द्विज
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द्विज शब्द 'द्वि' और 'ज' से बना है। द्वि का अर्थ होता है दो और ज (जायते) का अर्थ होता है जन्म होना अर्थात् जिसका दो बार जन्म हो उसे द्विज कहते हैं। द्विज शब्द का प्रयोग पक्षी तथा ब्राह्मण के लिये होता है क्योंकि पक्षी एक बार अंडे के रूप में जन्म लेता है और दूसरी बार पक्षी के रूप में। इसी प्रकार ब्राह्मण एक बार माता के गर्भ से शिशु के रूप में जन्म लेता है और दूसरी बार उपनयन संस्कार होने पर ब्राह्मण के रूप में।
आजकल द्विज शब्द का प्रयोग बहुत कम होता है।
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[संपादित करें] उदाहरण
- अन्नप्राशन संस्कार सिर्फ द्विज वर्ण में ही किया जाता था।
- कुछ लोग आरक्षण को द्विज बनाम शूद्र का द्वंद्व का नाम देते हैं।
- सेनापति धुनि द्विज साखा उच्चतर देखौ, बनौ दुलहिन बनी दुलह बसंत है।
- द्विज गुर कोप कहहु को राखा।।
- गो द्विज धेनु देव हितकारी।
[संपादित करें] मूल
मूलतः यह संस्कृत शब्द है।
[संपादित करें] अन्य अर्थ
- विप्र
- भूसुर
- ब्राह्मण
- खग
- पक्षी
[संपादित करें] संबंधित शब्द
[संपादित करें] हिंदी में
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