सीधी जिला

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सीधी

सीधी जिले का मध्य प्रदेश में एक ऐतिहासिक स्थान है। यह राज्य के उत्तर-पूर्व छोर पर स्थित है। सीधी जिले का प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है। सोन इस जिले की महत्वपूर्ण नदी है। यह नदी प्राकृतिक संपदा से भरपूर है। सिंगरौली बहुत बड़ा कोल उत्पादन क्षेत्र है। इससे देश भर के कई उद्योग को कोयले की आपूर्ति की जाती है। यहीं पर विंध्यांचल सुपर थर्मल पावर स्टेशन स्थित है, जिससे बहुत बड़े क्षेत्र में विद्युत की आपूर्ति होती है। एक ओर यहां समाज के विशिष्ट संस्कृति से जुड़ा अनुसूचित जनजातियों का इतिहास है। जिले में कैमूर, खेजुआ और रानीमुंडा घाटी में विशाल दृश्य जंगल की ज्वाला और फूलों का खुबसूरत नजारा है। वहीं महुआ के फूलों की खुशबू मदमस्त कर देती है। सीधी जिला राज्य के उत्तर-पूर्वी सीमा पर 22’’, 47’’5’ और 24.42’’10’’ उत्तर अक्षांश और 81ः18’’40 और 82’’48’’30 पूर्व देशांतर के मध्य स्थित है। सीधी जिला रीवा संभाग के 6 जिलों में से एक है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सीधी की दूरी 632 कि.मी. है। वहीं संभागीय मुख्यालय से इसकी दूरी 80 कि.मी. है। यह जिला पूर्व-पश्चिम में 155 और उत्तर-दक्षिण में 95 कि.मी. क्षेत्र में फैला है। इसका कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 10,532 कि.मी. है।

जनसांख्यिकी विवरणः

सीधी जिले की 2001 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 18,31,152 है। जो मप्र की कुल आबादी का 3.03 प्रतिशत है। इसमें 11.9 प्रतिशत अनुसूचित जाति तथा 29.9 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लोग हैं। जिले में पुरुष साक्षरता 67.4 प्रतिशत तथा महिला साक्षरता दर 36.0 प्रतिशत है। यह आंकड़े 2001 की जनगणना अनुसार हैं।