रक्षाबंधन

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रक्षा बंधन भारत मे भाई बहनों द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार है। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन पर्व मनाया जाता है। दायें हाथ पर भाई अपने बहन से राखी बंधवा कर तिलक करवाता है। ऐसा माना जाता है कि राखी के रंगबिरंगे धागे उनके प्यार के बंधन को मज़बूत करते है। भाई बहन एक दूसरे को मिठाई खिलाते है। प्यार और भावनाओं का आदान प्रदान होता है। भाई अपने बहन की रक्षा करने की कसम खाता है।साथ में उसे यह भी यकीन दिलाता है कि उसके दुख सुख में वह उसके साथ है। कहते है सिकंदर की पत्नी ने अपने पति के हिंदू शत्रु पुरूवास को राखी बांध कर अपना मुंहबोला भाई बनाया और युद्ध के समय सिकंदर को न मारने का वचन लिया। पुरूवास ने युद्ध के दौरान हाथ में बंधी राखी का और अपनी बहन को दिये हुए वचन का सम्मान करते हुए सिकंदर को जीवदान दिया।

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राखी का त्योहार कब शुरू हुआ यह कोई नहीं जानता। लेकिन ऐसा कहते है कि देव और दानवों में जब युध्द शुरू हुआ तब दानव हावी होते नज़र आने लगे।भगवान इंद्र घबरा कर वृहस्पति के पास गये। वहां बैठी इंद्र की पत्नी इंद्राणी सब सुन रही थी। उन्होंने रेशम का धागा मंत्रों की शक्ति से पवित्र कर के अपने पति के हाथ पर बांध दिया। वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था।लोगों का विश्वास है कि इंद्र इस लड़ाई में इसी धागे की मंत्र शक्ति से विजयी हुए थे। उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन यह धागा बांधने की प्रथा चली आ रही है।यह धागा धन,शक्ति, हर्ष और विजय देने में पूरी तरह समर्थ माना जाता है। राजपूत जब लड़ाई पर जाते थे तब महिलाएं उनको माथे पर कुमकुम तिलक लगाने के साथ साथ हाथ में रेशमी धागा भी बांधती थी। इस विश्वास के साथ कि यह धागा उन्हे विजयश्री के साथ वापस ले आएगा। राखी के साथ एक और प्रसिध्द कहानी जुड़ी हुयी है।कहते है, मेवाड़ की महारानी कर्मावती को बहादुरशाह द्वारा मेवाड़ पर हमला करने की पूर्वसूचना मिली। रानी लड़ऩे में असमर्थ थी। उसने मुगल राजा हुमायूं को राखी भेज कर रक्षा की याचना की। हुमायूँ ने मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज रखी और मेवाड़ पहंुच कर बहादुरशाह के विरूद्ध मेवाड़ की ओर से लड़ते हुए कर्मावती और उसके राज्य की रक्षा की।

महाभारत में भी इस बात का उल्लेख है कि जब ज्येष्ठ पांडव, युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा कि मैं सभी संकटों को पार कैसे कर सकता हूँ तब भगवान कृष्ण ने उन्हें राखी का त्योहार मनाने की सलाह दी थी। उनका कहना था कि राखी के इस रेशमी धागे में वह शक्ति है जिससे आप हर आपत्ति से बहार आ सकते हैं।

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