फ्रेड्रिक रेटजेल
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फ्रेड्रिक रेटजेल(१८४४ - १९०४ ई.) एक प्रमुख भूगोलवेत्ता था । उसका जन्म कार्ल शू नगर में प्रशिया में हुवा । उसने १८६९ में सर्वप्रथम डार्विन के विकासवादी ग्रन्थ की समालोचना प्रस्तुत की । तब से जीवन-प्रयन्त उसनें जीव-विज्ञान, भू-विज्ञान, भौतिक, मानव एवं राजनीतिक भूगोल पर लेख एवं ग्रन्थ लिखें । १८७४-७५ में उसने पूर्वी युरोप, इटली, उत्तरी अमरीका और मध्य अमरीका की यात्रा की ।
[संपादित करें] संकल्पना
रेटजेल प्राथ्वी को जैविक इकाई के रुप में मानते थे । जिसे लेबेन्सराम कहतें हैं ।
[संपादित करें] रचनाएं
- डार्विन के विकासवादी ग्रन्थ की समालोचना |
- एन्थ्रोपोज्योग्राफी, दो खण्ड - १८८२ एवं १८९१ |
- प्रथ्वी और आवास |
- वॉल्कर कुण्डे |
- भूमध्यसागरीय तट के जीव |
- चीनी आवर्जन |
- राजनितिक भूगोल |
- उत्तरी अमरीका का राजनीतिक भूगोल |
- उसके द्वारा स्कूली छात्रों के लिए १८९८ मे लिखी गयी जर्मनी:ड्यूशलैण्ड नामक पुस्तिका भूगोल के छात्रों के लिए विशेष उपयोगी बनी रही । इसके १८९८ से १९४३ के मध्य सात संस्करण प्रकाशित हुए । आज भी यह ग्रन्थ जर्मन भाषा में उपलब्ध हैं । |