श्री श्याम विनती
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हाथ जोड़ विनती करू सुणज्यो चित्त लगाय।
दास आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज॥
धन्य ढूंढारो देस हे खाटू नगर सूजान।
अनुपम छवि श्री श्याम की दरशन से कल्याण॥
श्याम श्याम तॊ मैं रटूं श्याम है जीवन प्राण।
श्याम भक्त जग में बडे उनको करूं प्रणाम॥
खाटू नगर के बीच में बण्यो आपको धाम।
फागूण शुक्ला मेला भरे जय जय बाबा श्याम॥
फागूण शुक्ला द्वादशी उत्सव भारी होय।
बाबा के दरबार से खाली जाय न कोय॥
उमापति लक्ष्मीपति सीतापति श्रीराम।
लज्जा सब की राखियो खाटू के बाबा श्याम॥
पान सुपारी इलायची इतर सुगंध भरपूर।
सब भक्तों की विनती दरशन देऒ हुजूऱ॥
आलुसिंहजी तो प्रेम से धरे श्याम का ध्यान।
श्याम भक्त पावे सदा श्री श्याम कृपा से मान॥