यह कफ मस्तक में रहता है और शरीर की समस्त इन्द्रियों को तृप्त करता है। इसी कारण समस्त इंद्रियां अपनें अपनें कामों में सामर्थ्यान होती हैं।
श्रेणी: आयुर्वेद