दोराबजी टाटा
From विकिपीडिया
सर दोराबजी टाटा: जमशेदजी टाटा के सबसे बड़े पुत्र दोराबजी का जन्म 27 अगस्त 1859 को हुआ था। उनकी शीक्षा-दीक्षा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हुई। 1904 में अपने पिता जमशेदजी टाटा की मृत्यु के बाद अपने पिता के सपनों को साकार करने का बीड़ा उठाया। लोहे की खानों का ज्यादातर सर्वेक्षण उन्हीं के निर्देशन में पूरा हुआ। वे टाटा समूह के पहले चैयरमैन बने और 1908 से 1932 तक चैयरमैन बने रहे। साक्ची को एक आदर्श शहर के रूप में विकसित करने में उनकी मुख्य भूमिका रही है जो बाद में जमशेदपुर के नाम से जाना गया। 1910 में उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा नाईटहुड से सम्मानित किया गया था।