भारतीय साहित्य
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भारत की साहित्यिक परंपरा अत्यंत प्राचीन है। सबसे पुराना जीवित साहित्य ऋग्वेद है जो संस्कृत भाषा में लिखा गया है। संस्कृत,पाली, प्राकृत और अपभ्रंश आदि अनेक भाषाओं से गुज़रते हुए आज हम भारतीय साहित्य के आधुनिक युग तक पहुंचे हैं। भारत मे ३० से भी ज्यादा मुख्य भाषाए है और १०० से भी अधिक क्षेत्रीय भाषाए है, लगभग हर भाषा मे साहित्य का प्रचुर विकास हुआ है। भारतीय भाषाओ के साहित्य मे लिखित और मौखिक दोनो ही महत्वपूर्ण है। प्राचीन भारतीय साहित्य मे हिन्दू धार्मिक ग्रंथो की अहम भूमीका रही। वेदो के साथ-साथ रामायण और महाभारत जैसे महाग्रंथ प्राचीन भारत मे रचे गए। अन्य प्राचीन ग्रंथो मे वास्तू शास्त्र, कौतुल्य अर्थ-शास्त्र, पंचतंत्र, हितोपदेश आदी प्रमुख है। प्राचीन भारत के लेखको मे कवि कालीदास का खास वर्णन होता है,उनकी रचनाए संस्क्रत मे है। इनमे प्रमुख है - अभिज्ञान शाकुंतलम, मेघदूत, ऋतुसंहार, रघुवंशम और कुमारसंभवम।
भारत मे हिंदी के साथ ही अनेक भारतीय भाषाओं में गंभीर और उच्चस्तरीय साहित्य की रचना हुई है। बांग्ला और मराठी साहित्य नाटक के क्षेत्र में बहुत समृद्ध है।
आधुनिक भारतीय साहित्य मे अंग्रेजी जैसी विदेशी भाषाए भी शामिल है। भारतीय अंग्रेजी साहित्य मे राजा राव, आर के नारायन, अमिताभ घोष और अरुंधती रॉय जैसे लेखको का यो्गदान रहा है।
[बदलें] यह भी देखें
मराठी साहित्य
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