सुभाष काक

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सुभाष काक
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सुभाष काक

सुभाष काक (26 मार्च 1947 -- ) प्रमुख कवि, दार्शनिक और वैज्ञानिक हैं। उनका जन्म श्रीनगर, कश्मीर में और शिक्षा कश्मीर और दिल्ली में हुई। १९७९ से वे अमेरिका के लुईजियाना प्रान्त में वैद्युत अभियांत्रिकी के प्रोफेसर हैं। उनके कई ग्रन्थ विज्ञान, दर्शन और इतिहास पर प्रकाशित हुए हैं।

अनुक्रमणिका

[बदलें] कविता और जीवन का मर्म

कविता जीवन के पहेलियों पर प्रकाश डालती है। उनकी शैली सरल है पर इस सरलता के भीतर विचारों की जटिलता छिपी हुई है। वह प्रकृतिवाद के समर्थक हैं। प्रकृति के माध्यम से वह जटिल मानव भाव प्रस्तुत करते हैं। विख्यात विद्वान और आलोचक गोविन्द चन्द्र पाण्डे ने उनकी कविता की अंग्रेजी के विलियम वर्ड्सवर्थ (en:Wordsworth)की रचनाओं से तुलना की है। पाण्डेजी लिखते हैं --

उनकी भाषा और शैली आन्तरिक गाम्भीर्य को सरल प्रासादिकता से प्रस्तुत करती है जैसी कभी शेषनाग सरोवर का सलिल। उनकी भाव-भूमि स्मृतियों की पच्चीकारी से अलंकृत है। उनके बिम्ब प्रकृति और सहज मानवता से बराबर जुडे रहते हैं। इन कविताओं को पढते हुए ऐसा लगता है कि न सिर्फ कवि इक बीते शैशव और सुदूर प्रदेश की स्मृतियों से अभिभूत है बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर की बदलती परिस्थिति की आशंकाओं से भी चिन्तित है। उनकी कविताएं अनुभव रस से सिक्त हैं, वे उलझी बौद्धिकता और आन्तरिक विसंगतियों से दुर्बोध नहीं हैं। एक ताल, एक दर्पण के प्राग्वाच से

उनकी कविता के कई संग्रह प्रकाशित -- और अन्य भाषाओं में अनूदित -- हो चुके हैं।

[बदलें] संस्कृति और दर्शन

वे भारतीय विद्या में निपुण और साहित्य, दर्शन, कला, एवं संस्कृति के सहृदय मर्मज्ञ हैं। वेदकाल का बहुत समय से लुप्त उन्होंने एक ज्योतिष ढूंढ निकाला है जिससे भारत की संस्कृति और विज्ञान पर नया प्रकाश पडता है। उन्होंने पुनर्गमनवाद का प्रयोग कर भारतीय कला और संस्कृति की विवेचना की है।

वे संस्कृत के भी विद्वान हैं, इस भाषा में उन्होंने वेदान्त के नए सूत्र (प्रज्ञा सूत्र) की रचना की है।

[बदलें] विज्ञान की सीमाएं

विज्ञान में इनका योगदान भौतिक शास्त्र और संगणन शास्त्र पर हुआ है। उन्होंने कृत्रिम बुद्धि (en:Artificial Intelligence) की सीमा पर शोध किया है और वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि संगणक बुद्धि कभी भी नहीं मानव बुद्धि की सीमा पर पहुंच सकती है। मानव और कृत्रिम बुद्धि

[बदलें] ग्रन्थ

[बदलें] अन्य ग्रन्थ

  • The Nature of Physical Reality भौतिक तथ्यता का स्वरूप (1986)
  • Patanjali and Cognitive Science पतञ्जलि और प्रज्ञान शास्त्र (1987)
  • India at Century's End भारत शताब्दी के अन्त में (1994)
  • en:In Search of the Cradle of Civilization सभ्यता के स्रोत की ढूंढ (1995, 2001)
  • en:The Astronomical Code of the Rigveda ऋग्वेद का कूट-ज्योतिष (2000)
  • Computing Science in Ancient India प्राचीन भारत का संगणन शास्त्र (2001)
  • The Wishing Tree: The Presence and Promise of India कल्पतरु (2001)
  • The Gods Within भीतरी देव (2002)
  • The Asvamedha अश्वमेध यज्ञ (2002)
  • en:The Architecture of Knowledge ज्ञान निर्माणशास्त्र (2004)
  • Recursionism and Reality पुनर्गमनवाद और याथार्थ्य (2005)

[बदलें] साक्षात्कार

[बदलें] बाह्य कडियां


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