लेना । [[श्रेणी: हिन्दी-प्रकाशितकोशों से अर्थ-शब्दसागर]] e4twqyxycrayt3afjvl46kjlrp8389r 475206 475205 2022-08-22T04:14:26Z Ritikpraj 13652 [[Special:Contributions/37.111.137.1|37.111.137.1]] ([[User talk:37.111.137.1|वार्ता]]) द्वारा किए बदलाव 475205 को पूर्ववत किया wikitext text/x-wiki {{-hi-}} {{-noun-}} {{-trans-}} * {{de}} : [[danke]] * {{en}} : [[thanks]]/[[thank you]] * {{ar}} : [[شكرا]] (chokrane) * {{eu}} : [[eskerrik asko]] * {{ca}} : [[gràcies]] * {{zh}} [[Mandarin]] : [[謝謝]] (xièxie) * {{zh}} [[Cantonese]] : [[唔該]] (mgoi) * {{co}} : [[grazie]] * {{es}} : [[gracias]] * {{eo}} : [[dankon]] * {{fi}} : [[kiitos]] * {{fr}} : [[merci]] पु. * {{cy}} : [[diolch]] * {{el}} : [[ευχαριστώ]] (efharisto) * {{gn}} : [[aguyjé]] * {{it}} : [[grazie]] * {{ja}} : [[ありがとう]] (aligatô) * {{km}} : [[akun]] * {{lo}} : [[khob chai]] * {{la}} : [[gratias ago]] * {{mg}} : [[misaotra]] * {{nl}} : [[dank]] * {{oc}} : [[mercé]] * {{ru}} : [[спасибо]] (spacibo) * {{sk}} : [[vďaka]] * {{sv}} : [[tack]] * {{th}} : [[mauruuru]] * {{kn}} : [[:kn:ಧನ್ಯವಾದ]] === प्रकाशितकोशों से अर्थ === ==== शब्दसागर ==== धन्यवाद संज्ञा पुं॰ [सं॰] <br><br>१. साधुवाद । शाबाशी । प्रशंसा । वाह वाह । <br><br>२. किसी उपकार या अनुग्रह के बदले में प्रशंसा । कृतज्ञतासूचक शब्द । शुक्रिया । क्रि॰ प्र॰—करना ।—देना ।—लेना । [[श्रेणी: हिन्दी-प्रकाशितकोशों से अर्थ-शब्दसागर]] rcsjoajrsjm78are7lbvdpyzyotls4h अनित्यदत्त 0 144556 475204 442393 2022-08-21T14:59:20Z Ritikpraj 13652 wikitext text/x-wiki {{-hi-}} ऐसा बालक जो किसी को स्थाई रूप से [[दत्तक]] बनाने के लिए दिया गया हो। == प्रकाशितकोशों से अर्थ == === शब्दसागर === अनित्यदत्त संज्ञा पुं॰ [सं॰] गोद लेने के पहले माता पिता के द्वारा दूसरे को कुछ काल के लिये हूआ पुत्र । वह लडका जो गोद लिए जाने के पहले कुछ काल के लिये आपने माता पिता द्वारा गोद लेनेवालों को दिया जाय [को॰] । [[श्रेणी: हिन्दी-प्रकाशितकोशों से अर्थ-शब्दसागर]] 0b5k4me34saeb0keri1mgfe32lqngwi सतगुरु 0 279168 475207 338062 2022-08-22T04:51:54Z Ritikpraj 13652 wikitext text/x-wiki = {{हिन्दी}} = सतगुरु ( संस्कृत : सतगुरु ), या सद्गुरु का अर्थ संस्कृत में'सच्चा गुरु ' है। हालाँकि, यह शब्द गुरु के अन्य रूपों से अलग है, जैसे संगीत प्रशिक्षक, शास्त्र शिक्षक, माता-पिता, और इसी तरह। सतगुरु एक उपाधि है जो विशेष रूप से केवल एक प्रबुद्ध ऋषि या संत को दी जाती है,जिनके जीवन का उद्देश्य आध्यात्मिक पथ परदीक्षित शिष्य का मार्गदर्शन करना है, <br><br> एक सद्गुरु में कुछ विशेष विशेषताएं होती हैं जो किसी अन्य प्रकार के आध्यात्मिक गुरु में नहीं पाई जाती हैं। १५वीं शताब्दी में [[कबीर]] की आध्यात्मिक विचारधारा में संत और सतगुरु शब्दों का प्रमुखता से प्रयोग किया गया । कबीर कहते हैं ''सत्यपुरुष को जानशी, तिसका सतगुरू नाम // '' , एक है जो सत्य पुरुष के सर्वोच्च प्रभु को देखा है जिसका अर्थ है [[सतगुरु]]।<ref>{{cite web |title=सतगुरू इतिहास देखें अर्थ और सामग्री - hmoob.in |url=https://www.hmoob.in/wiki/Satguru |website=www.hmoob.in |language=en}}</ref> <br><br> ''देवी देवल जगत में, कोटिक पूजा कोय। सतगुरु की पूजा करी, सब की पूजा हो होय ।'' कबीर कहते हैं कि सतगुरु की पूजा में सभी देवताओं की पूजा शामिल है। दूसरे शब्दों में, "[https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B2_(%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A3%E0%A4%BE) सतगुरु] भगवान का भौतिक रूप है"। == प्रकाशितकोशों से अर्थ == === शब्दसागर === सतगुरु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ सत ( = सच्चा) + गुरु या सं॰ सद्गुरु] <br><br>१. अच्छा गुरु । <br><br>२. परमात्मा परमेश्वर । [[श्रेणी: हिन्दी-प्रकाशितकोशों से अर्थ-शब्दसागर]] 7b9dc65p5l1rkugku3unbal0wdxtzgr 475208 475207 2022-08-22T04:54:45Z Ritikpraj 13652 wikitext text/x-wiki = {{हिन्दी}} = सतगुरु [संस्कृत : सतगुरु], या सद्गुरु का अर्थ संस्कृत में 'सच्चा गुरु ' है। हालाँकि, यह शब्द गुरु के अन्य रूपों से अलग है, जैसे संगीत प्रशिक्षक, शास्त्र शिक्षक, माता-पिता, और इसी तरह। सतगुरु एक उपाधि है जो विशेष रूप से केवल एक प्रबुद्ध ऋषि या संत को दी जाती है,जिनके जीवन का उद्देश्य आध्यात्मिक पथ परदीक्षित शिष्य का मार्गदर्शन करना है, <br><br> एक सद्गुरु में कुछ विशेष विशेषताएं होती हैं जो किसी अन्य प्रकार के आध्यात्मिक गुरु में नहीं पाई जाती हैं। १५वीं शताब्दी में [[कबीर]] की आध्यात्मिक विचारधारा में संत और सतगुरु शब्दों का प्रमुखता से प्रयोग किया गया । कबीर कहते हैं ''सत्यपुरुष को जानशी, तिसका सतगुरू नाम // '' , एक है जो सत्य पुरुष के सर्वोच्च प्रभु को देखा है जिसका अर्थ है [[सतगुरु]]।<ref>{{cite web |title=सतगुरू इतिहास देखें अर्थ और सामग्री - hmoob.in |url=https://www.hmoob.in/wiki/Satguru |website=www.hmoob.in |language=en}}</ref> <br><br> ''देवी देवल जगत में, कोटिक पूजा कोय। सतगुरु की पूजा करी, सब की पूजा हो होय ।'' कबीर कहते हैं कि सतगुरु की पूजा में सभी देवताओं की पूजा शामिल है। दूसरे शब्दों में, "[https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B2_(%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A3%E0%A4%BE) सतगुरु] भगवान का भौतिक रूप है"। == प्रकाशितकोशों से अर्थ == === शब्दसागर === सतगुरु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ सत ( = सच्चा) + गुरु या सं॰ सद्गुरु] <br><br>१. अच्छा गुरु । <br><br>२. परमात्मा परमेश्वर । [[श्रेणी: हिन्दी-प्रकाशितकोशों से अर्थ-शब्दसागर]] ==सन्दर्भ== {{टिप्पणीसूची}} 0x0j7uiw34thzwcettv0nqvkxtzu8f9 सीप 0 286772 475209 475187 2022-08-22T04:57:53Z Ritikpraj 13652 wikitext text/x-wiki = {{हिन्दी}} = घोंघे, शंख आदि के वर्ग का और कठोर आवरण के भीतर रहनेवाला एक जल जन्तु जो छोटे तालाबों और झीलों से लेकर बड़े-बड़े समुद्रों तक में पाया जाता है, शुक्ति, मुक्ता माता == प्रकाशितकोशों से अर्थ == === शब्दसागर === सीप संज्ञा पुं॰ [सं॰शुक्त, प्रा॰ सुत्ति] <br><br>१. कड़े आवरण के भीतर बंद रहनवाला शंख घघि आदि को जाति का एक जलजंतु जो छीट तालाबा ओर झीली से लेकर बड़े बड़े समुद्रों तक म े पाया जाता है । शुक्ति । मुक्तामाता । मुक्तागृह । सीपी । सितुही । विशेष—तालों के सीप लंबोतरे होते हैं और समुद्र के चौखूंटे विषम आकार के और बड़े बड़े होते हैं । इनके ऊपर दोहरे संपुट के आकार का बहुत बड़ा आवरण होता है जो खुलता और बंद होता है । इसी संपुट के भीतर सोप का कीड़ा, जो बिना अस्थि और रीढ़ का होता है, जमा रहता है । ताल के सीपों का आवरण ऊपर से कुछ काला या मैला तथा समतल होता है, यद्यपि ध्यान से देखने से उसपर महीन महीन धारियाँ दिखाई पड़ती हैं । इस आवरण का भीतर की ओर रहनेवाला पार्श्व बहुत ही उज्ज्वल और चमकीला होता है, जिसपर प्रकाश पड़ने से कई रंगों की आभा भी दिखाई पड़ती है । समुद्र के सीपों के आवरण के ऊपर पानी की लहरों के समान टेढ़ी धारियाँ या लहरियाँ होती हैं । समुद्र के सोपों में ही मोती उत्पन्न होते हैं । जब इन सीपों की भीतरी खोली और कड़े आवरण के बीच कोई रोगोत्पादक बाहरी पदार्थ का कण पहुँच जाता है, तब जंचु रक्षा के लिये उस कण के चारों ओर आवरण ही की शंख धातु का एक चमकीला उज्वल पदार्थ जमने लगता है जो धोरे धीरे कड़ा पड़ जाता है । यही मोती होता है । समुद्री सीप प्रायः छिछले पानी में चट्टानों में चिपके हुए पाए जाते हैं । ताल के सीपों के संपुट भी कीड़ों को साफ करके काम में लाए जाते हैं । बहुत से स्थानों में लोग छोटे बच्चों को इसी से दूध पिलाते हैं । <br><br>२. सीप नामक समुद्री जलजंतु का सफेद कड़ा, चमकीला आवरण या संपुट जो बटन, चाकू के बेंट आदि बनाने के काम में आता है । <br><br>३. ताल के सीप का संपुट जो चम्मच आदि के समान काम में लाया जाता है । <br><br>४. वह लंबोतरा पात्र जिसमें देवपूजा या तर्पण आदि के लिये जल रखा जाता है । अरघा । [[श्रेणी: हिन्दी-प्रकाशितकोशों से अर्थ-शब्दसागर]] 2221mvzo16ypu6u1oh4ol792xxwfzx5