हिंदी चिट्ठे

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हिंदी चिट्ठे हिंदी मे लिखे ब्लॉग या 'चिट्ठे' है। चिट्ठे एक प्रकार के व्यक्तिगत जालघर (website) होते हैं जिन्हें डायरी की तरह लिखा जाता है। हर चिट्ठे में कुछ लेख, फोटो और बाहरी कड़ियां होती हैं। इनके विषय सामान्य भी हो सकते हैं और विशेष भी। हिंदी में कुछ चिट्ठे केवल कविताओं पर केन्द्रित हैं, कुछ संगीत शास्त्र, ज्योतिष, यात्राओं और फ़ोटोग्राफी पर भी हैं। कुछ चिट्ठों पर संगीत सुना भी जा सकता है और फ्लैश चलचित्र भी देखे जा सकते हैं। हिन्दी रचनाकारों के लिए तो यह सर्वोत्तम माध्यम है। अपनी कविता, कहानी, उपन्यास, व्यंग्य और ललित निबंध सब इस पर निरंतर लिखते हैं और लगातार प्रकाशित करते हैं, यानी चिट्ठाकारों की अपनी पत्रिका।

अनुक्रमणिका

[संपादित करें] हिन्दी ब्लॉग

हिन्दी ब्लॉग उन साहित्य एवं साहित्यकारों की रचनात्मकता को वैश्विक धरातल प्रदान कराते है जो अंतर्जाल मे हिन्दी की अनिवार्यता एवं खास तकनीक में दक्षता के बगैर अपनी अभिव्यक्ति कौशल के बावजूद बौने जैसे रह गये थे। इसके माध्यम से अब वे रचनाकार जो इंटरनेट पर अपनी रचनाओं का प्रकाशन करना चाहते हैं वे इसका फायदा उठाते हैं।

ब्लॉगिंग विधा विभिन्न तकनलाजियों का भी मेल है, जैसे:

  • फोटोब्लॉग,
  • आडियो ब्लॉग,
  • मोब्लॉग और
  • वीडिओ ब्लॉग

चिट्ठे के विभिन्न तत्व

  • प्रविष्टियाँ
  • क्रम
  • टिप्पणियाँ
  • श्रेणियाँ
  • स्थाई कड़ियाँ (permalinks)
  • कड़ियाँ (blogroll)
  • विपरीत पथ (trackbacks)
  • क्षमल फीड (RSS or ATOM)
  • अभिकल्प

[संपादित करें] अपना हिंदी ब्लॉग कैसे शुरु करें?

ब्लॉग लिखने में सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिये आपको खास तकनीकी ज्ञान की जरूरत नही है और ना ही किसी तरह के पैसा खर्च करने की। बस जरूरत है तो इच्छा शक्ति की, विचारों के प्रवाह की और थोड़े से समय की। शुरुआती ब्लॉगर के लिये ब्लॉग लिखने के लिये सुगम और सरल साधन ब्लॉगस्पॉट (अब इसे ब्लॉगर कहा जाता है) तथा वर्डप्रैस.कॉम हो सकते हैं। चिट्ठों से संबंधित किसी मदद के लिए आप चिट्ठाकार गूगल समूह या परिचर्चा हिन्दी फोरम के सदस्य बन सकते हैं।

तरकश पर "ई- शिक्षक" स्तंभ के अंतर्गत एक एनीमेटेड शैक्षणिक आलेख से क्रमानुसार बताया गया है कि आप अपना चिठ्ठा कैसे शुरू कर सकते है।

[संपादित करें] ब्लॉग शुरू करने के लिए जरूरी सामान

आप यूनिकोड हिन्दी का प्रयोग कर सकते है। यूनिकोड के प्रयोग से न केवल आपका ब्लॉग फाँट के उपर निर्भरता से दूर होता है बल्कि गूगल जैसे खोज इंजनों से आपके ब्लॉग की सामग्री भी आसानी से खोजी जा सकती है। फाँट के उपर निर्भरता दूर होने का कारण यह है कि आपके पाठक के कंप्यूटर पर बस एक अदद यूनिकोड फाँट की दरकार होती है, यह नहीं कि हर जालस्थल को पढ़ने के लिये अलग अलग फाँट डाउनलोड करना पड़े। आजकल कई यूनिकोड हिन्दी फाँट उपलब्ध हैं, अगर आप विंडोज एक्सपी पर हैं तो कोई दिक्कत ही नहीं, क्योंकि यहाँ मंगल नामक यूनिकोड हिन्दी फाँट पहले से मौजूद होता है।

बेहतर हो कि आप के पास विंडोज एक्सपी हो या नवीनतम लिनक्स तथा ब्राउज़र हो इंटरनेट एक्सप्लोरर 6 या फायरफॉक्स। अधिक और सटीक जानकारी के लिये आप देवनागरी डॉट नेट पर जायें। एक बार यूनिकोड हिन्दी के लिए मशीन सेटअप हो जाने के उपरांत तो ब्लॉग लिखना ईमेल लिखने जितना ही आसान है।


[संपादित करें] यह भी देखें

  • रसोई - तरकश.कॉम द्वारा संचालित हिन्दी की व्यंजन साइट

[संपादित करें] बाहरी कडियाँ

अन्य भाषायें