होरा शब्दार्थ

विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से

”’होरा शब्दार्थ”’

  • कर्मफ़ललाभहेतुं चतुरा: संवर्णयन्त्यन्ये,होरेति शास्त्रसंज्ञा लगनस्य तथार्धराशेश्च ॥सारावली
  • विद्वान लोग होरा शास्त्र को शुभ और अशुभ कर्म फ़ल की प्राप्ति के लिये उपयोग करते हैं,लग्न और राशि के आधे भाग (१५ अंश) की होरा संज्ञा होती है.