भूस्तम्भ

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शुष्क प्रदेशों में जहां पर असंगठित तथा कोमल शैल के ऊपर तथा प्रतिरोधी शैल का आवरण होता हैं , वहां पर इस आवरण के कारण नीचे की कोमल शैल का अपरदन नही हो पाता हैं, क्योकि ऊपरी कठोर शैल के आवरण से निचली कोमल शैल को संरक्षण प्राप्त होता हैं । परन्तु समीपी कोमल चट्टान का अपरदन हिता रहता हैं, जिस कारण अगल-बगल की शैल कट जाती हैं और कठोर शैल के आवरण वाला भाग एक स्तम्भ के रुप में सतह पर दिखाई पडता हैं । इसे भूस्तम्भ कहते हैं ।

पवन द्वारा उत्पन्न स्थलाकृति पृथ्वी
अपरदनात्मक स्थलरुप
इन्सेलबर्ग | छ्त्रक शिला | ज्यूजेन | पवन-वातायन | भूस्तम्भ | वातगर्त

निक्षेपात्मक स्थलरुप
बालुका स्तूप | लोयस