कव्वाली

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कव्वाली उर्दू: قوٌالی, भारतीय उपमहाद्वीप में सूफी परंपरा के अंतर्गत भक्ति संगीत की एक धारा के रुप में उभर कर आया। इसका इतिहास तक़रीबन 700 साल से भी ज्यादा पुराना है। वर्तमान में यह भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश सहित बहुत से अन्य देशों में संगीत की एक लोकप्रिय विधा है। कव्वाली का अंतर्राष्ट्रीय स्वरुप नुसरत फतेह अली खानके गायन से सामने आया।

अनुक्रमणिका

[संपादित करें] उदभव

[संपादित करें] कव्वाली की विषय सामग्री

[संपादित करें] कव्वाली का स्वरुप

[संपादित करें] चिश्तिया समुदाय में गायन क्रम

[संपादित करें] पुराने मशहूर कव्वाल

  • अज़ीज़ मियाँ कव्वाल
  • बहाउद्दीन कुतुबुद्दीन
  • अज़ीज़ वारसी
  • ज़फ़र हुसैन खान बदायुनी
  • मोहम्मद सईद चिश्ती
  • मुंशी रज़ीउद्दीन
  • नुसरत फतह अली खान
  • सबरी बंधु

[संपादित करें] आज के मशहूर कव्वाल

  • बद्र अली खान (उर्फ़ बद्र मियाँ)
  • छोटे अज़ीज़ नजान
  • फरीद अय्याज
  • मेहर अली शेर अली
  • राहत नुसरत फतह अली खान
  • रिज़वान-मुअज़्ज़म
  • अमज़द सबरी


[संपादित करें] यह भी देखें

[संपादित करें] बाहरी कड़ियाँ

साँचा:सूफीवाद

अन्य भाषायें