चीन
From विकिपीडिया
चीन विश्व के प्राचीनतम सभ्यता वाले देशों में एक है। उस का चार हज़ार वर्ष पुराना लिखित इतिहास है। यहां तरह-तरह के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक ग्रन्थ और पुरातन संस्कृति के अवशेष पाए गए हैं। दुनिया के अन्य राष्ट्रों की तरह चीनी राष्ट्र भी अपने विकास के दौरान आदिम समाज, दास समाज और सामन्ती समाज की मंजिलों से गुजरा था। ऐतिहासिक विकास के इस लम्बे दौर में, चीनी राष्ट्र की विभिन्न जातियों की परिश्रमी, साहसी और बुद्धिमान जनता ने अपने संयुक्त प्रयासों से एक शानदार और ज्योतिर्मय संस्कृति का सृजन किया, तथा समूची मानवजाति के लिये भारी योगदान भी किया।
अनुक्रमणिका |
[बदलें] इतिहास
मुख्य लेख - चीन का इतिहास
चीन की सभ्यता विश्व की पुरातनतम सभ्यताओं में से एक है । यह उन गिने चुने सभ्यताओं में एक है जिन्होनें प्राचीन काल में अपना स्वतंत्र लेखन पद्धति का विकास किया । अन्य सभ्यताओं के नाम हैं -प्राचीन भारत(सिंधु घाटी सभ्यता), मेसोपोटामिया की सभ्यता, मिस्र और माया सभ्यता । चीनी लिपि अब भी चीन, जापान के साथ साथ आंशिक रूप से कोरिया तथा वियतनाम में प्रयुक्त होती है ।
पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर चीन में मानव बसाव लगभग साढ़े बाईस लाख (22.5 लाख) साल पुराना है ।
[बदलें] प्राचीन चीन
चीन का सबसे पुराना राजवंश है - शिया राजवंश । इनका अस्तित्व एक लोककथा लगता था पर हेनान में पुरातात्विक खुदाई के बाद इसके वजूद की सत्यता सामने आई । प्रथम प्रत्यक्ष राजवंश था -शांग राजवंश , जो पूर्वी चीन में 18वीं से 12 वीं सदी इसा पूर्व पीली नदी के किनारे बस गए । 12वीं सदी ईसा पूर्व में पश्चिम से झाऊ शासकों ने इनपर हमला किया और इनके क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया । इन्होने 5वीं सदी ईसा पूर्व तक राज किया । इसके बाद चीन के छोटे राज्य आपसी संघर्ष में भिड़ गए । ईसा पूर्व 221 में किन राजाओं ने चीन का प्रथम बार एकीकरण किया । इन्होने राजा का कार्यालय स्थापित किया और चीनी भाषा का मानकीकरण किया । ईसा पूर्व 220 से 206 ई. तक हान राजवंश के शासकों ने चीन पर राज किया और चीन की संस्कृति पर अपनी अमिट छाप छोड़ी । य़ह प्रभाव अब तक विद्यमान है । हानों के पतन के बाद चीन में फिर से अराजकता का माहौल छा गया । सुई राजवंश ने 580 ईस्वी में चान का एकीकरण किया जिसके कुछ ही सालों बाद (614 ई.) इस राजवंश का पतन हो गया ।
[बदलें] मध्यकालीन चीन
फिर थांग और सोंग राजवंश के शासन के दौरान चीन की संस्कृति और विज्ञान अपने चरम पर पहुंच गया । सातवीं से बारहवीं सदी तक चीन विश्व का सबसे संस्कृत देश बन गया । 1271 में मंगोल सरदार कुबलय खां ने युआन रादवंश की स्थापना की जिसने 1279 तक सोंग वंश को सत्ता से हटाकर अपना अधिपत्य कायम किया । एक किसान ने 1368 में मंगोलों को भगा दिया और मिंग राजवंश की स्थापना की जो 1664 तक चला । मंचू लोगों के द्वारा स्थापित क्विंग राजवंश ने चीन पर 1911 तक राज किया जो चीन का अंतिम वंश था ।
[बदलें] आधुनिक चीन
युद्ध कला में मध्य एशियाई देशों से आगे निकल जाने के कारण चीन ने मध्य एशिया पर अपना प्रभुत्व जमा लिया, पर साथ ही साथ वह यूरोपीय शक्तियों के समक्ष कमजोर पड़ने लगा । चीन शेष विश्व के प्रति सतर्क हुआ और उसने यूरोपीय देशो के साथ व्यापार का रास्ता खोल दिया । ब्रिटिश भारत तथा जापान के साथ हुए युद्धों तथा गृहयुद्धो ने क्विंग राजवंश को कमजोर कर डाला । अंततः 1912 में चीन में गणतंत्र की स्थापना हुई ।
[बदलें] विभाग
चीन के विभाग स्थिर नही रहते बल्कि शासने साथ बदलते रहते हैं । पर मुख्य चीन के अतिरिक्त विभागो के नाम हैं -
[बदलें] यह भी देखिए
- wikt:चीन (विक्षनरी)
जंबुद्वीप के राष्ट्र |
---|
अज़रबैजान | अफ़ग़ानिस्तान | आर्मीनिया | इंडोनेशिया | इराक़ | इस्राइल | ईरान | उज़्बेकिस्तान | उत्तरी कोरिया | ओमान | कज़ाख़िस्तान | क़तर | कम्बूजा | किर्गिस्तान | चीन | जापान | जोर्जिया | ताइवान | ताजिकिस्तान | तुर्कमेनिस्तान | तुर्की | थाइलैंड | दक्षिणी कोरिया | नेपाल | पाकिस्तान | पूर्वी तीमोर | फ़िलिपीन्स | बहरीन | बांग्लादेश | ब्रूनेई | भारत | भूटान | मलेशिया | मंगोलिया | मालदीव | म्यान्मार | यमन | यार्दन | रूस | लाओस | लेबनान | वियत्नाम | संयुक्त अरब अमीरात | साइप्रस | साउदी अरब | सिंगापुर | सीरिया | श्रीलंका |
Categories: जंबुद्वीप | चीन | देश