मीरा बाई

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मीराबाई कृष्ण-भक्ति शाखा की प्रमुख कवयित्री हैं। उनका जन्म 1504 ईस्वी में जोधपुर के ग्राम चौकड़ी में हुआ था। उनके पिता का नाम राणा रत्नसिंह था। उनके पति कुमार भोजराज उदयपुर के महाराणा थे। विवाह के कुछ समय बाद ही उनके पति का देहांत हो गया। पति की मृत्यु के बाद वे संसार की ओर से विरक्त हो गयीं और साधु-संतों की संगति में हरिकीर्तन करते हुए अपना समय व्यतीत करने लगीं। कुछ समय बाद उन्होंने घर का त्याग कर दिया और तीर्थाटन को निकल गईं। वे बहुत दिनों तक वृंदावन में रहीं और फिर द्वारिका चली गईं। जहाँ संवत 1560 ईस्वी में उनका देहांत हुआ।

मीराबाई ने कृष्ण-भक्ति के स्फुट पदों की रचना की है।

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