नीरजा

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नीरजा महादेवी वर्मा का तीसरा कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1934 में हुआ। इसमें 1931 से 1934 तक की रचनाएँ हैं।

नीरजा में रश्मि का चिन्तन और दर्शन अधिक स्पष्ट और प्रौढ़ होता है। कवयित्री सुख-दु:ख में समन्वय स्थापित करती हुई पीड़ा एवं वेदना में आनन्द की अनुभूति करती है।