मोहन राणा

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मोहन राणा ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। बाथ (ब्रिटेन का एक रोमन शहर) निवासी मोहन राणा एक ऐसे युवा कवि हैं जिन्होंने भारत में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा ली है। उनकी कविताओं में जीवन के सूक्ष्म अनुभव महसूस किये जा सकते हैं। बाज़ार संस्कृति की शक्तियों के विरुद्ध उनकी सोच भी कविता में उभरकर सामने आती है। उनकी कविताएं स्थितियों पर तात्कालिक प्रतिक्रिया मात्र नहीं होती हैं। वे पहले अपने भीतर के कवि और कविता के विषय में एक तटस्थ दूरी पैदा कर लेते हैं। फिर होता है सशक्त भावनाओं का नैसर्गिक विस्फोट। उनकी कविता पढ़कर महसूस होता है कि जैसे वे एक निरंतर यात्रा कर रहे हों। उन्हें शाश्वत सत्य की तलाश रहती है। उनके अब तक पांच कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं

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