त्रिकोणमिति

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त्रिकोणमिति गणित की वह शाखा है जिसमें त्रिभुज और त्रिभुजों से बनने वाले बहुभुजों का अध्य्यन होता है. त्रिकोणमिति का शब्दिक अर्थ है त्रिभुज का मापन. त्रिकोणमिति में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है समकोण त्रिभुज का अध्ययन. त्रिभुजों और बहुभुजों की भुजाओं की लम्बाई और दो भुजाओं के बीच के कोणों का अध्ययन करने का मुख्य आधार होता है समकोण त्रिभुज की तीनों भुजाओं (आधार, लम्ब व कर्ण) का अनुपात. त्रिकोणमिति का ज्यामिति की प्रसिद्ध बौधायन प्रमेय (पायथागोरस प्रमेय) से गहरा सम्बन्ध है.


[बदलें] त्रिकोणमितीय अनुपात

एक समकोण त्रिभुज की तीनों भुजाओं; कर्ण, लम्ब व आधार की लम्बाई के आपस में अनुपातों को त्रिकोणमितीय अनुपात कहा जाता है. तीन प्रमुख त्रिकोणमितीय अनुपात हैं:

ज्या(θ) = लम्ब/कर्ण
कोज्या(θ)= आधार/कर्ण
स्पर्शज्या(θ)= लम्ब/आधार

बाकी तीन अनुपात ऊपर के अनुपातों का व्युत्क्रम होते हैं:

व्युज्या(θ) = कर्ण/लम्ब
व्युकोज्या(θ)= कर्ण/आधार
कोस्पर्शज्या(θ)= आधार/लम्ब

कोण θ आधार और कर्ण के बीच के कोण का मान है. त्रिकोणमिति की लगभग सभी गणनाओं में त्रिकोणमितीय अनुपातों का प्रयोग किया जाता है.


[बदलें] त्रिकोणमितीय अनुपात और बौधायन प्रमेय

बौधायन प्रमेय के अनुसार: कर्ण = लम्ब + आधार. तो इस प्रकार किसी भी कोण θ के लिये: ज्या(θ)+कोज्या(θ)= १. बौधायन प्रमेय से यह भी स्पष्ट है कि किसी भी कोण के लिये ज्या और कोज्या का धनात्मक मान ० और १ के बीच ही हो सकता है.


[बदलें] कुछ कोणों का त्रिकोणमितीय मान

यह तालिका कुछ प्रमुख कोणों का त्रिकोणमितीय मान दर्शाती है:

θ ज्या कोज्या स्पर्शज्या कोस्पर्शज्या व्युकोज्या व्युज्या
0 1 0 \infty 1 \infty
30° 1 / 2 \sqrt{3}/2 1/\sqrt{3} \sqrt{3} 2/\sqrt{3} 2
45° 1/\sqrt{2} 1/\sqrt{2} 1 1 \sqrt{2} \sqrt{2}
60° \sqrt{3}/2 1 / 2 \sqrt{3} 1/\sqrt{3} 2 2/\sqrt{3}
90° 1 0 \infty 0 \infty 1