सर आईज़क न्यूटन
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सर आइज़क न्यूटन या सिर्फ़ न्यूटन (1642-1728) अब तक के श्रेष्ठतम भौतिकशास्त्रियों में से एक रहे हैं । इनका जन्म इंग्लैंड में 1642 में एक निर्धन कृषक परिवार में हुआ था । परन्तु खेती करने में उनकी कोई रुचि नहीं थी अतएव 1661 में उन्हें पढ़ने के लिए कैम्ब्रिज भेज दिया गया। 1665 में प्लेग फैल जाने की वज़ह से कैम्ब्रिज में 1 वर्ष की छुट्टी हो गई । माना जाता है कि उसी वर्ष बाग़ मे सेव गिरने की घटना हुई जिससे उन्होंने गुरुत्वाकर्षण के नियम का प्रतिपादन किया । विज्ञान में इनके योगदान के देखते हुए इन्हें आधुनिक भौतिक विज्ञान का जनक भी कहा जाता है ।
[संपादित करें] विज्ञान को योगदान
गुरुत्वाकर्षण के नियम के अतिरिक्त इन्होंने गति नियमों को भी प्रतिपादित किया जिन्हें न्यूटन के गति नियम कहा गया । अन्तरिक्ष के अन्य ग्रहों तथा तारों के अध्ययन के लिए उन्होले खगोलीय दूरदर्शी की भी रचना की ।प्रकाश तथा वर्णों के बारे में भी इन्होने अपना सिद्धांत दिया जो अब तक प्रासंगिक है । पृथ्वी के बाहर के अंतरिक्ष के बारे में इनका दिया सिद्धांत ग़लत भी था ।
गणित के क्षेत्र में भी इनका योगदान मौलिक था । इन्होने कलन (Calculus) शाखा की खोज तथा विकास किया । इसी समय एक अन्य गणितज्ञ लेबनिज़ ने भी कलन की ख़ोज का दावा किया ।
[संपादित करें] रोचक तथ्य
- न्यूटन का जन्म उसी वर्ष हुआ जब प्रसिद्ध खगोलशास्त्री गैलिलियो की मृत्यु हुई - 1642 ।