अंगूठी की मैत्री
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द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स--द फॅलोशिप ऑफ़ द रिंग (The Lord of the Rings--The Fellowship of the Ring, मतलब अंगूठियों का मालिक--अंगूठी की मैत्री) अंग्रेज़ी में रचित उपन्यास सिलसिले अंगूठियों का मालिक की पहली कड़ी है जिसके (ब्रिटिश) लेखक जे. आर. आर. टोल्किन हैं । इसपर 2001 में एक हॉलिवुड फ़िल्म भी बनी है जिसने कई ऑस्कर भी जीते ।
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[बदलें] उपन्यास की कहानी
द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स--द फ़ॅलोशिप ऑफ़ द रिंग (The Lord of the Rings--The Fellowship of the Ring, यानि, अंगूठियों का मालिक--अंगूठी की मैत्री) इस सिलसिले की पहली कड़ी थी । इस पूरी शृंखला का नायक है शायर नाम के एक छोटे से गाँव का एक हॉबिट फ़्रोडो बैगिन्स (en:Frodo Baggins) । फ़्रोडो बिल्बो बैगिन्स का भतीजा था ।
[बदलें] 1. पहला अध्याय
जब बिल्बो ने अपनी 111वीं सालगिरह पर सन्यास लेने की ठानी, तो वो एक अंगूठी उसने फ़्रोडो को बाकी ज़ायदाद के साथ विसासत में दे दी । उस समय कई जादूगरों (Wizards or Maiar) में से एक वृद्ध जादूगर गैंडैल्फ़ (en:Gandalf, बिल्बो का दोस्त) को शक हुआ कि वो सोने की अंगूठी कहीं वो खोई हुई शैतानी अंगूठी तो नहीं । गैंडैल्फ़ का शक सही निकला । उसी समय गोल्लुम से सौरॉन को खबर लगी कि अंगूठी शायर में है । सौरॉन ने तुरन्त नौ भयानक नाज़्गुल शायर को रवाना किये । उधर गैंडैल्फ़ ने फ़्रोडो और उसके दोस्त सैम गैम्जी (en:Samwise Gamgee) को शायर से अंगूठी निकालकर रिवेन्डेल (en:Rivendell) पहुँचाने की जिम्मेदारी दी, जहाँ गन्धर्वों के एक कौम का राजा एलरॉन्ड (en:Elrond) रहता था । रास्ते में फ़्रोडो और सैम को उनके रिश्तेदार मेरियाडॉक ब्रैन्डीबक (en:Meriadoc Brandybuck, मॅरी) और पेरेग्रिन टुक (en:Peregrin Took, पिप्पिन) भी उनके साथ हो लिये । गैन्डैल्फ़ उनको पास के शहर में नहीं मिला, जैसा कि उसने वादा किया था । पर वहाँ फ़्रोडो को बचे-खुचे नूमेनोरियों का सरदार आरागॉर्न (en:Aragorn) ज़रूर मिला, जिसने उनकी काफ़ी मदद की । रिवेन्डेल के रास्ते में वेदरटॉप पहाड़ी पर नाज़्गुलों ने फ़्रोडो पर हमला किया और अंगूठी न देने पर नाज़्गुल सरदार अंग्मार के डायनराज (en:Witch-king of Angmar) ने फ़्रोडो को एक ज़हरीली जादुई तल्वार से ज़ख्मी कर दिया । एक अन्य गन्धर्व की मदद से फ़्रोडो रिवेन्देल पहुँचा जहाँ उसका इलाज हुआ ।
[बदलें] 2. दूसरा अध्याय
उधर गैन्डैल्फ़ जादूगरों के सरदार सारुमान द ह्वाइट (en:Saruman the White) से अंगूठी के बारे में सलाह लेने इसेनगार्ड में ऑर्थैंक (en:Orthanc) की मीनार में गया । उसके अपने भोलेपन में सारुमान को सब सच सच बता दिया । लेकिन सारुमान के दिल में शैतानियत और लालच भर चुकी थी । उसने गैन्डैफ़ को मीनार के ऊपर कैद कर लिया और दैत्यों की एक अपनी सेना बनाने लगा -- उरुक हाइ, जिनपर दिन के उजाले का कुप्रभाव नहीं पड़ता । गैन्डैफ़ ऑर्थैंक से भाग निकल कर रिवेन्डेल पहुँचा ।
रिवेन्डेल में एल्रॉन्ड ने एक परिषद आहूत किया, जिसमें मध्य धरती की सभी आज़ाद नस्लों के प्रतिनिधि शामिल थे । वहाँ फ़्रोडो की शुरुआत पर ये फ़ैसला सुनाया गया कि फ्रोडो अंगूठीवाहक बनेगा और एस एक अंगूठी को मॉर्डोर जाकर क़यामत के पहाड़ में लावे के दरिये में फेंक देगा, जिससे अंगूठी और सौरॉन नेस्तानाबूद हो जायें । इन सब के लिये अंगूठी की मैत्री बनायी गयी, जिनमें थे : फ़्रोडो, सैम, मेरी, पिप्पिन, गैन्डैफ़, आरागॉर्न, बोरोमीर (गोन्डोर के कार्यवाहक शासनाधिकारी का बड़ा बेटा), लेगोलास (गन्धर्व) और गिम्ली (बौना) ।
मैत्री ने कराध्रास (en:Caradhras) पर्वत शिखर के दर्रे से मॉर्डोर की तरफ़ निकलने की कोशिश की, लेकिन चेतनायुक्त कराध्रास ने उनको रास्ता नहीं दिया (फ़िल्म में ये हिस्सा सारुमान के काले जादू की वजह से था, जहाँ सारुमान ने कराध्रास को जगाया था) । मैत्री के पास और कोई राह न होते हुए उसको रास्ता बदलकर मोरिया की खदान (the mines of en:Moria) से ग़ुजरना पड़ा । वहाँ एक काले अग्निदानव बालरोग (en:Balrog) से लड़ते हुए गैन्डैफ़ खान की गहाराइयों में गिर गया । वहाँ से ये मैत्री गयी गन्धर्वों के एक दूसरे शहर में : लोथलोरियन (en:Lothlorien), जहाँ फ़्रोडो ने गन्धर्वरानी गालाद्रियल (en:Galadriel) के आइने में अपने कठिन भविष्य की कुछ झलकें देखीं । इसके बाद महानदी अन्दुइन में नावों के ज़रिये ये लोग गोन्डोर की सीमा में चले गये । वहाँ सारुमान के उरुक-हाइयों से उनका एक भयानक युद्ध हुआ जिसमें बोरोमीर मारा गया । फ़्रोडो ने ख़ुद से ये तय किया कि अब वही इस अंगूठी को मॉर्डोर तक ले जा सकता है, और उसे ये राह अकेले ही चलनी होगी । लेकिन सैम की मन्नत पर फ़्रोडो और सैम दोनो ही मॉर्डोर की ओर निकल पड़े ।
[बदलें] अगली कड़ियाँ
बाकी की कहानी सिलसिले की दूसरी और तीसरी कड़ियों में जारी है । देखिये :
- (2) द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स--द टू टावर्स (The Lord of the Rings--The Two Towers, यानी अंगूठियों का मालिक--दो मीनारें)
- (3) द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स--द रिटर्न ऑफ़ द किंग (The Lord of the Rings--The Return of the King, यानी अंगूठियों का मालिक--राजा की वापसी)
Categories: साहित्य | मिथक | LOTR