ज़रथुश्त्र

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ज़रथुश्त्र, ज़रथुष्ट्र (फ़ारसी: زرتشت ज़रतोश्त, अवेस्तन: ज़र.थुश्त्र, संस्कृत: हरित् + उष्ट्र, सुनहरी ऊंट वाला) पारसी धर्म के संस्थापक माने जाते हैं । उनके जन्म और मरण के काल के बारे में इतिहासकारों में मतभेद है । उनके जीवन काल का अनुमान विभिन्न विद्वानों द्वारा १४०० से ६०० ईपू है।

ज़रथुश्त्र (अहुरा मज़्दा) के सन्देशवाहक थे । उन्होंने सर्वप्रथम दाएवों (बुरी और शैतानी शक्तिओं) की निन्दा की और अहुरा मज़्दा को एक, अकेला और सच्चा ईश्वर माना । उन्होंने एक नये धर्म "ज़रथुश्त्री धर्म" (पारसी धर्म) की शुरुआत की और पारसी धर्मग्रन्थ अवेस्ता में पहले के कई काण्ड (गाथाएँ) लिखे।

[संपादित करें] संदर्भ

  • सुभाष काक, "Vedic elements in the ancient Iranian religion of Zarathushtra." Adyar Library Bulletin, 2003, vil. 67, pp. 47-63. [1]