वीर्य

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वीर्य

पुरुष के शरीर के परम तत्व को वीर्य कहा जाता है.

भारतीय ग्रन्थों में कहा गया है कि 1. हम जो भोजन करते हैं, पाचनक्रिया उससे केवल रस ग्रहण कर शेष को मल मूत्र रूप में विसर्जित कर देती है. 2. भोजन से रस निस्रत होता है. 3. रस से रक्त बनता है 4. रक्त से मांस बनता है 5. मांस से मेद बनता है 6. मेद से अस्थि बनती है 7. अस्थि के जोड़ों के अन्दर मज्जा बनती है 8. मज्जा से वीर्य बनता है. वीर्य शरीर के चयापचय की आठवीं और अन्तिम क्रिया है.