कमलेश्वर
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कमलेश्वर (6 जनवरी1932-27 जनवरी 2007) हिन्दी लेखक
कमलेश्वर बीसवीं शती के सबसे सशक्त लेखकों में से एक समझे जाते हैं।
कहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फिल्म पटकथा जैसी अनेक विधाओं में उन्होंने अपनी लेखन प्रतिभा का परिचय दिया। कमलेश्वर का लेखन केवल गंभीर साहित्य से ही जुड़ा नहीं रहा बल्कि उनके लेखन के कई तरह के रंग देखने को मिलते हैं। उनका उपन्यास 'कितने पाकिस्तान' हो या फिर भारतीय राजनीति का एक चेहरा दिखाती फ़िल्म 'आंधी' हो, कमलेश्वर का काम एक मानक के तौर पर देखा जाता रहा है। उन्होंने मुंबई में जो टीवी पत्रकारिता की, वो बेहद मायने रखती है। ‘कामगार विश्व’ नाम के कार्यक्रम में उन्होंने ग़रीबों, मज़दूरों की पीड़ा-उनकी दुनिया को अपनी आवाज दी।
कमलेश्वर का जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तरप्रदेश के मैनपुरी ज़िले में हुआ। उन्होंने 1954 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में एमए किया।
उन्होंने फिल्मों के लिए पटकथाएँ तो लिखी ही, उनके उपन्यासों पर फिल्में भी बनी। `आँधी', 'मौसम (फिल्म)', 'सारा आकाश', 'रजनीगंधा', 'छोटी सी बात', 'मिस्टर नटवरलाल', 'सौतन', 'लैला', 'रामबलराम' की पटकथाएँ उनकी कलम से ही लिखी गईं थीं। लोकप्रिय टीवी सीरियल 'चन्द्रकांता' के अलावा 'दर्पण' और 'एक कहानी' जैसे धारावाहिकों की पटकथा लिखने वाले भी कमलेश्वर ही थे। उन्होंने कई वृतचित्रों और कार्याक्रमों का निर्देशन भी किया।
1995 में कमलेश्वर को `पद्मभूषण' से नवाजा गया और 2003 में उन्हें 'कितने पाकिस्तान'(उपन्यास) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे `सारिका' `धर्मयुग', `जागरण' और `दैनिक भास्कर' जैसे प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं के संपादक भी रहे। उन्होंने दूरदर्शन के अतिरिक्त महानिदेशक जैसा महत्वपूर्ण दायित्व भी निभाया। कमलेश्वर ने अपने 75 साल के जीवन में 12 उपन्यास, 17 कहानी संग्रह, और क़रीब 100 फ़िल्मों की पटकथाएँ लिखीं।
27 जनवरी 2007 को उनका निधन हो गया।
[संपादित करें] कृतियाँ
उपन्यास -
- एक सड़क सत्तावन गलियाँ
- तीसरा आदमी
- डाक बंगला
- समुद्र में खोया हुआ आदमी
- काली आँधी
- आगामी अतीत
- सुबह...दोपहर...शाम
- रेगिस्तान
- लौटे हुए मुसाफ़िर
- वही बात
- एक और चंद्रकांता
- कितने पाकिस्तान
पटकथा एवं संवाद
कमलेश्वर ने 99 फ़िल्मों के संवाद, कहानी या पटकथा लेखन का काम किया। कुछ प्रसिद्ध फ़िल्मों के नाम हैं-
- 1. सौतन की बेटी(1989)-संवाद
- 2. लैला(1984)- संवाद, पटकथा
- 3. यह देश (1984) -संवाद
- 4. रंग बिरंगी(1983) -कहानी
- 5. सौतन(1983)- संवाद
- 6. साजन की सहेली(1981)- संवाद, पटकथा
- 7. राम बलराम (1980)- संवाद, पटकथा
- 8. मौसम(1975)- कहानी
- 9. आँधी (1975)- उपन्यास
संपादन
अपने जीवनकाल में अलग-अलग समय पर उन्होंने सात पत्रिकाओँ का संपादन किया -
- विहान (1954)
- नई कहानियाँ (1958-66)
- सारिका (1967-78)
- कथायात्रा (1978-79)
- गंगा(1984-88)
- इंगित (1961-68)
- श्रीवर्षा (1979-80)
अखबारों में भूमिका
वे हिन्दी दैनिक `दैनिक जागरण' में 1990 से 1992 तक तथा `दैनिक भास्कर' में १९९७ से लगातार स्तंभलेखन का काम करते रहे।'
कहानियाँ
कमलेश्वर ने तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनकी कुछ प्रसिद्ध कहानियाँ हैं -
- राजा निरबंसिया
- सांस का दरिया
- नीली झील
- तलाश
- बयान
- नागमणि
- अपना एकांत
- आसक्ति
- जिंदामुर्दे
- जॉर्ज पंचम की नाक
- मुर्दों की दुनिया
- कस्बे का आदमी
- स्मारक
नाटक
उन्होंने तीन नाटक लिखे -
[संपादित करें] यह भी देखें
[संपादित करें] बाहरी कड़ियां
- कमलेश्वर (लाईब्रेरी ऑफ कामर्स, नई दिल्ली)
- अभिव्यक्ति में कमलेश्वर
- विकी स्रोत पर कमलेश्वर की कहानी 'कामरेड'
- कमलेश्वर की कहानी— क़सबे का आदमी
- कमलेश्वर की कहानी - राजा निरबंसिया