ब्लॉग
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[बदलें] ब्लॉग क्या है?
इस विषय पर विद्वानों की अलग अलग राय है। कोई कहता है कि ये दिल की भड़ास है, कोई कहता है कि पत्रकारिता की तरफ बढाया गया पहला कदम है (अब तो भारत सरकार भी ब्लॉगरों को पत्रकार मानती है), कोई मानता है कि दिल के गुबार निकालने का साधन है, कोई कहता है दिनचर्या की डायरी है तो कोई अपने विचारों को व्यक्त करने का मंच मानता है, कोई इसमें अपने पेशे के बारे में लिखता है तो कोई अपनी हॉबी के बारे में। आज जब जाल ने दुनिया को एक वैश्विक गाँव में तब्दील कर दिया है, ब्लॉग के ज़रिये आपके विचारों को व्यक्त करने का एक नया और प्रभावशाली माध्यम मिल गया है। इस राह में आपको अपनी तरह के, या अपने से जुदा, दूसरे कई राही मिलते रहते हैं जिनकी संगत, और कई दफा मित्रता, से आपकी शैली और सोच विचार में दिनों दिन परिवर्तन आता है, आपकी लिखने की कला का भी विकास होता है। ब्लॉग बेशक नियमित लेखन और इसके ज़रिये पाठकों से सीधे संवाद का एक बेजोड़ माध्यम है।
[बदलें] ब्लॉग के नए रूप
लेखन ही क्यों ब्लॉग के विभिन्न रूपों के ज़रिये विचारों का संप्रेषण संभव है। ब्लॉगिंग विधा विभिन्न तकनलाजियों का भी मेल है, जैसे फोटोब्लॉग, आडियो ब्लॉग, मोब्लॉग और वीडिओ ब्लॉग। ब्लॉग के द्वारा आप अपनी रचना धर्मिता को नए आयाम दे सकते हैं। ब्लॉग में क्या लिखें यह तो पूर्णतः आप पर निर्भर करता है। कुछ लोग राजनीति और सामयिक घटनाक्रम पर अपनी राय ज़ाहिर करते हैं, तो कुछ गूढ़ तकनीकी विषयों पर परिचर्चा करते हैं। कई तरह के ब्लॉग दुनिया के तमाम विषयों में प्रारंभ हो चुके हैं। हिन्दी रचनाकारों के लिए तो यह सर्वोत्तम माध्यम बन सकता है। अपनी कविता, कहानी, उपन्यास, व्यंग्य और ललित निबंध सब आप इस पर निरंतर लिख सकते हैं और लगातार प्रकाशित कर सकते हैं, यानी आपकी अपनी पत्रिका।
ब्लॉग की सबसे बड़ी खासियत संभवतः यह है यह चिरकाल तक लोगों के लिए पढ़ने के लिए उपलब्ध रहेगा। यह नहीं कि पेपर बैक संस्करण की तरह प्रकाशित हुआ और समय के साथ नष्ट हो गया। जब तक इंटरनेट सांस लेता रहेगा और आपका जालस्थल जीवित है, आपकी रचना आम लोगों की पहुँच में सदा सर्वदा रहेगी।
संप्रति हिन्दी ब्लॉगमंडल में विभिन्न ब्लॉग रूपों के उदाहरण भी मौजूद हैं। जैसे कि अक्षरग्राम, बुनो कहानी, ज्ञान विज्ञान जैसे ब्लॉग समूह ब्लॉग हैं, यानि कि लेखकों के समूह द्वारा लिखे जाने वाले चिट्ठे। ब्लॉगनाद विश्व का पहला आडियो ब्लॉग है।
ब्लॉग उन भाषाओं के साहित्य एवं साहित्यकारों की रचनात्मकता को वैश्विक धरातल प्रदान करने में सक्षम तकनीक है जो अंतरजाल मे हिन्दी की अनिवार्यता एवं खास तकनीक में दक्षता के बगैर अपनी अभिव्यक्ति कौशल के बावजूद बौने जैसे रह गये थे। इसके माध्यम से अब वे रचनाकार जो इंटरनेट पर अपनी रचनाओं का प्रकाशन करना चाहते हैं वे इसका फायदा उठा सकते हैं।
[बदलें] अपना ब्लॉग कैसे शुरु करें?
ब्लॉग लिखने के लिये सबसे अच्छी चीज यह है कि इसके लिये आपको खास तकनीकी ज्ञान की जरूरत नही है और ना ही किसी तरह के पैसा खर्च करने की। बस जरूरत है तो इच्छा शक्ति की, विचारों के प्रवाह की और थोड़े से समय की। ज्यादातर लोग आपसे कहेंगे कि शुरुवाती ब्लॉगर के लिये ब्लॉग लिखने के लिये सबसे सुगम और सरल साधन ब्लॉगस्पॉट ही है। बस अपना एकाउन्ट बनाइये और शुरु हो जाइये…किसी समस्या के आने पर आपके अनेक मददगार मौजूद हैं चिट्ठाकार गूगल समूह में, जिसके आप तुरत फुरत सदस्य बन सकते हैं, आवेदन करने भर की देर है।
[बदलें] ब्लॉग शुरू करने के लिए जरूरी सामान
हमारा परामर्श है कि अपना ब्लॉग आप यूनिकोड हिन्दी का ही प्रयोग करें। यूनिकोड के प्रयोग से न केवल आपका ब्लॉग फाँट के उपर निर्भरता से दूर होता है बल्कि गूगल जैसे खोज इंजनों से आपके ब्लॉग की सामग्री भी आसानी से खोजी जा सकती है। फाँट के उपर निर्भरता दूर होने का कारण यह है कि आपके पाठक के कंप्यूटर पर बस एक अदद यूनिकोड फाँट की दरकार होती है, यह नहीं कि हर जालस्थल को पढ़ने के लिये अलग अलग फाँट डाउनलोड करना पड़े। आजकल कई बेहतरीन यूनिकोड हिन्दी फाँट उपलब्ध हैं, अगर आप विंडोज एक्सपी पर हैं तो कोई दिक्कत ही नहीं, क्योंकि यह मंगल नामक यूनिकोड हिन्दी फाँट से लैस होता है।
तो मुद्दे की बात यह है कि आपकी मशीन पर कम से कम एक यूनिकोड हिन्दी फाँट होना चाहिए। बेहतर हो कि आप के पास हो विंडोज एक्सपी या नवीनतम लिनक्स तथा ब्राउज़र हो इंटरनेट एक्सप्लोरर 6। अधिक और सटीक जानकारी के लिये आप देवनागरी डॉट नेट पर अवश्य जायें। एक बार यूनिकोड हिन्दी के लिए मशीन सेटअप हो जाने के उपरांत तो ब्लॉग लिखना ईमेल लिखने जितना ही आसान है।
[बदलें] हिन्दी टाइप कैसे करें
- आई.एम.ई संस्करण 5 इस्तेमाल करें। इसमें गोदरेज से लेकर रेमिंगटन, इनस्क्रिप्ट, फ़ोनेटिक सभी तरह के कुंजी पट हैं।
- तख्ती बेहद आसान और फोनेटिक तंत्रांश है। (डेस्कटॉप तंत्रांश)
- यूनिनागरी
- मैथ्यू ब्लैकवेल का जाल आधारित तंत्रांश
- छाहरीः जाल आधारित तंत्रांश
- हग-2 जाल आधारित तंत्रांश
- d-board जाल आधारित तंत्रांश
चिट्ठे के विभिन्न तत्व
- प्रविष्टियाँ
- क्रम
- टिप्पणियाँ
- श्रेणियाँ
- स्थाई कड़ियाँ (permalinks)
- कड़ियाँ (blogroll)
- विपरीत पथ (trackbacks)
- क्षमल फीड (RSS or ATOM)
- अभिकल्प
- ब्लॉगर पर विजिट (http://www.blogger.com/home) कीजिये
- अपना लॉगिन बनाइये
- अपना टैम्पलेट पसन्द करिये
- बस शुरु हो जाइये.
- आपकी सारी समस्याओ और शंकाओ का समाधान यहाँ पर हिन्दी मे किया गया है, इसे जरूर देखें.
विचारो को प्रवाहित होने से रोकिये मत, उन्हे दूसरो के साथ बाँटिये और दिखा दीजिये दुनिया को कि आप के अन्दर भी एक छिपा हुआ प्रतिभावान लेखक मौजूद है और आप भी अपने विचारो को प्रभावशाली तरीके से रख सकते है. तो फिर कब बना रहे है अपना पहला हिन्दी ब्लॉग?
किसी भी परेशानी के आने पर आप हमारे हिन्दी चिट्ठाकारों के समूह से chitthakar at googlegroups dot com पर सम्पर्क कर सकते हैं (पूर्व पंजियन आवश्यक). हमें आपकी मदद करने में अत्यन्त प्रसन्नता होगी. हमें पता भेजना मत भूलियेगा.
[बदलें] यह भी देखे
- [1] हिन्दी में ब्लॉग कैसे बनाए