भगवान
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भगवान (संस्कृत : भगवत्) सन्धि विच्छेद:भ्+अ+ग्+अ+व्+आ+न्+अ
भ = भूमि
अ = अग्नि
ग = गगन
वा = वायु
न = नीर
भगवान पन्च तत्वों से बना/बनाने वाला है।
शब्द ईश्वर या किसी भी आदरणीय, दैवी या पूज्यनीय हस्ती या वस्तु के लिये प्रयुक्त होता है ।
[संपादित करें] संज्ञा
संज्ञा के रूप में भगवान् हिन्दी में लगभग हमेशा ईश्वर / परमेश्वर का मतलब रखता है । इस रूप में ये देवताओं के लिये नहीं प्रयुक्त होता ।
[संपादित करें] विशेषण
विशेषण के रूप में भगवान् हिन्दी में ईश्वर / परमेश्वर का मतलब नहीं रखता । इस रूप में ये देवताओं, विष्णु और उनके अवतारों (राम, कृष्ण), शिव, आदरणीय महापुरुषों जैसे गौतम बुद्ध, महावीर, धर्मगुरुओं, गीता, इत्यादि के लिये उपाधि है । इसका स्त्रीलिंग भगवती है ।
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