राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान
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राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान (NITs) को पहले क्षेत्रीय इंजिनीयरिंग कालेज (आर ई सी) के नाम से जाना जाता था। सन् २००२ में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इन १७ इंजिनीयरंग महाविद्यालयों का स्तर बढाकर इनका नाम राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान कर दिया। भारत में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षण के स्तर, विद्यार्थियों की गुणवत्ता तथा स्थापन (प्लेसमेन्ट) की दृष्टि से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के बाद इनका ही स्थान आता है। इस समय (सन् २००७) एन आई टी की संख्या २० है।
प्रारम्भ में सन् १९५९ और् सन् १९६५ के बीच चौदह आर ई सी की स्थापना हुई। वर्तमान समय में २० एन आई टीनिम्नलिखित स्थानों पर स्थित हैं:
इलाहाबाद, भोपाल, कालीकट, दुर्गापुर, कुरुक्षेत्र, जमशेदपुर, जयपुर, नागपुर,
श्रीनगर, सूरतकल, तिरुचिरापल्ली, वारांगल, सिल्चर, हमीरपुर, जालन्धर
पटना ( पूर्व में, बिहार इंजिनीयरंग कालेज)
रायपुर ( पूर्व में, शाशकीय इंजिनीयरिंग कालेज)
अगरतल्ला ( पूर्व में, त्रिपुरा इंजिनीयरिंग कालेज)
सभी कालेजों में विभिन्न तकनीकी शाखाओं में स्नातक, परा-स्नातक और डाक्टरेट स्तर की शिक्षा दी जाती है। आजकल एन आई टी होने के बाद इन संस्थानों का सारा खर्च केन्द्र सरकार वहन करती है।
इन संस्थानों के स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश अखिल भारतीय इंजिनीयरंग प्रवेश परीक्षा (AIEEE) के माध्यम् से होती है जिसमें बहु-विकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते हैं।