सिवनी जिला

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सिवनी

सिवनी जिले का गठन 1 नवंबर 1956 में प्राथमिक रूप से जनजातीय बहुल जिले के रूप में किया गया। सिवनी जिले का नाम सेओना नामक वृक्ष के नाम पर किया गया। यह वृक्ष इस जिले में बहुतायत में पाया जाता है। इस वृक्ष का उपयोग ढोलक बनाने में किया जाता है। यह जिला सतपुड़ा पर्वत के उत्तर-दक्षिण में स्थित है। यह जिला जबलपुर संभाग के अंतर्गत आता है। यह जिला उत्तर में  21 36’ और 22 57’ अक्षांश एवं पूर्व  में 79 19’  और 8017’ पर स्थित है।  यह जिला इमारती लकड़ी का मुख्य स्त्रोत है। सागौन इस जिले में  मुख्य रूप से पाया जाता  है। यहां की वैनगंगा नदी सिवनी जिले की जीवनधारा के  रूप में जानी जाती है। इस नदी का उद्गम जिले के मुनद्रा गांव से  हुआ है। एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी से बना बांध इसी नदी पर जिले के छपारा ब्लाक के अंतर्गत भीमगढ़ में बना हुआ है। सिवनी जिला मुख्यालय नागपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 27 और जबलपुर नागपुर के बीच स्थित है। जिले का कुल क्षेत्रफल 8785 वर्ग कि.मी.. है। इस जिले को 4 राजस्व सबडिवीजन सिवनी, लखनादौन, केवलारी, घंसौर  और 6 तहसील में बांटा गया है। जिले के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। यहां से 30 कि.मी. दूर नागपुर मार्ग पर मप्र पर्यटन विकास निगम का एक होटल भी है जिसका रेस्टारेंट सागौन के पत्तों से बना हुआ है। जिले का मुख्य आकर्षण पेंच टाइगर सेंचुरी है जो जबलपुर से 192 और नागपुर से 92 कि.मी. की दूरी पर है।  इसके पयर्टन का उत्कृष्ट मौसम मार्च और जून है।

उत्कृष्ट मौसमः मार्च से जून

पर्यटन स्थलः

पेंच राष्ट्रीय उद्यान

जनसांख्यिकी विवरणः सन 2001 की जनगणना के अनुसार जिले की जनसंख्या 1166608 है। जिसमें 1045921 ग्रामीण एवं 120687 शहरी जनसंख्या है। जिले में 429104 अनुसूचित जनजाति के लोग है।