रंगपंचमी
From विकिपीडिया
रंगों के त्यौहार होली पर मालवा अंचल – इन्दौर के आसपास का इलाक़ा जरा ज्यादा ही रंगीन हो जाता है. होली के पाँच दिन बाद रंगपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है जिसमें फिर से एक बार रंगों से एक दूसरे को डुबोया जाता है. कहीं कहीं ‘गेर’ निकलती है जो एक प्रकार का बैंड-बाजों-नाच-गानों युक्त जुलूस होता है जिसमें नगर निगम के फ़ायर फ़ाइटरों में रंगीन पानी भर कर जुलूस के तमाम रास्ते भर लोगों पर रंग डाला जाता है. जुलूस में हर धर्म के, हर राजनीतिक पार्टी के लोग शामिल होते हैं, प्राय: महापौर (मेयर) ही जुलूस का नेतृत्व करता है.
प्रकृति भी इस समय जम कर होली मनाती है. मेरे घर आँगन के एक गमले में खिले ये पुष्प भी होली और रंग पंचमी की शुभकामनाएँ देते प्रतीत होते हैं....