स्वामी दयानन्द

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महर्षी स्वामी दयानन्द सरस्वती (१८२४-१८८३) आधुनिक भारत के महान चिंतक, सुधारक, देशभक्त थे।

स्वामी दयानन्द(१८२४-१८८३) का जन्म भारत के गुजरात प्राँत में हुआ था। उन्हों ने १८७५ में एक महान हिन्दू सुधारक सन्गठन - आर्य समाज की स्थापना की। वे एक सन्यासी तथा एक महान चिंतक थे। उन्हों ने वेदों की सत्ता को सदा सर्वोपरी माना। स्वामीजी ने कर्म सिद्धांत, पुनर्जन्म, ब्रह्मचर्य तथा सन्यास को अपने दर्शन के चार स्तम्भ बनाये।

स्वामीजी प्रचलित धर्मों में व्याप्त बुराइयों का कड़ा खंडन करते थे फिर वह चाहे सनातन धर्म हो या इस्लाम हो या ईसाइ धर्म हो। अपने महा ग्रंथ "सत्यार्थ प्रकाश" में स्वामीजी ने सभी मतों में व्याप्त बुराइयों का खण्डन किया है। उनके समकालीन सुधारकों से अलग, स्वामीजी का मत शिक्षित वर्ग तक ही सीमित नहीं था अपितु आर्य समाज ने भारत के साधारण जन मानस को भी अपनी ओर आकर्षित किया।

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