रवींद्रनाथ टैगोर

From विकिपीडिया

रवीन्द्रनाथ ठाकुर
रवीन्द्रनाथ ठाकुर
जन्मतिथि: 7 मई, 1861
निधन: 7 अगस्त, 1941
साहित्यकार
जन्मस्थान: कोलकाता, पश्चिम बंगाल

रवीन्द्रनाथ टैगोर (हिन्दी एवं बांग्लाः रबीन्द्र नाथ ठाकुर) (7 मई, 1861 – 7 अगस्त, 1941) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है, विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगद्रष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति है। उन्होने भारत के राष्ट्रीय गान जन गण मन और बंग्लादेश के राष्ट्रीय गान ओमार सोनार बॉग्ला की रचना की।

अनुक्रमणिका

[बदलें] जीवन

रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म सन 1861 में कलकत्ता के जोड़ासाँको ठाकुरबाड़ी में हुआ। बचपन से ही उनका कविता, छन्द और भाषा में अद्भूत प्रतिभा का आभास लोगों को मिलने लगा। देश और विदेश के सारे साहित्य, दर्शन, संस्कृति आदि को वे आहरण करके अपने अन्दर सिमट लिए थे। उनके पिता ब्राह्म धर्म के होने के कारण रवीन्द्रनाथ भी ब्राह्म कहलाते थे। पर अपने रचनाओं व कर्म के द्वारा उन्होने सनातन धर्म को भी रहा दी और आगे बढ़ाया।

मनुष्य और ईश्वर के बीच जो चिरस्थायी सम्पर्क है, उनके रचनाओ के अन्दर वे अलग अलग रूपों में उभर आये। साहित्य का शायद ही ऐसा कोइ शाखा है, जिनमें उनकी सृष्टि न हो - कविता, गान, कथा, उपन्यास, नाटक, प्रबन्ध, शिल्पकला - सभी मे।

उनके कविताओं अलग अलग पुस्तकों में प्रकाशित हुई - गीतांजली, गीताली, गीतिमाल्य, कथा ओ कहानी, शिशु, शिशु भोलानाथ, कणिका, क्षणिका, खेया आदि। एक आध पुस्तको फिर उन्होने अंग्रजी में अनुवाद करने लगे। अब तक तो उनके प्रतिभा बंगाली समाज में ही समादृत हुआ था, पर अनुवाद होते ही वह विश्व को भी दिखने लगा।

[बदलें] सम्मान

उन्हे साहित्य के लिये 1913 का नोबेल पुरस्कार मिला ।

[बदलें] टैगोर का साहित्य

[बदलें] रवीन्द्र संगीत

[बदलें] बाहरी कड़ियाँ


यह निबंध भारतीय नोबल विजेता श्रेणी का हिस्सा है
मदर टेरेसा | सी वी रमन | अमृत्य सेन | रबींद्रनाथ टैगोर |