लाहौल और स्पीती जिला
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लाहौल और स्पीती भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है । जिले का मुख्यालय लाहौल और स्पीती है ।भारत के हिमाचल प्रदेश के दो पूर्व जि़ले लाहौल ऑर स्पीती विलय के उपरांत, अब लाहौल ऑर स्पीती एक जिला हैं। इनकी राजधानी कीलौंग लाहौल में स्थित है। विलय के पूर्व लाहौल की राजधानी करदंग ऑर स्पीती की राजधानी दनकर थीं।
क्षेत्रफल - 12210 वर्ग कि.मी.
जनसंख्या - 33224 (2001 जनगणना)
साक्षरता - 73.1%
एस. टी. डी (STD) कोड - 91-01900
जिलाधिकारी - (सितम्बर 2006 में)
समुद्र तल से उचाई - 10050 फीट
अक्षांश - उत्तर
देशांतर - पूर्व
औसत वर्षा - कम
बर्फ बारी - भारी
अनुक्रमणिका |
[संपादित करें] भूगोल
लाहौल ऑर स्पीती अपनी ऊंची पर्वतमाला के कारण शेष दुनिया से कटा हुआ है। रोहतांग पास 3,978 मी की ऊंचाई पे लाहौल ऑर स्पीती को कुल्लू घाटी से पृथक् करता है। जिले़ के पूर्वी सीमा में तिब्बत, लद्दाख भूभाग (जम्मू ऑर कश्मीर में स्थित) उत्तर में ऑर किन्नॉर एवं कुल्लू दक्षिण सीमा में हैं।
[संपादित करें] यातायात
लाहुल अवधाव एवं भुस्खलन के लिए प्रसिद्ध है ऑर इस कारण कई यात्री इस रास्ते से गुज़रते हुए मारे गए हैं। अपनी स्थानीय महत्वता के कारण यहां बनी नई धात्विक सड़क को मई से नवम्बर तक खुला रखा जाता है जो कि लद्दाख तक जाती है। रोहतांग पास के नीचे एक सुरंग बनाई जा रही है जो कि आशा है कि २०१२ तक पूरी हो जाएगी। हर साल, आलू एवं मटर, जो कि अब यहां की प्रमुख फ़सल है, बड़ी तादाद में रोहतांग पास से मनाली भेजी जाती है।
स्पीती से दक्षिण-पश्चिमी तिब्बत के लिए ऑर भी दर्रे हैं किन्तु वो अब भारत एवं तिब्बत के मध्य बन्द सीमा के कारण बन्द कर दिए गए हैं। यहां से एक सड़क पश्चिम को जम्मु की तरफ़ कीश्तवर से गुज़रती है।
कुन्जो़म दर्रा, ४५५० मी· ऊंचा, लाहौल ऑर स्पीती को एक दूसरे से अलग करता है। एक सड़क लाहौल ऑर स्पीती को एक दूसरे से जोड़ती है किन्तु सर्दियों एवं वसंत ऋतु में भारी बर्फ़बारी के कारण यह रास्ता बंद हो जाता है।
गर्मियों में मनाली से स्पीति के मुख्यालय, काजा़ तक के बीच बसें व टॅक्सी चलती हैं। कुन्जो़म दर्रा जुलाई से अक्टूबर तक यातायात के लिए खुला रहता है। शिमला से स्पीति तक किन्नौर से होते हुए एक सड़क है।
[संपादित करें] मौसम
अपनी ऊंचाई के कारण लाहौल ऑर स्पीती में सर्दियों में बहुत ठंड होती है। गर्मियों में मॉसम बहुत सुहावना होता है। शीतकाल में ठंड के कारण यहां बिजली व यातायात की बेहद कमी हो जाती है जिस कारण यहां पर्यटन में भारी कमी हो जाती है। हालांकि स्पीती पूरे साल शिमला से काजा़ पुराने हिन्दुस्तान तिब्ब्त के रास्ते से अभिगम्य होता है। उधर लाहौल जून तक अभिगम्य नहीं होता परन्तु दिसम्बर से अप्रैल के बीच साप्ताहिक हेलिकॅप्टर सेवाएं उपलब्ध रहती हैं।
स्पीती की अत्यधिक शीत के कारण यहां टुन्ड्रा पेड़-पौधे तक नहीं पनप पाते अौर सारा इलाका बंजर रहता है। स्पीती की सबसे निचली घाटी में गर्मियों में भी तापमान २० डिग्री के उपर नहीं पहुंचता।
[संपादित करें] पेड़-पौधे
लाहौल की कठिन परिस्थितियों के कारण केवल कुछ कडी़ घास एवं झाडि़यां ही यहीं पाई जाती हैं, वो भी ४००० मीटर के नीचे। ५००० मीटर के उपर हिमनद रेखाएं पाईं जाती हैं।
[संपादित करें] बाहरी कड़ियां
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