जयशंकर प्रसाद

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महाकवि के रूप में सुविख्यात स्व जयशंकर प्रसाद हिंदी नाट्य जगत और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। तितली, कंकाल और इरावती जैसे उपन्यास और आकाशदीप, मधुआ और पुरस्कार जैसी कहानियाँ उनके गद्य लेखन की अपूर्व ऊँचाइयाँ हैं।

अनुक्रमणिका

[बदलें] जीवन परिचय

  • छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक। एक महान लेखक के रूप में प्रख्यात। विविध रचनाओं के माध्यम से मानवीय करूणा और भारतीय मनीषा के अनेकानेक गौरवपूर्ण पक्षों का उद्घाटन। ४८ वर्षो के छोटे से जीवन में कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास और आलोचनात्मक निबंध आदि विभिन्न विधाओं में रचनाएं।

[बदलें] प्रमुख रचनाएं

[बदलें] काव्य

[बदलें] नाटक

  • स्कंदगुप्त
  • चंद्रगुप्त
  • ध्रुवस्वामिनी
  • जन्मेजय का नाग यज्ञ
  • राज्यश्री

[बदलें] कहानी संग्रह

  • छाया
  • प्रतिध्वनि
  • आकाशदीप
  • आंधी
  • इंद्रजाल

[बदलें] उपन्यास

  • कंकाल
  • तितली
  • इरावती

[बदलें] यह भी देखें

[बदलें] बाहरी कड़ियां


हिंदी के प्रमुख साहित्यकार
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