रान्थिदेव

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रान्थिदेव विश्नु क सब्से प्यारा भक्थ था । उस्का generosity को widely known था ।

[संपादित करें] कथा

इन्द्रा, ब्रह्म और देवा वैकुन्थ को जाया और विश्नु क दर्शन लिया । ब्रह्म इस्को पुच्च "आप्का सब्से प्यारा भक्थ कौन है?" । विश्नु बोल "मेर सब्से प्यारा भक्थ रान्थिदेव है" ।

[संपादित करें] References

Pictorial Stories for Children 12 - श्री रामक्रिश्न माथ, - ISBN ८१-७१२०-८२६-६

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