सानिया मिर्ज़ा

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सानिया मिर्ज़ा
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सानिया मिर्ज़ा

सानिया मिर्ज़ा (जन्म: 15 नवंबर 1986) भारत की एक टेनिस खिलाड़ी हैं। सानिया मिर्जा का जन्म मुम्बई मे हुआ। उनके करिअर का सर्वश्रेष्ठ स्थान विश्व मे ३४ है।

[बदलें] करिअर

वर्ष 2004 के आस्ट्रेलियन ओपन टेनिस के तीसरे दौर तक पहुँचने की वजह से खासी चर्चा में रही हैं। हलाकि इस ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिता में उन्हें प्रवेश "वाइल्ड कार्ड" के जरिये मिली थी लेकिन खिताब के पहले दो मैच जीतकर भारत में सबकी चहेती बन गयी हैं। सानिया किसी भी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के तीसरे दौर में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी. इससे पहले भारत की निरुपमा संजीव ने 1998 के ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में पहुँचीं थीं. सानिया आस्ट्रेलियन ओपन का अपना तीसरा मैच पाँचवीं वरीयता प्राप्तअमरीका की सेरीना विलियम्स से हार गयीं। ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिता के तीसरे राउंड में पहुंची सानिया ने 56 मिनट तक अपनी कद्दावर प्रतिद्वंद्वी का जम कर सामना किया1 इस दौरान उसने दूसरे सेट में सेरेना की सर्विस भी तोड़ी1

भारत की जानी-मानी टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्ज़ा ने हैदराबाद में डब्ल्यूटीए ख़िताब जीतकर एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है. कोई डब्ल्यूटीए ख़िताब जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं. इससे पहले वह ऑस्ट्रेलियाई ओपन में तीसरे दौर में अपनी जगह बनाकर टेनिस जगत में भारत के नाम रिकॉर्ड दर्ज करा चुकी है हालाँकि तीसरे दौर के मैच में वह सरीना विलियम्स से हार गई थीं. ऑस्ट्रेलियन ओपन के तीसरे दौर तक पहुँचकर सानिया मिर्ज़ा भारत में बहुत लोकप्रिय हो गई हैं औ शनिवार को हैदराबाद में उनका खेल देखने के लिए स्टेडियम में भारी भीड़ जमा हुई. दर्शकों ने हैदराबाद की ही रहने वाली 18 वर्षीय सानिया मिर्ज़ा का बार-बार तालियाँ बजाकर हौसला बढ़ाया और शायद अपनी ज़मीन पर खेलने से सानिया का मनोबल भी बरक़रार रहा.सानिया ने नौंवी वरीयता प्राप्त यूक्रेन की एलयोना बोंदरेन्को को तीन सैटों में 6-4, 5-7 और 6-3 से हराया.

[बदलें] हौसला

सानिया ने अपनी टाँग की माँसपेशियों में खिंचाव के बावजूद अपना दमख़म बनाए रखा हालाँकि शुरू में सानिया ने कुछ ग़लतियाँ कीं जिससे एलयोना ने 2-0 से बढ़त हासिल कर ली थी.लेकिन यूक्रेन की खिलाड़ी सानिया के हौसले और उनकी कुछ बेहतरीन सर्विसों के सामने टिक नहीं सकीं.सानिया ने कुछ ऐसे जानदार शॉट लगाए जिन्होंने पहला सैट उसकी झोली में डाल दिया लेकिन दूसरा सैट वह गवाँ बैठीं. सानिया ने तीसरे सैट में 5-1 से जब बढ़त ले ली तो पलड़ा उनका ही भारी लगने लगा था हालाँकि सैट के आख़िर में सानिया कुछ भ्रम का शिकार भी हुईं जब सातवें गेम में ही एक सर्विस के बाद वह जीत की खुशी मनाने लगीं. उस दौरान सानिया का ध्यान कुछ बँटा और एलयोना की पकड़ कुछ मज़बूत हुई. सानिया को खेल पर अपनी पकड़ फिर से मज़बूत करने के लिए सातवें गेम का इंतज़ार करना पड़ा.जीत के बाद सानिया ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा, "इस जीत से मेरा आत्मविश्वास बहुत बढ़ा है और मैं आने वाले दिनों में और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर सकती हूँ." "मैं यह मैच जीतने के लिए बहुत उतावली थी क्योंकि यह मेरे ही शहर में हो रहा था."

यूक्रेन की एलयोना बोंदरनेंको को इस प्रतियोगिता के सेमी- फाइनल में सीधे प्रवेश मिला था क्योंकि जर्मनी की अन्ना लेन्ना चोट की वजह से उनके सामने नहीं खेल नहीं सकीं थीं.एलयोना बोंदरनेंको ने मैच के बाद समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा, "फाइनल में सचमुच घबराई हुई थी और मैं अच्छा नहीं खेल सकी लेकिन मैंने खेल का बहुत आनंद लिया. मैं अगले साल भी खेलने आउंगी."अन्ना कुर्निकोवा वायरस के बाद टेनिस जगत में अब सानिया मिर्ज़ा वायरस का हमला हो चुका है. आस्ट्रेलियन ओपन में तीसरे दौर तक पहुँचने और सेरेना विलियम्स को तगड़ी टक्कर देने के बाद इस ख़ूबसूरत बाला का इन्फ़ेक्शन महामारी की तरह प्रिंट और दृश्य-श्रव्य माध्यम में फैल गया है. जहाँ सहारा समय ने पूरे पेज का सानिया पिनअप गर्ल फोटो प्रकाशित किया है तो वहीं सानिया दिन में 8-10 घंटे का इंटरव्यू दे रही है और पत्रकारों की कतारें हैं कि कम ही नहीं हो रहीं.