नीहार

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नीहार महादेवी वर्मा का पहला गीत कविता-संग्रह है। इसका प्रकाशन 1930 में हुआ। संग्रह में १९२४ से १९२८ तक के रचित गीत संग्रहीत हैं।

नीहार की विषयवस्तु के सम्बंध में स्वयं महादेवी वर्मा का कथन उल्लेखनीय है- "नीहार के रचना काल में मेरी अनुभूतियों में वैसी ही कौतूहल मिश्रित वेदना उमड़ आती थी, जैसे बालक के मन में दूर दिखायी देने वाली अप्राप्य सुनहली उषा और स्पर्श से दूर सजल मेघ के प्रथम दर्शन से उत्पन्न हो जाती है।" इन गीतों में कौतूहल मिश्रित वेदना की अभिव्यक्ति है।